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दैवीय आपदा पीड़ितों को शीघ्रता के साथ जांच आदि की कार्यवाही करते हुए शीघ्र योजना का दिलाए लाभ।

आपदा पीड़ित परिवारों का पारिवारिक पूर्ण विवरण प्राप्त करने में अनुसार की जाए कार्यवाही।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की आयोजित बैठक में दुर्घटना बीमा के तहत 23 कृषकों को एक करोड़ ग्यारह लाख रुपए की, की गई संस्तुति।

औरैया 29 दिसम्बर 2025 - जिलाधिकारी डॉ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय कक्ष में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की आयोजित बैठक में कृषक दुर्घटना के 23 पीड़ितों को एक करोड़ ग्यारह लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की।
जिलाधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा संचालित लाभपरक जनकल्याणकारी योजनाओं का पात्रता के अनुरूप जांच करके नियमानुसार कार्यवाही करते हुए पीड़ित परिवारों को लाभ दिलाए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की शिथिलता /लापरवाही न बरती जाए और समय रहते समस्त जांच आदि की कार्यवाही करते हुए पात्रता की श्रेणी में आने वालों को योजना से लाभान्वित कराये इसमें किसी भी स्तर पर बरती गई शिथिलता /लापरवाही के कारण पीड़ित को योजना का लाभ न मिलने पर संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के मामलों में मृतक के वारिस का नाम आवश्यक परिपत्रों में दर्ज करने में किसी प्रकार की देरी न की जाए साथ ही परिवार रजिस्टर प्रत्येक दशा में अपडेट रखा जाए और पात्रता की श्रेणी निर्धारित करते समय संबंधित अपनी व्याख्या ससमय प्रस्तुत करें। यदि वारिस की संख्या एक से अधिक है तो संबंधित व्यक्ति से शपथ पत्र प्राप्त कर अग्रिम कार्यवाही की जाए।
बैठक में जनपद की तहसीलों के अन्तर्गत कुल 32 प्रकरण प्राप्त हुए जिनमें से शासनादेश में दिये गये निर्देशों के आधार पर 23 पात्र लाभर्थियों को एक करोड ग्यारह लाख की धनराशि स्वीकृति की गई। बैठक में बताया गया कि पात्र लाभर्थियों में तहसील सदर के अन्तर्गत 06 पात्र लाभर्थियों को 30 लाख (प्रति लाभार्थी पांच लाख), तहसील बिधूना के अन्तर्गत 11 पात्र लाभर्थियों को 55 लाख (प्रति लाभार्थी पांच लाख) एवं तहसील अजीतमल के अन्तर्गत 06 पात्र लाभर्थियों में से पांच लाभर्थियों को 25 लाख (प्रति लाभार्थी पांच लाख) व एक लाभार्थी को एक लाख सहायता धनराशि स्वीकृत की गई।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) अविनाश चन्द्र मौर्य, उप जिलाधिकारी बिधूना गरिमा सोनकिया, उप जिलाधिकारी अजीतमल निखिल राजपूत, तहसीलदार अजीतमल अविनाश कुमार,प्रभारी तहसीलदार सदर प्रकाश चौधरी सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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*औरैया 29 दिसम्बर 2025/* जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार तिवारी ने अवगत कराया है कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत 80 कृषकों (60 सामान्य तथा 20 एस०सी०पी०) का दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कृषि कल्याण केन्द्र, भाग्यनगर औरैया में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ पूर्व कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। जिला उद्यान अधिकारी द्वारा सभी आंगतुकों का स्वागत करते हुये विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं यथा-एकीकृत बागवानी विकास मिशन, 'पर ड्राप मोर क्राप' (माइक्रइरीगेशन) योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों हेतु औद्यानिक विकास योजना (राज्य सेक्टर) के विभिन्न कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डा० आई०पी० सिंह द्वारा नवीन उद्यान रोपण ले-आउट रेखाकंन रोपण सामग्री का चयन पर प्रकाश डालते हुये आम, अमरूद तथा किन्नों की बागवानी पर कृषकों को विस्तार से प्रशिक्षित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के हेड डा० राम पलट द्वारा सब्जी फसल मसाला फसल व आलू पर रोग कीट व्याधि पर प्रकाश डाला गया। डा० रश्मि यादव द्वारा किचन गार्डन व खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में मूल्य संवर्धन एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में नई यूनिट की स्थापना व शासन द्वारा अनुमन्य अनुदान की व्यवस्था लाभ प्राप्त करने की अपील उपस्थित कृषकों से की गयी। जिला उद्यान अधिकारी द्वारा संरक्षित खेती कार्यक्रम में पालीहाउस, नेट हाउस, में आउट आफ सीजन फूलों की खेती व शाकभाजी की खेती पर प्रकाश डालते हुये शासन से अनुमन्य अनुदान की जानकारी दी गयी। अमित कुमार, प्रभारी द्वारा टपक सिंचाई व फब्बारा सिंचाई पर प्रकाश डालते हुये कृषकों को उसके फायदे के बारे में बताया गया तथा उससे अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की गयी। कार्यक्रम में मा0 मुख्य अतिथि द्वारा अपने उद्‌द्योधन में कृषि के विविधीकरण पर जोर देते हुये अधिक से अधिक उद्यान की फसलें अपनाने पर प्रकाश डाला गया जिसमें स्टेकिंग विधि से सब्जियों की खेती, बागवानी एवं मसाला फसलों व फूलों की खेती को अपनाने हेतु कृषकों से अपील की गयी। कार्यक्रम में किसान मोर्चा के अध्यक्ष अवधेश शुक्ला, जिला उपाध्याक्ष प्रेम कुमार गुप्ता, पूर्व मण्डल अध्यक्ष प्रमोद तिवारी, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य खाद्य प्रसंस्करण राजीव शुक्ला ने भी कृषकों को मार्ग दर्शन दिया। मुख्य अतिथि द्वारा उद्यान विभाग के दस उत्कृष्ट कृषकों को जिसमें अभिषेक पाण्डेय, गौरव विश्नोई, निखिल सिंह, रिषु पाण्डेय, श्रीमती सुशील देवी, श्रीमती पूजा देवी आदि को प्रशस्ति पत्र व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सुशील कुमार, उ०नि०, अमित कुमार, उ०नि०, मनोज कुमार शुक्ला, सहायक उद्यान निरीक्षक तथा 80 कृषकों ने प्रतिभाग किया। अन्त में जिला उद्यान अधिकारी सभी का आभार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षण का समापन करते हुये द्वितीय दिवस में उत्कृष्ट कृषक प्रक्षेत्रों व सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स्, उर्मदा, कन्नौज का भ्रमण कराया जायेगा।

