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विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस विधायक दल ने प्रदेश की कठपुतली भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार सांकेतिक प्रदर्शन किया।विधानसभा परिसर में सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में तीव्र विरोध-प्रदर्शन किया गया।नेता प्रतिपक्ष श्री सिंघर जी ने कहा कि आज प्रदेश का युवा बेरोज़गारी से त्रस्त है, चाहे जनसेवा मित्र हों या सरकारी भर्ती प्रक्रियाएँ, सब कुछ ठप पड़ा है। महिलाओं की सुरक्षा संकट में है, किसान आत्महत्या को मजबूर हैं, और बढ़ते अपराधों ने कानून-व्यवस्था को चौपट कर दिया है। प्रदेश की यह दयनीय स्थिति साफ बताती है कि बंदर के हाथ में उस्तरा दे दिया गया है।भाजपा सरकार के हाथ में उस्तरा आ गया है, और वह युवाओं के रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं, कानून-व्यवस्था और किसानों के अधिकारों को बेरहमी से काट रही है।शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन रहा और विगत 3 दिनों से विपक्ष द्वारा वर्तमान सरकार की कमियों को सांकेतिक रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है।कृष्णकान्त श्रीवास्तवभोपाल सम्वाददाता

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ఈ రోజు భీమిలి నియోజకవర్గం, భీమిలి 4వార్డు , మంగమారి పేటలో డి. కొండబాబు మరియు వైసీపీ యువజన విభాగం అధ్యక్షుడు భీమిలి నియోజకవర్గం పాల్ రమణ ఆధ్వర్యంలో జరుగు కోటి సంతకాలు కార్యక్రమంలో ఉమ్మడి విజయనగరం జిల్లా పరిషత్ చైర్ పర్సన్, వైయస్సార్ సీపీ జిల్లా అధ్యక్షులు మరియు భీమిలి నియోజకవర్గం సమన్వయ కర్త మజ్జి శ్రీనివాసరావు (చిన్న శ్రీను) *కుమార్తె చిన్న శ్రీను సోల్జర్స్ అధ్యక్షురాలు సిరమ్మ* *తన తండ్రి ఆదేశాలు మేరకు* మెడికల్ కాలేజీల ప్రైవేటీకరణ వ్యతిరేకంగా జరుగుతున్న కోటి సంతకాల ప్రజా ఉద్యమం లో పాల్గొనడం జరిగింది.
ఈ సందర్భంగా ఆమె మాట్లాడుతూ విద్య , వైద్యం ప్రజలకనీస హక్కు అని , ఇప్పుడు కూటమి ప్రభుత్వం వీటిని ప్రజలకు దూరం చేస్తోందని అన్నారు. మెడికల్ కాలేజీలకు వ్యతి రేకంగా ఈ కోటి సంతకాలు కార్యక్రమం చేస్తున్నామన్నారు.
ఈ కార్యక్రమంలో వైసీపీ ప్రజాప్రతినిధులు, స్థానిక ముఖ్య నాయకులు, కార్య కర్తలు,చిన్న శ్రీను సోల్జర్స్ ఉపాధ్యక్షుడు తోట వాసు, చిన్న శ్రీను సోల్జర్స్ సభ్యులు, తదితరులు అధిక సంఖ్యలో పాల్గొన్నారు.

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रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
भारतीय वायु सेना आईएएफ और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के बीच एक द्विपक्षीय इंडो–फ्रेंच हवाई अभ्यास, गरुड़ अभ्यास का 8वां संस्करण 27 नवंबर 2025 को फ्रांस के मोंट-डी-मार्सन के एयर बेस 118 में संपन्न हुआ। अभ्यास के सफल समापन के बाद भारतीय वायुसेना का दल ०२ दिसंबर २०२५ को भारत लौट आया। अभ्यास के दौरान, IAF ने Su-30MKI लड़ाकू विमानों के साथ भाग लिया, जो IL-78 हवा से हवा में ईंधन भरने वाले विमान और C-17 ग्लोबमास्टर III परिवहन विमान द्वारा समर्थित थे और दोनों वायु सेनाओं ने यथार्थवादी परिचालन वातावरण में कई जटिल हवाई संचालन किए। प्रशिक्षण में संयुक्त मिशन योजना, हड़ताल और एस्कॉर्ट मिशनों का समन्वित निष्पादन और एक-दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं से परिचित होना शामिल था, जिससे अंतरसंचालनीयता में वृद्धि हुई। भारतीय वायुसेना के रखरखाव दल ने सभी नियोजित मिशनों के सुचारू संचालन को सक्षम करते हुए उच्च सेवाक्षमता सुनिश्चित की। समापन समारोह के दौरान दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभागियों के साथ बातचीत की और दोनों भाग लेने वाली ताकतों द्वारा प्रदर्शित व्यावसायिकता, अनुशासन और प्रतिबद्धता की सराहना की। गरुड़ 25 अभ्यास इस वर्ष आईएएफ द्वारा किए गए सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई प्रशिक्षण कार्यों में से एक था। इस अभ्यास ने भारत और फ्रांस के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की और भाग लेने वाले बलों को मूल्यवान परिचालन अंतर्दृष्टि प्रदान की। सीखे गए सबक भारतीय वायुसेना की युद्ध लड़ने की क्षमताओं को और बढ़ाएंगे और मित्रवत विदेशी वायु सेनाओं के साथ संयुक्त कौशल को मजबूत करेंगे।

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सोर्स

संयुक्त राष्ट्र में फ़िलस्तीन के अधिकारों के समर्थन में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रस्ताव को लेकर कई सदस्य देशों ने अपना मत रखा, जिसमें बहुमत ने फ़िलस्तीन के पक्ष में वोट किया।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे फ़िलस्तीन की लंबे समय से चल रही लड़ाई के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला आगे की शांति प्रक्रिया और मध्य पूर्व में स्थिरता के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है।

फ़िलस्तीन नेतृत्व ने संयुक्त राष्ट्र के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे उनके वैध अधिकारों को वैश्विक स्तर पर और मजबूती मिलेगी।

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सम्पूर्ण प्रदेश मे चल रहे SIR के कार्य को ध्यान मे रखते हुए इंदौर संभागायुक्त श्री डॉ. सुदामा पी खाड़े द्वारा पीथमपुर के मतदान केंद्रों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान संभागायुक्त महोदय द्वारा निकाय के हाउसिंग स्थित मतदान केंद्र 281 और जयनगर स्थित मतदान केंद्र 263 में कार्यरत बीएलओ और सम्पूर्ण स्टाफ के साथ विस्तृत चर्चा की गई। सभी से कार्य मे होने वाली बाधाओ के बारे मे जानकारी ले कर कार्य को सटीक माध्यम से करने की समझाईस दी गई। निरीक्षण के दौरान पीथमपुर शहर की स्वच्छता का जायजा भी लिया गया। निरीक्षण के दौरान धार कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्र, अपर कलेक्टर श्री संजीव केशव पाण्डेय, अनुविभागीय अधिकारी श्री जगदीश मेहरा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री निशिकांत शुक्ला, तहसीलदार सुश्री शिवानी श्रीवास्तव, पटवारी, नगर पालिका क्षेत्र के बीएलओ सुपरवाईजर श्री सुधीर ठाकुर (उपयंत्री), श्रीमती दिव्या सोलंकी (उपयंत्री), स्वास्थ्य अधिकारी श्री रूपेश कुमार सूर्या, स्वच्छता टीम डिवाइन से आशीष द्विवेदी के साथ अन्य समस्त अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति रही। संभागायुक्त महोदय द्वारा पीथमपुर नगर पालिका द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई।

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ఆరు రోజులు పాటు నిర్వహించిన రైతన్న మీకోసం సర్వేలో అంశాలను అనుసరించి రైతులు శాస్త్రవేత్తలు గ్రామైక్య సంఘాలు వ్యవసాయ అధికారులు అంతా కలిసి గ్రామ వ్యవసాయ అభివృద్ధి ప్రణాళిక తయారుచేసి తద్వారా రైతు అభివృద్ధికి పాటుపడాలని సాలూరు వ్యవసాయ మార్కెట్ కమిటీ చైర్మన్ ముఖి సూర్యనారాయణ అన్నారు. పాంచాలి గ్రామంలో నిర్వహించిన రైతన్న మీకోసం వర్క్ షాప్ లో మాట్లాడుతూ రైతులు ఖర్చులు తగ్గించి దిగుబడులు పెంచుకోవాలని యూరియా వినియోగాన్ని తగ్గించి నానో యూరియా వాడాలని పంటల మార్పిడి చిరుధాన్యాల సాగు పెంచాలని భూమి ఆరోగ్యం కోసం నవధాన్యాలు చల్లాలని నిరంతరం నేల పచ్చని పంటలతో కప్పి ఉండేటట్లుగా చూడాలని అప్పుడే నేలలో సారం నిలకడగా ఉంటుందని తెలిపారు ప్రతి రైతు కనీస అవసరాల కోసం అయినా ప్రకృతి వ్యవసాయాన్ని చేయాలని కోరారు. డ్రోన్లను వినియోగించుకుని మందులు పిచికారి చేసుకోవడం ద్వారా ఖర్చులను తగ్గించుకోవచ్చని తెలిపారు.అమ్మ వలస, కర్రీవలస గ్రామాలలో రైతన్న మీకోసం కార్యక్రమాలలో పాల్గొన్న ప్రకృతి సేద్య రీజనల్ కోఆర్డినేటర్ కే ప్రకాష్ మాట్లాడుతూ రైతులు తప్పనిసరిగా పలు పంటల విధానాన్ని పాటించాలని వరి పంట తర్వాత వేసే అపరాలలో కేవలం అపరాలు మాత్రమే కాకుండా కూరగాయలు ఆకుకూరలు వంటి 7 లేదా 8 రకాలు కలిపి చల్లుకుంటే ప్రధానపంట కోతకు వచ్చిన తర్వాత కూడా అదనపు ఆదాయం లభిస్తుందని వేసవిలో కూడా ఎన్ని ఎక్కువ రకాలు వీలైతే అన్ని ఎక్కువ రకాల విత్తనాలను చల్లుకుని నేల అంతా పూర్తిగా వేడి ఎండకు గురికాకుండా ఏదో ఒక పంటతో 365 రోజులు కప్పి ఉండేటట్లుగా చూసుకోవాలని రైతులను కోరారు. ఈ కార్యక్రమంలో ప్రకృతి సేద్య రీజనల్ ట్రైనింగ్ అధికారి హేమ సుందర్, జిల్లా ప్రాజెక్ట్ అధికారి శ్రావణ్ కుమార్ నాయుడు, వ్యవసాయ అధికారి కే .తిరుపతిరావు గ్రామ వ్యవసాయ సహాయకులు, సిఆర్పిలు పాల్గొన్నారు.

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लखनऊ। देश में जहाँ 140 करोड़ की आबादी को सेवाएँ देने वाले बड़े सरकारी पोर्टल—जैसे कि SIR पोर्टल—सामान्य रूप से कार्यरत हैं, वहीं वक्फ़ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए ‘उम्मीद पोर्टल’ के लगातार छह दिनों से डाउन रहने ने गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

वक्फ़ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए यह पोर्टल बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके माध्यम से देशभर की वक्फ़ प्रॉपर्टीज़ का डेटा सुरक्षित, पारदर्शी और आधिकारिक तौर पर दर्ज किया जाता है। ऐसे में पोर्टल का लंबी अवधि तक अनुपलब्ध रहना वक्फ़ बोर्डों की कार्यवाही को धीमा कर रहा है और समयसीमा पर असर डाल रहा है।

इसी मुद्दे पर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि पोर्टल का लगातार बंद रहना केवल तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि “जानबूझकर बनाई गई स्थिति” है।

उन्होंने दावा किया कि जिस तरह देश के अन्य बड़े पोर्टल सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं, उसी प्रकार वक्फ़ संपत्तियों के लिए बने पोर्टल को भी बिना रुकावट चलना चाहिए। मौलाना जवाद के अनुसार, पोर्टल बंद रहने से वक्फ़ प्रॉपर्टीज़ के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बाधित हो रही है, जिससे समुदाय की महत्वपूर्ण संपत्तियों की सुरक्षा और रिकॉर्ड पर असर पड़ सकता है।

उन्होंने सरकार और संबंधित विभागों से इस मामले की तत्काल जाँच और पोर्टल को स्थायी रूप से चालू रखने की मांग की।
धर्मगुरु ने आगे कहा कि वक्फ़ संपत्तियाँ मुस्लिम समाज की ऐतिहासिक धरोहर हैं, और इनके डिजिटलीकरण में किसी भी प्रकार की देरी समुदाय के हितों के खिलाफ है।

फिलहाल, उम्मीद पोर्टल कब तक सुचारू रूप से काम करेगा, इस पर विभाग की ओर से कोई स्पष्ट सूचना जारी नहीं की गई है।
मामले ने सोशल मीडिया पर भी ध्यान आकर्षित किया है, जहाँ लोग पारदर्शिता और जवाबदेही की माँग कर रहे हैं।

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భారత విద్యార్థి ఫెడరేషన్ ఎస్ఎఫ్ఐ జిల్లా కమిటీ ఆధ్వర్యం స్థానిక ​ఎల్.బి.జి. భవన్ లో ప్రెస్ మీట్ నిర్వహించడం జరిగింది. అనంతరం రాష్ట్ర ఉపాధ్యక్షుడు సిహ. వెంకటేష్ మాట్లాడుతూ ఈ నెల 12,13,14 తిరుపతి లో జరిగే రాష్ట్ర మహాసభను జయప్రదం చెయ్యాలని కోరుతూ విద్యారంగ సమస్యలపై ఇప్పటివరకూ జరిగిన పోరాటాలను సమీక్షించుకుని భవిష్యత్తు కార్యాచరణ తీసుకోవడం జరుగుతుంది. జిల్లా కేంద్రంలో ఉన్న ప్రభుత్వ డిగ్రీ కళాశాలకు నేటికీ సొంత భవనం లేకపోవడం. సంక్షేమ హాస్టల్ లో ఉంటున్న విద్యార్థులకు ధరలకు అనుగుణంగా మెస్ చార్జీలు పెరగకపోవడం వలన విద్యార్థుల అనేక ఇబ్బందులు పడుతున్నారు. అదేవిధంగా విజయనగరం కేంద్రం లో ఉన్నట్టువంటి, కేంద్రీయ గిరిజన విశ్వవిద్యాలయం మంజూరు చేసి సంవత్సరాలు గడుస్తున్నా ఇప్పటికీ సొంత భవనాలు పూర్తి కాలేదు. యువగలం లో నారా లోకేష్ గారు ఇచ్చి నటువంటి హామీ జీవో నెంబర్ 77 రద్దు అమలు కాలేదు. పైగా ఇంజనీరింగ్, డిగ్రీ చదువు తున్నటువంటి విద్యార్థులకు వేల కోట్ల రూపాయలు స్కాలర్షిప్ లు బకాయి ఉంచడం వలన విద్యార్థులు చదువులపై భారం పడుతోంది వీటితోపాటు మరిన్ని విద్య రంగ సమస్యలపై ఎస్.ఎఫ్.ఐ. పోరాడేందుకు అవసరమైన ప్రణాళికను రూపొందించుకోవడం కోసం విద్యార్థులందరికీ మేధావులకి ప్రజానీకానికి కోరత ఉన్నాము ఈ కార్యక్రమంలో ఎస్ఎఫ్ఐ జిల్లా కార్యదర్శి డి రాము జిల్లా అధ్యక్షుడు ఈ చిన్నబాబు జిల్లా కన్వీనర్ శిరీష పాల్గొన్నారు

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ब्यूरो रिपोर्ट
लोकेशन – शामली

**शामली में हड़कंप…!

आरटीओ ने पत्रकार को रोकने की कोशिश?
एक पत्रकार द्वारा जिला अधिकारी को दी गई शिकायत से मचा प्रशासनिक तूफान…!**

शामली जनपद में डग्गामार और ओवरलोडिंग वाहनों का खेल किसी से छुपा नहीं है। खुलेआम नियमों को कुचलते हुए सड़कें इन अवैध वाहनों से भरी पड़ी हैं। लेकिन अब मामला सिर्फ अवैध वाहनों के संचालन का नहीं, बल्कि पत्रकारिता को रोकने की कोशिश का हो गया है।

पूरा बवाल तब शुरू हुआ जब एक पत्रकार ने आरटीओ रोहित राजपूत को फोन कर विभाग का पक्ष जानना चाहा—
डग्गामार वाहनों का खेल आखिर चल कैसे रहा है?
एक नंबर प्लेट पर कई गाड़ियाँ क्यों दौड़ रही हैं?
ओवरलोडिंग पर कार्रवाई सिर्फ कागज़ों में ही क्यों दिखाई देती है?

लेकिन सवाल सुनते ही आरटीओ का चौंकाने वाला जवाब आया—

“तुम ऑथराइज नहीं हो मेरी बाइट लेने के लिए.”

यह बयान न सिर्फ हैरान करने वाला था, बल्कि पत्रकारों की स्वतंत्रता, मीडिया की भूमिका और पारदर्शिता पर सीधा हमला माना जा रहा है।
सवाल उठ रहा है—

क्या अब सरकारी अधिकारी से सवाल पूछने के लिए भी पत्रकार को ‘परमिशन लेटर’ चाहिए?

या फिर सच इतना तीखा है कि उसे ऑथराइजेशन की दीवार के पीछे छुपाया जा रहा है?

आरटीओ की इस कार्यशैली के बाद मामला और गर्म हो गया।
एक पत्रकार ने जिला अधिकारी शामली को लिखित शिकायत दी, जिसमें स्पष्ट आरोप लगाए गए कि—

आरटीओ पत्रकारों से भाग रहे हैं,

डग्गामार और ओवरलोडिंग पर असली आंकड़े छुपाने की कोशिश हो रही है,

“अनऑथराइज” बता कर पत्रकारिता में बाधा डाली जा रही है,

सवाल पूछने पर अधिकारी चौकन्ने और असहज हो जाते हैं।


शिकायत पहुंचते ही प्रशासनिक गलियारों में खलबली मच गई है।
सूत्रों की मानें तो—

एडीएम शामली और अपर जिला सूचना अधिकारी दीपक कुमार ने फोन कर आरटीओ रोहित राजपूत से तत्काल जवाब मांगा है।

स्थानीय लोगों में भी चर्चा तेज है—

“अगर अधिकारी पत्रकारों से ही डरने लगें, तो फिर जनता की आवाज़ कौन उठाएगा?”
“क्या डग्गामार वाहनों की कमाई पत्रकारों के सवालों से ज्यादा ताकतवर है?”
“सच कड़वा हो तो उसे छुपाने की कोशिश क्यों?”

शामली में फिलहाल एक ही सवाल हवा में तैर रहा है—

**सच से डर किसको है?

और पत्रकार की आवाज़ को ‘अनऑथराइज’ बताकर कौन सा राज़ बचाया जा रहा है?**


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श्री श्याम भक्ति का प्रसार करने वाले “Shyampremipariwar Lucknow” के संचालक विशाल गुप्ता के अथक प्रयासों से सोशल मीडिया पर तेज़ी से लोकप्रियता में वृद्धि

लखनऊ, उत्तर प्रदेश:
सनातन भक्ति और श्री श्याम प्रभु की महिमा को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से बनाए गए “Shyampremipariwar Lucknow” सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को आज इस मुकाम तक लाने में इसके संचालक एवं क्रिएटर श्री विशाल गुप्ता जी का योगदान बेहद उल्लेखनीय है। उनके अथक प्रयासों और निरंतर भक्ति-सेवा के कारण ही यह पेज न केवल उत्तर भारत बल्कि पूरे देश में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

इंस्टाग्राम पर यह पेज हाल ही में 20.8K से अधिक फॉलोअर्स पार कर चुका है, जबकि पिछले 30 दिनों में इसकी रीच 10 मिलियन व्यूज़ तक दर्ज की गई है — जो किसी भी भक्ति-आधारित पेज के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।


श्याम भक्ति को नई दिशा दे रहा है यह प्लेटफ़ॉर्म

“Shyampremipariwar Lucknow” मुख्य रूप से:

श्री श्याम प्रभु की भक्ति

भजन एवं जागरण

धार्मिक कार्यक्रमों की झलकियां

भक्तों के अनुभव

प्रेरणादायक भक्ति संदेश

सामाजिक एवं सेवा कार्यों से जुड़े वीडियो


प्रस्तुत करता है। इसकी सामग्री न केवल भक्ति का वातावरण बनाती है बल्कि विशेष रूप से युवाओं को भी भक्ति के पथ से जोड़ने का काम कर रही है।

पेज के एडमिन का उद्देश्य

पेज के एडमिन ने बताया —
“हमारा उद्देश्य सिर्फ कंटेंट बनाना नहीं है, बल्कि पूरे भारत के श्याम प्रेमियों को एक भक्ति परिवार में जोड़ना है। हम चाहते हैं कि श्री श्याम प्रभु की महिमा, संदेश और भजन दुनिया भर तक पहुँचें।”

“Shyampremipariwar Lucknow” का मुख्य लक्ष्य

श्याम बाबा की भक्ति का प्रचार-प्रसार तेजी से बढ़ाना

अधिक से अधिक भक्तों को श्याम प्रभु की महिमा से जोड़ना

सामाजिक सेवा एवं जनकल्याण से जुड़े अभियानों को आगे बढ़ाना


तेजी से बढ़ता भक्ति-आधारित प्लेटफ़ॉर्म

वर्तमान समय में “Shyampremipariwar Lucknow” उत्तर भारत के सबसे तेजी से बढ़ते भक्ति-आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक बन चुका है।
इसके पीछे संचालक एवं क्रिएटर श्री विशाल गुप्ता जी का समर्पण, भक्ति और अनवरत परिश्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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महराजगंज /फरेंदा विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने अपने आवास सिंहपुर ताल्हि पर जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को सुना और उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जनसुनवाई के दौरान विधायक वीरेंद्र चौधरी ने लोगों की शिकायतों को ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं के निवारण के लिए तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

विधायक ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे जनता की समस्याओं के समाधान में किसी भी प्रकार की देरी न करें। उन्होंने कहा कि लोगों को समय पर न्याय मिलना सुनिश्चित किया जाए।

इस अवसर पर विधायक ने कहा कि जनता की सेवा करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने दोहराया कि वे हमेशा जनता के हितों के लिए काम करते रहेंगे।

उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे अपनी समस्याओं को बिना किसी झिझक के उनके सामने रखें। विधायक ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

संवाददाता :- सेठ

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ग्राम पंचायत में सार्वजनिक भूमि में आमजनमानस को मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ सड़क, नाली,आवास, के लिए रोजगार मनरेगा श्रमिकों को सुनिश्चित रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ सशक्त राष्ट्रीय विकास में ग्राम विकास का महत्वपूर्ण स्थान है।
हर पंचवर्षीय योजनाओं में सरकार प्रशासन नीतिगत निर्णय के वजूद अधिकांश गांवों में अभी तक सड़क, नाली,आवास, शिक्षा जैसे सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफलताओं पर नीतिगत कठोर निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जनहित में समय समय पर आदेश निर्देश जारी होने पर समस्या बनी रहती है।
उपरोक्त विषय पर गंभीरता से सरकार एवं प्रशासनिक अधिकारियों को निगरानी करते हुए जनहित में कार्य किए जाने का निर्देश जारी किया जाना चाहिए।
कृष्ण कुमार पाठक
खबरहलचल न्यूज

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सेवा में,
माननीय कृषि मंत्री महोदय
कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश शासन
लखनऊ, उत्तर प्रदेश

विषय: सभी एफपीओ को उर्वरक की सरल, पर्याप्त एवं प्राथमिकता से उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने हेतु सामूहिक प्रार्थना पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कार्यरत सभी किसान उत्पादक संगठन (FPO) किसानों के हित, कृषि विकास, संगठित विपणन तथा कृषि से जुड़ी सेवाओं के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। परंतु पिछले कुछ समय से एफपीओ को उर्वरक की उपलब्धता, आपूर्ति, कोटा निर्धारण एवं कंपनी–डीलर स्तर पर प्राप्ति में अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इसके कारण क्षेत्र के किसानों को समय पर खाद प्राप्त नहीं हो पाती, जिससे फसल उत्पादन, बुवाई–टॉप ड्रेसिंग, और संपूर्ण कृषि चक्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

एफपीओ द्वारा अनुभव की जा रही प्रमुख समस्याएँ:

1. उर्वरक कंपनियों द्वारा एफपीओ को डायरेक्ट सप्लाई में जटिलताएँ।

2. जनपद स्तर पर एफपीओ हेतु पृथक कोटा का अभाव।

3. डिस्ट्रीब्यूटर व कंपनी से उर्वरक प्राप्त करने में अनुचित विलंब।

4. उर्वरक वितरण में एफपीओ को प्राथमिकता न मिलना।

5. एफपीओ के पास किसानों की संख्या अधिक होने पर भी उपयुक्त मात्रा आवंटन न होना।

अतः सभी FPO की सामूहिक विनती है कि—

कृपया कृषि विभाग एवं उर्वरक कंपनियों को निम्नलिखित निर्देश देने की कृपा करें:

1. सभी FPO को उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु प्राथमिकता सूची में शामिल किया जाए।

2. प्रत्येक जनपद में एफपीओ हेतु एक विशेष उर्वरक कोटा निर्धारित किया जाए।

3. उर्वरक कंपनियों को निर्देशित किया जाए कि वे सीधे एफपीओ को सप्लाई प्रदान करें।

4. उर्वरक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता, ऑनलाइन ट्रैकिंग तथा समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

5. एफपीओ के लिए सरल, एकीकृत एवं बाधारहित प्रक्रिया लागू की जाए, जिससे किसान समय पर खाद प्राप्त कर सकें।

महोदय, यदि एफपीओ को उर्वरक सरलता से उपलब्ध होता है तो सीधे तौर पर लाखों किसानों को लाभ, बेहतर उत्पादन तथा राज्य के कृषि विकास में वृद्धि होगी।

अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि कृपया उपरोक्त विषय पर आवश्यक कार्यवाही कर सभी एफपीओ एवं किसानों को शीघ्र सहायता प्रदान करने की कृपा करें।

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ఆరోగ్యం అంటే మన జీవన మాధ్యమంలో ముఖ్యమైనది. ఆకస్మికంగా అనారోగ్యం కలిగితే మనకు మందులు తప్పనిసరి. మనం వెళ్లి డాక్టరును కలిసి ఫీజు కట్టి మందుల చీటీ రాసి ఉన్నా, మనకు మందులు ఇచ్చే ఫార్మసిస్టులు లేకుంటే మందులు సరిగా ఇవ్వలేరు. అప్పుడు మందుల షాపులలో అన్నీ ఉన్నా మనం వైద్యుడిని సంప్రదించి చికిత్స కోసం ఫార్మసీకి వస్తే అక్కడ మందుల షాపులో ఫార్మసిస్ట్లు లేకపోతే, ఏ మందు ఇచ్చేది తెలియకపోతే అది ఆరోగ్యానికి పెను ప్రమాదం.
ప్రస్తుతం ఆంధ్రప్రదేశ్ వ్యాప్తంగా చాలా ఫార్మసీలలో ఫార్మసిస్ట్ డిగ్రీ ఉన్నవారు లేకపోవడం వల్ల ప్రజా ఆరోగ్యానికి పెను ప్రమాదం పెరుగుతుంది. సాధారణంగా ప్రజలు జ్వరం, దగ్గు వంటి చిన్న చిన్న సమస్యలకు ఫార్మసీలకు వెళ్లి అక్కడ ఫార్మసిస్ట్ సలహాలు తీసుకుని మందులు వాడుతుంటారు. ఫార్మసిస్ట్లు లేని మందుల షాపులు మందుల షాపులకు వెళ్లిన వారికి ఇచ్చే మందులు సరిగ్గా తెలియకపోతే అది పెను ప్రమాదం. ఫార్మసిస్ట్ ద్వారా మాత్రమే మందులు విక్రయించాలనే నిబంధనలు ప్రభుత్వం అమలు చేయక మందుల షాపుల యజమానుల నిర్లక్ష్యం కారణంగా అనేకమంది ఫార్మసిస్టులకు ఉద్యోగాలు దక్కకపోవడం గమనార్హం.
మనం ఏదైనా చిన్న చిన్న సమస్యలకు గానీ, జ్వరం, దగ్గు, వంటి సమస్యలకు ఫార్మసిస్ట్ సలహాలు తీసుకుని మందులు వాడడం సహజం. ఫార్మసిస్టులు మాత్రమే మందులు అమ్మాలి. రాష్ట్రంలో ఫార్మసీల సంఖ్య దాదాపు 30 వేల వరకు ఉంటుందని, వాటిలో కేవలం 9% - 10% ఫార్మసీలలో మాత్రమే ఫార్మసిస్టులు లేకపోవడం దారుణం. అనేకమంది ఫార్మసిస్టులకు ఉద్యోగాలు దొరకకపోవడం వల్ల వాళ్లు నిరాశకు గురవుతున్నారు.
మందుల షాపుల యజమానులు తమకు డబ్బు ఆదా అవుతుందని ఫార్మసిస్ట్ల స్థానంలో టెన్త్, ఇంటర్ చదువుకున్న వాళ్లకి మందులు అమ్మడం నేర్పుతున్నారు. అది చాలా ప్రమాదకరం. ఇలా టెన్త్, ఇంటర్ చదువుకున్న వాళ్లు మందులు అమ్మడం వల్ల ప్రజల ఆరోగ్యం దెబ్బతింటుంది. ఇలాంటి షాపులపై ప్రభుత్వం చర్యలు తీసుకోవాలి.
కొన్నిచోట్ల మందుల షాపులలో ఆరుబయట కనపడే విధంగా దుకాణాలు లేకపోవడంతో మందులు కొనుగోలుకు వచ్చిన వారికి ఇబ్బంది కలుగుతోంది. దుకాణాల యజమానుల నిర్లక్ష్యం కారణంగా ఫార్మసిస్ట్లు లేని షాపులు ఎక్కువయ్యాయి. ఇది ప్రజా ఆరోగ్యానికి హానికరం.
మందుల షాపులలో ఫార్మసిస్ట్లు లేకపోవడం వల్ల 280 మంది ఫార్మసిస్ట్లు ఉద్యోగాలు లేక బాధపడుతున్నారు.
రిటైల్ దుకాణాలు, నిత్యావసరాల షాపులు, సూపర్ మార్కెట్లతో పాటు చిన్న చిన్న మందుల షాపులు కూడా ఫార్మసిస్ట్ లేక మందులు అమ్మడం జరుగుతోంది. ఈ విషయంలో ప్రభుత్వం వెంటనే చర్యలు తీసుకోవాలి. లేకపోతే అది ప్రజా ఆరోగ్యానికి ప్రమాదం.
అన్ని రాష్ట్రాలలో కూడా ఫార్మసిస్టులు లేని మందుల షాపులు ఉండకూడదని ప్రభుత్వం ఆదేశాలు జారీ చేసింది. కానీ, ఆచరణలో అవి సరిగ్గా అమలు కావడం లేదు. 6368 ఫార్మసీలలో ఫార్మసిస్ట్లు లేకపోవడం వల్ల ప్రజా ఆరోగ్యానికి ముప్పు వాటిల్లుతుంది.
ఈ దుర్విషయాన్ని అరికట్టాలంటే ప్రభుత్వం వెంటనే చర్యలు తీసుకోవాలి. మందుల షాపుల యజమానుల నిర్లక్ష్యం కారణంగా ఫార్మసిస్టులు లేని షాపులు ఎక్కువయ్యాయి. ఇది ప్రజా ఆరోగ్యానికి ప్రమాదం. మందుల షాపుల యజమానులు కేవలం డబ్బు ఆదా కోసమే ఫార్మసిస్ట్ల స్థానంలో టెన్త్, ఇంటర్ చదువుకున్న వారిని నియమిస్తున్నారు.
ప్రజల ఆరోగ్యాన్ని కాపాడాల్సిన బాధ్యత ప్రభుత్వంపై ఉంది. మందుల షాపుల యజమానుల నిర్లక్ష్యం కారణంగా ఫార్మసిస్ట్లు లేని షాపులు ఎక్కువయ్యాయి. ఇది ప్రజా ఆరోగ్యానికి పెను ప్రమాదం.

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पौड़ी गढ़वाल।जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार भयावह रूप लेता जा रहा है। मंडल मुख्यालय पौड़ी के समीप स्थित गजल्ड गांव में सोमवार देर शाम गुलदार के हमले में एक 42 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, व्यक्ति अपने घर के पास किसी कार्य से बाहर निकला ही था कि घात लगाए बैठे गुलदार ने अचानक हमला कर दिया और उसे घसीटते हुए दूर ले गया। परिवार के शोर मचाने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।घटना के बाद गजल्ड सहित आसपास के गांवों में भारी आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पिछले कई महीनों से गुलदार की गतिविधियाँ बढ़ने के बावजूद वन विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों का कहना है कि—“इंसानों की जान की कीमत आखिर कब समझेगा वन विभाग? हम लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई केवल जानवरों की सुरक्षा को लेकर ही होती है।”पौड़ी जनपद में पिछले एक वर्ष में गुलदार के हमलों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की जान जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में शाम होते ही लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।विशेषकर फसलों, पानी के स्रोतों और जंगल से लगे बस्तियों में रोजमर्रा की गतिविधियाँ खतरे में हैं।मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम रात में ही मौके पर पहुंची। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि:क्षेत्र में पिंजरा लगाया जाएगा।ट्रैकिंग टीम को तैनात किया गया है।विशेषज्ञों की मदद से समस्या का समाधान निकालने की बात कही गई है।लेकिन ग्रामीण इन दावों को केवल कागजी कार्रवाई बताते हुए ठोस और त्वरित समाधान की मांग कर रहे हैं।स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए प्रशासन से मांग की कि:प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए,गांवों में नियमित गश्त बढ़ाई जाए,और मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए दीर्घकालिक योजना पर त्वरित कार्य शुरू किया जाए।गजल्ड गांव की यह घटना लोगों के मन में कई सवाल छोड़ गई है—आखिर कब तक ग्रामीणों को अपनी जान का जोखिम उठाकर जीना पड़ेगा?कब तक वन्यजीव संरक्षण की आड़ में इंसानों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जाता रहेगा?ग्रामीणों का कहना है कि अब वे केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहते हैं। प्रशासन को तत्काल प्रभाव से कदम उठाकर इस खतरे को नियंत्रित करना ही होगा, ताकि और किसी परिवार को ऐसी त्रासदी न झेलनी पड़े।

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ହାତୀ ସୁରକ୍ଷା
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ଜଙ୍ଗଲ ଅଟଇ ଆମରି ଜୀବନ
ଆଦିକାଳୁ ସେବା କରୁଛି,
ତାର ଉପକାର ବୁଝୁନି ମଣିଷ
କାଟି କାଟି ପଦା କରୁଛି I
ଫଳ ମୂଳ ଡାଳ ଚେର ଓ ବକଳ
ଔଷଧୀୟ ଗୁଣ ସଭିରେ ,
ନାହିଁ ପ୍ରତିକ୍ରିୟା ସବୁ ରୋଗ ପରା
ଉପଶମ ହୁଏ ଏଥିରେ I
ବନ୍ୟ ପଶୁପକ୍ଷୀ ନିବାସ କରନ୍ତି
ଏହି ଅରଣ୍ୟର କୋଳରେ,
କାଟି କାଟି ପଦା କରୁଛି ମାନବ
କଳ କାରଖାନା ପାଇଁରେ I
ପରିବେଶ ଆମ ହୁଏ ସନ୍ତୁଳିତ
ସବୁ ଜୀବଜନ୍ତୁ ପାଇଁରେ ,
ଏହାରି ଅଭାବେ ଅ ସୁରକ୍ଷିତ ଆମେ
ବିପଦ ଜୀବନ ପାଇଁରେ I
ବିଂଶ ଶତାବ୍ଦୀ ର ସଭ୍ୟ ମାନବ
ବୁଝି ପାରୁନାହିଁ ଜମା ,
ଜୀବ ମାରୁଅଛି ଜଙ୍ଗଲ କାଟୁଛି
ଖାତିର ନାହିଁ ଜମା I
ଦିନୁ ଦିନ ଦେଖ ହାତୀ ଉପଦ୍ରଵ
ହୁ ହୁ ହୋଇ ବଢଇ ,
ବରଷରେ ପରା ତିନିଶ ମରନ୍ତି
ଅଛି ଆକଳନ ହୋଇ I
ନିଜେ ବରୁଅଛି ନିଜର ମରଣ
ଧାଇଁ ଯାଇ ହାତୀ ପାଖକୁ ,
ତିନି ହଜାର କିଲୋ ଓଜନ ତାହାର
ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ଲାଗଇ ମନୁଷ୍ୟକୁ I
ସରକାରଙ୍କର ଅନୁକମ୍ପା ରାଶି
ଜୀବନ ଠୁଁ ନୁହେଁ ବଡ଼ ,
ଧୀର ସ୍ଥିର ଭାବେ ଘଉଡ଼ାଅ ତାଙ୍କୁ
କରନ୍ତୁନି ଜମା ଭିଡ଼ I
ସାମାନ୍ୟ ପିମ୍ପୁଡି ମାଡିଦେଲେ ପରା
କାମୁଡି ଦିଏରେ ଆମକୁ ,
ସହଜେ ବିରାଟ କାୟ ଅଟେ ହସ୍ତୀ
ଛାଡିବନି ଜମା କାହାକୁ I
ରଗାଇଲେ ଆମେ ରାଗିଯିବ ସିଏ
ଚେଷ୍ଟା କରିବରେ ମାରିବାକୁ,
ପଡିଲେ ହାବୁଡେ ଦଳିଦେବ ସିଏ
ଡରିବାରେ ଆମେ ତାହାକୁ I
ଢେଲା ପଥର ନିଆଁ ହୁଳା ବାଣ
ବିଦ୍ୟୁତ ଆଘାତ ଦେବାନି,
ଏପରି କରିଲେ କ୍ରୋଧାନ୍ୱିତ ହୋଇ
କରିଦେବ ଧନ ଜନ ହାନୀ I
ହାଣ୍ଡିଆ ମହୁଲି ପଣସ କଦଳୀ
ତା ସଙ୍ଗେ ଧାନ ଚାଉଳ ,
ଭଲ ଲାଗେ ବୋଲି ଖାଇବାକୁ ଦେଖ
ଭାଙ୍ଗୁଛିରେ ଘର ଦୁଆର I
ଆଜିକାଲି ଦେଖ ଆଗ ପରି ଆଉ
ହାତୀ ଖାଉନାହିଁ ଡାଳ ,
ମହୁଲି ନିଶାରେ ମତୁଆଲା ହୋଇ
ହାତୀ ହେଉଛିରେ ପାଗଳ I
ସିଏ ସିନା ପଶୁ କଥା କହୁନାହିଁ
ଆମେ କିନ୍ତୁ ସବୁ ଜାଣୁଛେ,
ଜାଣୁ ଜାଣୁ ପୁଣି ବାହାଦୁରୀ ପାଇଁ
ତାଙ୍କରି ପାଖକୁ ଧାଉଁଛେ I
ଗଜ ସୁରକ୍ଷାର ସଚେତନ ପାଇଁ
ସରକାର ଙ୍କର ଯୋଜନା,
ସଫଳ କରିବା ସତର୍କ ରହିବା
ବିପଦ ହେବନି ଜମା I
ବିଦ୍ୟୁତ ତାର ଓହଳି ଆସିଲେ
ତୁରନ୍ତ ଆମେ ଜଣାଇବା,
ସଭିଙ୍କର ଏହା କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ଅଟଇ
ଏ କଥାକୁ ମନେ ରଖିବା I
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ସୁଭଦ୍ରା ମହାନ୍ତ
ଆର. ପି. ବାଳିକା ଉଚ୍ଚ ବିଦ୍ୟାଳୟ, ଭୀମପୁର
ମୋବାଇଲ: 88959 74011

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चंडीगढ़ मुंबई 04-12-2025 अल्फा न्यूज़ इंडिया प्रस्तुति -- जापान के शहरों में जमीन की भारी कमी
जापान के शहरों में जमीन की भारी कमी है. मुसलमानों के रिचुअल्स को लेकर जापान ने अब स्पष्ट फैसला है. इस्लाम में अंतिम संस्कार के लिए शवों को दफनाने का ही रिवाज है, इसलिए बड़े कब्रिस्तान बनाना जापान के लिए मुश्किल काम है.

कब्रिस्तान बनाने का प्रस्ताव अस्वीकार
29 नवंबर 2025 को जापान की संसद (हाउस ऑफ काउंसलर्स) में एक बहस के दौरान मुसलमानों के लिए बड़े पैमाने पर कब्रिस्तान बनाने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया. सनसेइतो पार्टी की सांसद मिजुहो उमेमुरा ने इस प्रस्ताव का सबसे कड़ा विरोध किया. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा "मुस्लिमों की कब्रिस्तानों की मांग अस्वीकार की जाती है. जापान में दाह संस्कार परंपरा है. मुसलमानों के लिए उचित तरीका यह है कि शवों को उनके मूल देश भेज दिया जाए और वहां दफनाया जाए."जापान सरकार ने मुसलमानों के शव दफनाने के लिए और जमीन देने से इनकार कर दिया है. यह फैसला जापान में रह रहे प्रवासी मुस्लिम समुदाय और जापान की नागरिकता प्राप्त कर चुके मुस्लिमों के लिए बड़ी चुनौती है. आइए समझते हैं जापान सरकार को क्यों इतना सख्त फैसला लेनाा पड़ा? जापान की कुल आबादी लगभग 12.5 करोड़ है, जिसमें मुसलमानों की संख्या अनुमानित रूप से डेढ़ से 2 लाख के बीच है. ये मुख्य रूप से प्रवासी कार्यकर्ता, छात्र और व्यवसायी हैं, जो तकनीकी, शिक्षा और व्यापार क्षेत्रों में योगदान देते हैं. जापान में 99% से अधिक शवों का दाह संस्कार किया जाता है, जो बौद्ध और शिंतो परंपराओं का हिस्सा है. देश में दफनाने की सुविधाएं बहुत सीमित हैं, और अधिकांश कब्रिस्तान छोटे-छोटे हैं. मुस्लिम समुदाय लंबे समय से अलग दफन स्थलों की मांग कर रहा है, लेकिन जगह की कमी एक बड़ी बाधा है.।। साभार।।।

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खटमल परिवार-20: सोनिया गांधी की रहस्यमय गतिविधियाँ

आप जानते हैं कि राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को हुई थी। उन दिनों लोकसभा चुनाव चल रहे थे, बहुत सी सीटों पर मतदान हो चुका था। परन्तु राजीव गाँधी की हत्या होने के बाद तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ने शेष लोकसभा क्षेत्रों में मतदान पूरे एक महीने के लिए टाल दिया था, जिससे कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति लहर बन गयी और कांग्रेस बहुमत के निकट पहुँच गयी। शेष कार्य सूटकेसों ने कर दिया। इस प्रकार नरसिंह राव की सरकार बन गयी।

राजीव गाँधी की हत्या के ठीक एक महीने बाद 21 जून 1991 को ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ नाम से एक एनजीओ बनाया गया और सोनिया गाँधी इसकी अध्यक्ष बनीं। उन्होंने 1993 में ब्रिटेन में राजीव गांधी फाउंडेशन की ब्रांच खोली और ब्रिटेन सरकार ने उनकी उपस्थिति में इसके संबंध में प्रस्ताव पारित किया। उसी वर्ष वे राजीव गांधी फाउंडेशन से जुड़े काम के लिए अमेरिका गईं। वह काम वास्तव में क्या था, यह जानकारी किसी को नहीं मिली। लेकिन उसी वर्ष यानी 1993 में ही जॉर्ज सोरोस ने न्यूयॉर्क में ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ की स्थापना की। यह मात्र संयोग नहीं था।

दिसंबर 1994 में फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन द एशिया-पैसिफिक (FDL-AP) नाम से एक NGO शुरू किया गया। इस फोरम के लगभग सभी सदस्य अमेरिका समर्थक थे। कुछ अन्य लक्ष्यों के अलावा, इस NGO का मुख्य लक्ष्य था- ‘स्वतंत्र कश्मीर’! जी हां, आपने सही पढ़ा है- ‘स्वतंत्र कश्मीर’। राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी इस फोरम की सह-अध्यक्ष थीं। सोरोस का ओपन सोसाइटी फाउंडेशन इस NGO के प्रमुख वित्तपोषकों में से एक था। अर्थात् स्वतंत्र कश्मीर बनाने के उद्देश्य वाले NGO को सोरोस फाउंडेशन फंड कर रहा था और सोनिया गाँधी जानबूझकर उसमें शामिल हुई थीं।

1999 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, तब कंधार विमान अपहरण की घटना हुई थी। कंधार पहुंचने से पहले विमान ईंधन भरने के लिए यूएई में उतरा था। वहाँ के अधिकारियों ने अमेरिकी राजदूत को हवाई अड्डे में प्रवेश करने की अनुमति दी, लेकिन भारतीय राजदूत को नहीं दी। उसके बाद विमान को लेकर आतंकी अफगानिस्तान के कंधार पहुंचे, जो उस समय तालिबान के अधीन था। उन दिनों रूस का मुकाबला करने के लिए अमेरिका तालिबान का समर्थन कर रहा था।

विमान अपहरणकर्ताओं ने शुरुआत में 36 आतंकवादियों की रिहाई की मांग की थी, लेकिन सौदेबाजी के बाद मसूद अजहर समेत 3 आतंकवादियों की रिहाई पर बात बनी। 36 आतंकियों की उस सूची में एक नाम आतंकी ‘लतीफ’ का था, लेकिन उसे रिहा नहीं किया गया। अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई को मसूद अज़हर में विशेष रुचि थी। एफबीआई ने 1995 से 1998 के बीच कई बार उस आतंकी का ‘साक्षात्कार’ लिया था, जब वह भारतीय जेल में था। रिहाई के बाद आतंकी मसूद अजहर ISI की सहायता से पाकिस्तान पहुंचा और जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन शुरू किया, जिसका लक्ष्य भी ‘आजाद कश्मीर’ है!

