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ଖୋର୍ଦ୍ଧା,୧.୧୨.୨୫(ଏ.ଆଇ.ଏମ.ଏ): ଖୋର୍ଦ୍ଧା ଜ଼ିଲ୍ଲା ର ଅଗ୍ରଣୀ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ କ୍ଷେତ୍ରବାସୀ ଡ଼ି ଏ ଭି ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ ର ଅଧକ୍ଷା ବ୍ରତତୀ ମିଶ୍ରଙ୍କୁ ଜ଼ିଲ୍ଲାର ଅନ୍ୟତମ ପ୍ରାଚୀନ କ୍ରୀଡା ଅନୁଷ୍ଠାନ ସଖାସଙ୍ଘ କ୍ରୀଡା ସଂସଦ ପକ୍ଷରୁ ଉତ୍ତୋରିୟ ଫୁଲତୋଡ଼ା ସହ ମାନପତ୍ର ଦେଇ ଅବସର କାଳୀନ ବିଦାୟ ସମ୍ବର୍ଦ୍ଧନା ଦିଆଯାଇଥିଲା l ଅଧକ୍ଷlଙ୍କ ଅଢେଇ ବର୍ଷ କାର୍ଯ୍ୟକାଳ ଭିତରେ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ ର ବହୁବିଧ ଉର୍ନ୍ନତିମୂଳକ କାର୍ଯ୍ୟକୁ ପ୍ରସଂଶା କରାଯାଇଥିଲା l ଏପରିକି ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ ର ସାଢେ ଛଅ ଦଶନ୍ଧି ରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ ସମୟ ଧରି ମିଳିନଥିବା ସ୍ଥାୟୀ ଜମି ପଟ୍ଟା ତାଙ୍କ କାର୍ଯ୍ୟକାଳ ମଧ୍ୟରେ ମିଳିଥିବାରୁ ତାଙ୍କୁ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ ପାଇଁ ଲକି ଅଧକ୍ଷା ଭାବେ ପରିଗଣିତ କରାଯାଇ ତାଙ୍କ ସୁଦୀର୍ଘ ଭବିଷ୍ୟତ ନିରାମୟ ଜୀବନ କାମନା କରାଯାଇଥିଲା l ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ରେ ସଖାସଙ୍ଘ କ୍ରୀଡ଼ାସଂସଦ ସଭାପତି ବିପିନ ଜୟସିଂହ, କାର୍ଯ୍ୟକାରୀ ସମ୍ପାଦକ ଦୀପକ ପ୍ରଧାନ, ଉପସଭାପତି ମାନସ ଚନ୍ଦ୍ର ପଟ୍ଟନାୟକ, ପ୍ରକାଶ ଚନ୍ଦ୍ର ବଳିୟାରସିଂହ, ଯୁଗ୍ମ ସମ୍ପାଦକ ଉମେଶ ଚନ୍ଦ୍ର ମିଶ୍ର, କପିଳେଶ୍ୱର ସିଂହ ଓ ବାଲୁଙ୍କେଶ୍ୱର ବେହେରା ପ୍ରମୁଖ ଯୋଗଦେଇଥିଲେ l

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📍 स्थान: सावित्री फुले बाई कृषि उपज फ्रूट–सब्जी मंडी, मडेरणा कॉलोनी, जोधपुर
📅 तारीख: 02-Dec-2025
⏰ समय: रात 12:10 बजे

🔴 चौकाने वाले तथ्य — AIMA मीडिया की ग्राउंड रिपोर्ट

✔ रात 12 बजे दोनों गेटों पर एक भी गार्ड मौजूद नहीं मिला।
✔ रात 9 बजे केवल 1 गार्ड मिला — वह भी नशे की हालत में।
✔ मंडी में खड़ी कई गाड़ियों की बैटरी और स्टेपनी चोरी होने की लगातार शिकायतें।
✔ मंडी का मुख्य गेट टूटा हुआ — कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
✔ किसानों और व्यापारियों की सुरक्षा भगवान भरोसे।

📸 तस्वीरें सबूत देती हैं—

आपकी भेजी हुई तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है:
• गार्ड की खाली कुर्सी
• टूटा हुआ गेट
• अंधेरा और असुरक्षित माहौल
• बिना निगरानी खड़ी गाड़ियां