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गोविंद नगर हत्याकांड से उबाल,
शव रखकर परिजनों का प्रदर्शन—तत्काल कार्रवाई की मांग

औरैया शहर के मोहल्ला गोविंद नगर निवासी हिमांशु गुप्ता (पुत्र अशोक गुप्ता) की सोमवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने मंगलवार को नगर पालिका अध्यक्ष अनूप गुप्ता के आवास के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया। उन्होंने नामजद आरोपियों और उनके साथियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।

हत्याकांड पर बवाल,
पुलिस आश्वासन के बाद शांत हुआ प्रदर्शन

शव रखकर प्रदर्शन करने के बाद वहां भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे यातायात भी बाधित हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन देते हुए स्थिति को शांत कराया।

पुलिस के आश्वासन के बाद परिजन शव को लेकर अपने घर चले गए। इस दौरान सीओ अशोक कुमार भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए शव को परिजनों के घर तक पहुंचाया और उन्हें निष्पक्ष जांच व कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

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થર્ટી ફર્સ્ટની ઉજવણી નજીક આવતા જ વલસાડ જિલ્લા પોલીસ એક્શન મોડમાં આવી ગઈ છે. સંઘપ્રદેશ દમણ, દાદરા નગર હવેલી અને મહારાષ્ટ્રની સરહદોને અડીને આવેલી આંતરરાજ્ય ચેકપોસ્ટો પર વિશેષ સુરક્ષા બંદોબસ્ત ગોઠવી સઘન વાહન ચેકિંગ હાથ ધરવામાં આવ્યું છે. રાજ્યમાં દારૂબંધી હોવાથી, અન્ય પ્રદેશોમાંથી થતી દારૂની હેરાફેરી અટકાવવા પોલીસ દ્વારા દરેક નાના-મોટા વાહનોની બારીકાઈથી તપાસ કરવામાં આવી રહી છે. ખાસ કરીને નશાની હાલતમાં ગુજરાતમાં પ્રવેશતા તત્વો વિરુદ્ધ કડક કાર્યવાહી કરવાની રણનીતિ ઘડવામાં આવી છે.દર વર્ષની જેમ આ વર્ષે પણ બોર્ડર પર પોલીસનો લોખંડી પહેરો ગોઠવી દેવાયો છે. પોલીસની આ સતર્કતાને કારણે મોટા પ્રમાણમાં દારૂનો જથ્થો પકડાય તેવી શક્યતા છે, સાથે જ બ્રેથ એનાલાઈઝર દ્વારા પીધેલા વાહનચાલકોને ઝડપી પાડી કાયદાનું ભાન કરાવવામાં આવશે. જિલ્લા પોલીસ અધિક્ષકની સૂચનાથી હાઈવે અને આંતરિક રસ્તાઓ પર પણ પેટ્રોલીંગ વધારી દેવામાં આવ્યું છે જેથી નવા વર્ષની ઉજવણીમાં શાંતિ અને સુરક્ષા જળવાઈ રહે.

