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05_12_2025_RAJSAMAND_PRESS_NOTE_01

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बामन टुकड़ा के मनीष दवे ने हासिल की उपलब्धि

यूनिटी ऑफ़ स्टेचू तक 150 किलोमीटर की पद यात्रा पूर्ण की, ग्रामीणों ने किया स्वागत

फ़ोटो संलग्न

राजसमंद 9 दिसंबर। राजसमंद विधायक श्रीमती दीप्ति किरण माहेश्वरी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में जिले के बामन टुकड़ा निवासी नेशनल यूथ आइकॉन मनीष दवे ने भारत सरकार द्वारा आयोजित सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय पदयात्रा "यूनिटी मार्च" में शामिल होकर पूरे जिले और राजस्थान का नाम रोशन किया है।

26 नवम्बर से 6 दिसम्बर तक गुजरात के करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया तक 150 किलोमीटर की पदयात्रा में मनीष दवे ने जोश और जुनून के साथ भाग लिया। यह यात्रा युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें मनीष दवे को आधिकारिक निमंत्रण पर शामिल किया गया।

इस ऐतिहासिक यात्रा में मनीष दवे ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए देशभर के चुनिंदा 150 युवाओं के साथ कदम से कदम मिलाया। 6 दिसम्बर को 150 किलोमीटर की पद यात्रा पूरी की सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की व 150 किलोमीटर की पदयात्रा के दौरान जगह गाँव ओर शहरों मे स्वागत व फूल बरसाए। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा फोन पर शुभकामनाएं देकर उनका हौसला भी बढ़ाया गया।

यात्रा पूर्ण कर वायुयान से मनीष दवे अपने गाँव लौटे जिस पर ग्रामीणों ने उनका स्वागत सत्कार किया। मनीष दवे अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा है।

उपराष्ट्रपति से मुलाकात करने का मिल अवसर:

समापन समारोह में महामहिम उपराष्ट्रपति सी.पी. कृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में महामहिम गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा युवा एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया भी शामिल हुए।
इस अवसर पर मनीष दवे सहित देशभर से आए 150 पदयात्रियों से सभी विशिष्ट अतिथियों ने मुलाकात की, समूह फोटो लिया तथा उनका उत्साहवर्धन करते हुए हौसला बढ़ाया।


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सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय,
राजसमंद-313324

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05_12_2025_RAJSAMAND_PRESS_NOTE_02

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राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष-
2 साल: नव उत्थान-नई पहचान, बढ़ता राजस्थान- हमारा राजस्थान —
राजस्थान रोडवेज़ का काया कल्प:
राज्य सरकार के सुशासन, दूरदर्शिता और जनसेवा की प्रतिबद्धता का परिचायक है रोडवेज —
810 नई बसें और 352 अनुबंधित बसों ने बदली रोडवेज़ की तस्वीर

जयपुर, 9 दिसम्बर। परिवहन व्यवस्था किसी भी प्रदेश के आधारभूत ढांचे की आत्मा होती है जो वहाँ की प्रगति और जनजीवन की सुगमता का आधार होती है । यह केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने का माध्यम भर नहीं है बल्कि आर्थिक गतिविधियों की रीढ़, सामाजिक जुड़ाव का आधार और आमजन की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने वाला सबसे भरोसेमंद तंत्र होती है।

विशेषकर राजस्थान जैसे विशाल भूगोल वाले राज्य में जो क्षेत्रफल में सबसे बड़ा राज्य है, जहाँ देश की कुल जनसंख्या का 5 प्रतिशत से अधिक लोग निवास करते हैं, वहाँ ऐसी विश्वसनीय और किफायती परिवहन सेवा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि स्कूल-कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों से लेकर नौकरीपेशा युवा, किसान, व्यापारी तथा सामान्य यात्री तक सभी के जीवन का एक बड़ा हिस्सा रोडवेज़ की सेवाओं से जुड़ा हुआ है।

