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ਬਟਾਲਾ ਵਾਸੀਆਂ ਲਈ ਇਹ ਖੁਸ਼ਖਬਰੀ ਹੈ ਕਿ ਰੇਲਵੇ ਰਾਜ ਮੰਤਰੀ ਰਵਨੀਤ ਸਿੰਘ ਬਿੱਟੂ ਦੇ ਯਤਨਾਂ ਨਾਲ ਕਾਦੀਆਂ-ਬਿਆਸ ਰੇਲਵੇ ਲਿੰਕ ਤੇ ਫੇਰ ਕੰਮ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਣ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਇਹ ਸ਼ਾਇਦ ਇਤਿਹਾਸ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਹੋਇਆ ਹੋਏਗਾ ਕਿ 1929 ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਇਆ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ 96 ਸਾਲ ਬਾਅਦ ਵੀ ਠੰਡੇ ਬਸਤੇ ਵਿੱਚ ਪਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ। 1932 ਤੱਕ ਇਹ 33% ਮੁਕੰਮਲ ਹੋਇਆ ਸੀ ਪਰ ਅੱਗੇ ਨਾ ਵੱਧ ਸਕਿਆ। 2010 ਵਿੱਚ ਡਾਕਟਰ ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਵਿੱਚ ਮਮਤਾ ਬੈਨਰਜੀ ਦੇ ਰੇਲ ਮੰਤਰੀ ਹੁੰਦੀਆਂ, ਸ੍ਰ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸਿੰਘ ਬਾਜਵਾ ਜੋ ਉਸ ਸਮੇਂ ਲੋਕ ਸਭਾ ਮੈਂਬਰ ਸਨ, ਦੇ ਯਤਨਾਂ ਨਾਲ ਇਹ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਮਨਜ਼ੂਰ ਹੋਇਆ ਸੀ ਤੇ 250 ਕਰੋੜ ਇਸ ਵਾਸਤੇ ਰੱਖੇ ਗਏ ਸਨ ਪਰ ਜਮੀਨ ਐਕਵਾਇਰ ਕਰਨ ਲਈ ਆਈਆਂ ਮੁਸ਼ਕਲਾਂ ਤੇ ਰਾਜਨੀਤਕ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਇਹ ਠੰਡੇ ਬਸਤੇ ਵਿੱਚ ਪਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ। ਹੁਣ ਇੱਕ ਵਾਰ ਫ਼ੇਰ ਬਟਾਲਾ ਦੇ ਮੁੱਖ ਟ੍ਰੈਕ ਤੇ ਆਓਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਬਣੀ ਹੈ, ਉਮੀਦ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਇਸ ਵਾਰ ਇਹ ਜ਼ਰੂਰ ਹੀ ਇਸੇ ਅੰਜਾਮ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚੇਗਾ !!

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सीधी ब्रेकिंग ,,, सीधी जिले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव 7 दिसंबर रविवार को पहुंचेंगे सीधी जिले के सिहावल विधानसभा के बहरी में ,,,सिहावल विधायक विश्वामित्र पाठक सहित विभिन्न विधायक व सांसद सीधी डॉक्टर राजेश मिश्रा होंगे कार्यक्रम में शामिल,, विभिन्न निर्माण कार्यो का करेंगे मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव उद्घाटन व शिलान्यास , पूर्व में भी आने वाले थे मुख्यमंत्री लेकिन एक दुर्घटना होने के कारण सिहावल विधायक विश्वामित्र पाठक की अपील पर,एन वक्त पर टला था मुख्यमंत्री का कार्यक्रम,,, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए सुरक्षा व्यवस्था के लिए विभिन्न अधिकारियों कर्मचारियों की लगी ड्यूटी,,,,,

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लुधियाना, 06 दिसंबर 2025 – जिला बाल सुरक्षा अधिकारी की अगुवाई में बाल विवाह की रोकथाम को लेकर जिला भर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस विशेष मुहिम के तहत श्री बालाजी प्रेम आश्रम, गांव खंडूर, गांव रूड़का, नई दाना मंडी, मॉडल टाउन और सरकारी हाई स्कूल फील्ड गंज तथा खेड़ी–झमेड़ी में स्कूली बच्चों को जागरूक किया गया।

जिला बाल सुरक्षा अधिकारी रश्मि ने जानकारी देते हुए बताया कि सामाजिक सुरक्षा एवं महिला व बाल विकास विभाग, पंजाब, चंडीगढ़ द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 27 नवंबर 2024 से 08 मार्च 2026 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिले के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून के अनुसार लड़की की शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष निर्धारित है। यदि कोई परिवार इससे कम उम्र में बच्चों की शादी करवाता पाया जाता है, तो परिवार के सदस्यों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना तथा 2 साल की सजा का प्रावधान है।

साथ ही विवाह करवाने में शामिल पक्ष—जैसे मैरिज पैलेस संचालक, हलवाई, टेंट हाउस, पंडित–पुजारी, गुरुद्वारा में आनंद कारज करवाने वाले ग्रंथी, प्रिंटिंग प्रेस, बैंड पार्टी, सजावट करने वाले आदि—के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के सख्त निर्देशों के तहत जब भी कोई व्यक्ति शादी की बुकिंग करवाने आता है, तो संबंधित पक्ष को लड़के और लड़की की उम्र की सही वेरिफिकेशन करना अनिवार्य है।

अभियान में इस अवसर पर वरिंदर सिंह (जिला प्रोग्राम ऑफिस), रीतू सूद, सान्जना कुमारी (जिला बाल सुरक्षा यूनिट), किरणदीप कौर और प्राभजोत कौर (चाइल्डलाइन) भी उपस्थित रहे।

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