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सुशासन, संवेदना और महिला सशक्तिकरण : मध्यप्रदेश में ‘मोहन मॉडल’ का सजीव अनुभव

· श्रीमती संपतिया उइके, मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग

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जब आज से दो वर्ष पूर्व डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी, तभी यह आभास होने लगा था कि उनका नेतृत्व केवल प्रशासनिक स्थिरता तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वह शासन को एक 'नैतिक, सामाजिक और मानवीय दिशा' देने का प्रयास करेगा। सत्ता की बागडोर संभालने के कुछ ही दिनों के भीतर यह स्पष्ट संकेत मिलने लगे थे कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विश्वासपात्र मुख्यमंत्रियों की सूची में शीघ्र ही अपना विशिष्ट स्थान सुनिश्चित करेंगे। इसका कारण केवल राजनीतिक सामंजस्य नहीं, बल्कि नीति, नीयत और क्रियान्वयन का संतुलन था।

मैं स्वयं एक साधारण श्रमिक पृष्ठभूमि से आती हूँ। जीवन में संघर्ष, अभाव और श्रम का अनुभव मेरे व्यक्तित्व का हिस्सा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा मुझे मंत्रीमंडल का हिस्सा बनाना केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह उस समावेशी सोच का प्रमाण था, जिसमें पृष्ठभूमि नहीं, प्रतिबद्धता और कार्यक्षमता को महत्व दिया जाता है। मंत्रीमंडल में उन्होंने सभी साथियों के साथ समभाव और समानता का व्यवहार रखा और व्यवहार में उस लोककथन को चरितार्थ किया।

“मुखिया मुख सो चाहिए, खान-पान सब एक”

यह केवल कहावत नहीं, बल्कि उनके शासन का स्वभाव बन चुका है।आज डॉ. मोहन यादव की पहचान केवल एक मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि “सबके भैया” के रूप में बन चुकी है। मेरे मंडला जिले में आयोजित एक सामूहिक कार्यक्रम के दौरान मैंने सहज भाव से कहा था “हमारे भैया आज सब बहनों के भाई बन गए हैं।”

आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूँ, तो गर्व होता है कि वह नारा प्रदेश की लाखों बहनों की भावना बन गया। यह पहचान किसी प्रचार अभियान से नहीं बनी, बल्कि उनके व्यवहार, संवाद और संवेदना से निर्मित हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यकाल के आरंभ में ही यह स्पष्ट कर दिया था कि महिला सशक्तिकरण उनकी सरकार के लिए केवल एक योजनागत प्राथमिकता नहीं, बल्कि नैतिक प्रतिबद्धता है। यही कारण है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रारंभ की गई योजनाओं को न केवल निरंतरता दी गई, बल्कि उन्हें और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और व्यापक स्वरूप प्रदान किया गया। साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विशेष आग्रह पर कई नई योजनाओं की शुरुआत की गई, जिनका उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक स्तरों पर सशक्त बनाना था।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा लिखे गए ब्लॉग में यह दृष्टि स्पष्ट दिखाई देती है। उन्होंने भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करते हुए यह भरोसा दिलाया कि सरकार महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और गरिमा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनका यह कथन अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जब महिलाएँ आर्थिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से सशक्त होंगी, तभी परिवार, समाज और राष्ट्र मजबूत होंगे।

लाड़ली बहना योजना आज मध्यप्रदेश सरकार की पहचान बन चुकी है। लगभग 1.26 करोड़ महिलाओं के खातों में प्रतिमाह 1500 रुपये की राशि का नियमित अंतरण न केवल आर्थिक सहायता है, बल्कि राज्य और नागरिक के बीच विश्वास का सेतु भी है। इस राशि को चरणबद्ध रूप से 3 हजार रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार इस योजना को अल्पकालिक नहीं, बल्कि दीर्घकालिक सामाजिक निवेश के रूप में देख रही है।