पुनरुत्थान का नया अध्याय—

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि यदि रोडवेज़ को पूरी तरह आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाना है तो इसके बेड़े का नवीनीकरण अनिवार्य है। यही कारण है कि वर्तमान सरकार के गठन के साथ ही लंबे समय से लगातार घाटे, पुरानी होती बसों और कम होती यात्रियों की संख्या जैसी चुनौतियों का सामना कर रही राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड के रिवाइवल का कार्य शुरू किया गया ।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में आमजन को किफायती और सुलभ परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। सबसे पहले संचालन व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए सुपरविजन को मजबूत किया गया। वर्षों से रोडवेज़ के घाटे का बड़ा कारण रही डीजल की छीजत पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया। इसके साथ ही रूट प्लानिंग, बस संचालन और संसाधनों के उपयोग को व्यवस्थित करते हुए यात्रियों की संख्या और बसों द्वारा प्रतिदिन तय किए जाने वाले औसत किलोमीटर में उल्लेखनीय वृद्धि की गई। इन तमाम सुधारों ने रोडवेज़ के दैनिक संचालन को नई ऊर्जा और स्थिरता प्रदान की जिसने रोडवेज की वर्तमान नवीन तस्वीर सामने आई ।

इन समेकित प्रयासों का सबसे बड़ा परिणाम यह सामने आया कि संचालन घाटा, जो पहले लगभग एक हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष था, वह घटकर करीब तीन सौ करोड़ रुपये रह गया है। यह कमी राजस्थान रोडवेज़ के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में गिनी जा रही है और इसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शी नीतियों, सक्रिय नेतृत्व और सुधारवादी दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष परिणाम माना जा रहा है।

810 नई बसें और 352 अनुबंधित बसें जिन्होंने बदली रोडवेज़ की तस्वीर—

यात्रियों को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध यात्रा उपलब्ध करवाने के लिए 810 नई बसों को खरीदा गया और 352 बसों को अनुबंध के आधार पर शामिल किया गया। नई बसों के जुड़ने से जहां जनता को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध यात्रा मिलने लगी, वहीं बढ़े हुए नेटवर्क और बेहतर सेवाओं ने रोडवेज़ की कमाई पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला।

राज्य सरकार के द्वारा निरंतर लिए जा रहे लोककल्याणकारी निर्णय इस बात का परिचायक है कि लेकिन यह परिवर्तन केवल शुरुआत है। आने वाले समय में रोडवेज़ के बेड़े में 800 और नई बसें शामिल की जानी हैं। इससे न केवल प्रदेश के अधिक क्षेत्रों में बेहतर बस सुविधा उपलब्ध होगी बल्कि रोडवेज़ के तेजी से कम हो रहे घाटे को पूरी तरह समाप्त कर उसे लाभदायक इकाई बनाने का लक्ष्य भी पूरा होगा। सरकार की योजना है कि रोडवेज़ को आधुनिक तकनीक, सुरक्षित यात्रा और वित्तीय आत्मनिर्भरता के साथ ऐसे स्तर पर पहुंचाया जाए, जहां वह प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान जारी रख सके।

राजस्थान रोडवेज़ का यह काया कल्प राज्य में सुशासन, जवाबदेही और जन-केंद्रित नीतियों का उदाहरण बनकर सामने आया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था एक बार फिर नई दिशा और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है, और आने वाला समय इस बदलाव को और भी मजबूत किए जाने का संकेत देता है।
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सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय,
राजसमंद-313324

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कोटा। अदालत परिसर में आए दिन वकीलों के साथ बदमाशों और गुंडों द्वारा होने वाली अनैतिक घटनाओं के बीच, अतीश सक्सेना हमेशा वकीलों के साथ मजबूती से खड़े रहते हैं। उनका यह साहस और नेतृत्व उन्हें वकीलों के बीच अत्यंत लोकप्रिय बनाता है। पूर्व उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई संघर्षों का सामना किया है और हमेशा न्याय एवं व्यवस्था के पक्ष में सक्रिय रहे हैं। अतीश सक्सेना ने अभिभाषक परिषद कोटा परिसर में पार्किंग, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को सुधारने तथा उन्हें लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वकीलों को सुविधा और सुरक्षा मिली है। उनका व्यवहार सदैव वकीलों के प्रति हमदर्दी और सहयोगपूर्ण रहा है, यही कारण है कि वे समाज और पेशेवर समुदाय में अत्यंत सम्मानित माने जाते हैं। उनके वक्तृत्व और निडर निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें न केवल कोटा के वकील नेताओं के बीच बल्कि पूरे क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिष्ठित और राष्ट्रवादी छवि वाले वकील नेता के रूप में स्थापित किया है। अतीश सक्सेना का संघर्ष, साहस और सक्रियता यह दर्शाता है कि वह केवल एक वकील या नेता नहीं बल्कि वकीलों के लिए संरक्षक और मार्गदर्शक भी हैं। उनके नेतृत्व में वकील समुदाय ने अनेक बार सुरक्षा, सम्मान और पेशेवर एकजुटता का अनुभव किया है। अतीश सक्सेना हमेशा कहते हैं कि वकीलों की सुरक्षा और उनका सम्मान सर्वोपरि है, और इसी सिद्धांत के चलते वे हर परिस्थिति में अपने समर्थकों और वकीलों के साथ खड़े रहते हैं। उनके यह गुण उन्हें अभिभाषक परिषद कोटा के अध्यक्ष पद के लिए सबसे भरोसेमंद और दमदार उम्मीदवार बनाते हैं। इस तरह का निडर, राष्ट्रवादी और संवेदनशील नेतृत्व वकील समाज में एक प्रेरणा और आश्वासन का प्रतीक है।