जून 2001 में सोनिया गांधी अपने सहयोगियों (मनमोहन सिंह, नटवर सिंह, मुरली देवड़ा, तथा जयराम रमेश) के साथ पांच दिनों के लिए अमेरिका गईं। लेकिन वहां पहुंचने से पहले उन्होंने ब्रिटेन और आइसलैंड का दौरा किया। ये दोनों ही देश टैक्स चोरी करने वालों के लिए स्वर्ग समान (Tax Havens) हैं! अमेरिका में सोनिया गांधी ने विदेशी संबंधों की काउंसिल और हेनरी किसिंजर के साथ ‘बंद कमरे’ में बैठक की। ये वे लोग हैं जो हर चीज का फैसला करते हैं, यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति भी इनसे दबते हैं। इस दौरे में सोनिया गांधी के सहयोगी नटवर सिंह के अनुसार, सोनिया गांधी को वहां बहुत ख़ास लोगों से मिलने की उम्मीद थी। ये ख़ास लोग कौन थे, उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया।

इसके छ महीनों बाद ही 13 दिसंबर 2001 को ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के आतंकवादियों ने भारतीय संसद पर हमला किया। ‘संयोग’ की बात है कि जब संसद पर हमला हुआ था, तो उससे पहले ही सोनिया गांधी संसद से निकल गई थीं।

2004 में चुनाव जीतने के बाद सोनिया गांधी ने सरकार चलाने के लिए एक NAC का गठन किया। हर्ष मंदर और अरुंधति रॉय जैसे घोर वामपंथी और आतंकवाद समर्थक इस NAC का हिस्सा थे। रोचक बात यह है कि ये दोनों भारत में जॉर्ज सोरोस के लिए काम करते थे! इनका एक एनजीओ 'HRLN' राजीव गांधी फाउंडेशन के साथ मिलकर शहरी नक्सलियों और अलगाववादियों के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। यहां तक कि इस NGO को सोरोस और अमेरिका से भी फंड मिला है। यह भी उल्लेखनीय है कि 2004 में सत्ता में आने के बाद सोनिया गांधी का पहला फैसला आतंकवाद विरोधी कानून पोटा को खत्म करना था।

28 मई 2010 को यूपीए की सरकार ने ‘सद्भावना के तौर पर’ 25 आतंकवादियों को रिहा किया। इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि उस आतंकी ‘लतीफ़’ को भी रिहा कर दिया गया, जिसका नाम मसूद अज़हर के साथ विमान अपहर्ताओं की माँगवाली सूची में शामिल था और उसे उस समय रिहा नहीं किया गया था।

RTI से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के पास 2004 से 2014 के बीच सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस अवधि में सोनिया गांधी ने ‘मेडिकल’ कारणों से कई बार अमेरिका का दौरा किया था। यह जानकारी भी कांग्रेस प्रवक्ताओं द्वारा ही दी जाती थी और वह भी उनके भारत छोड़ने के बाद! इसी प्रकार, 30 नवंबर 2015 को वह ‘मेडिकल चेकअप’ के लिए तीन दिनों के लिए अमेरिका गईं।

सोनिया गाँधी की इस यात्रा के लगभग एक माह बाद ही 2 जनवरी 2016 को पठानकोट में वायु सेना के अड्डे पर आतंकी हमला हुआ था। आश्चर्यजनक बात यह है कि उस हमले का मास्टरमाइंड वही आतंकी ‘लतीफ’ था, जिसे 2010 में यूपीए की सरकार ने ‘सद्भावना के तौर पर’ रिहा कर दिया था।

(पहले चित्र में सोनिया गाँधी एवं जार्ज सोरोस, दूसरे चित्र में जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी शाहिद लतीफ)

-- डॉ. विजय कुमार सिंघल
मार्गशीर्ष अमावस्या, सं. 2082 वि. (19 नवम्बर, 2025)🤔#

#khatmal_parivar

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हरिद्वार से रोहित की रिपोर्ट 02 दिसंबर से 08 दिसंबर 2025 तक चलेगा सहकारिता मेला।

हरिद्वार 03 दिसंबर 2025

सहकारिता मेला के दूसरे दिन आज मुख्य अतिथियों में श्यामवीर सिंह सैनी उपाध्यक्ष गन्ना विकास परिषद राज्य मंत्री, शोभाराम प्रजापति उपाध्यक्ष माटीकला बोर्ड राज्य मंत्री तथा अजीत चौधरी उपाध्यक्ष राज्य किसान आयोग राज्य मंत्री तथा आशु चौधरी उपाध्यक्ष भाजपा हरिद्वार द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

जिला सहायक निबंधक हरिद्वार तथा सचिव/महाप्रबंधक जिला सहकारी बैक द्वारा समस्त उपस्थित अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत पीएमश्री राजकीय कन्या इंटर कॉलेज ज्वालापुर, शांति मेमोरियल पब्लिक स्कूल तथा पन्नालाल भला म्युनिसिपल इंटर कॉलेज हरिद्वार के छात्र छात्राओं द्वारा संगीत तथा नृत्य की श्रेणी में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। साथ ही मेले में चित्रकला, वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा बढ़-चढ़कर भाग लिया गया उक्त प्रतिस्पर्धाओं के विजेताओं को उपस्थित अतिथि गणों द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मेले में शासकीय विभागों, स्वयं सहायता समूह तथा संस्थाओं द्वारा लगाए गए जनउपयोगी स्टाल, फूड स्टाल तथा झूले सहकारिता मेले के अन्य आकर्षण का केंद्र रहे।
उक्त कार्यक्रम का संचालन जिला सहायक निबंधक हरिद्वार श्रीमती मोनिका चुनेरा तथा सचिव/ महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक लिमिटेड हरिद्वार सौ सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

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सहरसा प्रमंडल में नये डाक अधीक्षक के रूप में **श्री मनोज कुमार** ने सोमवार को अपना कार्यभार ग्रहण किया। उनके आगमन पर प्रमंडल कार्यालय के सभी पदाधिकारी, कर्मचारी तथा क्षेत्र के विभिन्न **प्रधान डाकघरों के कर्मियों** ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
कार्यभार ग्रहण समारोह के दौरान मनोज कुमार ने कहा कि**“डाक विभाग केवल पत्र और पार्सल का माध्यम नहीं, बल्कि यह जनता की उम्मीदों, विश्वास और सेवाओं को जोड़ने वाली जीवनरेखा है। हम सभी का लक्ष्य होगा कि सहरसा प्रमंडल में डाक सेवाओं को और अधिक तेज़, पारदर्शी और जनहितकारी बनाया जाए।”**उन्होंने विशेष तौर पर डाक कर्मियों को टीम भावना से कार्य करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार सुनिश्चित करने और आधुनिक डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने का संदेश दिया।इस अवसर पर प्रमंडल कार्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी कहा कि
**“नए अधीक्षक के नेतृत्व से प्रमंडल में कार्य संस्कृति और सेवा गुणवत्ता और मजबूत होगी।”**समारोह में मौजूद सभी कर्मचारियों ने मनोज कुमार को शुभकामनाएँ देते हुए विभागीय लक्ष्यों की पूर्ति के लिए पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।सहरसा प्रमंडल में नये डाक अधीक्षक के आगमन से विभागीय कार्यों में नई ऊर्जा और सकारात्मक दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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सहरसा प्रमंडल में नये डाक अधीक्षक के रूप में **मनोज कुमार** ने बुधवार को अपना कार्यभार ग्रहण किया। उनके आगमन पर प्रमंडल कार्यालय के सभी पदाधिकारी, कर्मचारी तथा क्षेत्र के विभिन्न **प्रधान डाकघरों के कर्मियों** ने गर्मजोशी से स्वागत किया।कार्यभार ग्रहण समारोह के दौरान मनोज कुमार ने कहा कि“डाक विभाग केवल पत्र और पार्सल का माध्यम नहीं, बल्कि यह जनता की उम्मीदों, विश्वास और सेवाओं को जोड़ने वाली जीवनरेखा है। हम सभी का लक्ष्य होगा कि सहरसा प्रमंडल में डाक सेवाओं को और अधिक तेज़, पारदर्शी और जनहितकारी बनाया जाए।”उन्होंने विशेष तौर पर डाक कर्मियों को टीम भावना से कार्य करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार सुनिश्चित करने और आधुनिक डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने का संदेश दिया।इस अवसर पर प्रमंडल कार्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी कहा कि
“नए अधीक्षक के नेतृत्व से प्रमंडल में कार्य संस्कृति और सेवा गुणवत्ता और मजबूत होगी।”
समारोह में मौजूद सभी कर्मचारियों ने मनोज कुमार को शुभकामनाएँ देते हुए विभागीय लक्ष्यों की पूर्ति के लिए पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।सहरसा प्रमंडल में नये डाक अधीक्षक के आगमन से विभागीय कार्यों में नई ऊर्जा और सकारात्मक दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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ब्रेकिंग
*सफाई कर्मियो के साथ शोषण करने वालों की जांच के नाम पर लीपा पोती कर रहे अधिकारियों की खिलाफ भीम आर्मी सौंपेगी ज्ञापन पत्र*
चित्रकूट के रामनगर में सफाई कर्मियों का शोषण एक गंभीर मुद्दा है। सफाई कर्मियों ने बताया कि फर्जी नोटिस काटकर 5000 रूपये लिया जाता था जिसकी अधिकारियों द्वारा की जा रही इस शोषण की शिकायत जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। बल्कि जांच के नाम पर लीपा पोती की जा रही है। भीम आर्मी ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए 8 दिसंबर 2025 को जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने का फैसला किया है ।

चित्रकूट में सफाई कर्मियों के शोषण के मामले में भीम आर्मी की पहल से उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी।

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03.12.25 बुधवार -
बदनावर में लेबड़-नयागांव फोरलेन की बड़ी चौपाटी पर एक तेज रफ्तार कंटेनर ने बाइक सवार को कुचल दिया। हादसे में बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। घटना में शव पूरा क्षत विक्षत हो गया था। हादसे का सीसीटीवी भी सामने आया है, जिसमें कंटेनर बाइक सवार के ऊपर निकलता हुआ दिखाई दे रहा है। घटना के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया।
*कंटेनर ने बाइक को कुचला, मौके पर मौत*
जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम 6:30 बजे मोहनलाल पिता गणपतलाल लछेटा जाती सीरवी (55) बाइक से बदनावर से कंकराज जा रहे थे। इस दौरान इंदौर की ओर से आ रहे एक तेज रफ्तार कंटेनर ने उनकी बाइक को सामने से टक्कर मार दी। इसके बाद वह कंटेनर के पहिए के नीचे आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
कंटेनर का टायर बाइक सवार के ऊपर निकल गया। लोगों के रोकने पर भी ड्राइवर ने वाहन नहीं रोका। बाद में वह वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया।
*बाइक नंबर से हुई पहचान*
घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें कंटेनर बाइक सवार के ऊपर निकलता दिखाई दे रहा है। घटना के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया। मृतक की पहचान उनके चेहरे और बाइक नंबर (एमपी11 जेडएल 7393) से हुई।
*बड़ा बेटा झाबुआ में सब-इंस्पेक्टर*
मृतक मोहनलाल के बड़े बेटे कैलाशचंद्र झाबुआ जिले के राणापुर में पुलिस सब-इंस्पेक्टर हैं, जबकि छोटा पुत्र अमृतलाल खेती-बाड़ी का काम संभालता है। हादसे की जानकारी मिलने पर गांव में शोक की लहर दौड़ गई। घटना के समय समाज में तीन विवाह कार्यक्रम चल रहे थे, इसलिए सामान्य उत्सव का माहौल भी प्रभावित हुआ। शव का पोस्टमॉर्टम कल सुबह किया जाएगा।
*फोरलेन रोड पर लगा जाम*
हादसे के बाद फोरलेन और बड़नगर-बदनावर रोड पर लंबा जाम लग गया। पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर नगर परिषद के कर्मचारियो की मदद से शव को सिविल अस्पताल पहुंचाया और कुछ देर बाद आवागमन सुचारु कराया।
*घटना से लोगों में आक्रोश*
घटना से लोगो मे आक्रोश, ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की मांग*,
चौपाटी पर पहले भी इस प्रकार के कई बार हादसे हो चुके। जिसमें लोगों की जान जा चुकी। किंतु सुरक्षा को लेकर प्रशासन द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहे हैं। चौपाटी पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। पैदल निकलना भी काफी मुश्किल हो जाता। लोगों ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से यातायात व्यवस्था सुचारु करने व लोगों की सुरक्षा को लेकर जल्द कड़े कदम उठाने की मांग की है। वरना बड़ा आंदोलन भी हो सकता है। बदनावर चौपाटी क्रॉस वाला ब्रिज बनने वाला था , उसी समय भी ध्यान नहीं दिया ,यही पीटगारा चौराहे का भी हाल है । इन दोनों चौराहे को हादसा से बचाने के लिए बाईपास बनना जरुरी है . ट्राफीक
सिग्नल की भी जरुरत है . हादसों को देखते हुए बदनावर चौपाटी ब्रिज बनना जरुरी है

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मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत थाना बृजमनगंज पुलिस ने राधिका देवी कन्या जूनियर हाईस्कूल मिश्रवलिया में महिलाओं और बालिकाओं को महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के बारे में जागरूक किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जागरूक करना था।कार्यक्रम में महिलाओं और बालिकाओं को महिला हेल्पलाइन नंबर 181, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सखी-वन स्टॉप सेंटर, पॉस्को एक्ट और मिशन शक्ति से जुड़ी अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अलावा, बाल विवाह, दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाई गई और अन्य हेल्पलाइन नंबरों के बारे में भी जानकारी दी गई।इस दौरान थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण हमारी प्राथमिकता है। हमें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहना होगा और किसी भी प्रकार की हिंसा या शोषण के खिलाफ आवाज उठानी होगी।कार्यक्रम में एसआई प्रिया वर्मा, एसआई दीपक यादव, एसआई राजन पासवान, हेड कांस्टेबल लाल बहादुर यादव और कांस्टेबल पवन यादव सहित अन्य पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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ରାସନ ସାମଗ୍ରୀ ପରିବହନ କାରୀଙ୍କ ତଥ୍ୟ ମାଗିଲେ ବିଧାୟକ।
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ପାଟଣା:୪/୧୨- ଗତକାଲି ବିଧାନସଭା ରେ ପାଟଣା ବିଧାୟକ ଅଖିଳ ଚନ୍ଦ୍ର ନାଏକ କେନ୍ଦୁଝର ଜିଲ୍ଲାର ବିଭିନ୍ନ ବ୍ଲକ ଓ ପଞ୍ଚାୟତ କୁ ୨୦୧୫ ରୁ ରେସନ ସାମଗ୍ରୀ ଯୋଗାଇ ଦେଇଥିବା ପରିବହନ କାରୀଙ୍କ ତଥ୍ୟ ମାଗିଥିଲେ। ଏଥିରେ ସେମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ କୌଣସି ଅଭିଯୋଗ ଆସିଛି କି ଓ ଯଦି ଅନିୟମିତତା ହୋଇଥାଏ ସେମାନଙ୍କ ଵିରୋଧରେ କୌଣସି କାର୍ଯ୍ୟାନୁଷ୍ଠାନ ହୋଇଛି କି ଓ ସେମାନଙ୍କ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ବିବରଣୀ ସହ ଏଲ -୨ ଠିକାଦାରଙ୍କ ତାଲିକା ଓ ସେମାନେ କେବେ ଠାରୁ କାର୍ଯ୍ୟ କରୁଛନ୍ତି ଏବଂ ଚୁକ୍ତିନାମା କେତେଯାଏ ଅଛି ଏନେଇ ଅଣତାରକା ପ୍ରଶ୍ନରେ ବିଧାନସଭା ରେ ତଥ୍ୟ ମାଗିଥିଲେ। ଏହି ପ୍ରଶ୍ନ ର ଉତ୍ତରରେ ଖାଦ୍ୟ ଯୋଗାଣ ମନ୍ତ୍ରୀ କୃଷ୍ଣଚନ୍ଦ୍ର ମହାପାତ୍ର ଲିଖିତ ଉତ୍ତରରେ କହିଥିଲେ ଯେ କୌଣସି ଏଲ-୨ଠିକାଦାର ଙ୍କ ବିରୋଧରେ କୌଣସି ତଥ୍ୟ ଭିତ୍ତିକ ଅଭିଯୋଗ ଆସିନଥିବା ବେଳେ ଜିଲ୍ଲାର ମୋଟ ୧୭ ଜଣ ଠିକାଦାର ଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ୧୪ ଜଣ ଠିକାଦାର ଙ୍କ ୨୦୨୭ ମାର୍ଚ୍ଚ ୩୧ ଯାଏ ଚୁକ୍ତିନାମା ଅଛି। ଅନ୍ୟ ୩ ଜଣ ଠିକାଦାର ଙ୍କ ଚୁକ୍ତି ୨୦୨୫ ଏପ୍ରିଲ ପ୍ରାରମ୍ଭରୁ ଡିସେମ୍ବର ୨୦୨୫ ଯାଏ ବୃଦ୍ଧି ହୋଇଥିବା ଦର୍ଶାଇଛନ୍ତି।

ସାମ୍ବାଦିକ ବିଜୟ ରତ୍ନ ପତି ଙ୍କ ରିପୋର୍ଟ/ମୋବାଇଲ: ୯୪୩୯୨୧୧୧୭୮

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डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह की गाड़ी का पीछा करते हुए एक संदिग्ध फॉर्च्यूनर वाहन द्वारा जानबूझकर दुर्घटना कराने के प्रयास का मामला सामने आया है। इस संबंध में पूर्व विधायक के ड्राइवर हनुमंत जायसवाल ने थाना डुमरियागंज में तहरीर देकर कठोर विधिक कार्रवाई की मांग की है।जानकारी के अनुसार, बीती मंगलवार की रात लगभग 8:20 बजे पूर्व विधायक लखनऊ से डुमरियागंज लौट रहे थे। सोनहटी चौराहा पार करने के बाद एक फॉर्च्यूनर (एमएच02 एफके 1100) ने बेहद खतरनाक तरीके से उनकी गाड़ी यूपी 53 डीएन 5666 का पीछा करना शुरू किया। आरोप है कि सोनहटी और बंजरहा के बीच उक्त वाहन ने दो बार तेज गति से ओवरटेक कर गाड़ी को जानबूझकर दबाने और सड़क दुर्घटना कराने का प्रयास किया।ड्राइवर के अनुसार, फॉर्च्यूनर की हरकतें एक सुनियोजित साजिश और जानलेवा वारदात की ओर इशारा करती हैं। लगातार दबाव के कारण पूर्व विधायक की गाड़ी खाई में गिरते–गिरते बची। वाहन रोकने और सुरक्षा कर्मियों के बाहर निकलने पर संदिग्ध वाहन बैदौला की ओर फरार हो गया। पीछा करने के बावजूद गाड़ी अंधेरे का फायदा उठाकर निकल गई।घटना के समय गाड़ी में पूर्व विधायक, सारथी और सुरक्षा कर्मियों की जान को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ। पीड़ित पक्ष ने पुलिस से संदिग्ध वाहन एवं उसमें सवार लगभग चार व्यक्तियों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक श्रीप्रकाश यादव ने बताया कि पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

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राँची, 04 दिसंबर 2025

झारखंड उच्च न्यायालय ने कल यानी 03 दिसंबर 2025 को सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ अधिकारी तथा सहारा क्रेडिट सहकारी समिति लिमिटेड के निदेशक नीरज कुमार पाल की रिट याचिका पर सुनवाई की। यह याचिका धनबाद निवासी नागेंद्र कुमार कुशवाहा तथा अन्य द्वारा दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) से जुड़ी है, जिसमें सहारा इंडिया पर निवेशकों को धोखा देकर करीब 400 करोड़ रुपये का कथित घोटाला करने का आरोप लगाया गया है।

याचिका में नीरज कुमार पाल ने अपने विरुद्ध चल रहे आपराधिक मुकदमों को रद्द करने तथा अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की माँग की थी।

माननीय उच्च न्यायालय ने नीरज कुमार पाल को कोई राहत प्रदान करने से स्पष्ट इनकार कर दिया। न्यायालय ने विशेष रूप से उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया।

जानकारी के अनुसार, यह एफआईआर सीआईडी में दर्ज की गई है, जिसमें सहारा इंडिया के दिवंगत अध्यक्ष सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय, उनके पुत्र सुसांतो रॉय व सिमांतो रॉय सहित नौ अन्य के नाम शामिल हैं। नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने शिकायत में आरोप लगाया है कि झारखंड के करीब 30 हजार करोड रुपये की सहारा समूह द्वारा धोकाधड़ी की गयी है जिससे 400 करोड़ रुपये के मामले में नीरज कुमार पाल भी आरोपी है जिसकी जमानत अर्जी पहले ही राँची की माननीय सीआईडी अदालत तथा माननीय उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी है। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल कर मुकदमा रद्द करने तथा गिरफ्तारी पर रोक की प्रार्थना की थी।

कल की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने समिति के अधिवक्ता की दलीलें सुनीं तथा याचिका की प्रति समिति को उपलब्ध कराने का आदेश दिया। साथ ही समिति को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।

न्यायालय के इस निर्णय से नीरज कुमार पाल की कानूनी परेशानियाँ और गंभीर हो गई हैं तथा उनकी गिरफ्तारी अब किसी भी समय हो सकती है।
यह मामला सहारा इंडिया परिवार के निवेशकों से जुड़े हजारों करोड़ रुपये के कथित घोटाले से संबंधित है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय तथा पुलिस की जाँच निरंतर जारी है।
समाचार लेखन:नौशाद अली
सहारा समूह मामलों के जानकार

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ପାଟଣା ରେ ଆନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ଦିବ୍ୟାଙ୍ଗ ଦିବସ ପାଳିତ।
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ପାଟଣା:୪/୧୨, ପାଟଣା ମୁଖ୍ୟାଳୟ ସ୍ଥିତ ସରକାରୀ ଉଚ୍ଚ ପ୍ରାଥମିକ ବିଦ୍ୟାଳୟ ଠାରେ ଆଜି ବ୍ଲକ ଶିକ୍ଷାଅଧିକରୀଙ୍କ ସହଯୋଗ ରେ ଆନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ବିଶ୍ଵ ଦିବ୍ୟାଙ୍ଗ ଦିବସ ପାଳିତ ହୋଇଯାଇଛି। ଏହି ଅବସରରେ ବୁଧବାର ପୂର୍ବାହ୍ନ ୧୦.୩୦ ମିନିଟ ସମୟରେ ଶତାଧିକ ଦିବ୍ୟାଙ୍ଗ ଛାତ୍ରଛତ୍ରୀମାନଙ୍କୁ ନେଇ ଏକ ପଦଯାତ୍ରା ବ୍ଲକ ସହାୟକ ଶିକ୍ଷକ ରଜନୀ ନାଏକ ଓ ମୀନକେତନ ପାତ୍ରଙ୍କ ତତ୍ତ୍ଵାବଧାନରେ ବଜାର ପରିକ୍ରମା କରିଥିଲା। ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରରେ ବ୍ଲକ ଅତିରିକ୍ତ ଶିକ୍ଷା ଅଧିକାରୀ ସଚ୍ଚିଦାନନ୍ଦ ସେଠୀ, ସରକାରୀ ଉଚ୍ଚ ପ୍ରାଥମିକ ବିଦ୍ୟାଳୟ ର ପ୍ରଧାନଶିକ୍ଷକ କମଳାକାନ୍ତ ପତି, କ୍ଲୁଷ୍ଟର ସଂଯୋଜକ ଜ୍ୟୋତିର୍ମୟ ତ୍ରୀପାଠୀ, କୁନାଲ ପଣ୍ଡା, ରଞ୍ଜନ ସେଠୀ, ଲିପ୍ଟନ ସାହୁ ଓ ବ୍ଲକର ସମସ୍ତ ସ୍ବେଚ୍ଛାସେବୀ ମାନେ ଯୋଗ ଦେଇଥିଲେ। ଏଠାରେ ଦିବ୍ୟାଙ୍ଗ ଛାତ୍ର ଛାତ୍ରୀ ମାନଙ୍କୁ ନେଇ ନୃତ୍ୟ, ସଙ୍ଗୀତ, ମୂଜିକ ଚେୟାର ଇତ୍ୟାଦି ପ୍ରତିଯୋଗିତା ମାନ ଅନୁଷ୍ଠିତ ହୋଇଥିଲା। ପ୍ରତିଯୋଗୀତାରେ କୃତିତ୍ୱ ଅର୍ଜନ କରିଥିବା ଛାତ୍ରଛତ୍ରୀ ମାନଙ୍କୁ ମାନପତ୍ର ସହିତ ପୁରସ୍କାର ପ୍ରଦାନ କରାଯାଇଥିଲା। ପୁରସ୍କାର ବିତରଣ ଉତ୍ସବରେ ମୁଖ୍ୟ ଅତିଥି ଭାବେ ପାଟଣା ଗୋଷ୍ଠୀ ଶିକ୍ଷାଧିକାରୀ ପୂର୍ଣ୍ଣଚନ୍ଦ୍ର ଅମାତ, ସମ୍ମାନୀତ ଅତିଥି ଭାବରେ କମଳାକାନ୍ତ ପତି, ଜ୍ୟୋତିର୍ମୟ ତ୍ରୀପାଠୀ ପ୍ରମୁଖ ଯୋଗ ଦେଇଥିଲେ। କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମକୁ କୁନାଲ ପଣ୍ଡା ସଂଯୋଜନା କରିଥିଲେ।ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ କୁ ବିଦ୍ୟାଳୟ ର ଅନ୍ୟ ସମସ୍ତ ଶିକ୍ଷକ ଶିକ୍ଷୟିତ୍ରୀ ପରିଚାଳନା କରିବାରେ ସହଯୋଗ କରିଥିଲେ।

ସାମ୍ବାଦିକ ବିଜୟ ରତ୍ନ ପତି ଙ୍କ ରିପୋର୍ଟ/ମୋବାଇଲ: ୯୪୩୯୨୧୧୧୭୮

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🔸 **नागभीडचा अभिमान! ट्विंकल इंग्लिश स्कूलच्या विद्यार्थिनींचे खेलो इंडिया स्पर्धेत सुवर्ण यश**

*नागपूर येथील क्रीडा संकुलात* नुकत्याच 23 नोव्हेंबर, रविवारी आयोजित करण्यात आलेल्या **खेलो इंडिया किक बॉक्सिंग स्पर्धेत** श्रीमती रामप्यारीदेवी आसारामजी काबरा ट्विंकल इंग्लिश स्कूलच्या विद्यार्थिनींनी उल्लेखनीय कामगिरी करत **2 सुवर्ण व 1 रौप्य पदक** पटकावत नाव उज्ज्वल केले.

या स्पर्धेत 1000 ते 1200 विद्यार्थी सहभागी झाले होते. "खेलो इंडिया – खेल से ही पहचान" या भारत सरकारच्या उपक्रमांतर्गत ही राज्यस्तरीय स्पर्धा पार पडली.

ट्विंकल इंग्लिश स्कूलच्या विद्यार्थिनींची कामगिरी पुढीलप्रमाणे –

* **साक्षी गायकवाड** – पॉईंट कॉन्टॅक्ट, वजन गट 54 कि.ग्रा. – **सुवर्णपदक**
* **रेणुका चौके** – सेमी कॉन्टॅक्ट, वजन गट 45 कि.ग्रा. – **सुवर्णपदक**
* **श्रेया सरपाते** – **रजत पदक**

या तिन्ही विद्यार्थिनींची **भारतीय स्तरावरील साउथ झोन स्पर्धेसाठी निवड** झाल्याने शाळा आणि संस्थेचा गौरव अधिक वाढला आहे.

या उत्कृष्ट कामगिरीबद्दल *समिधा सेवा संस्थेचे अध्यक्ष* **गणेश तर्वेकर**, *सचिव* **अजय काबरा**, *प्राचार्य* **शुभांगी पोहेकर**, *मुख्याध्यापिका* **संगीता नारनवरे** यांनी विद्यार्थिनींचे मनःपूर्वक अभिनंदन केले आहे.