इस योजना की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इससे महिलाएँ डिजिटल लेन-देन से जुड़ रही हैं और वित्तीय निर्णयों में उनकी भागीदारी बढ़ी है। हाल ही में योजना की 31वीं किश्त जारी करते हुए मुख्यमंत्री का यह कहना कि “बहनों का आशीर्वाद हमारी सबसे बड़ी ताकत है”, उनके नेतृत्व की भावनात्मक गहराई को दर्शाता है।

महिला सशक्तिकरण को केवल प्रत्यक्ष सहायता तक सीमित न रखते हुए सरकार ने महिलाओं को उद्यमिता और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने पर विशेष ध्यान दिया है। लखपति दीदी योजना के माध्यम से स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए प्रति वर्ष एक लाख रुपये की आय का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री उद्यम शक्ति योजना महिलाओं को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराकर स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

आज यह तथ्य अत्यंत उत्साहवर्धक है कि प्रदेश में 47 प्रतिशत स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। रेडीमेड गारमेंट उद्योग में कार्यरत महिलाओं को 5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देना और “एक बगिया माँ के नाम” योजना के अंतर्गत फलदार पौधरोपण- ये सभी पहल इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार महिलाओं को केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि आर्थिक भागीदार बनाना चाहती है।

महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण के साथ सुरक्षा और अवसर भी उतने ही आवश्यक हैं। इसी सोच के तहत राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया गया है। संपत्ति पंजीयन शुल्क में एक प्रतिशत की छूट और कामकाजी महिलाओं के लिए 'सखी निवास' के रूप में सुरक्षित आवास सुविधाओं का विस्तार, ये सभी निर्णय महिला हितों के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा अपने पुत्र का विवाह सार्वजनिक सामूहिक विवाह समारोह में संपन्न कराना आज के समय में एक विरल उदाहरण है। जब विवाह सामाजिक प्रदर्शन का माध्यम बनते जा रहे हों, तब यह कदम उन परिवारों के लिए आशा का संदेश है, जो सीमित साधनों में बच्चों के भविष्य की चिंता करते हैं। यह उदाहरण सिद्ध करता है कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।

मध्यप्रदेश में पिछले दो वर्षों में महिला सशक्तिकरण की दिशा में जो कार्य हुए हैं, वे अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। फिर भी मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहते हैं कि उन्हें प्रशंसा नहीं केवल बहनों का आशीर्वाद चाहिए। यही आशीर्वाद उन्हें निष्ठा, ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ अपने कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा देता है।

एक मंत्री, एक महिला और एक जनप्रतिनिधि के रूप में मुझे गर्व है कि मैं इस परिवर्तनकारी यात्रा की सहभागी हूँ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आज सुशासन, संवेदना और समावेशी विकास की दिशा में एक सशक्त उदाहरण बनकर उभर रहा है।

@followers Sampatiya Uikey P Narahari IAS #JansamparkMP #HarGharJal #MadhyaPradesh

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*आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन से संबंधित निस्तारित संदर्भों में 70 प्रतिशत से कम संतुष्टि प्रतिशत पर संबंधित अधिकारी के वेतन पर रहेगी रोक।*


*शीतलहर से बचाव हेतु ग्राम पंचायत स्तर तक अलाव आदि की समुचित व्यवस्था की जाए सुनिश्चित।*


*जूम मीटिंग में सीएचसी/ पीएचसी स्तर के तैनात प्रभारी अधिकारी प्रत्येक दशा में प्रतिदिन प्रतिभाग करना करें सुनिश्चित अन्यथा की स्थिति में अनुपस्थित मानते हुए की जाएगी कार्यवाही।*


*गोआश्रय स्थलों पर सभी संबंधित सतत निरीक्षण करते हुए गोवंशों को शीतलहर से बचाव के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाएं भी कराये दुरुस्त।*


*जूम मीटिंग में बार-बार निर्देशित किए जाने के उपरांत भी वाणिज्य कर विभाग एवं एआईजी स्टांप द्वारा प्रतिभाग न किए जाने पर नाराजगी की व्यक्त।*