❗ स्थानीय व्यापारियों में गहरा रोष

व्यापारी और किसान काफी समय से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, परंतु कार्रवाई अब तक नहीं हुई।
रात में चोरी और असामाजिक तत्वों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं।

📢 प्रशासन से बड़ी मांग

मंडी में

तुरंत गार्ड ड्यूटी बढ़ाई जाए

टूटा हुआ गेट रिपेयर कराया जाए

CCTV सक्रिय किए जाएँ

रात गश्त अनिवार्य की जाए



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**✍ रिपोर्टर : रमेश कुमार

AIMA मीडिया – जन-जन की आवाज़**

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चंडीगढ़ 02.12.2025 अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति----बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता। चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि आधार केवल लाभकारी योजनाओं के लिए बनाया गया है। उन्होंने सवाल उठाया—
“अगर किसी को राशन के लिए आधार दिया गया है, तो क्या सिर्फ इसी आधार पर उसे वोटर भी बना देना चाहिए? मान लीजिए कोई व्यक्ति पड़ोसी देश से आकर मजदूर के रूप में काम कर रहा है, तो क्या उसे मतदान का अधिकार दिया जा सकता है?”

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि विशेष गहन पुनरीक्षण आम मतदाताओं पर असंवैधानिक बोझ डालता है। कई लोग दस्तावेज़ी प्रक्रिया में फंस सकते हैं और उनके नाम वोटर लिस्ट से हटने का खतरा पैदा हो जाता है। सिब्बल के अनुसार, यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक ढांचे को प्रभावित कर सकती है।

इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह दलील देना कि ऐसा पुनरीक्षण पहले कभी नहीं हुआ, निर्वाचन आयोग के अधिकार को कमजोर करने के बराबर नहीं माना जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि वोटर लिस्ट से किसी का नाम हटाने से पहले उचित नोटिस देना अनिवार्य है।

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राजस्थान के देशनोक टोल गेट पर एक बार फिर बड़ा मामला सामने आया है।
एक ट्रक चालक पर धारा 192A के तहत ₹10,000 का चालान काट दिया गया। सवाल ये है कि गाड़ी मौके पर थी भी या नहीं?
क्या यह सिस्टम की तकनीकी गलती है या विभाग की गंभीर लापरवाही?

ट्रक ड्राइवरों पर लगातार ई-डिटेक्शन चालान जारी किए जा रहे हैं,
जबकि न तो मौके पर जांच होती है
और न ही ड्राइवर की बात सुनी जाती है।

ट्रक चालक दिन-रात चलकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था संभालते हैं,
लेकिन हर बार वही निशाने पर क्यों?

परमिट की मामूली जानकारी भी चेक किए बिना भारी भरकम चालान—
क्या यही न्याय है?

यह पूरा घटनाक्रम बड़ा सवाल खड़ा करता है—
आखिर प्रदेश में हो क्या रहा है?
ड्राइवर भाई गंभीर रूप से परेशान हैं और अब आवाज उठाना जरूरी हो गया है।

हम ड्राइवर भाइयों की आवाज हैं ✊🚛
— AIMA मीडिया
रिपोर्टर : रमेश कुमार

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#Aligarh l #Aligarhpolice
#SSP_Aligarh के निर्देशन में सर्विलांस सेल व विभिन्न थानों की पुलिस टीम द्वारा संयुक्त रुप से कार्यवाही करते हुए गुमशुदा मोबाइल खोजकर उनके स्वामियों को किये सुपुर्द~

"CEIR पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लेते हुए विभिन्न कम्पनियों के गिरे/खोये कुल 186 एण्ड्रॉइड मोबाइल फोन कुल अनुमानित कीमत ₹ 32,03,354 (बत्तीस लाख तीन हजार तीन सौ चौवन रुपये) किये बरामद.."