विद्यार्थिनींनी आपल्या विजयाचे श्रेय संस्थेचे अध्यक्ष गणेश तर्वेकर, सचिव अजय काबरा, प्राचार्य शुभांगी पोहेकर, मुख्याध्यापिका संगीता नारनवरे तसेच क्रीडा शिक्षक **गणेश लांजेवार, महेश जीभकाटे, रुपा ताडूरवार** यांच्या मार्गदर्शनाला दिले आहे.

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भारतीय शेयर बाजार में बुधवार, 3 दिसंबर का कारोबारी दिन ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों के लिए बहुत बुरा रहा था. दोनों ही प्रमुख इंडेक्सों पर कंपनी के शेयर लाल निशान पर ट्रेड करते हुए बंद हुए थे. बीएसई पर कंपनी के शेयर 5 प्रतिशत तक टूट गए थे.

कंपनी के शेयर अपने 52 सप्ताह के हाई लेवल से करीब 60 फीसदी तक लुढ़क गए थे. साथ ही कंपनी के मार्केट कैप पर इसका प्रभाव पड़ा है. कंपनी का मार्केट कैप 17,000 करोड़ रुपये के नीचे पहुंच गया है.....

शेयर बाजार में कंपनी का हाल

बुधवार के कारोबारी दिन ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी. बीएसई पर कंपनी शेयर 5 प्रतिशत या 2 रुपये की गिरावट के साथ 38.02 रुपये पर ट्रेड करते हुए दिन की समाप्ति की थी. कारोबारी दिन के दौरान कंपनी शेयर 40.40 रुपये के हाई लेवल पर पहुंचे थे.

वहीं दिन का लो लेवल 38.02 रुपये रहा था. कंपनी शेयर के 52 सप्ताह के हाई लेवल की बात करें तो, इसने 102.50 के आंकड़े को छुआ था. एनएसई पर कंपनी शेयरों का हाल खराब था. कंपनी शेयर 5.02 फीसदी या 2.01 रुपये की गिरावट के साथ 38.03 रुपये पर कारोबार करते हुए दिन की समाप्ति की थी.

कंपनी शेयर 52 हफ्ते के हाई लेवल से 60 फीसदी से ज्यादा टूटे

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयर अपने 52 सप्ताह के हाई लेवल से 60 प्रतिशत से ज्यादा टूट चुके हैं. 4 दिसंबर, 2024 को कंपनी के शेयर 102.50 रुपये पर थे. वहीं, 3 दिसंबर 2025 को ये 38.02 रुपये पर बंद हुए थे. आंकड़ों की बात करें तो, पिछले एक महीने में कंपनी शेयर करीब 25 फीसदी तक टूट चुके हैं. पिछले 6 महीने में इनमें लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट है.
www.merabharatsamachar.com

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ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ-ਪਠਾਨਕੋਟ ਸੜਕ 'ਤੇ ਇੱਕ ਵੱਡਾ ਹਾਦਸਾ ਵਾਪਰਿਆ। ਕੱਥੂਨੰਗਲ ਨੇੜੇ ਹਫੜਾ-ਦਫੜੀ ਮਚ ਗਈ ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਯਾਤਰੀ ਬੱਸ ਅਤੇ ਬੱਜਰੀ ਨਾਲ ਭਰੇ ਟਰੱਕ ਦੀ ਆਹਮੋ-ਸਾਹਮਣੇ ਟੱਕਰ ਹੋ ਗਈ। ਲਗਭਗ 35 ਤੋਂ 40 ਯਾਤਰੀ ਗੰਭੀਰ ਜ਼ਖਮੀ ਹੋ ਗਏ। ਪੁਲਿਸ ਫਿਲਹਾਲ ਮੌਤਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਬਾਰੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਅੰਕੜਾ ਦੇਣ ਵਿੱਚ ਅਸਮਰੱਥ ਹੈ।
ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ-ਪਠਾਨਕੋਟ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਰਾਜਮਾਰਗ 'ਤੇ ਕੱਥੂਨੰਗਲ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਦਰਦਨਾਕ ਹਾਦਸਾ ਵਾਪਰਿਆ। ਯਾਤਰੀਆਂ ਨਾਲ ਭਰੀ ਇੱਕ ਬੱਸ ਅਤੇ ਬੱਜਰੀ ਨਾਲ ਭਰੇ ਇੱਕ ਟਰੱਕ ਦੀ ਆਹਮੋ-ਸਾਹਮਣੇ ਟੱਕਰ ਹੋ ਗਈ। ਇਸ ਭਿਆਨਕ ਟੱਕਰ ਵਿੱਚ 35 ਤੋਂ 40 ਲੋਕ ਗੰਭੀਰ ਜ਼ਖਮੀ ਹੋ ਗਏ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਪੁਲਿਸ ਨੇ ਅਜੇ ਤੱਕ ਮ੍ਰਿਤਕਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਬਾਰੇ ਅਧਿਕਾਰਤ ਜਾਣਕਾਰੀ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤੀ ਹੈ। ਹਾਦਸੇ ਤੋਂ ਬਾਅਦ, ਸੜਕ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਚੀਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਣ-ਪਿੱਟਣ ਨਾਲ ਭਰੀ ਰਹੀ।
ਰਿਪੋਰਟਾਂ ਅਨੁਸਾਰ, ਬਟਾਲਾ ਤੋਂ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਜਾ ਰਹੀ ਇੱਕ ਨਿੱਜੀ ਬੱਸ ਵੱਡੀ ਗਿਣਤੀ ਵਿੱਚ ਯਾਤਰੀਆਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਜਾ ਰਹੀ ਸੀ। ਜਿਵੇਂ ਹੀ ਬੱਸ ਗੋਪਾਲਪੁਰਾ ਪਿੰਡ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪਹੁੰਚੀ, ਉਸ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਇੱਕ ਟਰੱਕ ਨੇ ਅਚਾਨਕ ਬਿਨਾਂ ਸੰਕੇਤ ਦਿੱਤੇ ਯੂ-ਟਰਨ ਲੈ ਲਿਆ। ਤੇਜ਼ ਰਫ਼ਤਾਰ ਬੱਸ ਅਚਾਨਕ ਮੋੜ ਤੋਂ ਬਚਣ ਵਿੱਚ ਅਸਮਰੱਥ ਰਹੀ ਅਤੇ ਸਿੱਧੀ ਟਰੱਕ ਨਾਲ ਟਕਰਾ ਗਈ। ਟੱਕਰ ਇੰਨੀ ਜ਼ਬਰਦਸਤ ਸੀ ਕਿ ਬੱਸ ਦਾ ਅਗਲਾ ਹਿੱਸਾ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨੁਕਸਾਨਿਆ ਗਿਆ।

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Pingla Barta এক মর্মান্তির দুর্ঘটনায় মারা গেলেন দুজন 3 ডিসেম্বর মঙ্গলবার রাত্রি নাগাদ ধান জমিতে কাজ সেরে ট্রাক্টর করে বাড়ি আসছিলেন দুজন, হপন বেসরা আরেকজন সুখ চাঁদ বেসরা, কিছুটা দূরে আসার পর আচমকাই নিয়ন্ত্রণ হারিয়ে ট্রাক্টর উল্টে যায় ট্রাক্টরের নিচে চাপা পড়ে দুজনের মৃত্যু হয়, খবর পেয়ে স্থানীয় কিছু লোকজন এসে ওদের তোলার চেষ্টা করে, এই ঘটনার খবর পেয়ে গোয়ালতোড় থানার পুলিশ এসে ওদের উদ্ধার করে মৃতদেহ ময়নাতদন্তে পাঠিয়েছেন। এই গোটা ঘটনাটি ঘটেছে পশ্চিম মেদিনীপুর জেলার গোয়ালতোড় খড় কাটা গ্রামে, মৃত দুই ব্যক্তির বাড়ি ওই একই গ্রামে, এই ঘটনার জেরে গোটা এলাকায় শোকের ছায়া নেমে এসেছে,

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ପୂର୍ବଛାତ୍ର ପରିଷଦ ବୈଠକ ଅନୁଷ୍ଠିତ: ସହଯୋଗ କୁପନ ଉନ୍ମୋଚିତ।
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ସ୍ଥାନୀୟ ସରସ୍ୱତୀ ଶିଶୁ ବିଦ୍ୟାମନ୍ଦିର କେନ୍ଦୁଝରଗଡ ପରିସରରେ ପୁର୍ବ ଛାତ୍ର ପରିଷଦର ଜିଲ୍ଲା ବୈଠକ ଅନୁଷ୍ଠିତ ହୋଇଯାଇଛି। ବିଦ୍ୟା ମନ୍ଦିର ପ୍ରଧାନଆଚାର୍ଯ୍ୟ ତଥା ପୂର୍ବ ଛାତ୍ର ପରିଷଦ ପୁର୍ବ ପ୍ରାନ୍ତ ସହ ସଂଯୋଜକ ଅଲେଖ ଚନ୍ଦ୍ର ମହାନ୍ତଙ୍କ ଅଧ୍ୟକ୍ଷତାରେ ଅନୁଷ୍ଠିତ ବୈଠକରେ ମୁଖ୍ୟ ଅତିଥି ଭାବେ ରାଜ୍ୟ ପୁର୍ବ ଛାତ୍ର ପରିଷଦ ରାଜ୍ୟ ସଂଯୋଜକ ବଜରଙ୍ଗ ପ୍ରସାଦ ସ୍ୱାଇଁ ଯୋଗ ଦେଇ ଜିଲ୍ଲାରେ ପୁର୍ବ ଛାତ୍ର ପରିଷଦ କାର୍ଯ୍ୟର ସମୀକ୍ଷା କରିଥିଲେ। ଆଗାମୀ ଦିନରେ କେନ୍ଦୁଝର ଜିଲ୍ଲାରେ ପୁର୍ବ ଛାତ୍ର ପରିଷଦ ଦ୍ଵାରା ସେବା କାର୍ଯ୍ୟ, ସଦସ୍ୟତା ଅଭିଯାନ,କର୍ମଶାଳା ଅନୁଷ୍ଠିତ ହେବ ସେନେଇ ବିଶଦ ଆଲୋଚନା ହୋଇଥିଲା। ଆଗାମୀ ଜାନୁୟାରୀ ମାସ ୧୦ ରୁ ୧୩ ତାରିଖ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୁରୀ ଠାରେ ଅଖିଳ ଭାରତୀୟ ପୁର୍ବ ଛାତ୍ର ପରିଷଦ କାର୍ଯ୍ୟକାରିଣୀ ବୈଠକ ଅନୁଷ୍ଠିତ ହେବ। ଏଥିପାଇଁ ବ୍ୟାପକ ପ୍ରସ୍ତୁତି ଶେଷ ହୋଇଥିବା ବେଳେ ଆଜି ବୈଠକରେ ସହଯୋଗ କୁପନ୍ ଉନ୍ମୋଚିତ ହୋଇଛି। ଜିଲ୍ଲା ପୂର୍ଵ ଛାତ୍ର ପରିଷଦ ଜିଲ୍ଲା ସଂଯୋଜକ ଅବିନାଶ ଦାସ ବୈଠକ ସଂଯୋଜନା କରିଥିବା ବେଳେ ଶିକ୍ଷା ବିକାଶ ସମିତି ମୟୂରଭଞ୍ଜ ସମ୍ଭାଗ ସଂଯୋଜକ କ୍ଷେତ୍ର ମୋହନ ଦାସ,ରାଜ୍ୟ ପୁର୍ବଛାତ୍ର ପରିଷଦ ରାଜ୍ୟ ଟୋଲି ସଦସ୍ୟ ତଥା ସମ୍ଭାଗ ସହ ସଂଯୋଜକ ସନ୍ତୋଷ ମହାପାତ୍ର, ପୁର୍ବଛାତ୍ର ସମ୍ଭାଗ ସଂଯୋଜକ ଦୟାନିଧି ମହାନ୍ତ,ପୁର୍ବଛାତ୍ର ପରିଷଦ ଜିଲ୍ଲା ବ୍ୟବସ୍ଥା ପ୍ରମୁଖ ପ୍ରିୟବ୍ରତ ଜେନା, କେନ୍ଦୁଝର ଗଡ ଶିଶୁ ବିଦ୍ୟାମନ୍ଦିର ପୂର୍ଵ ଛାତ୍ର ପରିଷଦ ସଂଯୋଜକ ବିଜୟ ମିଶ୍ରଙ୍କ ସହ ବହୁ ପୂର୍ଵ ଛାତ୍ର ପରିଷଦ ସଦସ୍ୟ ବୈଠକରେ ଯୋଗଦେଇଥିଲେ।

ସାମ୍ବାଦିକ ସତ୍ୟଜିତ ମିଶ୍ରଙ୍କ ରିପୋର୍ଟ, ମୋବାଇଲ: 9437627342

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ଉତ୍କଳ ବ୍ରାହ୍ମଣ ପୂଜକ ସଂଘ ପକ୍ଷରୁ ପଞ୍ଚମ ବାର୍ଷିକ ବିଶ୍ଵ ଶାନ୍ତି ଗୀତା ଯଜ୍ଞ ପାଳନ।
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ଅଦ୍ୟ ତା 3/12/2025 ରିଖ ବୁଧବାର ପବିତ୍ର ଗୀତା ଜୟନ୍ତି ଅବସରରେ ଉତ୍କଳ ବ୍ରାହ୍ମଣ ପୂଜକ ସଂଘ ପକ୍ଷରୁ ମାଧବ ପୁର କାଳୀ ମନ୍ଦିର ପରିସର ମଧ୍ୟରେ ବିଶ୍ଵ ଶାନ୍ତି ଗୀତା ଯଜ୍ଞ ଅନୁଷ୍ଠିତ ହେଇ ଯାଇଛି। ସକାଳେ କଳସ ଶୋଭା ଯାତ୍ରା ଆରମ୍ଭ ହୋଇମଣ୍ଡଳ ପୂଜା ସମ୍ପନ୍ନ ହୋଇଛି ଏବଂ ଭାଗବତ ଗୀତା ର ସମସ୍ତ ଶ୍ଲୋକ ପାଠ କରାଯାଇ ଆଜ୍ୟ, ସକଲ୍ୟ, ସମିଧ ଦ୍ଵାରା ହବନ କରାଯାଇଥିଲା। ସନ୍ଧ୍ୟା ସମୟରେ ଭଜନ ପରିବେଷଣ କରାଯାଇଥିଲା। ପ୍ରାୟ 500ରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ବ ଭକ୍ତ ମାନେ ଅଂଶ ଗ୍ରହଣ କରି ପ୍ରସାଦ ସେବନ କରୁଥିଲେ। ସମାଜ କଲ୍ୟାଣ ପାଇଁ ପତ୍ରିକା, ଲିଫ୍ ଲେଟ ଓ ଗୀତା ପୁସ୍ତକ ବଣ୍ଟନ କରାଯାଇଥିଲା। ପଣ୍ତିତ ଅର୍ଜୁନ ପଣ୍ଡା, ପଣ୍ତିତ ମଧୁସୁଦନ ମିଶ୍ର, ପଣ୍ତିତ ଜଟେଶ୍ୱର ମିଶ୍ର, ସୂବା ହୁ କୁମାର ଦାଶ, ଶଷଧର ମିଶ୍ର, ଅଜୟ କୁମାର ପାଣିଗ୍ରାହୀ ଦେବାଶିଷ ପତି, ପଣ୍ତିତ ବିଭୂତି ଭୂଷଣ ମିଶ୍ର ଯଜ୍ଞ ମଣ୍ଡପ କାର୍ଯ୍ୟ ସମ୍ପନ୍ନ କରିଥଲେ। ଦେବାଶିଷ ପଣ୍ଡା ଓ ଦୀପିକା ପଣ୍ଡା କର୍ତ୍ତା ଓ କର୍ତ୍ତ୍ରୀ ଭାବେ କାର୍ଯ୍ୟ ତୁଲାଇ ଥିଲେ। ଅନୁଷ୍ଠାନ ର ସଭାପତି ବ୍ରଜ କିଶୋର ମହାପାତ୍ର ଓ ସଂପାଦକ ଶ୍ରୀକାନ୍ତ କୁମାର ପଣ୍ଡା ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ ପରିଚାଳନା କରିଥିଲେ। କୋଷାଧ୍ୟକ୍ଷ ସୁଶାନ୍ତ ପଣ୍ଡା, ମାନସ ହୋତା, ନିରଞ୍ଜନ ଷଡ଼ଙ୍ଗୀ, କୁଞ୍ଜ ବିହାରି ମହାପାତ୍ର ଓ ତପନ କୁମାର ଆଚାର୍ଯ୍ୟ ସହଯୋଗ କରୁଥିଲେ। ବିଶ୍ଵ କଲ୍ୟାଣ ନିମିତ୍ତ ପ୍ରାର୍ଥନା କରିଥଲେ। ବଡ ଦେଉଳର ବଡ଼ପଣ୍ଡା ଉପସ୍ଥିତ ରହି ପ୍ରେରଣା ପ୍ରଦାନ କରିଛନ୍ତି ଓ ସତ୍ୟ ନାରାୟଣ ମିଶ୍ର ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଧନ୍ୟବାଦ ଅର୍ପଣ କରିଥିଲେ।

ସାମ୍ବାଦିକ ସତ୍ୟଜିତ ମିଶ୍ରଙ୍କ ରିପୋର୍ଟ, ମୋବାଇଲ: 9437627342

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నంద్యాల (AIMA MEDIA): ప్రతిరోజు గంజాయి రవాణా జరుగుతుంది. ప్రతిరోజు ఎక్కడో ఒకచోట గంజాయిని పట్టుకున్నాం అనే వార్తలు రోజు చూస్తూనే చదువుతూనే ఉన్నాం. ఎప్పుడూ లేనివిధంగా విశ్వవిద్యాలయాలు, మొదలుకొని పాఠశాలల వరకు మారుమూల గ్రామాలు మొదలుకొని రాష్ట్ర రాజధాని ప్రాంతాలైన విజయవాడ గుంటూరులలో సైతం గంజాయి బహిరంగంగా విచ్చలవిడిగా దొరుకుతున్నది అనేది బహిరంగ రహస్యం. గంజాయిని సేవిస్తున్న వారు,దాన్ని విక్రయిస్తున్న వారు, గంజాయి విక్రయదారులకు భుజం కాస్తున్న రాజకీయ పార్టీల నేతలు సాగిస్తున్న హత్యలు సమాజాన్ని కలవర పరుస్తున్నాయి.యువతను నిర్వీర్యం చేస్తున్న మద్యం, డ్రగ్స్ మత్తు పదార్థాలు గంజాయి తదితర వాటిపై ఏఐవైఎఫ్ ఎన్నో పోరాటాలను, చైతన్య కార్యక్రమాలను నిర్వహిస్తుందని ఎఐవైఎఫ్ జిల్లా కార్యదర్శి నాగరాముడు పేర్కొన్నారు. ఆయన మాట్లాడుతూ గంజాయి విక్రయాలపై పోలీసులు నిఘా పెట్టాలని, గంజాయి రహిత రాష్ట్రంగా రాష్ట్రాన్ని తీర్చిదిద్దుతామని ఉపన్యాసాలిచ్చిన ప్రభుత్వ పెద్దలు, అధికార పార్టీ నాయకులు నేడు రాష్ట్రంలో వరుస ఘటనలు జరుగుతున్నా ఏమైపోయారని ఆయన నిలదీశారు. రాష్ట్ర రాజధాని ప్రాంతాలైన విజయవాడ, గుంటూరులలో గంజాయి బహిరంగంగా విచ్చలవిడిగా దొరుకుతుందని, నెల్లూరులో పెంచలయ్య అనే యువకుడ్ని పట్టపగలే స్కూటర్తో ఢీకొట్టి, కత్తులతో పొడిచి చంపిన ఘటన చూస్తే గంజాయి మాఫియా ఎంత బరి తెగించిందో అర్థమవుతుందని అన్నారు. హైస్కూల్ స్థాయి పిల్లల నుండి ఇంజనీరింగ్, పీజీ యూనివర్సిటీ స్థాయి యువత వరకు గంజాయి చేరుతుందంటే ఈ మాఫియాకున్న నెట్వర్కు ఎంతవరకు విస్తరించిందో అర్థం చేసుకోవచ్చని, ఈగల్ లాంటి ప్రత్యేక బలగాలు గంజాయిని నియంత్రించాలని పేర్కొన్నారు.

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ଡି.ଡି. ୟୁନିଭରସିଟିର ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କୁ ନେଇ ଯୋଡ଼ା ମହିଳା କଲେଜ ରେ ତାଲା ପକାଇଲେ ଛାତ୍ରୀ।

**ଯୋଡ଼ା ମହିଳା ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ ଛାତ୍ରୀଙ୍କ ଖାତା ଦେଖାରେ ତ୍ରୁଟି ପାଇଁ ଡି.ଡି.ୟୁନିଭରସିଟି କୁ ଦାୟୀ କରି କଲେଜ ରେ ପକେଇଲେ ତାଲା।**

ଯୋଡ଼ା:କେନ୍ଦୁଝର ଜିଲ୍ଲା ଯୋଡ଼ା ମହିଳା ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ ଶତାଧିକ ଛାତ୍ରୀ ଡି.ଡି.ୟୁନିଭରସିଟି ରେ ଭୁଲ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରି ୭୦ଭାଗ ଛୁଆ ଙ୍କୁ ଫେଲ କରିଥିବା ଅଭିଯୋଗ ଆଣି ଏବଂ ନୂତନ ଶିକ୍ଷା ନୀତି କୁ ଦାୟୀ କରି ବୁଧବାର କଲେଜ ରେ ତାଲା ପକେଇ ବିରୋଧ ପ୍ରଦର୍ଶନ କରିଥିଲେ।ଯାହା ଫଳରେ ସମସ୍ତ ଛାତ୍ର ଛାତ୍ରୀ ସମେତ ଅଧ୍ୟାପକ ,ଅଧ୍ୟାପିକା ମାନେ କେହି କଲେଜ ପରିଶର କୁ ପ୍ରବେଶ କରିପାରିନଥିଲେ।ସୂଚନାଯୋଗ୍ୟ ଯେ ଯୁକ୍ତ-୩(+୩) ପ୍ରଥମ ବର୍ଷର ମୋଟ ୧୫୧ ଜଣ ପ୍ରଥମ ସେମିଷ୍ଟର ଗତ ବର୍ଷ ଦେଇଥିଲେ।ଯାହାର ଫୋଳା ଫଳ ପ୍ରକାଶ ପାଇବା ପରେ ମୋଟ ୧୨୦ ରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ବ ଛାତ୍ରୀ ଙ୍କ ବେକ ଲାଗିଛି ଯାହା ସମସ୍ତ ପରୀକ୍ଷାର୍ଥୀ ସମେତ କଲେଜ ଆଭିଭାବକ ଙ୍କୁ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ କରିଛି।ତେବେ ଏ ସମ୍ପର୍କରେ +୩ ଛାତ୍ରୀ ମାନେ କଲେଜ ଅଧ୍ୟକ୍ଷ ଙ୍କୁ ଲିଖିତ ଭାବେ ଦୃଷ୍ଟି ଆକର୍ଷଣ କରିବା ସହ ପୁନଶ୍ଚ ଖାତା ଦେଖାଯାଉ ବୋଲି ଅନୁରୋଧ କରିଥିଲେ ।ତେବେ କଲେଜ ଅଧ୍ୟକ୍ଷ ବିଜୟ କୁମାର ନାଏକ କହିଥିଲେ ଯେ ଖାତା ସବୁ ୟୁନିଭରସିଟି ରେ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରାଯାଇଛି ଯାହାର ସମାଧାନ କେବଳ ପରିକ୍ଷାତ୍ରି ମାନେ ରିଚେକିଂ ଫୋର୍ମ ମାଧ୍ୟମରେ ରେ ଆବେଦନ କଲେ ହିଁ ସଠିକ ଜଣାପଡିବ ବୋଲି ପରାମର୍ଶ ଦେଇଥିଲେ।କିନ୍ତୁ ଏହିସବୁ ପ୍ରକ୍ରିୟା ରେ ବିଷୟ ପ୍ରତି ୧୫୦/-ଟଙ୍କା ଏବଂ ସବୁ ବିଷୟ କୁ ଚେକିଂ କରିବାପାଇଁ ମୋଟ ୯୦୦/- ଟଙ୍କା ରହିଛି ଯାହା ପିଲା ମାନେ ଦେବାପାଇଁ ଅସମର୍ଥ ବୋଲି କହିଥିଲେ।ଏହି ସମସ୍ୟା ସମ୍ବନ୍ଧରେ ଛାତ୍ରୀମାନେ କିଛି ଦିନ ପୂର୍ବେ ଚମ୍ପୁଆ ଉପଜିଲ୍ଲାପାଳ ଉମାକାନ୍ତ ପରିଡା ଙ୍କୁ ଲିଖିତ ଭାବେ ଜଣେଇବା ଶହ ଏହାର ତୁରନ୍ତ ସମାଧାନ ପାଇଁ ନିବେଦନ କରିଥିଲେ।ତେବେ ପିଲାଙ୍କ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ ପ୍ରକ୍ରିୟା ରେ କଲେଜ ଏବଂ ଧରଣୀ ଧର ୟୁନିଭରସିଟି ତରଫରୁ କୌଣସି ସମାଧାନ ନ ବାହାରିବାରୁ ବାଧ୍ୟ ହୋଇ ଛାତ୍ରୀ ମାନେ କଲେଜ ସମ୍ମୁଖରେ ବିକ୍ଷୋଭ ପ୍ରଦର୍ଶନ କରିଛନ୍ତି ବୋଲି ଅଭିଯୋଗ ଆଣିଛନ୍ତି।ଖବର ପାଇ ଘଟଣା ସ୍ଥଳରେ ପୋଲିସ ପ୍ରଶାସନ ପହଁଚି ପିଲା ଙ୍କୁ ବୁଝା ସୁଝା କରିବା ସହ ଏ ଦିଗରେ ତୁରନ୍ତ ଆବଶ୍ୟକ ପଦକ୍ଷେପ ନିଆଯିବା ସହ ଉଚିତ ନ୍ୟାୟ ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ ବୋଲି ଫୋନ ମାଧ୍ୟମରେ ଉପଜିଲ୍ଲାପାଳ ଉମାକାନ୍ତ ପରିଡା ପ୍ରତିଶ୍ରୁତି ଦେଲା ପରେ ଛାତ୍ରୀ ମାନେ ଗେଟ ଖୋଲିବା ସହ କଲେଜ ପରିଶର କୁ ପ୍ରବେଶ କରିଥିଲେ। ଏ ସମ୍ପର୍କରେ କଲେଜ ଅଧ୍ୟକ୍ଷ ବିଜୟ କୁମାର ନାଏକ କହିଛନ୍ତି ଯେ ପିଲାଙ୍କ ଭବିଷ୍ୟତ କୁ ଦୃଷ୍ଟି ରେ ରଖି ତୁରନ୍ତ ପିଲାଙ୍କ ଅଭିଭାବକ ସହ ଏକ ବୈଠକ କରାଯିବ ଏବଂ ଯେଉଁ ମେଧାବୀ ପିଲାଙ୍କ ରେଜଲ୍ଟ ଖରାପ ହୋଇଛି ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ୬,୭ ଜଣ ପିଲା ଙ୍କୁ ଚୟନ କରାଯାଇ ତାଙ୍କ ପରୀକ୍ଷା ପେପର ର ରିଚେକିଂ ପାଇଁ ଆଦେବନ କରାଯିବା ସହ ଫୋର୍ମ ବାବଦକୁ ହେବାକୁ ଥିବା ଖର୍ଚ୍ଚ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ କଲେଜ ବହନ କରିବ ବୋଲି କହିଛନ୍ତି।

