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जिला परिषद की अंतिम बैठक में भावुक हुई जिला प्रमुख रतनी देवी,
कहा- 'कार्यकाल के दौरान सिर्फ सर्वांगीण विकास रहा ध्येय'
अब 11 दिसंबर से जिला कलक्टर हो
जिला परिषद की अंतिम बैठक में भावुक हुई जिला प्रमुख रतनी देवी,
कहा- 'कार्यकाल के दौरान सिर्फ सर्वांगीण विकास रहा ध्येय'
अब 11 दिसंबर से जिला कलक्टर हो
राजस्थान
राजसमंद, जिला परिषद की अंतिम बैठक में भावुक हुई जिला प्रमुख रतनी देवी, कहा- 'कार्यकाल के दौरान सिर्फ सर्वांगीण विकास रहा ध्येय' अब 11 दिसंबर से जिला कलक्टर होंगे प्रशासक,
राजसमंद जिला परिषद की अंतिम साधारण सभा मंगलवार को महाराणा प्रताप सभागार में विकास के संकल्प के साथ आयोजित हुई, जिसमें जिले की योजनाओं की प्रगति, पेयजल आपूर्ति और विभागीय अनुपालना पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में जिला प्रमुख रतनी देवी जाट, उप जिला प्रमुख सोहनी देवी गुर्जर, जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बृजमोहन बैरवा, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सुमन अजमेरा, भीम प्रधान वीरम सिंह, देलवाड़ा प्रधान कसनी गमेती सहित 21 जिला परिषद सदस्य, समाजसेवी माधव जाट एवं सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान पंचायत समिति राजसमंद, आमेट एवं देवगढ़ की निजी आय प्रस्तावों पर विमर्श हुआ तथा मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2026–27 की वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी प्रदान की गई। साथ ही विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी समीक्षा और निर्देश जारी किए गए।
सदस्यों द्वारा उठाई समस्याओं का हो त्वरित समाधान :कलक्टर
बैठक में पहुंचे कलक्टर अरुण कुमार हसीजा ने कहा कि सदन की बैठकें प्रशासन के लिए जन समस्याओं के प्रतिबिंब का काम करती है, इन बैठकों में गाँव-गाँव की समस्याओं का जन प्रतिनिधियों के माध्यम से पता चलता है, ऐसे में जो भी जन समस्याएं सदस्य उठाएं उनका सभी विभाग त्वरित प्रभाव से समाधान करें ताकि आमजन को राहत मिल सके। समस्याओं को किसी भी सूरत में पेंडिंग न रखें और इसे भविष्य में भी गंभीरता से लें।
जिला प्रमुख के छलके आँसू, कहा:जन सेवा को समर्पित रहे पाँच वर्ष:
जिला प्रमुख रतनी देवी जाट अपनी अंतिम बैठक में भावुक दिखी, उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने विकास में कोई कमी नहीं रखी, जो भी समस्याएं सदन द्वारा उठाई उनका समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित किया। इस दौरान प्रशासन का भी पूरा साथ मिला। उन्होंने कहा कि विकास की यह यात्रा थमनी नहीं चाहिए और इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।
सदस्यों पेयजल, बिजली, सड़क संबंधी मुद्दे उठाए:
बैठक में सदस्यों द्वारा मुख्यतः पेयजल, बिजली, सड़क संबंधी मुद्दे उठाए गए जिस पर मौके पर ही कलक्टर द्वारा संबंधित विभाग को समाधान करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला परिषद सदस्य ज्योति कंवर द्वारा उनके निर्वाचन क्षेत्र की सात पंचायतों में कुएं एवं लाइनों का कार्य पूर्ण होने के बावजूद जल सप्लाई प्रारंभ नहीं होने के मुद्दे पर चर्चा की। ऐसे ही सदस्य समुंद्र सिंह ने द्वारा लिकी और आक्या क्षेत्र में पाइपलाइन लीक सुधार की गलत अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने पर आपत्ति जताने पर चर्चा हुई।
भीम प्रधान द्वारा फील्ड में हैंडपम्प मिस्त्रियों के कार्य नहीं करने से उत्पन्न पेयजल संकट, सदस्य दीन दयाल गिरी द्वारा पीपाणा, देलवाडिया, गंवार और भभूतियों की भागल में जल योजनाएं पूर्ण होने के बाद भी सप्लाई बंद होने के मुद्दे, रेलमगरा पंचायत समिति प्रधान द्वारा चिमहेंदुरियां और राजपुरा में जल आपूर्ति की समस्या का मुद्दा आदि बिन्दु गत बैठक में उठाए गए थे जिसकी अनुपालना पर सदन में चर्चा हुई।
सदस्य कुक सिंह द्वारा सगरूण में बाघेरी से पर्याप्त जल नहीं मिलने के कारण फ्लोराइड युक्त खारा पानी पीने की मजबूरी पर ध्यान आकर्षित किया था जिस पर बैठक में विस्तृत समीक्षा हुई। जबकि सदस्य लेहरू लाल द्वारा भामाखेड़ा योजना में एक स्थान पर पाइपलाइन अधूरी रहने से जल सप्लाई बाधित होने की बात गत बैठक में रखी थी इस पर भी विभाग ने अपना पक्ष रखा।
समुंदर सिंह ने ग्राम पंचायतों में पाइपलाइन बिछाने के दौरान तोड़ी गई सीसी सड़कों की मरम्मत नहीं होने तथा सुरक्षा राशि एवं भुगतान प्रक्रिया पर भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जिस पर जिला कलक्टर ने समाधान के निर्देश दिए।
इसी प्रकार हर सदस्य ने जन भावना के अनुरूप समस्याओं को उठाया। बैठक में सभी उठाए गए बिंदुओं पर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए तथा विभिन्न योजनाओं के शीघ्र समाधान और प्रगति के लिए ठोस कदम सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया। बैठक के अंत में प्रत्येक सदस्य का सम्मान जिला परिषद की ओर से किया गया।
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