◆ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अलीगढ़ द्वारा बरामद शुदा मोबाइल फोन को उनके स्वामियों को किया गया वितरित।

◆ अपना खोया हुआ मोबाइल पाकर खिले लोगों के चेहरे ।

आमजन को #CEIR पोर्टल एवं साइबरों अपराधों के बारे में जानकारी देकर किया गया जागरुक ।
बाइट~ एसएसपी अलीगढ़

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“नांदेड़ मर्डर केस: जब प्यार हारा, और जातिवादी पाखंड की क्रूर जीत हुई — समाज के हर तबके को हिला देने वाली सच्चाई” क्या यही है तथाकथित अम्बेडकरवादियों का समतामूलक चेहरा:-

✍️ डॉ. महेश प्रसाद मिश्रा, भोपाल की कलम से

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में 22 वर्षीय सक्षम ताटे की हत्या ने पूरे समाज के सामने एक बड़ा और कड़वा सवाल खड़ा कर दिया है।तीन वर्षों से चल रहे प्रेम संबंध को सिर्फ जाति की दीवार ने निगल लिया। 20 वर्षीय आंचल ममिलवार और उसके प्रेमी सक्षम ने कोर्ट मैरिज का निर्णय लिया था—लेकिन आंचल के परिवार ने इसे “जाति पर हमला” मानकर प्रेमी की बेरहमी से हत्या कर दी।
हत्या के तरीके ने सभ्यता का हर नकाब उतार दिया—पहले पीटा, फिर सीने में गोली मारी, और अंत में पत्थरों से सिर कुचल दिया।लेकिन समाज को झकझोर देने वाली असली तस्वीर तब सामने आई,
जब आंचल अपने मृत प्रेमी के शव के पास पहुँची,उसने उसी शव के साथ शादी की रस्में निभाईं—मंगलसूत्र पहना, मांग में सिंदूर भरा और कहा—“जिंदा हो या मुर्दा… आज से मैं तुम्हारी विधवा हूँ।”

जातिवादी पाखंड की पोल खोलती यह हत्या : यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं,यह उस मानसिकता का पर्दाफाश है जो दिन में समानता, न्याय और संविधान की बातें करती हैऔर रात में अपनी ही जाति के नाम पर किसी की जान लेने में हिचकिचाती नहीं।आज सवाल किसी एक समाज पर नहीं—पूरे समाज पर है।
जब SC, ST, OBC या General—कोई भी समुदाय अपनी बेटियों-बेटों को “जाति की इज्जत” के नाम पर मारने लगे,तो दोष जाति का नहीं, उस जहरीली सोच का है जो अभी भी जिंदा है।

क्या कानून केवल हथियार है, जिम्मेदारी नहीं?जिस परिवार ने इतनी सुनियोजित हत्या की,वही परिवार अब कानून की आड़ में “पीड़ित” बनकर खड़ा हो सकता है—यही सबसे बड़ा सवाल खड़ा करता है:क्या कानून सुरक्षा के लिए है, या हथियार बन गया है?

समाज की हर जाति को आईना दिखाती घटना: यह प्रकरण साबित करता है—जातिवादी सोच सिर्फ किसी एक जाति में नहीं,हर वर्ग में फैली बीमारी है।
• समानता की बातें करना आसान है,उसे अपने घर में लागू करना कठिन है।
• संविधान का नाम लेना सरल है,उसके मूल्यों पर चलना चुनौती है।

समाज को नहीं, जातिवादी सोच को कटघरे में खड़ा करो: नांदेड़ की यह हत्या किसी एक परिवार का अपराध नहीं—यह पूरे सिस्टम के सामने खड़ा हुआ आईना है,जो दिखाता है किजब प्रेम और इंसानियत हारती है,तो जीत सिर्फ और सिर्फ—जातिवादी अहंकार की होती है।
यह केस मांग करता है—
• तेज़ सुनवाई
• कड़ी सज़ा
• और जातिवादी अपराधों को लेकर समान कानून और समान जवाबदेही।