କୃଷ୍ଣ ଚନ୍ଦ୍ର ପାତ୍ର (ଯୋଡା ଅଞ୍ଚଳ) ରୁ ରିପୋର୍ଟ, ମୋବାଇଲ: 91141 59237

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ତୃଣମୂଳସ୍ତରର ବିକାଶ ସୁନିଶ୍ଚିତ ​​କରିବା ପାଇଁ କେନ୍ଦୁଝରରେ ସ୍ଥାୟୀ ବିକାଶ ଲକ୍ଷ୍ୟ ତାଲିମ ଅନୁଷ୍ଠିତ।
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କେନ୍ଦୁଝର, ଡିସେମ୍ବର ୩:

ନିତି ଆୟୋଗ ଦ୍ୱାରା ପ୍ରସ୍ତାବିତ ତୃଣମୂଳସ୍ତରର ସଂଯୁକ୍ତ ବିକାଶ ପଦକ୍ଷେପଗୁଡ଼ିକୁ କାର୍ଯ୍ୟକାରୀ କରିବାରେ ଜିଲ୍ଲାସ୍ତରୀୟ ଅଧିକାରୀ, ଆଗଧାଡ଼ିର କର୍ମୀ ଏବଂ ଅଂଶୀଦାରମାନଙ୍କ ବୁଝାମଣା ଏବଂ କ୍ଷମତା ବୃଦ୍ଧି କରିବା ଲକ୍ଷ୍ୟରେ ଆଜି କେନ୍ଦୁଝରରେ ସ୍ଥାୟୀ ବିକାଶ ଲକ୍ଷ୍ୟ (SDGs) ଉପରେ ଏକ ବ୍ୟାପକ ତାଲିମ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ଅନୁଷ୍ଠିତ ହୋଇଯାଇଛି।
ଏହି ତାଲିମ ଶିବିରରେ ମୁଖ୍ୟ ଅତିଥିଭାବେ କେନ୍ଦୁଝର ଜିଲ୍ଲା ପରିଷଦର ମୁଖ୍ୟ ଉନ୍ନୟନ ଅଧିକାରୀ ତଥା ନିର୍ବାହୀ ଅଧିକାରୀ କୁମାର ନାଗଭୂଷଣ ଯୋଗ ଦେଇ ବିଭିନ୍ନ ବିଭାଗର ଦାୟିତ୍ୱ ଉପରେ ଆଲୋକପାତ କରିଥିଲେ।
ଏହି ଅଧିବେଶନ ସ୍ଥାନୀୟ ଯୋଜନା, ତଦାରଖ ଏବଂ ସାର୍ବଜନୀନ ସେବା ପ୍ରଦାନରେ ସ୍ଥାୟୀ ବିକାଶ ଲକ୍ଷ୍ୟ ନୀତିଗୁଡ଼ିକୁ ସମନ୍ୱିତ କରିବା ଉପରେ ଧ୍ୟାନ କେନ୍ଦ୍ରିତ କରିଥିଲା। ଅଂଶଗ୍ରହଣକାରୀମାନଙ୍କୁ ଜିଲ୍ଲାସ୍ତରୀୟ ପ୍ରଗତି ସୂଚକାଙ୍କ ଲକ୍ଷ୍ୟ ହାସଲ ପାଇଁ ରଣନୀତି ଏବଂ ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟ, ଶିକ୍ଷା, ପୁଷ୍ଟିସାର, ଜୀବିକା, ପରିବେଶ ଏବଂ ସାମାଜିକ କଲ୍ୟାଣ ଭଳି ବିଭାଗଗୁଡ଼ିକରେ ସମନ୍ୱୟର ଗୁରୁତ୍ୱ ବିଷୟରେ ସୂଚନା ଦିଆଯାଇଥିଲା।

ବିଶେଷଜ୍ଞମାନେ କେନ୍ଦୁଝରର ବିକାଶ ପଥକୁ ତ୍ୱରାନ୍ୱିତ କରିବା ପାଇଁ ତଥ୍ୟ-ଚାଳିତ ଯୋଜନା, ସମ୍ପ୍ରଦାୟ ଅଂଶଗ୍ରହଣ ଏବଂ ସ୍ଥାୟୀ ସମ୍ବଳ ପରିଚାଳନାର ଆବଶ୍ୟକତା ଉପରେ ଆଲୋକପାତ କରିଥିଲେ। ସ୍ଥାୟୀ ବିକାଶ ଲକ୍ଷ୍ୟ ହାସଲ ନିମନ୍ତେ ଧାର୍ଯ୍ୟ ମାନଦଣ୍ଡ ସହିତ ଜାରି ରହିଥିବା ଯୋଜନାଗୁଡ଼ିକୁ ଅଧିକାରୀମାନଙ୍କୁ ବୁଝାଇବାରେ ସାହାଯ୍ୟ କରିବା ପାଇଁ ଗୋଷ୍ଠୀ ଆଲୋଚନା ଏବଂ ବ୍ୟବହାରିକ ଅଭ୍ୟାସ କରାଯାଇଥିଲା।

ତାଲିମରେ ଦାରିଦ୍ର୍ୟ ହ୍ରାସ, ଗୁଣାତ୍ମକ ଶିକ୍ଷା, ଲିଙ୍ଗଗତ ସମାନତା, ସ୍ୱଚ୍ଛ ଜଳ ଏବଂ ପରିମଳ, ଜଳବାୟୁ କାର୍ଯ୍ୟ ଏବଂ ଦୃଢ଼ ପ୍ରତିଷ୍ଠାନ ସମେତ ପ୍ରମୁଖ ଲକ୍ଷ୍ୟ ଉପରେ ଗୁରୁତ୍ୱ ଦିଆଯାଇଥିଲା। ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ବିଭାଗୀୟ ଭୂମିକା ଏବଂ ସମନ୍ୱିତ କାର୍ଯ୍ୟ ପାଇଁ ମାର୍ଗ ବିଷୟରେ ସେମାନଙ୍କର ସ୍ପଷ୍ଟତାକୁ ଉନ୍ନତ କରିଛି ବୋଲି ଅଂଶଗ୍ରହଣକାରୀମାନେ ମତ ପ୍ରକାଶ କରିଥିଲେ।
ଅନ୍ୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଜିଲ୍ଲା ପରିଷଦ କେନ୍ଦୁଝରର ଉପାଧ୍ୟକ୍ଷ ଶ୍ରୀ ସୋମନାଥ ଦାସ, ଜିଲ୍ଲା ଯୋଜନା ଓ ସଂଯୋଜନା ଉପନିର୍ଦେଶକ, ଗଜେନ୍ଦ୍ର କୁମାର ବେହେର, ସୂଚନା ଓ ଲୋକସମ୍ପର୍କ ଅଧିକାରୀ, ସାର୍ଥକ ରାୟ,ଜିଲ୍ଲାର ବି. ଡି.ଓ ଏବଂ ତହସିଲଦାର, ବିଭିନ୍ନ ଜିଲ୍ଲାସ୍ତରୀୟ ଅଧିକାରୀ ପ୍ରମୁଖ ଅଂଶ ଗ୍ରହଣ କରିଥିଲେ ।ବିଷୟ ବିଷାରଦ ଭାବେ କେନ୍ଦୁଝର ଜିଲ୍ଲା ପରିଷଦର ପ୍ରକଳ୍ପ ପରିଚାଳକ (ଦକ୍ଷତା ବିକାଶ ) ଶ୍ରୀମତୀ ପଦ୍ମାବତୀ ମାହାକୁଡ , ଓ ଯୁବ ସାମାଜିକ ବିକାଶ କେନ୍ଦ୍ର ଶ୍ରୀ ଆକାଶ କୁମାର ମହାନ୍ତ ଯୋଗ ଦେଇ ନିରନ୍ତର ବିକାଶ ଲକ୍ଷ୍ୟ ବିକଶିତ ଭାରତ ଗଠନ ର ବିଭିନ୍ନ ଦିଗ ଉପରେ ଆଲୋକପାତ କରିଥିଲେ | କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମରେ ଜିଲ୍ଲା ଯୋଜନା ଓ ପର୍ଯ୍ୟବେକ୍ଷଣ କାର୍ଯ୍ୟଳୟର ସହକାରୀ ନିର୍ଦେଶକ ଜୟରାମ ଟୁଡୁ, ବରିଷ୍ଠ ଅର୍ଥନୈତିକ ଅନୁସନ୍ଧାନକାରୀ ପୃଥିବୀରାଜ ସୋରେନ, ମାଧୁରୀ ପ୍ରିୟା ହୋନହାଗା, ପ୍ରଶାନ୍ତ ପ୍ରଧାନ, ବରିଷ୍ଠ ସହାୟକ ଦୋଳମଣି ହଂସ, କନିଷ୍ଠ ସହାୟକ ବିଷ୍ଣୁପ୍ରିୟ। ଓଝା ଓ ଅନୁସନ୍ଧାନକାରୀ ବିନ୍ଧିଆ ମୁଣ୍ଡା ପ୍ରମୁଖ ପରିଚାଳନରେ ସହଯୋଗ କରିଥିଲେ ।

ବରିଷ୍ଠ ସାମ୍ବାଦିକ ଦିଲ୍ଲିପ କୁମାର ସାହୁଙ୍କ ରିପୋର୍ଟ, ମୋବାଇଲ: 94373 78792

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ହାତୀ ଦାନ୍ତ ବିକିବା ବେଳେ ୩ ଗିରଫ ଏଥିସହ ମୋବାଇଲ, ସ୍କୁଟର ଓ ଦୁଇ ବାଇକ ଜବତ।
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କେନ୍ଦୁଝର,ତା୩/୧୨- ଚମ୍ପୁଆ ଉପଖଣ୍ଡ ଅନ୍ତର୍ଗତ ଚମ୍ପୁଆ ଓ କରଞ୍ଜିଆ ବନଖଣ୍ଡ ମଝିରେ ଥିବା ଫଗୁ ପୋଲ ନିକଟରୁ ତିନି ହାତୀ ଦାନ୍ତ ତସ୍କରଙ୍କୁ ଧରାଯାଇଛି। ସୂଚନା ମିଳିଛି କି ହାତୀ ଦାନ୍ତ ବିକ୍ରୀ ଲାଗି ମସୁଧା ଚାଲିଥିବା ବେଳେ ଜେଟିଏଫ(ପିସିସିଏଫ, ୱାଇଲ୍ଡ ଲାଇଫ) ଠାରୁ ଖବର ପାଇ କେନ୍ଦୁଝର ବନଖଣ୍ଡ ଅଧିକାରୀ ଧନରାଜ ଏଚଡ଼ିଙ୍କ ନିର୍ଦ୍ଦେଶ ଆଧାରରେ ବନ କର୍ମଚାରୀ ମାନେ ପୋଲିସ ସହ ରାଜସ୍ବ ବିଭାଗ କର୍ମଚାରୀଙ୍କ ମିଳିତ ସହଯୋଗରେ ଚଢ଼ାଉ କରିଥିଲେ। ତେଣୁ ତିନି ହାତୀଦାନ୍ତ ମାଫିଆ ଝାଡଖଣ୍ଡର ଗୁରୁ କେରାଇ, ଢେଙ୍କାନାଳର କୈଳାସ ତିରିଆ ଓ କେନ୍ଦୁଝର,ଚମ୍ପୁଆ, ବଳଭଦ୍ରପୁରର ମିଶ୍ର ମୁଣ୍ଡା ଦୁଇଟି ବଡ଼ ହାତୀ ଦାନ୍ତ ସହ ଗିରଫ ହୋଇଛନ୍ତି। ସେମାନଙ୍କ ଠାରୁ ଗୋଟେ ସ୍କୁଟର, ଦୁଇଟି ବାଇକ ଏବଂ ଦୁଇଟି ମୋବାଇଲ ଜବତ କରାଯାଇଛି। କେନ୍ଦୁଝର ଜିଲ୍ଲାରେ ଅନେକ ହାତୀ ମୃତ୍ୟୁ ନେଇ ଏମାନଙ୍କ ସମ୍ପୃକ୍ତି ନେଇ ଏବେ ଅଧିକ ତଦନ୍ତ ଚାଲିଛି।

ବରିଷ୍ଠ ସାମ୍ବାଦିକ ଦିଲ୍ଲିପ କୁମାର ସାହୁଙ୍କ ରିପୋର୍ଟ, ମୋବାଇଲ: 94373 78792

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Pingla Barta বিশ্ব প্রতিবন্ধী দিবস উদযাপন পালিত হয় পশ্চিম মেদিনীপুর জেলার খরগোপুর পৌরসভার প্রতিটি ওয়ার্ড থেকে মোট ৪০ জনের হাতে শীত বস্ত্র তুলে দেয়া হয় পশ্চিম মেদিনীপুর জেলা পুলিশের সহযোগিতায় এবং উদ্যোগে এই কর্মসূচি পালিত হয়, ছোট ছোট বাচ্চাদের এবং বড়দের মধ্যে এই শীতপত্র তুলে দেন পশ্চিম মেদিনীপুর পুলিশ সুপার মাননীয় পলাশচন্দ্র ঢালী, খড়গপুর টাউন থানার ব্যবস্থাপনায় বিশ্ব প্রতিবন্ধী দিবস শ্রদ্ধা সহকারে পালিত হয়, জেলার মানুষের নিরাপত্তার দায়িত্ব এবং সমস্ত থানার পুলিশ কর্মীদের পুলিশ সুপার ধন্যবাদ জানিয়েছেন এত সুন্দর এই প্রোগ্রামটা সাজিয়ে তোলার জন্য। বিশ্ব প্রতিবন্ধী দিবস উপলক্ষে এই কর্মসূচিতে উপস্থিত ছিলেন পশ্চিম মেদিনীপুর জেলার পুলিশ সুপার পলাশচন্দ্র ঢালী পশ্চিম মেদিনীপুর জেলার খরগোপুর এসডিপিও ধীরাজ ঠাকুর মহাশয় খরগোপুর অতিরিক্ত পুলিশ সুপার সন্দী প সেন মহাশয় এবং খরগোপুর টাউন থানার ভারপ্রাপ্ত অফিসার পার্থসারথী পাল মহাশয়।,

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ଆନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ଭିନ୍ନକ୍ଷମ ଦିବସ ପାଳିତ।
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କେନ୍ଦୁଝର, ଡିସେମ୍ବର ୩:

ଜିଲ୍ଲା ପ୍ରଶାସନ ଓ ସାମାଜିକ ସୁରକ୍ଷା ଓ ଭିନ୍ନକ୍ଷମ ସଶକ୍ତିକରଣ ବିଭାଗ ଏବଂ ସମଗ୍ର ଶିକ୍ଷା କେନ୍ଦୁଝର ପକ୍ଷରୁ ଆନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ଭିନ୍ନକ୍ଷମ ଦିବସ ୨୦୨୫ ପାଳନ ହୋଇଯାଇଛି । ଭିନ୍ନକ୍ଷମ ବ୍ୟକ୍ତିମାନଙ୍କ ପାଇଁ ମର୍ଯ୍ୟାଦା, ଅନ୍ତର୍ଭୁକ୍ତି ଏବଂ ସମାନ ସୁଯୋଗକୁ ପ୍ରୋତ୍ସାହିତ କରିବା ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଆୟୋଜିତ ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମଟି ସକାଳୁ ୱାକାଥନ୍ ସହିତ ଆରମ୍ଭ ହୋଇ ଜିଲ୍ଲା ଅଡିଟୋରିୟମ୍‌ରେ ଏକ ବୈଠକ, ରଙ୍ଗାରଙ୍ଗ ସାଂସ୍କୃତିକ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ଓ ପୁରସ୍କାର ବିତରଣରେ ଶେଷ ହୋଇଥିଲା।

ଅତିରିକ୍ତ ଜିଲ୍ଲାପାଳ ଶ୍ରୀ ମନ୍ଦରଧର ମହାଳିକ, ଜିଲ୍ଲା ଆଇନ ସେବା ପ୍ରାଧିକରଣ ସଚିବ ଶ୍ରୀମତୀ ସସ୍ମିତା ନନ୍ଦିନୀ ତ୍ରିପାଠୀ ଏହି ଉତ୍ସବକୁ ଉଦ୍ଘାଟନ କରି କେନ୍ଦୁଝର ଜିଲ୍ଲା ଭିନ୍ନକ୍ଷମ ବ୍ୟକ୍ତିମାନଙ୍କ ପାଇଁ ସୁଗମତା, କଲ୍ୟାଣମୂଳକ ପଦକ୍ଷେପ ଏବଂ ଅନ୍ତର୍ଭୁକ୍ତିମୂଳକ ବିକାଶକୁ ସୁଦୃଢ଼ ​​କରିବା ପାଇଁ ପ୍ରତିବଦ୍ଧ ବୋଲି କହିଥିଲେ। ଅନ୍ୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଅତିରିକ୍ତ ମୁଖ୍ୟ ଚିକିତ୍ସାଧିକାରୀ ଡାକ୍ତର ପି.କେ ମିଶ୍ର, ଅତିରିକ୍ତ ଜିଲ୍ଲା ଶିକ୍ଷାଧିକାରୀ ଶ୍ରୀ ସତ୍ୟନାରାୟଣ ମହାନ୍ତ, ଶ୍ରୀ ରୁଦ୍ରନାରାୟଣ ସାମଲ, ଜିଲ୍ଲା ସୂଚନା ଓ ଲୋକସମ୍ପର୍କ ଅଧିକାରୀ ସାର୍ଥକ ରାୟ, ଜିଲ୍ଲା କ୍ରୀଡ଼ା ଅଧିକାରୀ ସରୋଜ କୁମାର ମଲ୍ଲିକ, ଆଇଇଡି ସଂଯୋଜକ ପୀତବାସ ସାହୁ ଉପସ୍ଥିତ ରହିଥିଲେ।
ସକାଳେ ହୋଇଥିବା ଶୋଭାଯାତ୍ରାରେ ଅଂଶଗ୍ରହଣକାରୀମାନେ ଭିନ୍ନକ୍ଷମଙ୍କ ସମ୍ମାନ, ଉପଲବ୍ଧତା ଏବଂ ସଶକ୍ତିକରଣ ଉପରେ ସଚେତନତା ବାର୍ତ୍ତା ପ୍ରଚାର କରି ସହର ପରିକ୍ରମା କରିଥିଲେ | ଅଡିଟୋରିୟମ୍‌ରେ ଅନୁଷ୍ଠିତ ସାଂସ୍କୃତିକ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମରେ ଏବଂ ଭିନ୍ନକ୍ଷମ ପିଲାମାନେ ନୃତ୍ୟ, ସଙ୍ଗୀତ ଏବଂ ସୃଜନଶୀଳ କଳାରେ ସେମାନଙ୍କର ପ୍ରତିଭା ପ୍ରଦର୍ଶନ କରି ଦର୍ଶକଙ୍କଠାରୁ ପ୍ରଶଂସା ସାଉଁଟିଥିଲେ।

ଉତ୍ସବର ଏକ ଅଂଶ ଭାବରେ, ଏହି ଅବସରରେ ଅନୁଷ୍ଠିତ ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରତିଯୋଗିତାର ବିଜେତାମାନଙ୍କୁ ପୁରସ୍କାର, ପ୍ରମାଣପତ୍ର ଏବଂ ପ୍ରଶଂସା ପୁରସ୍କାର ସହିତ ସମ୍ମାନିତ କରାଯାଇଥିଲା, ଯାହା ସେମାନଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କର ପ୍ରତିଭା ଏବଂ ଆତ୍ମବିଶ୍ୱାସକୁ ପୋଷଣ କରିବା ଜାରି ରଖିବାକୁ ଉତ୍ସାହିତ କରିଥିଲା।
ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମକୁ ଜିଲ୍ଲା ସାମାଜିକ ସୁରକ୍ଷା ଅଧିକାରୀ ଶ୍ରୀମତୀ ଭୁବନେଶ୍ୱରୀ ମହାନ୍ତ ପରିଚାଳନା କରିଥିଲେ।

ବରିଷ୍ଠ ସାମ୍ବାଦିକ ଦିଲ୍ଲିପ କୁମାର ସାହୁଙ୍କ ରିପୋର୍ଟ, ମୋବାଇଲ: 94373 78792

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ଧର୍ମପ୍ରାଣା ରେଣୁବାଳା ମିଶ୍ରଙ୍କ ଦ୍ୱାଦଶାହ ସମ୍ପନ୍ନ।
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କେନ୍ଦୁଝର, ତା୩/୧୨- କେନ୍ଦୁଝରଗଡ଼ ପୁରୁଣା ସହର ବିଶ୍ୱେଶ୍ୱରପୁର ଶାସନର ପରୋପକାରୀ ଧର୍ମପ୍ରାଣା ମହିଳା ରେଣୁବାଳା ମିଶ୍ର(୭୩)ଙ୍କ କିଛି ଦିନ ତଳେ ଦେହାନ୍ତ ହୋଇଥିଲା, ଆଜି ତାଙ୍କର ଦ୍ୱାଦଶାହ ଅନୁଷ୍ଠିତ ହୋଇଯାଇଛି। ତାଙ୍କର ସ୍ୱାମୀ ମନ୍ମଥ କୁମାର ମିଶ୍ର ଜଣେ ଅବସରପ୍ରାପ୍ତ ଆଦର୍ଶ ପ୍ରଧାନ ଶିକ୍ଷକ ବଡ ପୁଅ ମିହିର ଅଧିବକ୍ତା ଏବଂ ସାନପୁଅ ମିଲନ ମିଶ୍ର ଜଣେ ସମାଜସେବୀ ତଥା ସୁଲେଖକ ଭାବେ ପ୍ରତିଷ୍ଠିତ। ପ୍ରଭୁ ବଳଦେବଙ୍କ ପ୍ରତି ନିଷ୍ଠା ରଖିଥିବା ଏହି ମହିୟସୀ ମହିଳାଙ୍କ ବିୟୋଗରେ ଅନେକ ଶୋକବ୍ୟକ୍ତ କରିଛନ୍ତି। ଆଜି ଦ୍ୱାଦଶାହରେ ବିଭିନ୍ନ ବର୍ଗର ଲୋକ ଯୋଗ ଦେଇ ଶ୍ରଦ୍ଧାଞ୍ଜଳି ଅର୍ପଣ କରିଥିଲେ।