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राजस्थान


राजसमंद,
जिला परिषद की अंतिम बैठक में भावुक हुई जिला प्रमुख रतनी देवी,
कहा- 'कार्यकाल के दौरान सिर्फ सर्वांगीण विकास रहा ध्येय'
अब 11 दिसंबर से जिला कलक्टर होंगे प्रशासक,



राजसमंद जिला परिषद की अंतिम साधारण सभा मंगलवार को महाराणा प्रताप सभागार में विकास के संकल्प के साथ आयोजित हुई, जिसमें जिले की योजनाओं की प्रगति, पेयजल आपूर्ति और विभागीय अनुपालना पर विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक में जिला प्रमुख रतनी देवी जाट, उप जिला प्रमुख सोहनी देवी गुर्जर, जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बृजमोहन बैरवा, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सुमन अजमेरा, भीम प्रधान वीरम सिंह, देलवाड़ा प्रधान कसनी गमेती सहित 21 जिला परिषद सदस्य, समाजसेवी माधव जाट एवं सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान पंचायत समिति राजसमंद, आमेट एवं देवगढ़ की निजी आय प्रस्तावों पर विमर्श हुआ तथा मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2026–27 की वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी प्रदान की गई। साथ ही विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी समीक्षा और निर्देश जारी किए गए।

सदस्यों द्वारा उठाई समस्याओं का हो त्वरित समाधान :कलक्टर

बैठक में पहुंचे कलक्टर अरुण कुमार हसीजा ने कहा कि सदन की बैठकें प्रशासन के लिए जन समस्याओं के प्रतिबिंब का काम करती है, इन बैठकों में गाँव-गाँव की समस्याओं का जन प्रतिनिधियों के माध्यम से पता चलता है, ऐसे में जो भी जन समस्याएं सदस्य उठाएं उनका सभी विभाग त्वरित प्रभाव से समाधान करें ताकि आमजन को राहत मिल सके। समस्याओं को किसी भी सूरत में पेंडिंग न रखें और इसे भविष्य में भी गंभीरता से लें।

जिला प्रमुख के छलके आँसू, कहा:जन सेवा को समर्पित रहे पाँच वर्ष:

जिला प्रमुख रतनी देवी जाट अपनी अंतिम बैठक में भावुक दिखी, उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने विकास में कोई कमी नहीं रखी, जो भी समस्याएं सदन द्वारा उठाई उनका समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित किया। इस दौरान प्रशासन का भी पूरा साथ मिला। उन्होंने कहा कि विकास की यह यात्रा थमनी नहीं चाहिए और इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।

सदस्यों पेयजल, बिजली, सड़क संबंधी मुद्दे उठाए:

बैठक में सदस्यों द्वारा मुख्यतः पेयजल, बिजली, सड़क संबंधी मुद्दे उठाए गए जिस पर मौके पर ही कलक्टर द्वारा संबंधित विभाग को समाधान करने के निर्देश दिए।

बैठक में जिला परिषद सदस्य ज्योति कंवर द्वारा उनके निर्वाचन क्षेत्र की सात पंचायतों में कुएं एवं लाइनों का कार्य पूर्ण होने के बावजूद जल सप्लाई प्रारंभ नहीं होने के मुद्दे पर चर्चा की। ऐसे ही सदस्य समुंद्र सिंह ने द्वारा लिकी और आक्या क्षेत्र में पाइपलाइन लीक सुधार की गलत अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने पर आपत्ति जताने पर चर्चा हुई।

