logo
(Trust Registration No. 393)
AIMA MEDIA
logo
1
1 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

10
40 views    0 comment
0 Shares

2
41 views    0 comment
0 Shares

1
0 views    0 comment
0 Shares

मुख्यमंत्री ने कल लखनऊ में जनसुनवाई में दूर दराज से आए लोगों के शिकायत निस्तारण हेतु दिए गए आवेदन पत्र प्राप्त अतिक्रमण, अवैध कब्जा, पुलिस, राजस्व, एवं अन्य विभाग संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया।
ग्राम पंचायत विकास द्वारा कराए गए कार्यों का प्राथमिक स्वास्थ्य, सड़क, स्वच्छता,जलसंरक्षण सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण मुक्त हेतु विगत दो पंचवर्षीय योजनाओं में खर्च एवं कार्य की सूची की जांच मनरेगा, एवं विकास के अधिकारी द्वारा करते हुए उपरोक्त संसाधन पूर्ण क्यों नहीं जबकि हर वर्ष लाखों रुपए ग्राम पंचायतों में खर्च के बाद भी समस्या का समाधान क्यों नहीं?
ग्राम पंचायत में कूड़ा घर बनाने के बाद भी कूड़ा निस्तारण नहीं होने का करण एवं जलजमाव से स्वस्थ पर बुरा प्रभाव दिखाई दे रहा है इसका समाधान सुनिश्चित करते हुए समय सीमा में प्रतिबंधित करते हुए कार्ययोजना तैयार करने का पहल जनहित में महत्वपूर्ण प्रयास होगा।
कृष्ण कुमार पाठक
खबरहलचल न्यूज
पत्रकार संचार परिषद
उत्तर प्रदेश, भारत

3
122 views    0 comment
0 Shares

महराजगंज, 08 दिसंबर 2025। बढ़ती ठंड के बीच निराश्रितों के सहारे बने रैन बसेरे की हकीकत जानने पहुंचे अपर जिला अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार के आकस्मिक निरीक्षण ने बड़ा खुलासा किया। चौक नगर पंचायत के सरदार पटेल नगर स्थित रैन बसेरा निरीक्षण के समय बंद मिला, जिस पर एडीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की।सूत्रों के अनुसार निरीक्षण के दौरान लंबे समय तक कोई जिम्मेदार मौके पर मौजूद नहीं था। बाद में केयर टेकर वहां पहुंचा, लेकिन वह रैन बसेरा बंद होने का उचित कारण नहीं बता सका। इस पर एडीएम ने कड़े शब्दों में कहा कि कड़ाके की सर्दी में रैन बसेरों का 24 घंटे खुला रहना अनिवार्य है, ऐसी स्थिति अस्वीकार्य है।यदि चाहें तो मैं इसे और बेहतर तरीके से संपादित या संक्षिप्त भी कर सकता हूँ। रिपोर्टर(प्रदीपसिंह)महराजगंज

1
0 views    0 comment
0 Shares

6
52 views    0 comment
0 Shares

अजमेर....

