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दूरदर्शी देशभक्त समर्पित विश्वास पात्र निडर अथक नेता नरेंद्र मोदी रहो स्वस्थ दीर्घायु
दूरदर्शी देशभक्त समर्पित विश्वास पात्र निडर अथक नेता नरेंद्र मोदी रहो स्वस्थ दीर्घायु
चंडीगढ़ 17/12/25 आर विक्रमा शर्मा रक्षत शर्मा अनिल शारदा अश्वनी शर्मा प्रस्तुति------ क रैली हुई जिसका आयोजन उस स्वयंभू युवा नेता द्वारा किया गया जो कि जल्द ही वृद्धावस्था पेंशन लेने के पात्र हो जाएगा । तो वहां हमेशा की तरह देश के प्रधानमंत्री को अपमानित करने की चेष्टा हुई जो कि उसकी लगभग हर रैली में होती रहती है तो इस बार का नारा था " मोदी तेरी कब्र खुलेगी आज नहीं तो कल खुदेगी " मेरा ध्यान सिर्फ एक शब्द पर गया और वह सब था ' कब्र' और जो मूर्ख महिला यह नारा लगा रही थी मैंने उसकी फेसबुक प्रोफाइल को ढूंढा तो उसकी शिक्षा में लिखा हुआ था " NONE ' इसका मतलब कि वह अंगूठा छाप है और वह इसने स्वयं ही लिखा हुआ है लेकिन कोई अंगूठा छाप भी, गंवार, अनपढ़ या नितांत मूर्ख भी यह जानता है कि कब्र हिंदुओं की तो खुदती नहीं है । कब्र या तो मुसलमान की खुदती है या ईसाइयों की खोदी जाती है और मोदी जी तो हिंदू हैं तो मोदी जी की तो कब्र खुद नहीं सकती है मोदी जी का पार्थिव शरीर तो केवल अग्नि को ही समर्पित किया जा सकता है परंतु कब्र ही क्यों खोदी गई ? चलिए मैं आपको समझाने की चेष्टा करती हूं
कल्पना कीजिए कि आप किसी गुरुकुल में पढ़ते हैं और आपके गुरु प्रकांड पंडित हैं, वेदों की ज्ञाता हैं तो उनको प्रसन्न करने के लिए आप क्या करेंगे आप कोई गूढ़ श्लोक खोज कर लाएंगे ,इसका अर्थ समझेंगे अपने गुरु के सम्मुख उस श्लोक की व्याख्या करेंगे और ऐसे ही अन्य अनेकों सात्विक कार्य करेंगे जिससे आपके गुरुदेव प्रभावित हो सकें और यह समझ सकें कि आप भी विद्वान हैं ।
कल्पना कीजिए कि आप किसी मोटर मैकेनिक के यहां पर हेल्पर है तो आप कोशिश करेंगे कि अपने मालिक को पूरी गाड़ी सही से खोलकर और जोड़कर ठीक कर के ओवरहालिंग कर के या उसकी सर्विस कर के दिखाएं जिससे कि आपका मालिक आपसे प्रभावित हो सके ।
कल्पना कीजिए कि आप किसी हलवाई की दुकान पर काम करते हैं और आपका मुख्य हलवाई हर मिठाई और पकवान बनाने में निपुण है तो आप उसको प्रभावित करने के लिए स्वयं भी अच्छे-अच्छे पकवान बनाना चाहेंगे, स्वादिष्ट पकवान बनाना चाहेंगे स्वादिष्ट मिठाइयां बनाना चाहेंगे ताकि वह आपसे प्रभावित हो सके । यह मात्र तीन उदाहरण है लिखने को ऐसे हजारों उदाहरण लिखे जा सकते हैं किंतु समझने वाली बात यह है कि यदि आप वैदिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं तो वहां आपका सर्वश्रेष्ठ मोटर मैकेनिक होना आपको विद्वान नहीं बना सकता यदि आप हलवाई के यहां काम कर रहे हैं तो आप