*औरैया 30 दिसंबर 2025*/ जिलाधिकारी डॉ0 इंद्रमणि त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय कक्ष में जूम मीटिंग के माध्यम से कार्यों की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह दो दिन में अपने से संबंधित आईजीआरएस एवं सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निस्तारण में सुधार करते हुए संतुष्टि प्रतिशत 70 प्रतिशत तक करना सुनिश्चित करें अन्यथा की स्थिति में वेतन आहरण संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरूप आमजन की समस्याओं/ जनहित कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर संचालित किए जाने हेतु सरकार की प्राथमिकता के प्रति शिथिलता मानते हुए उक्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने शीत लहर से बचाव हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह नगरीय क्षेत्र के साथ-साथ ग्राम पंचायत स्तर तक अलाव आदि की समुचित व्यवस्था कराये जिससे आमजन को सर्दी से बचाया जा सके साथ ही शीतलहर से बचाव हेतु किए जाने वाले कार्यों के संबंध में जागरूक भी करें जिससे वह अपने आपको शीतलहर से सुरक्षित रख सकें।
जिलाधिकारी ने जूम मीटिंग के दौरान सीएचसी /पीएचसी के प्रभारियों को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था बनाए रखने के लिए वह अपने-अपने तैनाती स्थल पर रहना सुनिश्चित करें और हर जरूरतमंद को चिकित्सा लाभ मुहैया कराये जिससे कोई भी जरूरतमंद चिकित्सा के अभाव में परेशान होने को मजबूर न हो साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रातः 10:00 बजे अपने-अपने तैनाती स्थल से जूम मीटिंग में प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें अन्यथा की स्थिति में तैनाती स्थल से अनुपस्थित मानते हुए संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
शीत लहर के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान संबंधितों को निर्देशित किया कि शासन के प्राथमिकता पूर्ण कार्यक्रम के अंतर्गत गोवंशों को सुरक्षित करने के साथ-साथ उनके खान-पान तथा शीतलहर के बचाव के संबंध में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए इसके लिए वह गोआश्रय स्थलों का सतत निरीक्षण किया जाए तथा निरीक्षण आख्या मुख्य विकास अधिकारी को प्रतिदिन उपलब्ध कराये जिससे व्यवस्थाओं के संबंध में समीक्षा करते हुए अवशेष कार्य पूर्ण कराया जा सके।
जिलाधिकारी के बार-बार निर्देशित किए जाने के उपरांत भी जूम मीटिंग में वाणिज्य कर विभाग एवं एआईजी स्टांप द्वारा प्रतिभाग न किए जाने पर कार्यों की समीक्षा संभव न होने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए साथ ही शासन को भी अवगत कराया जाए।

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*औरैया 30 दिसंबर 2025* / मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ विशन सिंह विकल ने अवगत कराया है कि जनपद में निराश्रित / घुमन्तू गोवशों के संरक्षण हेतु विभिन्न विकास खण्डों में गोवंश आश्रय स्थल संचालित किये जा रहे है। निराश्रित गोवशों के विचरण करते हुए किसानों के खेतों, राज्यमार्गों व सार्वजनिक स्थलों में पाए जाने पर, लोकेशन सहित जी०पी०एस० फोटो की सूचना सेन्ट्रल कमाण्ड कन्ट्रोल रूम के मो०/व्हॉस्टप नं०- 8445561780 पर दें, जिससे निराश्रित गोवंशों को नजदीकी गोवश आश्रय स्थलों में प्राथमिकता के आधार पर संरक्षित किया जा सकें। कन्ट्रोल रूम में कार्यरत कार्मिक द्वारा प्रतिदिन गौशालाओं में स्थापित कैमरों के माध्यम से अनुश्रवण कर इंगित कमियों एवं कार्यों की संकलित सूचना प्रत्येक दिवस सायं 04:00 बजे तक कार्यालय मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, औरैया में उपलब्ध करानी होगी, जिससे उसके निराकरण किये जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारी को अग्रसारित किया जा सकें। उ०प्र० शासन की प्रथम प्राथमिकता में गोवंश संरक्षण के दृष्टिगत नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों के अधिशाषी अधिकारी, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सम्बन्धित विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी के साथ-साथ ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों को सचेत रह कर गोवंश सरक्षण का कार्य सम्पादित करना होगा। मा० मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना एवं मा० मुख्यमंत्री पोषण योजना (महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चिन्हित कुपोषित परिवारों हेतु) के अन्तर्गत गौशालाओं से सुपुर्दगी में दिये गये गोवंशों के भरण-पोषण हेतु प्रति गोवंश हेतु रू0 50/- प्रतिदिन की दर से प्रतिमाह रू0 1500/- की धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से लाभार्थी को उपलब्ध करायी जा रही है तथा इस योजना का लाभ लेने के लिए समस्त जिले के कृषकों/पशुपालकों से अपील है कि सम्बन्धित विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी / पशु चिकित्साधिकारी सहित गौशाला के ग्राम प्रधान/ग्राम विकास अधिकारी/से सम्पर्क कर अपना आवेदन भरकर योजना का लाभ लिया जा सकता है।