जो आज सवर्ण समाज पर जातिवादी होने का रात दिन लांछन लगते रहते हैं, है क्या इनके पास कोई जवाब, इसलिए पहले खुद का घर सही करो बाद में पडोशी के यहाँ झांको तभी सच्चा परिवर्तन होगा, सादी विवाह एक सामाजिक व्यवस्था है और सभी समाज अपने अपने हिसाब से करते हैं जिसको बदल पाना इतना आसान नहीं है अगर बदलना है तो पहले पहले जाकर यादव की जाटव के यहाँ, जाटव की बाल्मिकी के यहाँ, बाल्मीकि की पटेल के यहाँ, पटेल की जाटव, प्रजापति, कुशवाहा, सब एक दूसरे की बेटी और बेटों के साथ सादी करके समानता का परिचय दो तब पता चलेगा, ये एक सामाजिक व्यवस्था है और सभी जातियों ने अपने अपने हिसाब से बना रक्खी है और ये ऐसे ही चलेगा ....इसको कोई नहीं बदल सकता और जो अपनी स्वेक्षा से कर रहे हैं वो कर रहे हैं........कहना आसान है हकीकत कुछ और है...........

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ఉత్తరాంధ్ర పురోహిత మిత్ర వ్యవస్థాపక అధ్యక్షులు, నేషనలిస్ట్ జనశక్తి పార్టీ విశాఖపట్నం జిల్లా అధ్యక్షులు, బ్రాహ్మణ సంఘాల మీడియా కోఆర్డినేటర్, పెందుర్తి ప్రముఖ ఆధ్యాత్మికవేత్త బ్రహ్మశ్రీ ఏలూరి వెంకటరమణమూర్తి(రాజేష్ కుమార్ శర్మ) పేద మధ్య తరగతి ప్రజానీకానికి తన వంతు సహాయ సహకారాలు అందిస్తూ, జర్నలిస్టులను సత్కరిస్తూ సమాజం కోసం పాటుపడుతున్న రాజేష్ కుమార్ శర్మ ఎన్నో సత్కారాలు పురస్కారాలు అందుకని సాదాసీదాగా కనిపిస్తూ అందరికీ నేనున్నానని సహాయం అందిస్తున్న యువ నాయకుడికి నిండు నూరేళ్లు వర్దిల్లాలని భగవంతున్ని ప్రార్థిస్తూ... 39వ పుట్టినరోజు సందర్భంగా శుభాకాంక్షలు.ఇట్లువిశాఖపట్నం విజయనగరం శ్రీకాకుళం బ్రాహ్మణ సంఘాలు, విశాఖపట్నం పార్టీ నాయకులు తనను అభిమానిస్తున్న ప్రజలుకుటుంబ సభ్యులు మరియు మిత్రులు

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केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के सातवी बेतार वाहिनी का स्थापना दिवस संपन्न।

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के सातवी बेतार वाहिनी का स्थापना दिवस कई कार्यक्रमो के साथ संपन्न हो गया। इस अवसर पर एक मेले का आयोजन किया गया।वतौर मुख्य अतिथि वाहिनी के कमाण्डेंट विनय कुमार तिवारी के उपस्थिति व निर्देशानुसार श्रीमती उपासना देवी पत्नी बिनोद कन्नौजिया द्वितीय कमान अधिकारी ने इस मेले का उद्घाटन दिप प्रज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर खेल प्रतियोगिताओ का भी आयोजन किया गया।जिसमे मुख्यतः महिलाओ और बच्चो ने हिस्सा लिया।कार्यक्रम के तहत विजयी खिलाडीयो को कमाण्डेंट महोदय द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।इस अवसर पर एक बडे खाने का भी आयोजन किया गया। इस पर वाहिनी के कमाण्डेंट विनय कुमार तिवारी के अलावे बिनोद कन्नौजीया द्वितीय कमान अधिकारी तथा सहायक कमाण्डेंन्ट कलीमुल्लाह चौधरी,आशुतोष कुमार, को एम कुजूर,टी मधुसूदन नायर व बल के सभी जवान उपस्थित रहे।