ବରିଷ୍ଠ ସାମ୍ବାଦିକ ଦିଲ୍ଲିପ କୁମାର ସାହୁଙ୍କ ରିପୋର୍ଟ, ମୋବାଇଲ: 94373 78792

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4/12/2025 வியாழக்கிழமை (கார்த்திகை 18)
*இன்றைய தலைப்புச் செய்திகள்!*

🗞️ சென்னை,திருவள்ளூர் மாவட்ட பள்ளிகளுக்கு இன்று விடுமுறை

🗞️ நீதிபதியின் திடீர் உத்தரவை தொடர்ந்து பதற்றம்: திருப்பரங்குன்றத்தில் 144 தடை உத்தரவு

🗞️ விண்ணை பிளக்கும் அரோகரா முழக்கத்துக்கு இடையே திருவண்ணாமலையில் ஏற்றப்பட்டது மகா தீபம்

🗞️ தமிழ்நாட்டுக்கே உரித்தான தூயமல்லி அரிசி,கவுந்தப்பாடி நாட்டுச்சக்கரைக்கு புவிசார் குறியீடு

🗞️ வாக்காளர் கணக்கீட்டு படிவங்களை உடனே சமர்பிக்க வேண்டும் கடைசி நாள் வரை காத்திருக்க வேண்டாம்-தேர்தல் ஆணையம்

🗞️ மாற்றுத்திறனாளிகளுக்கான தேவை கருணை அல்ல "உரிமை" முதல்வர் மு.க.ஸ்டாலின் பெருமிதம்

🗞️ தேர்தல் ஆணையத்தை கண்டித்து டெல்லியில் பா.ம.க. இன்று போராட்டம்

🗞️ தென்காசியில் அரசு வழக்கறிஞர் வெட்டிக் கொலை சட்டம் ஒழுங்கின் அலங்கோலத்தை கண்முன் நிறுத்தி உள்ளது-எடப்பாடி பழனிச்சாமி கண்டனம்

🗞️ 2026-ம் ஆண்டு அரசு போட்டித் தேர்வுகளுக்கான அட்டவணை வெளியீடு-தமிழ்நாடு அரசு பணியாளர் தேர்வாணையம்

🗞️ ஒன்றிய அரசின் திட்டங்களை செயல்படுத்தாவிட்டால் தமிழ்நாட்டிற்கு கல்வி நிதி விடுவிக்கப்படாது நாடாளுமன்றத்தில் தர்மேந்திரா பிரதான் அறிவிப்பு

🗞️ 2 நாள் பயணமாக இன்று இந்தியா வருகிறார் ரஷ்ய அதிபர் புதின்

🗞️ தென் ஆப்பிரிக்க அணிக்கெதிரான 20 ஓவர் கிரிக்கெட் போட்டிக்கான இந்திய அணி அறிவிப்பு

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पौड़ी गढ़वाल, 4 दिसंबर 2025। जिले में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। आज सुबह से पौड़ी, श्रीनगर, द्वारीखाल, जयहरीखाल, खिर्सू और सतपुली क्षेत्रों में घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता कम हो गई और लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई। पर्वतीय इलाकों में बर्फीली हवा चलने के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि कई स्थानों पर पाला जमने की स्थिति बनी रही।सुबह घरों से निकलने वाले लोग सड़क पर शून्य दृश्यता के कारण काफी सतर्क दिखाई दिए। स्कूली बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुबह का समय सबसे चुनौतीपूर्ण रहा। वाहन चालकों को कोहरे के बीच हेडलाइट जलाकर, हॉर्न बजाते हुए धीमी गति से चलना पड़ा।कोहरा बढ़ने के साथ सड़क हादसों की आशंका को देखते हुए स्थानीय पुलिस विभाग ने यातायात सलाह जारी की है। पुलिस ने यात्रियों से अनावश्यक यात्रा टालने, वाहन की फॉग लाइट का उपयोग करने और सड़क पर सुरक्षित गति बनाए रखने की अपील की है।मौसम विभाग का अलर्ट—अगले 48 घंटे और कठिनमौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने बताया कि पौड़ी समेत उत्तराखंड के अधिकांश पर्वतीय जिलों में अगले दो दिनों तक कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है। ऊँचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना भी जताई गई है। इससे तापमान और 2–3 डिग्री तक गिरने की आशंका है।ग्रामीण इलाकों में सब्ज़ियों व गेहूं की फसल पर पाला जमने की स्थिति बन रही है। किसान चिंतित हैं कि लगातार गिरते तापमान से फसलों को नुकसान हो सकता है। कृषि विभाग ने किसानों को शाम के समय हल्की सिंचाई करने की सलाह दी है, ताकि फसलों पर पाले का असर कम किया जा सके।स्कूलों के समय में बदलावठंड बढ़ने के कारण कई सरकारी और निजी विद्यालयों ने कक्षा समय में परिवर्तन कर दिया है। कई स्कूल अब सुबह 10 बजे से खुल रहे हैं। बच्चों के लिए ऊनी टोपी, दस्ताने और गर्म कपड़े अनिवार्य कर दिए गए हैं।पौड़ी बाजार, श्रीनगर घाट और आसपास ग्रामीण इलाकों में लोगों ने ठंड से बचने के लिए जगह-जगह अलाव जलाए। व्यापारियों के अनुसार ठंड और कोहरे के कारण सुबह का बाजार सुस्त रहा, जबकि दोपहर बाद थोड़ी चहल-पहल शुरू हुई।

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जो कल घुटनों के बल स्कूल जाती थी, वह आज सैकड़ों लोगों को राह दिखा रही है।”पोलियो से हारी नहीं, मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग पद असिस्टेंट डायरेक्टर राजपत्रित अधिकारी पर चयन होकर दिखाई राहअपने गुरु बाबा सत्य साई ( पुट्टपर्थी ) की कृपा मानती है कि मुझे पवन पुत्र हनुमानजी महाराज की भक्ति मिलीं , और उन्हीं की कृपा - दया से सबकुछ है! ।बनखेड़ी / धर्मेंद्रशर्माअंकिता गोस्वामी ( वैष्णव) ने साबित किया — कहते हैं न कि " मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है" ये पंक्तियाँ सार्थक होती है अंकिता के जीवन से !भोपाल। "ईश्वर जब परीक्षा लेता है, तो जमाना भी सवाल करने लगता है, लेकिन जो भीतर से मजबूत होता है, वह हर कसौटी पर खरा उतरता है।" नर्मदापुरम जिले के बनखेड़ी गांव की अंकिता की जिंदगी इसी उक्ति का साक्षात प्रमाण है। जन्म से पोलियोग्रस्त होने के बावजूद उन्होंने न सिर्फ सामान्य जीवन जिया, बल्कि पीएससी परीक्षा में चयनित होकर हजारों युवाओं के लिए मिसाल बन गईं।बचपन से ही कठिनाइयों की शुरुआत21 अक्टूबर 1989 को पुष्पा - राजेन्द्र पुरी गोस्वामी के घर जन्मी अंकिता का जीवन शुरुआत से ही संघर्षों से भरा रहा। जन्म के कुछ ही समय बाद डॉक्टरों ने बताया कि अंकिता पोलियो से ग्रसित हैं। एक माता-पिता के लिए यह खबर जितनी भावनात्मक थी, एक बेटी के लिए जीवन की पहली चुनौती थी। परिवार वाले चिंतित थे — इस बच्ची का भविष्य कैसे बनेगा? लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और ही मंजूर था।घुटनों के बल स्कूल जाना, फिर भी नहीं टूटीअंकिता की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर, नगवाड़ा - बनखेडी में हुई। चूंकि वह चल नहीं सकती थीं, इसलिए हाथ और घुटनों के बल चलकर स्कूल जाया करती थीं। — लेकिन अंकिता ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने छोटी उम्र में ही यह समझ लिया था कि अगर समाज का रवैया बदलना है, तो खुद को मजबूत बनाना होगा।10वीं में जिला टॉपर बनीं, बना नया रिकॉर्डअंकिता पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं। उन्होंने 10वीं की परीक्षा में नर्मदापुरम जिले की प्रवीण सूची में स्थान प्राप्त कर अपने गांव, स्कूल और परिवार का नाम रोशन किया। यह सिर्फ एक अकादमिक उपलब्धि नहीं थी, यह समाज को दिया गया संदेश था कि "शरीर से नहीं, मन से मजबूत बनो।"ऑपरेशन (दोनों पैरों) के बाद बिस्तर पर भी नहीं रुकीं.....11वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान डॉक्टरों ने उनके पैरों का ऑपरेशन किया। ट्रेन अस्पताल मे लंबा और दर्दनाक इलाज हुआ। डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी, जब इतनी सुविधाएं भी नहीं थी , महीनों तक बिस्तर पर रहीं। लेकिन इस कठिन समय में भी उन्होंने हार नहीं मानी। कक्षा 11 वीं की पढ़ाई घर से की परीक्षा दी पास हुए ,पैरों में कैलीपर्स पहने चलने की कोशिश की पर जीत ना मिली , वापिस पढ़ाई में लौटी 12 वीं पास की फिर भोपाल से IIT -JEE AIEEE PET,की तैयारी की ।अब भगवान ने उसकी इस मेहनत को उस सही दिशा में मोड़ दिया एवं मध्य प्रदेश के सबसे टॉप कॉलेज SGSITS indore में दाखिला दिलाया ।उस समय का टॉप मोस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज समय एवं पढ़ाई में बहुत स्ट्रीक जहां एमपी के सभी जिलों से आए टॉपर्स के साथ पढ़ना था एवं हर क्लास ,लेब ,प्रैक्टिकल ,परीक्षा दोनों हाथों एवं घुटने से चलकर जाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं थी ,इस समय में घर वालों ने भी हार नहीं मानने दी हमेशा साहस दिलाया ।कॉलेज के दौरान छुट्टियां में घर आना जाना भी वो ट्रेन से स्वयं करती थी ।कॉलेज में हर एक्टिविटी में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना जैसे उसकी आदत थी चेहरे पर हमेशा मुस्कान एवं सकारात्मक सोच हर किसी को आपकी ओर आकर्षित कर लेती।वर्ष 2013 में इंजीनियरिंग सर्विसेस एवं गेट की तैयारी मेड ईजी संस्थान भोपाल से की, तथा फिर नई चुनौतियों से सामना किया 8 से 9 घंटे क्लास में लगातार बैठना एवं पढ़ाई करना । गेट क्वालीफाइड किया एवं manit भोपाल mtch हेतु मिला तब मंजिल थोड़ी पास दिखने लगी , सेल्फ dependent आठ हजार रु महीने stifund प्राप्त करते हुए पढ़ाई की ।2014 में ऊर्जा विभाग के विद्युत निरीक्षकालय में उपयत्री के पद पर नियुक्ति हुए । कार्य के साथ साथ हमेशा से मन में रहता था मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं क्लीयर करना एवं आगे ओर पढ़कर कुछ अच्छा करने का ।इसमें बहुत समस्याएं आई ,हर समय नया चेलेंज लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी । उनकी प्रथम नियुक्ति में समय तक उनके पास व्हील चेयर नहीं थी ऑफिस में आने के बाद सबने बोला अब आप व्हील चेयर से आए दोनों हाथ से इसे न चले ।आज उनकी मेहनत एवं भगवान के आशिवाद के वो स्वयं कार ड्राइव करती एवं ऑटो मेटिक व्हीलचेयर चलती है ।मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की तैयारी कर शासकीय सेवा में चयननौकरी ,के साथ अंकिता ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी शुरू की जिसमें प्रेरणा के स्रोत रहे उनके पार्टनर ,हमसफर प्रदीप कुमार जी । इन्होंने कभी भी इस मुकाम से हटने नहीं दिया ।बौद्धिक रूप से पहले से मजबूत अंकिता ने अपनी मेहनत से मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर assistant director class 2 पद हासिल किया जो उनके परिवार बल्कि पूरे जिले एवं मध्य प्रदेश के लिए गर्व का विषय हैं।शादी के बाद भी कायम रखा संतुलनअंकिता का विवाह भारतीय सेना से सेवानिवृत्त प्रदीप कुमार से हुआ। उनके परिवार में एक बेटी भी है — आध्या(साई प्रिया) , जो आज अपनी मां को बहुत स्नेह करती है । अंकिता ने घरेलू जिम्मेदारियों और नौकरी के बीच अद्भुत संतुलन बनाकर यह भी दिखा दिया कि महिलाएं किसी भी मोर्चे पर पीछे नहीं हैं।युवाओं के लिए आदर्श, समाज के लिए प्रेरणाआज के समय में जब युवा छोटी असफलताओं से घबरा जाते हैं, तब अंकिता की कहानी यह सिखाती है कि — अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो कोई भी शारीरिक बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। पोलियो जैसी गंभीर शारीरिक समस्या के बावजूद अंकिता ने जो मुकाम हासिल किया है, वह साधारण नहीं है।उनका संघर्ष उन अभिभावकों के लिए भी प्रेरणास्रोत है, जो अपने शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं। अंकिता ने यह साबित किया है कि हौसला हो तो तकदीर भी झुक जाती है।प्रशासन, समाजसेवी और शिक्षकों ने दी बधाईअंकिता गोस्वामी के पीएससी में चयनित होने की खबर जब सामने आई, तो उनके गांव, स्कूल और जिले भर में बधाइयों का तांता लग गया। उनके शिक्षकों, रिश्तेदारों, और प्रशासनिक अधिकारियों ने इस उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं दीं। कई सामाजिक संगठनों ने भी उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है।---“अंकिता की सफलता उन लाखों लड़कियों को यह हौसला देती है कि संघर्ष चाहे जितना भी बड़ा हो, हिम्मत कभी नहीं हारनी चाहिए। जो कल घुटनों के बल स्कूल जाती थी, वह आज सैकड़ों लोगों को राह दिखा रही है।”

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ऑल इंडिया मुस्लिम इंटेलेक्चुअल सोसाइटी ने 'पैयाम-ए-इंसानियत' संवाद का किया आयोजन लखनऊ

लखनऊ: एकता और साझा उद्देश्य के प्रभावशाली प्रदर्शन में, ऑल इंडिया मुस्लिम इंटेलेक्चुअल सोसाइटी ने शनिवार को गवर्नर हाउस के सामने संगम बैंक्वेट में "पैयाम-ए-इंसानियत और हमारी जिम्मेदारी" विषय पर एक संवाद का आयोजन किया। यह कार्यक्रम धार्मिक और व्यावसायिक क्षेत्रों के विचारशील नेताओं के एक महत्वपूर्ण मिलन के रूप में उभरा, जहाँ सभी ने शांति और सामुदायिक सौहार्द बढ़ाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम स्थल पर 50 से अधिक प्रसिद्ध वक्ता मौजूद थे, जिनमें प्रमुख धार्मिक नेता, वरिष्ठ न्यायविद, उच्च सरकारी अधिकारी, प्रतिष्ठित डॉक्टर, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। सभी ने एक स्वर में आज के सामाजिक-राजनीतिक माहौल में "संवाद के निर्माता" और "बहुलवाद के रक्षक" बनने का संकल्प लिया।

उत्तर प्रदेश के बौद्धिक और आध्यात्मिक हलकों की प्रमुख हस्तियों ने इसमें भाग लिया। वक्ताओं में शामिल थे:

· मौलाना सैयद बिलाल अब्दुल हयी हसनी नदवी, अध्यक्ष, ऑल इंडिया पैयाम-ए-इंसानियत फोरम
· हज़रत मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, अध्यक्ष, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया
· मौलाना सैफ अब्बास नकवी, अध्यक्ष, शिया मर्कज़ी चाँद कमेटी
· न्यायमूर्ति बी.डी. नकवी, पूर्व जिला न्यायाधीश, और न्यायमूर्ति विकार अहमद अंसारी, अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत, प्रयागराज
· श्री स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता, सूचना आयुक्त, उत्तर प्रदेश सरकार
· रेवरेंड फादर डोनाल्ड डिसूजा, चांसलर, कैथोलिक डायोसिस ऑफ लखनऊ
· पंडित श्री गुरु देव आचार्य जी, हिंदू धार्मिक नेता
· प्रो. एम.एल. भट्ट, निदेशक, कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान, और चिकित्सा, कानून, सिविल सेवाओं व सामाजिक कार्यों के क्षेत्र की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियाँ।

चर्चा का केंद्र इंसानियत के इस शाश्वत संदेश को ठोस जिम्मेदारी में बदलना था। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि 'पैयाम-ए-इंसानियत' कोई सैद्धांतिक विचार नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता की मूल भावना है, जो वेदों, बुद्ध और महावीर की शिक्षाओं, ईसा मसीह की करुणा, गुरु ग्रंथ साहिब की बानी और कुरान के "सभी जगतों के लिए रहमत बनने" के आदेश में गूंजती है।

एक साझा संकल्प में हर नागरिक की तीन-सूत्री जिम्मेदारी तय की गई:

1. संवाद के साहसी निर्माता बनना: सोशल मीडिया से फैलते मतभेदों के दौर में, बुद्धिजीवियों ने वास्तविक बातचीत के लिए जगह बनाने, समझने के लिए सुनने और अलग राय में भी साझी मानवता ढूंढने का संकल्प लिया।
2. बहुलवाद के रक्षक बनना: इस जमावड़े ने इस बात की पुष्टि की कि भारत की असली ताकत "अनेकता में एकता" है और इस विविधता को रूढ़िवादिता, शक और नफरत की जहरीली सोच से बचाने का संकल्प लिया।
3. हमारी कहानियों को वापस लेना: सामुदायिक सौहार्द की अनकही कहानियों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया, ताकि ये आवाज़ें मतभेद फैलाने वाली आवाजों से ऊपर उठ सकें।

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हज़रत मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने कहा, "इस्लाम की मूल शिक्षा 'रहमतुल्लिल आलमीन' है - यानी सभी सृष्टि के लिए रहमत बनना। पैगाम-ए-इंसानियत जैसे प्रयास हर शांतिप्रिय भारतीय के लिए एक धार्मिक जिम्मेदारी है।"

फादर डोनाल्ड डिसूजा ने कहा, "जब हम हर धर्म के मूल को देखते हैं, तो हमें अपने पड़ोसी के प्रति प्यार और सभी के लिए करुणा की एक ही सुनहरी डोर मिलती है।"

पंडित श्री गुरु देव आचार्य जी ने कहा, "गीता हमें हर प्राणी में एक ही आत्मा देखना सिखाती है। जब देश के हित के लिए एक मौलाना और एक पंडित साथ बैठते हैं, तो यह पूजा का सबसे ऊँचा रूप है।"

श्री स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता ने कहा, "जन सेवक और बुद्धिजीवी होने के नाते, हमारी जिम्मेदारी है कि सद्भाव की सही कहानी जनता तक पहुँचे।"

केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डॉ. आर.के. गर्ग ने कहा, "जिस तरह शरीर के अंग आपस में लड़ने लगें तो शरीर खराब हो जाता है, उसी तरह अगर समुदाय आपस में टकराएँ तो राष्ट्र भी विफल हो जाता है।"

प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती तहिरा हसन ने डॉ. अम्मार अनिस नगरमी और ऑल इंडिया मुस्लिम इंटेलेक्चुअल सोसाइटी की पहल की सराहना की।

ऑल इंडिया मुस्लिम इंटेलेक्चुअल सोसाइटी के संयोजक श्री अहमद नगरमी ने सभी से आग्रह किया कि वे "भारत के शाश्वत संदेश - इंसानियत के मरहम लगाने वाले, सेतु निर्माता और रखवाले" बनने का संकल्प लें। उन्होंने कहा, "अगर हम सभी अपने-अपने धर्मों को सही तरह से मानें, तो दुनिया में कहीं भी नफरत नहीं होगी। सभी धर्म शांति और समृद्धि की शिक्षा देते हैं।"

कार्यक्रम का समापन हज़रत मौलाना सैयद बिलाल अब्दुल हयी हसनी नदवी के शक्तिशाली भाषण से हुआ। उन्होंने कहा, "यह देश तभी तरक्की करता रहेगा, जब तक पैगाम-ए-इंसानियत का संदेश फैला रहेगा और हम सभी मिल-जुलकर रहेंगे।"

वी हेल्प फाउंडेशन के सचिव व स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री नवेद अहमद ने सभी का आभार व्यक्त किया और मेहमानों को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया।

Syed Afzal Ali Shah maududi.
Lucknow.
FB.

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Pingla Barta সঞ্চার সাথী এই অ্যাপের মাধ্যমে ৪২ লক্ষ্যের ও বেশি কেন্দ্র সরকারের এই মোবাইল অ্যাপ্লিকেশন ব্যবহার করে বড় উপকৃত পেয়েছেন বহু মানুষ, সঞ্চার সাথী এই মোবাইল অ্যাপটি ১৭ ই জানুয়ারি চালু হবার পর থেকে ১.৪ কোটির বেশি মানুষ এই এপ্লিকেশন টা মোবাইলে ডাউনলোড করেছেন, সরকারি তথ্য এটিচুডে হয়ে যাওয়া মোবাইল বা হারিয়ে যাওয়া কোন মোবাইল ডিভাইসের কে সফলভাবে ব্লক করতে সাহায্য করে, সঞ্চার সাথী একটি সাইবার অপরাধে এই অ্যাপের বিরাট সাফল্য অর্জন করেছে বর্তমান, এই অ্যাপটি মোবাইলে ডাউনলোড করে রাখা ভালো, নিরাপত্তা নিজেকে সুরক্ষিত রাখার জন্য এই অ্যাপটি মোবাইলে ডাউনলোড করে রাখা অতি প্রযোজ্য

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ದೇಶಕ್ಕೆ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ ಬಂದು 79 ವರ್ಷ, ಸಂವಿಧಾನ ಜಾರಿಗೆ ಬಂದು 75 ವರ್ಷಗಳಾದರೂ ಇನ್ನೂ ಗುಲಾಮಗಿರಿ ವ್ಯವಸ್ಥೆ ಬದಲಾಗಿಲ್ಲ. ಪ್ರಬಲ‌ ಸಮುದಾಯದ ವ್ಯಕ್ತಿ ಎದುರಾದಾಗ ಸ್ವಾಮಿ ಎನ್ನುವ, ದಲಿತ ಸಮುದಾಯದ ವ್ಯಕ್ತಿ ಎಷ್ಟೇ ಶ್ರೀಮಂತರಾದರೂ ಅವರನ್ನು ಏಕ ವಚನದಲ್ಲಿ ಮಾತನಾಡಿಸುವ ವ್ಯವಸ್ಥೆ ಈಗಲೂ ಇದೆ. ಇದೇ ಗುಲಾಮಗಿರಿಯ ಸಂಕೇತ.‌ ಇದನ್ನು ಕಿತ್ತೆಸೆಯದೇ ಸ್ವಾಭಿಮಾನ ಮೂಡಿಸಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ.‌ ಇದನ್ನೇ ನಾರಾಯಣಗುರುಗಳು ಸಾರಿ ಸಾರಿ ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ’ ಎಂದರು.
‘ಜಾತಿಯಿಂದ ಯಾರೂ ದೊಡ್ಡವರಾಗುವುದಿಲ್ಲ. ಯಾರೂ ಕೀಳೂ ಆಗುವುದಿಲ್ಲ. ಆದರೆ ವ್ಯಕ್ತಿತ್ವವನ್ನೂ ಜಾತಿ ನೋಡಿಯೇ ಅಳೆಯಲಾಗುತ್ತಿದೆ. ಸಮಾಜದಲ್ಲಿ ಜಾತಿ ಹೆಸರಿನಲ್ಲಿ ನಡೆಯುವ ತಾರತಮ್ಯಗಳು ದೂರವಾಗಬೇಕು. ಜಡತ್ವದ ಜಾತಿ ವ್ಯವಸ್ಥೆ ಬದಲಾಗಬೇಕು. ಅದಕ್ಕಾಗಿ ಮನುಷ್ಯತ್ವದಿಂದ ಕೂಡಿದ ಸಮಾಜ ಕಟ್ಟಬೇಕು’ ಎಂದರು.
‘1925ರಲ್ಲಿ ನಡೆದ ಮಹಾತ್ಮ ಗಾಂಧಿ ನಾರಾಯಣಗುರುಗಳ ನಡುವಿನ ಸಂವಾದ ಹಾಗೂ 1931ರಲ್ಲಿ ಗಾಂಧಿ ಮತ್ತು ಬಿ.ಆರ್.ಅಂಬೇಡ್ಕರ್ ನಡುವೆ ನಡೆದ ಸಂವಾದಗಳಿಗೆ ಐತಿಹಾಸಿಕ ಮಹತ್ವವಿದೆ. ಅವರು ಪ್ರತಿಪಾದಿಸಿದ ಮೌಲ್ಯಗಳ ಹಿಂದಿನ ಆಶಯ ಅರ್ಥ ಮಾಡಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು. ಜಾತಿ ಧರ್ಮಗಳನ್ನು, ಮೀರಿ ಮನುಷ್ಯರಾಗಿ ಬಾಳಬೇಕು. ಸಂವಿಧಾನದಲ್ಲಿ ಅಳವಡಿಸಿಕೊಂಡ ಸಹಬಾಳ್ವೆ, ಧರ್ಮ‌ ಸಹಿಷ್ಣುತೆ ಭಾವನೆ ಬೆಳೆಸಿಕೊಂಡರೆ, ಸಾಮಾಜಿಕ‌ ಅಸಮಾನತೆ ನಿವಾರಣೆ ಆಗಲಿದೆ ಎಂದರು.
‘ಶಸ್ತ್ರಚಿಕಿತ್ಸೆಗೆ ಕುರುಬರದ್ದೇ ರಕ್ತ ಬೇಕು ಎಂದು ನಾನು ಕೇಳುವುದಿಲ್ಲ. ದಲಿತರ, ಕ್ರೈಸ್ತರ, ಮುಸ್ಲೀಮರ ರಕ್ತವಾದರೂ ಆಗುತ್ತದೆ. ಆದರೆ, ವಾಸಿ ಆದ ಬಳಿಕ‌ ನೀವು ಯಾವ ಜಾತಿ, ಯಾವ ಧರ್ಮ‌ಎಂದು ಕೇಳುತ್ತೇವೆ. ಅಷ್ಟರಮಟ್ಟಿಗೆ ನಾವು ಸ್ವಾರ್ಥಿಗಳು. ಇದನ್ನು ಬಿಡಬೇಕು.ಜಾತಿ ಹೆಸರಿನಲ್ಲಿ‌ ಜನರನ್ನು ಒಡೆಯುವ ಕೆಲಸ ಆಗಬಾರದು. ಎಲ್ಲರೂ ಮಾನವರಾಗಿ ಬದುಕಬೇಕು’ ಎಂದು ಅವರು ನುಡಿದರು.