अजमेर नगर निगम के वर्तमान बोर्ड का 5 साल का कार्यकाल पूरा होने को है। जब भाजपा का बोर्ड बना और श्रीमती ब्रजलता हाड़ा ने महापौर की कुर्सी संभाली, तो शहरवासियों को उम्मीद थी कि 'स्मार्ट सिटी' अजमेर को विकास की नई रफ्तार मिलेगी। लेकिन, धरातल पर स्थिति इसके विपरीत नजर आई। पिछले 5 वर्षों में शहर की जनता ने विकास से ज्यादा विवाद देखे हैं।
​यहाँ अजमेर नगर निगम की उन प्रमुख विफलताओं का विश्लेषण है, जिन्होंने आम जनता को सबसे ज्यादा परेशान किया:
​1. सफाई व्यवस्था का चरमराना (Swachh Survekshan Ranking Drop)
​महापौर हाड़ा के कार्यकाल की सबसे बड़ी आलोचना शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर होती रही है।
​गंदगी के ढेर: शहर के मुख्य बाजारों से लेकर रिहायशी इलाकों तक, जगह-जगह कचरे के ढेर आम हो गए। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था कई बार ठप हुई।
​रैंकिंग में गिरावट: स्वच्छ सर्वेक्षण में अजमेर की रैंकिंग में सुधार की बजाय गिरावट दर्ज की गई। जो शहर कभी स्वच्छता में ऊपर आता था, वह अब पिछड़ता जा रहा है। संसाधन होने के बावजूद प्रबंधन (Management) की कमी साफ दिखाई दी।
​2. आवारा मवेशियों का आतंक (Stray Cattle Menace)
​अजमेर की सड़कों पर आवारा सांड और गायें राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हुए हैं।
​पिछले 5 सालों में कई बार निगम की साधारण सभाओं में यह मुद्दा गूंजा, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
​कांजी हाउस की क्षमता और व्यवस्था पर हमेशा सवाल उठे। मवेशियों के कारण हुई दुर्घटनाओं में कई नागरिकों को चोटें आईं और कुछ की जान भी गई, जिसे रोकने में निगम प्रशासन पूरी तरह विफल रहा।
​3. महापौर बनाम आयुक्त विवाद (Internal Politics & Infighting)
​इस कार्यकाल की सबसे बड़ी 'सुर्खी' विकास नहीं, बल्कि "महापौर बनाम प्रशासन" की लड़ाई रही।
​महापौर ब्रजलता हाड़ा और तत्कालीन निगम आयुक्तों के बीच का टकराव जगजाहिर रहा। फाइलों को रोकने, काम न करने और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में ही लंबा समय बर्बाद हुआ।
​विवाद इतना बढ़ा कि राज्य सरकार (तत्कालीन कांग्रेस सरकार) द्वारा महापौर को निलंबित (suspend) भी किया गया, हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट से राहत मिली। इस राजनीतिक खींचतान का सीधा खामियाजा शहर के विकास कार्यों को भुगतना पड़ा।
​4. सड़कों और ड्रेनेज की बदहाली
​'स्मार्ट सिटी' के नाम पर खुदी हुई सड़कों ने जनता का जीना मुहाल कर दिया।
​टूटी सड़कें: शहर की अंदरूनी कॉलोनियों की सड़कें खस्ताहाल हैं। पेचवर्क के नाम पर खानापूर्ति की गई, जो पहली ही बारिश में बह गई।
​जलभराव: आनासागर के कैचमेंट एरिया और शहर के निचले इलाकों में बारिश के दौरान जलभराव की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। नालों की सफाई के दावे मानसून में झूठे साबित हुए।
​5. पट्टा वितरण और भ्रष्टाचार के आरोप
​प्रशासन शहरों के संग अभियान हो या सामान्य पट्टा वितरण, निगम पर फाइलों को लटकाने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे।
​आम जनता को छोटे-छोटे कार्यों, जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र या नाम हस्तांतरण के लिए भी निगम के चक्कर काटने पड़े।
​पार्षदों ने खुद कई बार अपनी ही बोर्ड की कार्यप्रणाली और अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ धरने दिए, जो निगम की आंतरिक विफलता को दर्शाता है।
​6. अवैध निर्माण और अतिक्रमण
​शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण की बाढ़ आ गई।
​आनासागर झील के आसपास और मुख्य बाजारों में अवैध निर्माण धड़ल्ले से हुए। निगम की कार्रवाई अक्सर दिखावटी रही या केवल गरीबों के ठेले हटाने तक सीमित रह गई, जबकि बड़े रसूखदारों पर कार्रवाई करने में निगम के हाथ कांपते नजर आए।

0
76 views    0 comment
0 Shares

. ✊ सीधे सीधे दो टूक ✊
जो लोग कहते हैं कि वर्तमान का राजनैतिक गांधी परिवार ईमानदार, देशभक्त और धर्म निष्ठावान है, तो वो स्वयं कितने बड़े देशभक्त और सनातन धर्म को मानने वाले हैं , अपने आप में हास्यास्पद लगता है,

राहुल गांधी और ईमानदार ?
क्या मजाक है ?
नेशनल हेराल्ड घोटाले में पूरा परिवार शामिल है।

सारे के सारे ईमानदार विदेश भागे हुए हैं अपनी ब्रिटिश नागरिकता सिद्ध करने के लिए, ताकि उन पर भारत के कानून के तहत सुनवाई ना हो सके।