भीम प्रधान द्वारा फील्ड में हैंडपम्प मिस्त्रियों के कार्य नहीं करने से उत्पन्न पेयजल संकट, सदस्य दीन दयाल गिरी द्वारा पीपाणा, देलवाडिया, गंवार और भभूतियों की भागल में जल योजनाएं पूर्ण होने के बाद भी सप्लाई बंद होने के मुद्दे, रेलमगरा पंचायत समिति प्रधान द्वारा चिमहेंदुरियां और राजपुरा में जल आपूर्ति की समस्या का मुद्दा आदि बिन्दु गत बैठक में उठाए गए थे जिसकी अनुपालना पर सदन में चर्चा हुई।

सदस्य कुक सिंह द्वारा सगरूण में बाघेरी से पर्याप्त जल नहीं मिलने के कारण फ्लोराइड युक्त खारा पानी पीने की मजबूरी पर ध्यान आकर्षित किया था जिस पर बैठक में विस्तृत समीक्षा हुई। जबकि सदस्य लेहरू लाल द्वारा भामाखेड़ा योजना में एक स्थान पर पाइपलाइन अधूरी रहने से जल सप्लाई बाधित होने की बात गत बैठक में रखी थी इस पर भी विभाग ने अपना पक्ष रखा।

समुंदर सिंह ने ग्राम पंचायतों में पाइपलाइन बिछाने के दौरान तोड़ी गई सीसी सड़कों की मरम्मत नहीं होने तथा सुरक्षा राशि एवं भुगतान प्रक्रिया पर भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जिस पर जिला कलक्टर ने समाधान के निर्देश दिए।

इसी प्रकार हर सदस्य ने जन भावना के अनुरूप समस्याओं को उठाया। बैठक में सभी उठाए गए बिंदुओं पर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए तथा विभिन्न योजनाओं के शीघ्र समाधान और प्रगति के लिए ठोस कदम सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक के अंत में प्रत्येक सदस्य का सम्मान जिला परिषद की ओर से किया गया।

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- सागरिका वर्मा के नृत्य पर झूमे दर्शक विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेले में समापन से एक दिन पहले संगीत समारोह का ऐसा ताना-बाना बना कि पर्यटन विभाग का मुख्य पंडाल संगीत की स्वर लहरी में डूबता चला गया कि श्रोताओं की चेतना ही संगीतमय बन गयी। मेले का प्राचीन वैभव का समां ऐसा बंधा जैसे लगा कि पूरा मेला संगीत के संग झूम रहा है। पटना की सागरिका वर्मा ने जब अपनी कोमल, उज्जवल सौंदर्य और शांति से प्रस्तुति शुरू की तो दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। प्रस्तुति में सागरिका की प्रथम प्रस्तुति ओम नमः शिवाय के साथ शुरू हुई, अगली प्रस्तुति तोहरे बलमुआ कप्तान सुन के सजनी हमरो बलमुआ किसान…, सजनवां कैसे तेजब है छोटी नन्दी…, केहूं के तल्ला दो तल्ला…., अंगुली में डसले पिया नगिनिया हे…, के साथ अंतिम प्रस्तुति दमा दम मस्त कलंदर.. के साथ समाप्त हुई तो पूरा पंडाल तालिया की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। संगत कलाकारों में की-बोर्ड और तबला पर राजन, इफेक्ट पर अरविंद कुमार शामिल थे। कार्यक्रम के समापन के बाद मेले में लगे सेना के एसएसबी शिविर के टीम लीडर इंस्पेक्टर अमित कुमार और हवलदार अनिल कुमार ने स्मृति चिन्ह देकर सागरिका वर्मा और उनके दल को सम्मानित किया। अगली प्रस्तुति शास्त्रीय नृत्य की पटना की सुष्मिता शर्मा ने दी। उनकी प्रस्तुति पर ऐसा लगा जैसे मुख्य पंडाल का प्राचीन वैभव का संमा ऐसा बना जैसे वह स्वयं संगीत के संग झूम रहा हो। उन्होंने कई गीत पर नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। जिसमें ओ रे पिया…, पिया तोसे नैना लागे रे…, घर मोरे परदेसिया…., कान्हा सो जा जरा…., ताल से ताल मिला…, नैनो वाली ने छेड़ा मन का प्याला…., और अंतिम प्रस्तुति ओरे पिया.., से की। बाद में कलाकार को सम्मानित किया गया। इस दौरान मंच संचालन जिला प्रशासन के की ओर से प्रतिनियुक्ति बिट्ठल नाथ सूर्य ने की। इस अवसर पर स्थानीय समाजसेवी लाल बाबू पटेल, लोक गायक नवल किशोर सिंह, समेत अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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