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भोपाल।✍️ डॉ. महेश प्रसाद मिश्रा, भोपाल की कलम से:

पिछले कई वर्षों से संसद में एक ही नारा गूंज रहा है—“जातिगत जनगणना करो!”
और यह नारा सबसे ज्यादा किसके गले से निकलता है?युवराज… या कहें,तथाकथित ‘60 साल के युवा नेता’ राहुल गांधी के।

चिल्ला-चिल्लाकर वे देश को यह यकीन दिलाने में लगे हैं किभारत की सबसे बड़ी समस्या गरीबी, भूख, बेरोज़गारी नहीं…बल्कि जाती का विभाजन है। उधर सरकार भी नंबर गेम में पीछे न रहने के चक्कर मेंफटाफट घोषणा कर देती है—“हाँ, जातिगत जनगणना होगी!”जैसे किसी बच्चे ने कहा हो: “मैं भी खेलूंगा!”

पर असली सवाल—किसी ने यह क्यों नहीं पूछा कि हिंदुस्तान में जाति से ज्यादा ज़रूरी भूख की गिनती है? वैश्विक भूख सूचकांक 2025 मेंभारत 123 में से 102वें स्थान पर है।स्कोर—25.8 (गंभीर श्रेणी)। यह वही भारत है जहाँ “विश्वगुरु” का नारा लगाया जाता है,और वहीं 81 करोड़ लोग सरकारी दावे के अनुसार मुफ़्त राशन पर निर्भर हैं।पर असली कॉमेडी तो यह है—लाख–डेढ़ लाख की बाइक, 50–1 लाख के मोबाइल,और पॉकेट में महंगे गैजेट…और फिर भी लाइन में लगे हुए—“मुफ़्त राशन चाहिए!” क्यों? क्योंकि सरकारी कागज़ कहता है कि वे गरीब हैं। और वहीं जो सच में भूखा है, वह सूची से बाहर।क्योंकि दस्तावेज़ बताते हैं—“तुम तो सवर्ण हो, अमीर हो।” वाह! भारत की गरीबी भी अब जाति देखकर तय होती है।भूख भी “आरक्षण” मांगती है।और राशन भी “वंशवादी सेकुलरिज़्म” के आधार पर मिलता है।

सरकारें पूछती नहीं… मान लेती हैं: जो 81 करोड़ को राशन दे रही हैवह कभी यह नहीं पूछती—“राशन मिल किसे रहा है?”पर एक काम ज़रूर करती है—जाति पूछकर पात्रता तय करना। भूख नहीं देखनी,आय नहीं देखनी,भूमि नहीं देखनी…बस जाती लिख दो — सुविधा मिल जाएगी। और फिर वही लोग सोशल मीडिया पर लिखते हैं—“हम भारत को सुपरपावर बनाएंगे।”

**“देश भूख से 102वें स्थान पर खड़ा है, लेकिन नेताओं को जाति गिनने की इतनी जल्दी हैमानो भारत की समस्या दलिया नहीं, दलाल हैं!”**

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నంద్యాల (AIMA MEDIA): జిల్లాలో గ్యాస్ డెలివరీ బాయ్స్ గ్యాస్ బిల్లులో ఉన్న డబ్బు కంటే ఒక పైసా కూడా ఎక్కువ తీసుకోరాదని జాయింట్ కలెక్టర్ కొల్లా బత్తుల కార్తీక్ పేర్కొన్నారు.బుధవారం కలెక్టరేట్లోని వీడియో కాన్ఫరెన్స్ హాల్ నందు జిల్లాలోని గ్యాస్ ఏజెన్సీ యజమానులతో జెసి సమావేశం నిర్వహించారు.ఈ సందర్భంగా జాయింట్ కలెక్టర్ కొల్లా బత్తుల కార్తీక్ మాట్లాడుతూ నంద్యాల జిల్లాలో వివిధ గ్యాస్ ఏజెన్సీలకు సంబంధించి గ్యాస్ డెలివరీ బాయిలు సిలిండర్ లు డోర్ డెలివరీ చేసినప్పుడు వినియోగదారుల నుంచి ఎక్కువ డబ్బులు వసూలు చేస్తున్నారని ఫిర్యాదులు రావడం జరిగిందన్నారు. డెలివరీ బాయ్ లు గ్యాస్ బిల్లు కంటే ఒక్క పైసా కూడా ఎక్కువ తీసుకోవడానికి వీలు లేదన్నారు.గ్యాస్ ఏజెన్సీలు ప్రభుత్వ నియమ నిబంధనలు పాటించి వినియోగదారులకు గ్యాస్ సిలిండర్లు సరఫరా చేసేటట్లు చూడాలన్నారు. నిబంధనలు అతిక్రమించినట్లయితే గ్యాస్ ఏజెన్సీని సీజ్ చేసి తొలగించడం జరుగుతుందని జాయింట్ కలెక్టర్ హెచ్చరించారు.ఈ కార్యక్రమంలో జిల్లాలోని గ్యాస్ ఏజెన్సీల యజమానులు, సివిల్ సప్లై అధికారులు, తదితరులు పాల్గొన్నారు.

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चंडीगढ़ बृहस्पतिवार 04 दिसम्बर 25 अल्फा न्यूज़ इंडिया प्रस्तुति ---- कलम और कैमरा समाज का आइना है। आइने की तस्वीरें एजुकेशन मार्डनलाइजेशन का विकृत चेहरा दिखा रहीं हैं। ये तस्वीर सिर्फ एक टेबल नहीं,इंसानों के बदलते संस्कारों, भौंडे आधार हीन विचारों का आइना है। अपनी जेब से पैसा जाए, तो लोग दाना तक नहीं छोड़ते। और जहाँ मुफ्त मिले… वहाँ इंसानियत तक फिसल जाती है। अन्न की कद्र नहीं रही…बस आदतें बिगड़ चुकी हैं.थोड़ी सी शर्म साथ ले आते तो ये टेबल भी इतना अपमानित न होता। और इंसानियत भी इतनी सस्ती न लगती...ये खाने की बर्बादी है या लोगों की परवरिश का सच..जिस किसान ने अपने खून पसीना और मेहनत से अपनी खेती में इसको उगाया है। इस अनाज की फसल पकाने के लिए रात दिन एक किया। खून पसीना एक किया। आज उसी अनाज को किस प्रकार बर्बाद किया जाता है यह अन्नदाता और अन्न का घोर अपमान है। और धन की मस्ती की निशानी है...!* इसे रोकने के लिए हर इन्सान को सोचना पडेगा.* चिंतन करें,,,,विचारों का मंथन करें_एक बाप ने इसी दिन के लिए पाई पाई जोड़ी थी। किसी को एक वक्त की रोटी नसीब नहीं तो किसी को फेंकने के लिए कमी नहीं_*उतना ही लें थाली में,,,,,,,जो व्यर्थ न जाए नाली में*llll

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भोपाल।✍️ डॉ. महेश प्रसाद मिश्रा, भोपाल की कलम से:

भारत में प्रेम अब दिल की नहीं, धर्म की अदालत में तय होता है — और अजीब बात यह कि यह अदालत हमेशा एक ही दिशा में फैसला सुनाती है।उदाहरण अनगिनत हैं, इतिहास भी गवाह है — धर्मपरिवर्तन एकतरफ़ा है, लेकिन सेकुलरवाद दो तरफ़ा! मंसूर अली खान पटौदी–शर्मिला टैगोर का मामला हो या इमरान खान–जेमिमा का…नाम बदलते हैं, धर्म नहीं।कभी ‘आएशा बेगम’, कभी ‘हाइका खान’, कभी कोई और।लेकिन सवाल वही —अगर प्रेम सच्चा है तो धर्मपरिवर्तन किसलिए?और अगर धर्म बदल ही लिया, तो पुराना नाम क्यों?क्योंकि फ़िल्में ‘आएशा बेगम’ नाम से नहीं चलेंगी!

उच्च शिक्षित, आधुनिक, प्रगतिशील… लेकिन नियम वही पुराने सेकुलर विचारक अक्सर कहते हैं—“तलाक, जबरदस्ती, धर्मपरिवर्तन अज्ञानी तबके की समस्या है।”पर फिर इमरान खान, पटौदी, अज़हरुद्दीन, अब्दुल्ला परिवार जैसे “हाई-प्रोफाइल” लोग किस श्रेणी में आएंगे?

इतिहास से लेकर आज तक एक ही ट्रेंड—लड़की हिंदू हो, तो उसे धर्म बदलना पड़ेगा। लड़का हिंदू हो, तो उसे लड़की ही बदल देगी!क्या यह प्रेम है या ‘वन-वे ट्रैफिक’ जैसा ज़ाकिर नाइक खुद कह चुके हैं —अंदर आ सकते हो, वापस नहीं जा सकते’?

अंकित सक्सेना से लेकर असंख्य उदाहरण तक…सवाल बहुत बड़ा है—यदि सब बराबर हैं, तो फिर कितनी मुस्लिम लड़कियों ने प्रेम के लिए हिंदू बनना स्वीकार किया? और कितनी को समाज ने स्वीकार किया? उत्तर —शून्य के आसपास। क्यों? क्योंकि प्रेम की किताब में “बराबरी” का पन्ना हमेशा गायब होता है।

इतिहास का कड़वा सच – जिसने समझा, उसने घर-बार छोड़ा, पर सिर नहीं झुकाया सिरोंज के महेश्वरी समाज की कहानी याद कीजिए—पूरी बिरादरी ने एक रात में अपना शहर छोड़ दिया,
लेकिन सम्मान नहीं छोड़ा।आज 200 साल बाद भी उस इलाके में पानी तक नहीं पीते। क्योंकि पूर्वजों ने कहा था— “धन-धरती छोड़ देंगे, पर अस्मिता नहीं।” आज वही बात कोई कह दे, तो लोग उसे “सांप्रदायिक”, “असहिष्णु”, “दकियानूसी” कहने लगते हैं।

समाज सोया है — और सोने का नाम जागरण रख दिया गया है
आज की पीढ़ी फ़िल्मी प्रेम देख कर बोलती है—“धर्म क्या देखना! दिल देखो!”पर जब शादी का वक्त आता है,दिल गायब और शर्तें सामने:“निकाह होगा — धर्मपरिवर्तन भी।”मगर सेकुलर समाज को इसमें भी कविता दिखती है।जागना तब होता है जब किसी अंकित, किसी सरस्वती, किसी शहबानो की कहानी सामने आती है।लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

यदि हर धर्म बदलवाने वाला रिश्ता “प्रेम” है,तो फिर प्रेम दोनों दिशाओं में क्यों नहीं चलता? अगर बराबरी है, तो फिर कोई मुस्लिम लड़की क्यों नहीं कहती—“मैं हिंदू बनूँगी क्योंकि मेरा प्रेम सच्चा है”? अगर “सभी धर्म समान” हैं,तो धर्मपरिवर्तन की ज़रूरत किसे और क्यों?

**“यह प्रेम नहीं… एकतरफ़ा नियमों पर टिका समाज है—जहाँ सेकुलरता सिर्फ हिन्दू से उम्मीद की जाती है और बराबरी केवल भाषणों में मिलती है।”**

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एड्स जागरूकता के संबंध में जागरूकता सेमिनार आयोजित:

सिविल सर्जन फिरोजपुर के दिशा-निर्देशों और सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. बलकार सिंह के नेतृत्व में ब्लॉक पीएचसी कस्सोआना के अधीन आते स्वास्थ्य केंद्रों में विश्व एड्स जागरूकता दिवस मनाया गया।

इस अवसर पर डॉ. करणबीर सिंह और विक्रमजीत सिंह ब्लॉक एजुकेटर ने बताया कि एड्स एक लाइलाज और भयानक बीमारी है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से, दूषित खून के माध्यम से, संक्रमित सुइयों या ब्लेड के इस्तेमाल से और एड्स संक्रमित मां से उसके बच्चे में फैल सकती है। इस बीमारी के दौरान शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, वजन कम होना, लगातार खांसी, बार-बार जुकाम, बुखार, सिरदर्द, थकान, हैजा, भूख न लगना आदि इस बीमारी के लक्षण हैं। ये लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में एड्स की मुफ्त जांच करवानी चाहिए। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के साथ खाना खाने, बर्तन शेयर करने, हाथ मिलाने और गले लगने, शौचालय का इस्तेमाल करने, मच्छरों और जानवरों द्वारा और खांसने और छींकने से नहीं फैलती।

इस दौरान ब्लॉक एजुकेटर विक्रमजीत सिंह ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए पीड़ित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए और अपने साथी के प्रति वफादार रहना चाहिए, उचित जांच के बाद ही रक्तदान करना चाहिए और इस्तेमाल की हुई सुई या ब्लेड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर स्वास्थ्य केंद्रों के स्टाफ ने लोगों को एड्स के बारे में जागरूक किया।

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भोपाल।✍️ डॉ. महेश प्रसाद मिश्रा, भोपाल की कलम से:

कभी देशद्रोह करना ‘करियर ग्रोथ’ का शॉर्टकट माना जाता था। कोर्ट में खड़े होकर आरोपी बड़े गर्व से कहता—“हाँ जज साहब, पाकिस्तान ज़िंदाबाद भी मैंने ही बोला, सेना का अपमान भी मैंने ही किया, सरकारी संपत्ति भी मैंने ही फूँकी।” और जज बेचारगी में पूछता—“क्यों भाई?”तो आरोपी मुस्कुराकर जवाब देता—“क्योंकि ऐसा करते ही मैं गुमनाम से महान बन गया… नेता, पत्रकार, एक्टिविस्ट सब मेरे पैरों में गिरने लगे!” लेकिन समय बदल गया है, देश की राजनीति का रंग-ढंग बदल गया है।
अब देशद्रोह बोलने से नेता नहीं बनते,अब अगर रातों-रात नेता बनना है तो फार्मूला बदल चुका है—
**■ नया फार्मूला:“दिन-रात ब्राह्मण, बनिया, राजपूत, कायस्थ, सिंधी को गाली दो और नेता बन जाओ!”**
आज सोशल मीडिया का आधा ट्रैफिक सिर्फ एक ही चीज़ पर टिका है—सवर्णों को गाली देना। क्योंकि ये वर्ग प्रतिकार नहीं कर सकता, बोले तो अपराधी, चुप रहे तो “आसान निशाना” क्योंकि इस देश में आतंकवादी की सुनवाई हो सकती है,पर यदि किसी ने ग़लती से भी किसी विशेष वर्ग पर टिप्पणी कर दी,तो सीधे SC/ST Act में मामला—ना जमानत, ना सुनवाई, ना तर्क—सीधे जिंदगी बर्बाद।
■ सोशल मीडिया का नया “बिजनेस मॉडल”
– सवर्णों को गाली दो
– रातों-रात वायरल
– दो दिन में “भीम सेना का नेता”
– चार दिन में “सोशल जस्टिस आइकॉन”
– और अगले महीने चुनाव का टिकट
सबसे मज़ेदार बात—भले देश जल जाए, सिस्टम सड़ जाए, लोग लड़ जाएँ—पर सरकार कुछ नहीं बोलेगी…क्योंकि वोट बैंक ज़्यादा महत्वपूर्ण है, देश नहीं।
■ देश बारूद के ढेर पर… और सरकार ईयरप्लग लगाकर सोई है: आज हालात ऐसे हैं कि पूरा देश एक बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है।कब कौन-सी चिंगारी इस ढेर को जला देगी, कोई नहीं जानता। समाज का एक बड़ा वर्ग सालों से अपमान सह रहा है,पर सरकार—मौन।बिल्कुल मौन। क्योंकि बोलने से वोट बैंक नाराज़ हो जाएगा।
**■ लोकतंत्र का गिरता स्तर:कन्हैया-उमर मॉडल से “गाली मॉडल” तक**पहले देशद्रोह बोलकर नेता बनते थे,अब सवर्णों को गाली देकर।अगला स्टेप क्या होगा—ये सोचकर भी डर लगता है।
**■ सरकार से उम्मीद?
व्यर्थ। बिल्कुल व्यर्थ।**जो सरकारें वोट बैंक के डर से– समाज का वर्गीय अपमान सुनकर भी मौन रहती हों
– सोशल मीडिया में फैलती नफरत देखकर भी चुप रहती हों
– न्याय और कानून को एकतरफा बना कर रख दें
उन्हीं सरकारों से न्याय की उम्मीद करना, ठीक वैसा ही है जैसे आग से उम्मीद करना कि वो घर बचा लेगी।भारत आज उस मोड़ पर खड़ा है जहाँ नफरत नेता बनाती है, और चुप्पी सरकार को बचाती है।बाकी देश—वो तो बस भगवान भरोसे चल रहा है।

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कलेक्टर ने खाद लेने आई छात्रा से थप्पड़ मारने संबंधित घटना पर तत्काल लिया एक्शन

नायब तहसीलदार श्रीमती ऋतु सिंघई को कारण बताओ नोटिस जारी

आज ही मांगा जबाव
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समाचारो के माध्यम से जानकारी मिलने पर खाद वितरण में विवाद को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर श्री पार्थ जैसवाल ने शासकीय सेवा अनुरूप कर्तव्य निर्वहन आचरण में लापरवाही बरतने के संबंध में नायब तहसीलदार श्रीमती ऋतु सिंघई नायब तहसीलदार सौरा मंडल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि मण्डी परिसर में खाद वितरण के दौरान खाद लेने आई एक छात्रा को थप्पड़ मारने की खबर पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने नोटिस जारी कर कहा है कि नायब तहसीलदार का कृत्य म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के विपरीत है। अतएव उक्त संबंध में आप अपना स्पष्टीकरण आज ही प्रस्तुत करें कि क्यों न उक्त लापरवाही के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। जवाब समय सीमा में एवं संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।
Dr Mohan Yadav
CM Madhya Pradesh
Jansampark Madhya Pradesh
Department Of Revenue, Madhya Pradesh
Sagar Commissioner
#chhatarpur

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📢 *करियर अलर्ट! स्मार्ट एफपीओ क्रांति से जुड़ें* 🚀

आरोग्य समाधान फूड प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (ASFPCL) अपनी मुख्य प्रबंधन टीम (core management team) में शामिल होने के लिए प्रतिभाशाली (talented) और उच्च-क्षमता (high-potential) वाले लोगों की तलाश कर रही है। हमारा मिशन पारदर्शी (transparent) और टिकाऊ कृषि (sustainable agriculture) के माध्यम से समृद्धि लाना है।

हमें अपनी 9 आंतरिक समितियों (Internal Committees) में विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाओं (Production, Processing, Finance, Marketing, Logistics, HR, आदि) के लिए आवेदकों की तलाश है।

🎯 पद: प्रोजेक्ट असिस्टेंट (परिवीक्षाधीन/Probationary)

🧠 *चयन प्रक्रिया* (अनिवार्य):

सभी शॉर्टलिस्ट (shortlisted) किए गए उम्मीदवारों को एक *अनिवार्य एक महीने का प्रशिक्षण* और अभिविन्यास (Training & Orientation - अधिकतर ऑनलाइन) में भाग लेना होगा। प्रशिक्षण के बाद, एक चयन परीक्षा (selection test) आयोजित की जाएगी। केवल वे उम्मीदवार जो प्रशिक्षण और आवंटित कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे, उन्हें ही ASFPCL एचआर स्ट्रीम (HR Stream) में प्रवेश का अवसर दिया जाएगा।

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ASFPCL योग्य उम्मीदवारों के लिए उद्योग में सर्वश्रेष्ठ क्षतिपूर्ति पैकेज (industry-best compensation packages) और प्रदर्शन-आधारित बोनस तथा प्रोत्साहन (performance-based bonuses and incentives) के मजबूत अवसर प्रदान करने का प्रयास करता है। हमारा मानना है कि अनुभव से ज़्यादा सही रवैया, योग्यता (Aptitude) और जुनून मायने रखता है।

नए और अनुभवहीन उम्मीदवारों (Fresh & Inexperienced) का भी हार्दिक स्वागत है, यदि उनमें ग्रामीण समृद्धि लाने का सही जुनून (passion) है।

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02/12, 1:35 pm] हीरा मझैल: बिजली संशोधन बिल 2025 के विरोध में गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान का पुतला फूंका गया।

प्रेस नोट

देश के कृषि क्षेत्र और मेहनतकश लोगों पर केंद्र सरकार द्वारा कॉरपोरेट्स के हित में किए जा रहे नित नए हमलों के मद्देनजर, गैर-राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा की पंजाब इकाई ने आज संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बिजली संशोधन विधेयक 2025 पेश करने की योजना के खिलाफ पंजाब में बिजली विभाग के सभी सब-डिवीजनों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान के पुतले फूंके। केंद्र सरकार ने राज्यों से 8 नवंबर तक सुझाव मांगे थे, लेकिन पंजाब सरकार चुप रही। केंद्र की दमनकारी सरकार ने इसके लिए 30 नवंबर का समय तय किया था। हालांकि, गैर-राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा को उम्मीद थी कि पंजाब सरकार श्री आनंदपुर साहिब सत्र में बिजली संशोधन विधेयक 2025 को खारिज करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करेगी, लेकिन यहां भी पंजाब सरकार चुपचाप और सीधे केंद्र सरकार के निर्देशों पर काम कर रही है। एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं और पंजाब में बिजली विभाग की जमीनें बेचकर पंजाब सरकार अपने स्वार्थों को पूरा करने और उस पैसे का अवैध इस्तेमाल करने का काम कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा यह काम गैर-राजनीतिक तरीके से कर रहा है। इसका वह पुरजोर और पुरजोर विरोध करेगी। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा सिंह गुरदिती वाला ब्लॉक अध्यक्ष मल्लां वाला मलकीत सिंह हीरा सिंह गुरदिती वाला ब्लॉक अध्यक्ष मल्लांवाला मलकीत सिंह इकाई अध्यक्ष मल्लांवाला मेजर सिंह जोशान महासचिव गुरमेज सिंह कोषाध्यक्ष बलजीत सिंह नत्थूपुरिया प्रेस सचिव उपाध्यक्ष दर्शन सिंह अर्शदीप सिंह उपाध्यक्ष टिंपू और सदस्य साहिबान साहिब सिंह मंगल सिंह जगतार सिंह निशान सिंह गुरमीत सिंह संदीप सिंह मंगल कुमार जगतार मुख्तियार सिंह हरदीप सिंह भूरा सतनाम सिंह भूरा सुखविंदर सिंह भूरा बाज सिंह बंडाला सूरज सिंह अटवाल लवप्रीत सिंह दर्शन सिंह गुर साहिब सिंह संदीप अटवाल उडिक अटवाल दिलबाग सिंह सरवन सिंह

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भोपाल।✍️ डॉ. महेश प्रसाद मिश्रा, भोपाल की कलम से:

जब किसी देश के विदेश मंत्री खुद मंच पर खड़े होकर यह सीख देने लगें कि “टैलेंट को मत रोको, नहीं तो नुकसान करोगे”, तब समझ लीजिए कि देश में हालात कितने ‘आदर्श’ होंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर जी का ताज़ा बयान पढ़कर पहले तो लगा कि इतना पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी देश के साथ इतना बड़ा मज़ाक कर सकता है? लेकिन फिर सोचा—बेचारा करे भी तो क्या? राजनीति है, सब कुछ करवा लेती है।
देश के भीतर टैलेंट की जो हालत है, उसकी बात करने की बजाय मंचों पर जाकर दुनिया को सीख दी जा रही है कि—“टैलेंट को मत रोको, नौकरी दो, विकास करो।”अरे साहब, पहले ये तो बताइए कि हमारे अपने देश में टैलेंट की क्या इज़्ज़त बची है?