और ऐसे ईमानदार परिवार के हिमायती और समर्थक भी उन्हीं की तरह के ईमादार होंगे।

🤔जो राहुल गांधी पूछता है कि भारत माता है कौन ?
👉अपने पंजे के निशान को जो इस्लाम से लिया है कहता है अभय मुद्रा है,
👉जो सिर्फ मुसलमानों की बात करता है, हिंदुत्व को गाली देता है,
👉जो राहुल गांधी अपने से बहुत बड़े पिता की उम्र के प्रधानमंत्री के लिए अभद्र और अपमान जनक भाषा बोलता हो ,
👉 जो राहुल गांधी विदेश जाकर भारत और हिन्दुको गाली देता हो और हिन्दुओं को आतंकवादी कहता हो,

✊ऐसे राहुल गांधी का समर्थन करने वाले भी देश ,
धर्म, हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति के शत्रु ही हैं,

शायद ऐसे देश विरोधी और सनातन धर्म
विरोधी ही राहुल गांधी के असली हथियार हैं,
जो मानसिंह ,जयचंद, गांधी, नेहरू, जिन्ना,
शेख अब्दुल्ला आदि की
भूमिका बखूबी निभा रहे हैं।

जय भारत, वन्दे मातरम्,

#आईना
#दो_टूक_तीखी_बात
#कांग्रेस
#विद्रोही_कलम
#मैं_वंशज_श्री_राम_का
#GaurYoung

1
0 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

4
182 views    0 comment
0 Shares

6
243 views    0 comment
0 Shares

7
245 views    0 comment
0 Shares

दिनांक ०६/१२/२०२५ ला डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त (६ डिसेंबर) डॉ. एस. राधाकृष्णन शिक्षण महाविद्यालय साकोली येथे आदरांजली कार्यक्रमाचे आयोजन करण्यात आले. कार्यक्रमाची सुरुवात सामाजिक न्याय, समानता, बौद्धिकता आणि आधुनिक भारताच्या निर्मितीसाठी आयुष्यभर झटणाऱ्या ज्ञानाच्या अथांग महासागराच्या प्रतिमेस माल्यार्पण करून झाली. त्यानंतर सर्व अध्यापक, विद्यार्थी आणि कर्मचारी यांनी शांततेत दोन मिनिटे मौन पाळून महान व्यक्तिमत्त्वाला कृतज्ञतापूर्वक अभिवादन करण्यात आले.कार्यक्रमात विद्यार्थ्यांनी सादर केलेल्या भाषण, कविता, यांना उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिळाला. यावेळी मालता सहारे, साक्षी राजगिरे, पायल नागदेवे, उज्वला करंजेकर यांनी सादर केलेल्या विशेषतः शिक्षण, समानता, स्त्री-पुरुष समानता आणि भेदभावमुक्त भारत या विषयांवरील विद्यार्थी निर्मित कविता प्रभावी ठरल्या.यानंतर आयोजित विशेष व्याख्यानात प्रा. चेतन कापगते यांनी डॉ. आंबेडकरांचे भारतीय संविधानातील योगदान, सामाजिक परिवर्तनासाठी केलेले प्रयत्न, शिक्षणावरील त्यांचा दृष्टिकोन आणि ‘शिका, संघटित व्हा आणि संघर्ष करा’ या महत्त्वपूर्ण संदेशाचा सविस्तर आढावा घेतला. त्यांनी विद्यार्थ्यांना संविधानातील मूल्यांची जपणूक करण्याचे आवाहनही केले. प्राध्यापिका शैला धनजोडे यांनी कवितेच्या माध्यमातून डॉ.आंबेडकरांचे समतावादी विचार सर्वांसमोर ठेवले. तसेच प्राध्यापिका मृणालिनी बावनकर यांनी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या जीवनातील काही प्रसंग सर्वांसमोर मांडले. विभाग प्रमुख प्रा.अक्षय पुस्तोडे यांनी आपल्या मनोगतात सांगितले की,“डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांचे विचार हे भारताची बौद्धिक संपत्ती असून, आजची तरुण पिढी त्यांचे मूल्य आत्मसात करून पुढील पिढ्यांसाठी उज्वल भविष्य घडवेल.” कार्यक्रमांमध्ये सर्वांचा सक्रिय सहभाग आणि विद्यार्थ्यांची उत्स्फूर्त उपस्थिती यामुळे कार्यक्रम अत्यंत यशस्वी झाला.कार्यक्रमाचा समारोप भारतीय संविधानाच्या प्रस्तावनेचे एकत्रित पठण करून करण्यात आला. उपस्थितांनी लोकशाही, बंधुता, समानता आणि न्याय या मूल्यांची दृढप्रतिज्ञा व्यक्त केली. प्रस्तुत कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन सुश्रुत सहारे तर आभार प्रदर्शन सोनिया टेंभुर्णे बीएड प्रथम वर्ष हिने केले.