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विद्युत कंपनियों के मुख्यालय शक्त‍िभवन में हुआ अग्न‍िशमन प्रशिक्षण और मॉकड्रि‍ल

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के सुरक्षा विभाग और सिविल संभाग शक्त‍िभवन के द्वारा विद्युत कंपनियों के मुख्यालय शक्त‍िभवन जबलपुर के विभिन्न ब्लॉक में अग्न‍िशमन यंत्रों का प्रशिक्षण देते हुए मॉकड्रि‍ल की गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम व मॉकड्रि‍ल में विद्युत कंपनियों में कार्यरत अभियंता, महिला-पुरूष कार्मिक व सुरक्षा सैनिक शामिल हुए। मॉकड्रि‍ल में कॉर्बन डॉइऑक्साइडयुक्त (co2) अग्न‍िशमन यंत्र का जीवंत उपयोग करते हुए उसे संचालित करने का तरीका बताया गया।

समय-समय पर दिया जाता है कार्मिकों को प्रशिक्षण

अधीक्षण अभियंता सिविल मुख्यालय धर्मेन्द्र वर्मा ने जानकारी दी कि शक्त‍िभवन के प्रत्येक कार्यालय में co2 युक्त अग्न‍िशमन यंत्र उपुयक्त स्थान में लगाए गए हैं। इन यंत्रों की प्रतिवर्ष जांच कर के भरा जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि समय-समय पर शक्त‍िभवन में कार्यरत कार्मिकों को इन अग्न‍िशमन यंत्र का उपयोग करने के तरीके का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे कि वे आपातकालीन परि‍स्थि‍ति में स्वत: इसका उपयोग कर पाएं।

क्यों किया जाता है कार्बन डॉइऑक्साइड का उपयोग

अधीक्षण अभियंता सि‍विल धर्मेन्द्र वर्मा ने जानकारी दी कि वर्तमान में अग्न‍िशमन यंत्र में कार्बन डॉइऑक्साइड का उपयोग आग बुझाने में किया जाता है। यह न तो जलती है और न ही जलने में मदद करती है। यह हवा से भारी भी होती है। यह ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद करके जलने वाले पदार्थ को रोकती है।

Dr Mohan Yadav
CM Madhya Pradesh
Pradhuman Singh Tomar

#MadhyaPradesh #JansamparkMP

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*औरैया 30 दिसंबर 2025* / मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ विशन सिंह विकल ने अवगत कराया है कि जनपद में निराश्रित / घुमन्तू गोवशों के संरक्षण हेतु विभिन्न विकास खण्डों में गोवंश आश्रय स्थल संचालित किये जा रहे है। निराश्रित गोवशों के विचरण करते हुए किसानों के खेतों, राज्यमार्गों व सार्वजनिक स्थलों में पाए जाने पर, लोकेशन सहित जी०पी०एस० फोटो की सूचना सेन्ट्रल कमाण्ड कन्ट्रोल रूम के मो०/व्हॉस्टप नं०- 8445561780 पर दें, जिससे निराश्रित गोवंशों को नजदीकी गोवश आश्रय स्थलों में प्राथमिकता के आधार पर संरक्षित किया जा सकें। कन्ट्रोल रूम में कार्यरत कार्मिक द्वारा प्रतिदिन गौशालाओं में स्थापित कैमरों के माध्यम से अनुश्रवण कर इंगित कमियों एवं कार्यों की संकलित सूचना प्रत्येक दिवस सायं 04:00 बजे तक कार्यालय मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, औरैया में उपलब्ध करानी होगी, जिससे उसके निराकरण किये जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारी को अग्रसारित किया जा सकें। उ०प्र० शासन की प्रथम प्राथमिकता में गोवंश संरक्षण के दृष्टिगत नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों के अधिशाषी अधिकारी, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सम्बन्धित विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी के साथ-साथ ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों को सचेत रह कर गोवंश सरक्षण का कार्य सम्पादित करना होगा। मा० मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना एवं मा० मुख्यमंत्री पोषण योजना (महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चिन्हित कुपोषित परिवारों हेतु) के अन्तर्गत गौशालाओं से सुपुर्दगी में दिये गये गोवंशों के भरण-पोषण हेतु प्रति गोवंश हेतु रू0 50/- प्रतिदिन की दर से प्रतिमाह रू0 1500/- की धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से लाभार्थी को उपलब्ध करायी जा रही है तथा इस योजना का लाभ लेने के लिए समस्त जिले के कृषकों/पशुपालकों से अपील है कि सम्बन्धित विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी / पशु चिकित्साधिकारी सहित गौशाला के ग्राम प्रधान/ग्राम विकास अधिकारी/से सम्पर्क कर अपना आवेदन भरकर योजना का लाभ लिया जा सकता है।