आरक्षण की जंजीरों में लिपटा देश: भारत आज उस हालत में पहुँच गया है जहाँ
घोड़ों के पैरों में जंजीरें बाँध दी जाती हैं और गधों को कहा जाता है कि लो, अब तुम घोड़े के बराबर दौड़ो। नतीजा?
– 90-100% लाने वाले बेरोजगार घूम रहे हैं
– और माइनस 20% वाले लेक्चरर, इंजीनियर और डॉक्टर बन रहे हैं।

WHO की ताज़ा रिपोर्ट भी यही चीख-चीख कर कह रही है कि भारत में 55% डॉक्टर नाकारा हैं। पर कौन बोले? ये सब तो ‘सरकारी दामाद’ हैं—आरक्षण जीवि प्राणी।

मंत्री महोदय का विदेश प्रेम: लगता है वो दिन दूर नहीं जब हमारे माननीय मंत्री विदेश जाकर कटोरा लेकर बैठ जाएँगे और कहेंगे—“हमारे टैलेंटेड युवाओं को नौकरी दे दो… प्लीज़!”यह कैसा विकास मॉडल है?देश का टैलेंट बाहर भेजकर हम दुनिया को समझा रहे हैं कि “टैलेंट मत रोको”—और भीतर?
भ भीतर तो हम खुद ही टैंलेंट को दम घोंट कर मार रहे हैं।

देश की गिरती हालत किसी से छिपी नहीं: आज हालत यह है कि भारतीय रुपया अफगानिस्तान की करेंसी से भी नीचे जा चुका है।पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका की आर्थिक स्थिति पर तो हम भाषण देते हैं, पर अपनी गिरती हालत पर चुप्पी साध लेते हैं।कब तक जनता को बेवकूफ बनाया जाएगा?कब तक वोट बैंक के नाम पर देश के भविष्य की बलि चढ़ाई जाएगी?

देश में ऐसी लूट कि शब्द कम पड़ जाएँ: आज इस देश में टैलेंट का कोई मूल्य नहीं बचा।लूट ही लूट है, सिस्टम से लेकर संस्थानों तक सब वोट बैंक की राजनीति के कब्जे में है।और नेता—देश को अपनी राजनीति की थाली में परोसकर खा रहे हैं।

देश को बचाना है तो एक ही रास्ता—अर्थिक आधार पर आरक्षण:
अगर आरक्षण देना मजबूरी है तोइसे आर्थिक आधार पर दीजिए।और उसमें भी न्यूनतम पासिंग मार्क्स अनिवार्य कीजिए।नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जिनकी हालत सुनकर हम आज सिर हिलाते रहते हैं।

देश को समझना होगा—टैलेंट को रोकोगे तो देश डूबेगा,पर बिना टैलेंट वालों को आगे करोगे… तो देश बर्बाद होना तय है।अगर कुछ नहीं बदलता तो समझ लीजिए—देश को नेता नहीं, जनता सड़क पर आकर ही बचाएगी।

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RN NEWS CG सीईओ छत्तीसगढ़ की वेबसाइट में है 12 राज्यों के 2003 की मतदाता सूची*

*एसआईआर फार्म भरने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर*

*मतदाता सूची 2003 के रिकार्ड ढूंढने के लिए मीडिया नोडल अधिकारी ने दी जानकारी*

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 3 दिसंबर 2025/भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भारत के 12 राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश (अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, पुदुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल) में मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य को पूरा करने के लिए 11 दिसंबर 2025 तक वृद्धि किया गया है। पूर्व में इस कार्य के लिए अंतिम तिथि 4 दिसंबर 2025 था। मतदाता सूची 2003 के रिकार्ड नहीं ढूंढ पा रहे देश के उन असंख्य लोगों की सुविधा के लिए सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के मीडिया नोडल अधिकारी देवराम यादव ने वीडियो शेयर कर जानकारी दिया है, जिसमें क्रमवार कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल आदि में सर्च कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ की वेबसाइट सीईओ छत्तीसगढ़ में 12 राज्यों की 2003 की मतदाता सूची उपलब्ध है। सबसे पहले गूगल में सीईओ छत्तीसगढ़ को ढूंढना होगा। वहां मतदाता सूची 2003 लाल कलर की बैकग्राउंड लाइट के साथ होमपेज में उपलब्ध है, उसे क्लिक करने पर हरा कलर की बैकग्राउंड लाइट को क्लिक करने पर दो भाग में जानकारी खुलेगा, जिसमें लेफ्ट साइड मतदाता की जानकारी दी गई है और राइट साइड लास्ट एसआईआर की सूची उपलब्ध है, जिसमें हमें राइट साइड को क्लिक करना है और राज्य, जिला, विधानसभा, मतदान केन्द्र का नाम क्लिक कर हम अपने मतदाता सूची 2003 के रिकार्ड डाउनलोड कर एसआईआर के काम को पूरा कर सकते हैं।

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👊 जलगाँव जिले की नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में BJP और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) आमने-सामने उतरने से महायुती में बड़ा दरार जैसा माहौल बना। लोकसभा–विधानसभा में साथ लड़ने वाले दोनों दलों ने इस बार एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दी
👍 BJP ने स्वबल पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जबकि मंत्री गुलाबराव पाटिल ने युती कायम रखने की कोशिश की, पर BJP तैयार नहीं हुई। प्रचार के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप किए।
👉👈। मुक्ताईनगर और पाचोरा में मुकाबला बेहद गर्म रहा। मुक्ताईनगर में केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे और विधायक चंद्रकांत पाटिल के बीच वोटिंग के दिन तक संघर्ष चलता रहा। पाचोरा में भी विधायक किशोर पाटिल ने BJP को कड़ी चुनौती दी।इन घटनाओं के बाद BJP और शिंदे गुट के संबंध काफी तनावपूर्ण दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या महायुती आगे भी साथ रहेगी या अब टूटने की कगार पर पहुँच गई है।

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मध्यप्रदेश की विरासत को मिला जी-आई टैग
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भारत के बौद्धिक संपदा अधिकारों में शामिल मध्यप्रदेश की संपदा
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खजुराहो स्टोन क्राफ्ट, छतरपुर फ़र्नीचर, बैतूल भरेवा मेटल क्राफ्ट, ग्वालियर पत्थर शिल्प और ग्वालियर पेपर माशे क्राफ्ट को मिला जी-आई टैग
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मंत्री श्री चैतन्य कश्यप ने माना आभार और अधिकारियों को दी बधाई
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पद्मश्री रजनीकांत ने बताया यह एक ऐतिहासिक पल है।
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भारत का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश की 5 बहुत ही प्राचीन शिल्प कलाओं को जीआई टैग के द्वारा भारत की बौद्धिक संपदा अधिकार में शुमार होने का गौरव प्राप्त हुआ है। एमएसएमई मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने मध्यप्रदेश की विरासत को मिली इस ऐतिहासिक पहचान के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त करते हुए विभागीय अधिकारियों को बधाई दी है। इस उपलब्धि को ‘जीआई मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से प्रख्यात पद्मश्री डॉ. रजनी कांत ने अत्यंत गर्व का पल बताया है।

RM : https://shorturl.at/sVsyV

#GITag #MadhyaPradeshKiVirasat #MSME #IncredibleIndia
#VocalForLocal #JansamparkMP

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నంద్యాల (AIMA MEDIA): నంద్యాల మండలం పెద్దకొట్టాల గ్రామంలో వ్యవసాయ శాఖ ఆధ్వర్యంలో నిర్వహించిన రైతన్న మీకోసం వర్క్ షాప్ లో నంద్యాల జిల్లా కలెక్టర్ రాజకుమారి గనియ పాల్గొని రైతులతో గ్రామంలో ప్రస్తుతం సాగు చేస్తున్న వ్యవసాయ పంటల గురించి చర్చించారు. ఈ సందర్భంగా కలెక్టర్ మాట్లాడుతూ వ్యవసాయాన్ని లాభసాటిగా మార్చటానికి ముఖ్యమంత్రి నారా చంద్రబాబు నాయుడు సూచించిన ఐదు సూత్రాలను పాటించాలని రైతులకు తెలిజేసారు. అలాగే రైతులు ఆధునిక వ్యవసాయ పద్ధతులు పాటించాలని అందుకుగాను ప్రకృతి వ్యవసాయ పద్ధతులు ఆచరించాలని అలాగే పంటలలో పిచికారి చేయుటకు డ్రోన్స్ వినియోగించాలని, రసాయనీక ఎరువుల వాడకం తగ్గించి నానో ఎరువుల వాడకం అలవర్చుకోవాలని సూచించారు. ఈ వర్క్ షాప్ ద్వారా రైతులతో చర్చించిన అంశాలను క్రోడీకరించి గ్రామ సమగ్ర అభివృద్ధి కొరకు ప్రణాళికలు సిద్ధం చేసి ప్రభుత్వానికి సమర్పించాలని సిబ్బందిని కలెక్టర్ ఆదేశించారు.

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भदोही के सुरियावां से रोहित जायसवाल की बारात गई थी बनारस। रोहित मुंबई में एक पिज्जा कंपनी में किसी पद पर कार्यरत हैं।
दहेज में एक लाख कैश और बाइक के साथ सारा सामान इसपर विवाह तय हुआ था जिसमें बरीक्षा में 75 हजार रुपए दे दिए गए थे बाकी पैसे द्वारचार पर देने की बात हुई।
बारात वाले दिन द्वारचार पर थोड़ा लेट हुआ लेकिन 25 हजार दिए गए। वरमाला के बाद भात खाने की रस्म थी जिसमें दुल्हा दुल्हन के साथ कुछ वर पक्ष के लोग खाना खाने बैठते हैं।
वर पक्ष की तरफ से 30 लोग बैठ गए। खाना खाते समय इच्छा अनुसार वधु पक्ष के लोगों को कुछ पैसे सबकी थाली में रखने पड़ते हैं शगुन के तौर पर।
लड़की के पिता सबकी थाली में 100 रुपए रख रहे थे इसपर लड़के पक्ष के दो चार लोग ऐंठने लगे और बोले कि कम से कम 1000 रखिए सबकी थाली में जब पैसा नहीं है तो विवाह क्यों करने लगे।
1000 का मतलब 30 से 35 हजार इतना सुनते ही दुल्हन ने गले से वरमाला निकाली और 112 नंबर पर कॉल कर दी पूरा मामला पुलिस के पास पहुंच गया।
वैसे मेरे हिसाब से तो बिल्कुल सही किया है। क्योंकि 30 लोगों का बैठने का मतलब ही था लड़की के पिता को नीचा दिखाना।

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📰 समाचार रिपोर्ट / नई दिल्ली — हाल ही में Ministry of Finance ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल 8th Central Pay Commission (8th CPC) के तहत बढ़ रही चर्चाओं और मांगों के बावजूद महंगाई भत्ता (DA) / महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन (Basic Pay) में मिलाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

3 नवंबर 2025 को 8th CPC की आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई थी। सरकार ने वेतन, भत्तों एवं पेंशन संरचना की समीक्षा के लिए आयोग का गठन किया है।

वहीं, कर्मचारी संगठन और पेंशनभोगी लंबे समय से मांग कर रहे थे कि जब DA 50% से ऊपर पहुँच चुका है, तो इसे मूल वेतन में शामिल किया जाए ताकि वेतन एवं पेंशन स्थायी और संरचित हो जाए।


✅ सरकार का क्या कहना है?

संसद (लोकसभा) में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में, राज्य मंत्री (वित्त) Pankaj Chaudhary ने स्पष्ट किया कि “वर्तमान में किसी भी प्रकार का DA/DR-बेसिक पे मर्ज का प्रस्ताव सरकार के समक्ष नहीं है.”

उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता / राहत को हर 6 महीने में पुनरीक्षित किया जाता रहेगा — जैसा कि पहले होता आ रहा है — और किसी तत्काल राहत के रूप में मर्जर पर विचार नहीं हो रहा है।


⚠️ कर्मचारियों व पेंशनभोगियों की प्रतिक्रिया

यह निर्णय लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए है, जो 8th CPC की सिफारिशों का इंतज़ार कर रहे थे।

कर्मचारी संघ व पेंशनर समूहों ने इसे निराशाजनक बताया है, क्योंकि महंगाई बढ़ने के बावजूद वेतन और पेंशन संरचना स्थिर नहीं होगी।

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📝 सारांश

8th CPC की अधिसूचना जारी हो चुकी है, लेकिन DA/DR को बेसिक वेतन में मर्ज करने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया।

महंगाई भत्ता/राहत पूर्ववत् पुराने ढर्रे पर — हर 6 महीने में पुनरीक्षित की जाएगी।

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में असमंजस व निराशा — क्योंकि लंबे समय से मांग की जा रही थी कि DA स्थायी वेतन में बदलना चाहिए।

Sanjeev Sameer
(District Secretary, AiMA Media, Muzaffarpur )

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'
Aima media jan jan ki
Date 4/12/2025 am :3:59
आहिताग्नी राजवाडे आत्मवृत्त' या पुस्तकाचे पुनर्प्रकाशन !

अत्यंत विद्वान, व्यासंगी परंतु विक्षिप्त व परखड बोलणारे म्हणून प्रसिद्ध असलेले विविध विषयांची आपल्या लेखणीतून आणि वाणीतून निर्भीड चिकित्सा करणारे प्रकांड पंडित कै. शंकर रामचंद्र राजवाडे यांच्या जीवन कार्यावर आधारित 'आहिताग्नी राजवाडे आत्मवृत्त' या पुस्तकाचे पुनर्प्रकाशन श्रीविद्या प्रकाशनच्या संचालिका सौ. श्रीती निखिल कुलकर्णी यांनी केले.

'आहिताग्नी' ही पदवी श्री राजवाडे यांना मिळाली कारण त्यांनी आपल्या घरी अखंड अग्निहोत्र प्रज्वलित ठेवला होता. त्यांचे काही विचार कोणत्याच काळात कोणालाच पटण्यासारखे वाटत नाहीत. तर काही मात्र आजही कालसुसंगत वाटतात. उदाहरणार्थ, "राष्ट्रातील नागरिकांना असे शिक्षण मिळायला हवे, ज्याने ते राष्ट्रासाठी वेळप्रसंगी प्राण देण्यासही तयार होतील, अशी राष्ट्रभक्तीची भावना त्यांच्या मनात तयार होईल" हे विचार आजही आपल्याला पटतात.

ऐतिहासिक व्यक्तींकडे, त्यांच्या कृती अगर वक्तव्याकडे वस्तुनिष्ठपणे पाहून त्यातील गुणदोषांसकट त्यांचे विचार वाचणे व त्याचे विश्लेषण करून योग्य विचारांचा अंमल करून अयोग्य विचार टाळणे हे आवश्यक असते.

1979 साली या पुस्तकाचे सर्वप्रथम प्रकाशन करण्यात आले होते. या पुस्तकाच्या फार कमी प्रति अलीकडे उपलब्ध होत्या.
या पुस्तक प्रकाशन सोहळ्याला माजी खासदार श्री. कुमार केतकर, श्री. हर्ष जोशी तसेच श्री. हेमंत प्रकाश राजोपाध्ये उपस्थित होते.

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बागपत दिनांक 03 दिसंबर 2025 – अब न तो बागपत की महिलाओं और बालिकाओं की पहुँच से सुरक्षित पैड दूर रहेगा और न ही माहवारी की परेशानियों पर यह चुप्पी होगी। जिस मुद्दे पर कभी घरों में बात तक नहीं होती थी, वही समस्या जब मिशन शक्ति संवाद के दौरान स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियों और गांव की महिलाओं ने सीधे जिलाधिकारी के सामने रखी, तो प्रशासन ने तय किया कि अब इस दर्द को अनदेखा नहीं किया जाएगा। हर माह होने वाली परेशानी, खर्च का बोझ, असुरक्षित साधनों का जोखिम और कचरे का संकट—इन सबका समाधान अब बागपत प्रशासन अपने साथ लेकर आया है। यह समाधान है ‘निरा’—कॉटन आधारित, सुरक्षित, पुन:प्रयोग योग्य सेनेटरी पैड, जो कल से जिले में महिलाओं और किशोरियों तक पहुंचने जा रहा है।


जिलाधिकारी आईएएस अस्मिता लाल के संवेदनशील नेतृत्व में रामा मेडिकल कॉलेज के सीएसआर और यूनिसेफ इंडिया एवं इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से कल नगर पालिका बड़ौत में रविदास मंदिर वार्ड संख्या 01 में दोपहर 12.00 बजे आयोजित विशेष समारोह में निरा पहल शुरू की जाएगी जिसमें महिलाओं को 100% कॉटन से बने री-यूज़ेबल सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाएंगे जिन्हें दो से तीन साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। बागपत इस मॉडल को लागू करने वाला देश का प्रथम जिला है। इन पैड्स में प्लास्टिक या केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है और पर्यावरण पर भी बोझ नहीं पड़ता। यह महिलाओं की गरिमा, स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ा संपूर्ण समाधान है। ये सुरक्षित हैं, प्लास्टिक-रहित हैं, केमिकल-रहित हैं और ग्रामीण परिवारों के लिए आर्थिक रूप से भी बेहद राहत देने वाले हैं।


बागपत में महंगे पैड की समस्या जितनी बड़ी है, उससे बड़ा संकट है डिस्पोज़ेबल पैड्स का बढ़ता कचरा। गांवों में नालियों, खेतों, सड़कों और कूड़ा स्थलों पर पड़े इस कचरे से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कई जगह इन्हें जलाया भी जाता है, जिससे हवा, पानी और मिट्टी तीनों प्रभावित होती हैं। सफाई कर्मियों के लिए भी यह जोखिम का कारण बनता है। निरा इस समस्या को जड़ से कम करेगा, क्योंकि इसके पैड पर्यावरण-अनुकूल हैं और कचरा लगभग न के बराबर होता है। इसे देखते हुए प्रशासन मानता है कि री-यूज़ेबल पैड ही जिले के लिए सबसे व्यावहारिक विकल्प हैं।


बागपत में कुछ समय पहले हुए “महिलाओं संग हक की बात” कार्यक्रम और बालिका विद्यालयों में जिलाधिकारी के भ्रमण के दौरान जब कई लड़कियों और महिलाओं ने जिलाधिकारी के सामने माहवारी से जुड़ी अपनी दिक्कतें, खर्च का बोझ और सुरक्षित साधनों की कमी खुलकर बताई, तो जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने वहीं तय कर लिया था कि इसका कोई टिकाऊ समाधान जिले को देना ही होगा। इसी संकल्प का परिणाम है कि कल से जिले में ‘निरा’ पहल शुरू होने जा रही है, जो महिला स्वास्थ्य और पर्यावरण—दोनों के लिए एक नया विकल्प लेकर आई है।


निरा की एक और खासियत यह है कि यह केवल पैड वितरण तक सीमित नहीं है। प्रशासन इस पहल को व्यापक जागरूकता अभियान के रूप में चलाएगा। कार्यक्रम में उपयोग की सही विधि, स्वच्छता के मूल नियम और संक्रमण से बचाव पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिलाधिकारी के निर्देश पर महिलाओं के लिए सरल भाषा में उपयोग गाइड भी तैयार की गई है, जिसमें यह बताया गया है कि पैड को कैसे धोना, सुखाना और सुरक्षित रखना है।


महिलाओं में इस नई पहल को लेकर उत्साह भी दिख रहा है। निरा जमीनी जरूरतों से जुड़ा हुआ समाधान है। जिला प्रशासन की योजना इससे आगे बढ़कर भी है। आने वाले महीनों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पैड निर्माण कार्य से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। इससे गांवों में स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा और महिलाएँ आर्थिक रूप से और सशक्त होंगी। स्कूलों में किशोरियों को विशेष निरा किट भी दी जाएगी, जिसमें पैड्स के साथ स्वच्छता पुस्तिका भी शामिल होंगी।


समग्र रूप से देखा जाए तो ‘निरा’ बागपत में महिलाओं के स्वास्थ्य, जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ जोड़ने वाली पहल है। प्रशासन की कोशिश है कि यह पहल न केवल समस्या को कम करे, बल्कि जिले में एक नई सोच भी स्थापित करे—कि माहवारी जीवन की सामान्य प्रक्रिया है और इसे सुरक्षित, सम्मानजनक और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से संभालना परिवार एवं समाज की जिम्मेदारी है।


जिलाधिकारी आईएएस अस्मिता लाल के नेतृत्व में बागपत में महिलाओं एवं बेटियों के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित कर मिशन शक्ति को नई मजबूती दी जा रही है जिसमें हाल ही में आयोजित हमारी बेटी हमारी कुलदीपक, आंचल ब्रेस्टफीडिंग बूथ जैसी नवाचारी पहल शामिल है जिसमें अब निरा पैड्स मुहिम भी जुड़ गई।

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ଖୋର୍ଦ୍ଧା,୩.୧୧.୨୫ : ଖୋର୍ଦ୍ଧା ଜିଲ୍ଲା ରାମେଶ୍ୱର ଅଧିନସ୍ଥ ପଦ୍ମପୁର ଠାରେ ପ୍ରତିଷ୍ଠିତ ମା ପାଦୁକାଇ ମନ୍ଦିରରେ ୧୯ ତମ ବାର୍ଷିକ ମହାଯଜ୍ଞ ଅନୁଷ୍ଠିତ।ଉକ୍ତ ମହାଯଜ୍ଞ ଅବସରରେ ମନ୍ଦିର ପରିସରରେ ପୂଜା ପାଠ,ହୋମ ମହାଯଜ୍ଞ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ବିଧି ମୁତାବକ ସମାପନ ହୋଇଛି।ଗ୍ରାମବାସୀ ମାନେ ମନ୍ଦିର ପରିସରରେ ଉପସ୍ଥିତ ରହି ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ସୁରୁଖୁରୁରେ ସମ୍ପାଦନ କରିଛନ୍ତି।ଭକ୍ତ ଶ୍ରଦ୍ଧାଳୁ ମାନେ ପ୍ରଭୁକୃପା ଲାଭ କରିବା ସହିତ ମାନସିକ ଧାରୀ ମହିଳା ଭକ୍ତମାନେ ପ୍ରାତଃ କାଳରେ ଏକ ବିରାଟ ଶୋଭାଯାତ୍ରାରେ ଗ୍ରାମ ପୁସ୍କରୀଣିରୁ କଳସରେ ଜଳ ଆଣି ଯଜ୍ଞ ମଣ୍ଡପରେ ସ୍ଥାପନା କରିଥିଲେ।ମହାଯଜ୍ଞ ନିମନ୍ତେ ସମସ୍ତ ରିତିନିତୀ ଅନୁସାରେ କାର୍ଯ୍ୟ ସମାପନ ହୋଇଛି।ମା ପାଦୁକାଇ ମନ୍ଦିର ପରିସରରେ ଭକ୍ତିମୟ ପରିବେଶ ସୃଷ୍ଟି ହୋଇଛି।ଯଜ୍ଞ ମଣ୍ଡପରେ ବ୍ରାହ୍ମଣ ମନ୍ତ୍ରପାଠ କରି ପୂଜାର୍ଚ୍ଚନା କରିବା ପରେ ସଂନ୍ଧ୍ୟା ରେ ମହାଯଜ୍ଞର ପୂର୍ଣ୍ଣାହୁତି ସମାପନ ହୋଇଛି।ସମାପନ ଶୋଭାଯାତ୍ରାରେ ମାନସିକ ଧାରି ଶ୍ରଦ୍ଧାଳୁ ମାନେ ଵିରାଟ ଶୋଭାଯାତ୍ରାରେ ଗ୍ରାମ ପରିକ୍ରମା କରି ନିକଟସ୍ଥ ପୁସ୍କରିଣୀରେ କଳସ ବିଷର୍ଜନ କରିଛନ୍ତି।

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