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ঝাড়খণ্ডের দেওঘর জেলার মধুপুর অঞ্চলের এক সচ্ছল পরিবারের পিতা স্বর্গীয় পারু কিসকু ও মাতা স্বর্গীয়া চামেলি কিসকুর সন্তান স্বর্গীয় জুমা কিসকু। স্বর্গীয় জুমা কিস্কুর পিতা ছিলেন কলকাতার সাধুকা পরিবারের একজন কেয়ারটেকার। (স্বর্গীয় জুমা কিসকু, জন্ম ১৯৪৯ মৃত্যু ২০২১।)
জুমা কিস্কু ছিলেন প্রতিভাবান। তাই সাধুকা পরিবারের প্রধান তাকে রামকৃষ্ণ মিশন(ব্লাইন্ড বয়জ) এ ৬-৭ বছর বয়সে পড়াশোনার জন্য ভর্তি করে দেন। কিন্তু জুমা কিসকু এতটাই প্রতিভাবান ছিলেন যে স্কুল জীবনে গান হারমোনিয়াম বাঁশি তবলা জিমন্যাস্টিক ইত্যাদি বিষয়ে পারদর্শিতা দেখিয়েছেন। এছাড়াও স্কুলের বিভিন্ন প্রতিযোগিতায় এবং কলকাতা বিভিন্ন সাংস্কৃতিক প্রতিযোগিতায় প্রথম স্থান অধিকার করেন ও স্বর্ণপদক কাপ পেয়েছিলেন। কিন্তু দুর্ভাগ্যবশতঃ কলকাতায় যেখানে থাকতেন সেখান থেকে স্বর্ণপদ ও কাপ হয়ে গেছে ।বর্তমানে তার বিদুষী কন্যা শকুন্তলা পালের কাছে সামান্য কয়েকটি সার্টিফিকেট আছে।
এরপর কলকাতার আলিপুর ডিএসএলআর অফিসে ১৯৮১ তে যোগদান করে এবং ২০০৯ সালে অবসর গ্রহণ করেন। সেখানে তিনি উচ্চপদস্থ কর্মচারী ছিলেন (ইনেস্পেকশন বিভাগে)। তবে জুমা কিস্কু চাকরি পাওয়ার আগে কলকাতা বিভিন্ন অঞ্চলে গানের শিক্ষক হিসেবে গৃহ শিক্ষকতা করতেন।
আর আজ সেই সাংস্কৃতিক মনোগ্ৰাহী ব্যক্তিত্বের অধিকারী স্বর্গীয় জুমা কিস্কুর সুযোগ্যা বিদুষী এবং পিতার থেকে প্রাপ্য মানুষের জন্য করার মনোভাবাপন্য কন্যা শকুন্তলা পাল তাঁর স্বর্গীয় পিতার সংস্কৃতি ঐতিহ্যের ইচ্ছা পূরণ করে ফেলেছেন বিগত ষষ্ঠ বছর ধরে। তাই তিনি "শকুন্তলম সংস্কৃতিক সংগঠনের" প্রতিষ্ঠাতা। বিনা পারিশ্রমিকে নৃত্য গীত ও হস্তশিল্পের উপরে বিভিন্ন রকম প্রতিযোগিতার ব্যবস্থা করেছেন। সম্প্রতি 30 তারিখ রবিবার এক ষষ্ঠ বর্ষ সাংস্কৃতিক অনুষ্ঠান করেন বিপ্লবী নলিনী ঘোষ সভা ঘরে। উদ্বোধক অনিমেষ দাস (অবসরপ্রাপ্ত ভারতীয় বায়ুসেনা কর্মী ও গরুড় কমান্ডো শিক্ষক)। বিশ্বনাথ পাল (সভাপতি ও মুখ্য উপদেষ্টা) ও উত্তম কুমার ঘোষ (যাত্রা শিল্পী ও নাট্যকর্মী)।
বিচারকমণ্ডলী ছিলেন কনকলতা বিশ্বাস (আবৃত্তি), বিশ্বনাথ পাল (হস্তশিল্প), ডক্টর শর্মিষ্ঠা দেব (সংগীত ও অংকন) ও শিঞ্জিনী দেব।
প্রধান অতিথিরা- মহামায়া রুদ্র (লেখিকা ও রুদ্র সাহিত্য ও সাংস্কৃতিক পরিষদের প্রতিষ্ঠাতা),
ডাক্তার অশোক খাঁড়া (কবি ও সাহিত্যিক), নিগমানন্দ মন্ডল (আনন্দ প্রকাশন), অসিত কুন্ডু (কবি ও নিজেকে ভালোবাসো সাহিত্য পরিবারে প্রতিষ্ঠাতা) জয়ন্তী রুদ্র ও রামকৃষ্ণ দাস (লেখক)।

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