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समाधान योजना का प्रथम चरण 31 दिसंबर तक, सरचार्ज में सौ फीसदी तक छूट का अंतिम दिन

ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि विगत 3 नवंबर से शुरू हुई समाधान योजना 2025-26 में सौ फीसदी तक छूट का लाभ लेने के लिए 31 दिसंबर, 2025 अंतिम दिन है। योजना का लाभ लाखों बकायादार उपभोक्‍ता उठा रहे हैं। उन्होंने उपभोक्‍ताओं से अपील की है कि तीन माह से अधिक के बकायादार उपभोक्‍ता योजना के प्रथम चरण में अंतिम दिन अपना बकाया बिल एकमुश्‍त जमा करके सौ फीसदी तक सरचार्ज माफी का लाभ उठा सकते हैं।

मध्य प्रदेश सरकार की समाधान योजना 2025-26 का प्रथम चरण चल रहा है, जो‍कि 31 दिसंबर 2025 को समाप्‍त हो रहा है, अभी आज का दिन शेष है। इस दौरान बकायादार उपभोक्‍ताओं को सरचार्ज में अधिकतम छूट का लाभ मिल रहा है। हालांकि 1 जनवरी से 28 फरवरी 2026 तक दूसरा चरण चलेगा, लेकिन उसमें सरचार्ज माफी का प्रतिशत कम हो जाएगा इसलिए प्रथम चरण में आज ही योजना में शामिल होकर अधिकतम लाभ उठाएं।

अब तक मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 2 लाख 90 हजार 786 बकायादार उपभोक्‍ताओं ने अपना पंजीयन कराकर लाभ लिया है। मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के खाते में 304 करोड़ 62 लाख रुपये से अधिक की मूल राशि जमा हुई है, जबकि 161 करोड़ 39 लाख रुपये का सरचार्ज माफ किया गया है।

समाधान योजना 2025-26 : एक नजर में

समाधान योजना 2025-26 का उद्देश्य 3 माह से अधिक अवधि के उपभोक्ताओं को बकाया विलंबित भुगतान के सरचार्ज पर छूट प्रदान करना है। यह योजना जल्दी आएं, एकमुश्‍त भुगतान कर ज्यादा लाभ पाएं के सिद्धांत पर आधारित है। इस योजना में उपभोक्ता को प्रथम चरण में एकमुश्‍त भुगतान करने पर सबसे अधिक लाभ होगा जबकि द्वितीय चरण के दौरान छूट का प्रतिशत क्रमशः कम होता जाएगा। यह योजना दो चरणों में प्रारंभ होकर प्रथम चरण की शुरुआत 3 नवंबर से 31 दिसंबर 2025 तक रहेगी जिसमें 60 से लेकर 100 प्रतिशत तक सरचार्ज माफ किया जाएगा।

इसी तरह द्वितीय और अंतिम चरण में जो कि एक जनवरी से 28 फरवरी 2026 तक लागू रहेगी, इसमें 50 से 90 फ़ीसदी तक सरचार्ज माफ किया जाएगा। प्रथम चरण में एकमुश्‍त राशि जमा कराने पर अधिकतम लाभ होगा। समाधान योजना 2025-26 का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल हेतु portal.mpcz.in पर पंजीयन कराना होगा। कंपनी के उपाय एप एवं कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) तथा एमपी ऑनलाइन पर भी पंजीयन की सुविधा उपलब्‍ध है। पंजीयन के दौरान अलग-अलग उपभोक्ता श्रेणी के लिए पंजीयन राशि निर्धारित की गई है। घरेलू एवं कृषि उपभोक्ता कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत तथा गैर घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ता कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान कर पंजीयन कराकर योजना में शामिल होकर लाभ उठा सकते हैं। विस्तृत विवरण तीनों कंपनियों की वेबसाइटों पर भी देखा जा सकता है साथ ही विद्युत वितरण केंद्र में पहुंचकर भी योजना के संबंध में जानकारी ले सकते हैं।