0
645 views    0 comment
0 Shares

19
533 views    0 comment
0 Shares

10
441 views    0 comment
0 Shares

लोकशाहीतला संवाद संपला तर भाषा संपेल :- अरुणभाई गुजराथी:

अहिरानी साहित्य परिषद पुरस्कारांचे वितरण


धुळे प्रतिनिधी: - अहिराणी भाषिकांनी अहिराणी बोलीभाषा मा बोला ना कमीपणा वाटू देऊ नका कारण संवाद संपला तर बोलीभाषा संपून जाईल. जीवनातला संवाद संपला तर संसार संपेल लोकशाहीतला संवाद संपला तर भाषा संपेल, भाषा संपली तर माणूस संपून जाईल. याचं भान ठेवून बोलीभाषा समृद्ध करण्यासाठी अहिराणी भाषेवर प्रेम करा तिच, जतन संवर्धन केलं पाहिजे. तरच भाषा टिकतील अन्यथा नाही. ते धुळे येथील अहिराणी साहित्य परिषद तर्फे आयोजित अहिराणी साहित्य पुरस्कार वितरण सोहळा रविवारी जिल्हा ग्रंथालय सभागृहात प्रसंगी बोलत होते.
श्री. गुजराती म्हणाले,बोलीभाषा टिकली तरच मराठी समृद्ध होईल. बोलीभाषे बरोबर मराठी इंग्रजी भाषेला प्राधान्य द्यावेच लागेल. त्याचबरोबर विज्ञान, तंत्रज्ञान, इंटरनेट हे शब्द अहिराणीत आले पाहिजेत.तरुण पोरसले सांगा अहिराणी बोला असा प्रचार करा ! हे काम अहिराणी परिषदने केले पाहिजे असं मला वाटते.असे आवाहन अहिराणी भाषिकांना केले.साहित्याचा उपयोग समाज प्रबोधन व लोकशाहीचा विचार जिवंत ठेवण्यासाठी झाला पाहिजे. बोलीभाषातल्या साहित्यातूनच हे शक्य होऊ शकते. असे मत त्यांनी व्यक्त केल.
बोली भाषा संस्कृती समाज हे एकमेकांना पूरक असून समृद्ध राष्ट्राचे प्रतीक आहेत. बोली ही तर भाषांना बळ देणारी असल्याने बोलीचे संवर्धन होणे आवश्यक असते. बोली संवादाचे माध्यम नसून दोन व्यक्तींना जोडणारा महत्त्वाचा दुवा आहे. असे प्रतिपादान कार्यक्रमाचे अध्यक्ष माजी आमदार शरद पाटील यांनी याप्रसंगी केले.
. कार्यकमाच्या अध्यक्षस्थानी माजी आमदार प्रा.शरद पाटील हे होते. कार्यकमास प्रमुख अतिथी म्हणून डॉ. अविनाश जोशी, अध्यक्ष म.वा.मंडळ अमळनेर, संदीप चौधरी अध्यक्ष श्रीजी वाचनालय नंदुरबार, संदीप घोरपडे अध्यक्ष मसाप. शाखा अमळनेर, अँड यतीश गुजराती आदी मान्यवर उपस्थित होते.
याप्रसंगी अहिराणी साहित्य परिषद तर्फे विविध अहिराणी पुरस्कार प्रदान करण्यात आले. त्यात वडांग कादबंरी साठी प्राचार्य डॉ. संजीव गिरासे धुळे यांना कै अँड झेड.बी.पाटील,'भवरा' कथासंग्रह साठी डॉ. ज्ञानेश दुसाने पुणे यांना प.पू.ब.ना कुंभार गुरुजी , प्रभाकर शेळके फागणे यांचा काव्यसंग्रह 'तिनी दुनिया' सौ.प्रभावती भास्कर साळुंखे पुरस्कार, डॉ. सुमती पवार यांच्या काव्यसंग्रह 'हिरिदना बोल' यासाठी कै. सीताबाई शंकर माळी ,ज्ञानेश्वर भामरे वाघाडी तालुका शिरपूर ललित गद्य 'वघाडीना शानाभो'यासाठी कै. पी.जी.पाटील पुरस्कार, प्रा.वा.ना. आंधळे एरंडोल यांच्या अनुवाद लेखनासाठी 'बा तथागता' साठी कै. सुरेश गंगाराम पाटील या आहिरानी साहित्यिकांचा मानपत्र, शाल श्रीफळ देऊन मान्यवरांच्या हस्ते गौरव करण्यात आला.
याप्रसंगी अहिराणी साहित्य क्षेत्रात वर्षभरात विविध मानसन्मान प्राप्त अहिराणी साहित्यिकांचा गौरव करण्यात आला त्यात प्रा.भगवान पाटील, प्रा.रमेश राठोड,प्रा.डॉ. बापूराव देसाई, प्रकाश महाले, प्रा. डॉक्टर फुला बागुल,प्रा. रत्नाताई पाटील आदी साहित्यिकांचा मान्यवरांच्या हस्ते शाल श्रीफळ देऊन गौरव करण्यात आला.
कार्यक्रमाच्या प्रास्ताविक भाषणात प्रा. भगवान पाटील यांनी अहिराणी साहित्य परिषदेच्या कार्याविषयी माहिती दिली. अहिराणी साहित्य परिषद म्हणजे देशातील अहिराणी साहित्यिकांचा मान सन्मान गौरव करण्याचं काम करत असते. तसेच अहिराणी बोलीभाषेतून प्रभावीपणे विचार मांडण्याचा व लोकसाहित्य निर्माण करण्याचे काम परिषद करीत आहे.अहिराणी भाषेला राजभाषे प्रमाणे बोलीभाषेचा उत्तम दर्जा शासनाने दिला पाहिजे.त्याचप्रमाणे बोलीभाषा घराघरात बोलली पाहिजे यासाठी अहिराणी साहित्य परिषद प्रयत्न करीत असल्याचे त्यांनी विषद केले.
कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन रवींद्र वाणी यांनी केले.आभार प्रा.रत्ना पाटील यांनी मानलेत .कार्यक्रमाच्या यशस्वीतेसाठी पी.सी.पाटील, प्रकाश महाले, रत्नाताई पाटील गोकुळ बागुल प्रा.डॉ.फुला बागुल,प्रा. रमेश राठोड, प्रभाकर शेळके, सुमन महाले, भाऊसाहेब सनेर,प्रकाश पाटील आदींनी परिश्रम घेतले.