प्रकांड पंडित हो जाएं, वेदों के ज्ञाता हो जाएं पर आपकी वह शिक्षा हलवाई के यहां महत्वहीन है यदि आप मोटर मैकेनिक यहां काम कर रहे हैं तो आप कितने भी निपुण हलवाई हो जाएं, कितने भी स्वादिष्ट पकवान बनाना सीख लें वह शिक्षा आपके उसे कार्य क्षेत्र में महत्वहीन है । तो अलग अलग क्षेत्रों में, व्यवसायों में प्रभावशाली बनने के लिए अलग अलग मापदण्ड हैं जैसे : वेश्याओं में सबसे अधिक सुंदर वेश्या का प्रभावशाली है मदिरालय में सबसे अच्छी मदिरा प्रभावशाली है गालीबाजों के यहां सबसे अच्छी गाली देने वाला प्रभावशाली है ठीक उसी प्रकार ... मोदी विरोधियों के यहां मोदी को सबसे अधिक निम्न स्तर तक जाकर कोसने वाला व्यक्ति प्रभावशाली है और सबसे बड़ी बात .... हिंदू धर्म से घृणा करने वालों के यहां किसी हिंदू की कब्र खोदने की बात करना आपको सबसे अधिक प्रभावशाली बना देता है । तो अब यह बेचारी अनपढ़ महिला जिसके लिए उसका मंदबुद्धि नेता ज्ञान की मूर्ति है उसको प्रसन्न करने के लिए वह और क्या करें । दूसरी बात यह है कि उसको यह नहीं पता कि उसके मंदबुद्धि नेता जलाए जाएंगे कि दफनाए जाएंगे क्योंकि उनके वास्तविक धर्म का किसी को नहीं पता ... वैसे इतनी मिक्सिंग के बाद कुछ भी वास्तविक बच पाना संभव नहीं है । परनाना मुसलमान, नाना ऐसे पंडित कि जिनके सरनेम का दूसरा पूरे विश्व में कहीं नहीं, दादा पारसी, मां ईसाई और खुद दत्तात्रेय गोत्र धारी ब्राह्मण यह कलाकारी आज तक सिर्फ एक परिवार ने ही सीख पाई है और यह उनके पास सर्वाधिकार सुरक्षित है । वीर सावरकर को अपमानित करने वाला मूर्ख हिंदुओं के मंदिर जाने पर उपहास उड़ाने वाला मूर्ख मंदिर में हिंदू लड़की छेड़ने जाते हैं कहने वाला मूर्ख हिंदू हिंसक है कहने वाला मूर्ख इस राष्ट्र में कभी भी सम्मान नहीं पा सकता रही बात मोदी तेरी कब्र खुदेगी के नारे की तो चमगादड़ों की चीखने से कभी चांद नहीं गिरते तुम वही कर रहे हो जो तुम कर सकते हो और इससे अधिक करने की तुम्हारी न तो औकात है और न ही हैसियत क्योंकि तुम्हारी लाख कोशिशों के बाद भी देश का युवा वर्ग तुमसे जुड़ नहीं पाया क्योंकि राष्ट्र का युवा, राष्ट्र के प्रति समर्पित था, समर्पित है और समर्पित रहेगा तुम्हारे चीखने चिल्लाने से केवल लोगों का मनोरंजन ही होगा और कुछ नहीं । और अंतिम बात गद्दी किसी के बाप की जागीर नहीं......और ये भिखमंगो की तरह भीख मांगने से नहीं मिलेगी ।
दशकों के संताप की है हर हिन्दू के प्रताप की है हिम्मत है तो लड़ कर ले क्या गद्दी तेरे बाप की है
तो मूर्खो को चीखने दीजिए और आप अपने राष्ट्रधर्म के प्रति संकल्पित रहिए , संगठित रहिए, समर्थ रहिए
© राष्ट्रपुत्री स सिंह । उत्तर प्रदेश आधार आपका अधिकार है भूलिए मत
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