Dr Mohan Yadav
CM Madhya Pradesh
Pradhuman Singh Tomar

#MadhyaPradesh #JansamparkMP

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*औरैया 30 दिसंबर 2025* / शासन के प्राप्त निर्देशों के क्रम में एवं जिलाधिकारी डा0 इन्द्रमणि त्रिपाठी के निर्देशन में युवा कल्याण विभाग औरैया द्वारा दो दिवसीय माननीय विधायक खेल स्पर्धा का समापन जनता इंटर कॉलेज स्टेडियम अजीतमल में किया गया। जिसमें कुस्ती एवं भारोत्तोलन की प्रतियोगिता हुई जिसमें कुश्ती में सीनियर वर्ग में युवराज विजेता, आदर्श उपविजेता और जूनियर वर्ग में कूष्मोदय ने कृष्णा सिंह को वहीं प्रिंशी ने सपना को हराया, सब जूनियर वर्ग के विजेता देवेश गौतम रहे उपविजेता विकास एवं पलक ने माही को हराया। भारोत्तोलन की प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में ऋतिक चौहान प्रथम रहे, जूनियर वर्ग में कामिनी प्रथम, वैष्णवी द्वितीय रही, तिलकराज प्रथम सत्यम द्वितीय रहे, सब जूनियर में आदर्श परिहार ने ऋतिक राठौर को मात दी।विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार आदि प्रदान किया गया एवं निर्णायकों को स्मृति चिन्ह प्रशस्ति पत्र आदि प्रदान कर उनका धन्यवाद किया गया।

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*जिलाधिकारी ने जनपद वासियों को फेक व्हाट्सअप से किया सचेत*

औरैया 30 दिसम्बर, 2025/ जिलाधिकारी डॉ0 इंद्रमणि त्रिपाठी ने सभी जनपद वासियों एवं शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को सचेत किया है कि वियतनाम के किसी व्यक्ति द्वारा +84588169187 नंबर पर उनकी फोटो व्हाट्सअप के माध्यम से व्यक्तियों को फोन किया जा रहा है, ऐसा संज्ञान में आया है। जो कि जिलाधिकारी का नम्बर नहीं है।
उक्त के संबंध में जिलाधिकारी ने सभी जनपद वासियों को अवगत कराया है कि यदि +84588169187 से फोन कर किसी प्रकार की मांग की जाती है तो तुरन्त उसकी सूचना पुलिस की साइबर अपराध शाखा को दे। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त प्रकरण की जानकारी पुलिस अधीक्षक, औरैया को देते हुए विधिक कार्यवाही के निर्देश दिए गए है।

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किसानों की आय बढ़ाने में दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका...

आज मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन एवं एनडीडीबी के मध्य हुए समझौते के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में पीपीपी मॉडल पर दुग्ध उत्पादन गतिविधियों के विस्तार के निर्देश दिए।

सांची ब्राण्ड का विस्तार करने, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डेयरी टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण एवं पाठ्यक्रम प्रारंभ करने, दुग्ध संकलन व्यवस्था की नियमित निगरानी, खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता तथा दुग्ध उत्पादकों को समय-सीमा में भुगतान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

अब तक 1,241 नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया गया है और 635 निष्क्रिय समितियों को पुनः क्रियाशील बनाया गया है। सम्पूर्ण डेयरी वैल्यू चैन के डिजिटलीकरण हेतु भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, बुंदेलखंड एवं जबलपुर दुग्ध संघों में सॉफ्टवेयर क्रियान्वित किया गया है। साथ ही, इंदौर दुग्ध संघ द्वारा दुग्ध संकलन के लिए मोबाइल ऐप लागू किया गया है, जिससे दूध की मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य की जानकारी तत्काल प्राप्त हो रही है।

वर्ष 2029-30 तक 26 हजार गांवों तक डेयरी सहकारी कवरेज विस्तार, प्रतिदिन 35 लाख लीटर दुग्ध विक्रय और 63.3 लाख लीटर प्रतिदिन प्रसंस्करण क्षमता का लक्ष्य लेकर गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

पिछले 2 वर्ष से बंद शिवपुरी डेयरी संयंत्र को प्रारंभ करने के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई है। जबलपुर में स्थापित 10 मीट्रिक टन क्षमता के पनीर प्लांट को पुन: आरंभ करने के लिए 5 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इंदौर में स्थापित 30 मीट्रिक टन क्षमता का दुग्ध पाउडर संयंत्र प्रारंभ किया गया है। इसके माध्यम से 3 लाख लीटर दूध का प्रतिदिन प्रसंस्करण किया जा रहा है। ग्वालियर डेयरी संयंत्र के सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ की गई है।

Hemant Khandelwal

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