फोटो कँप्शन
याप्रसंगी माधव फकीरा खलाणेकर लिखित अहिरानी कथा संग्रह ' वायनानी पंगत' व ज्ञानेश्वर घुले (भुसावल ) लिखित काव्यसंग्रह 'अमृताचे निर्झर' या पुस्तकांचे अरुणभाई गुजराती , जेष्ठ साहित्यीक प्रा. वा.ना. आंधळे यांच्या हस्ते प्रकाशन करण्यात आले

0
0 views    0 comment
0 Shares

19
314 views    0 comment
0 Shares

10
350 views    0 comment
0 Shares

18
380 views    0 comment
0 Shares

తెలంగాణ స్టేట్ **భద్రాద్రి కొత్తగూడెం జిల్లా** డిసెంబర్ 9** ఏఐఎంఏ మీడియా ప్రతినిధి**💻 ఇక ఆఫీసయ్యాక నో కాల్స్‌, నో ఈ-మెయిల్స్‌* ❇️ఉద్యోగుల పని సమయం దాటిన తర్వాత విధి నిర్వహణకు సంబంధించిన ఈ-మెయిల్స్‌, ఫోన్‌ కాల్స్‌కు హాజరు కాకుండా నిరోధించే ఒక ప్రైవేట్‌ మెంబర్‌ బిల్లును శుక్రవారం లోక్‌సభలో ఎన్సీపీ ఎంపీ సుప్రియా సూలే ప్రవేశపెట్టారు.❇️ఉద్యోగుల సంక్షేమ వ్యవస్థను ఏర్పాటు చేయాలన్న లక్ష్యంతో ప్రవేశపెట్టిన ‘రైట్‌ టు డిస్‌కనెక్ట్‌ బిల్లు, 2025’ ప్రకారం ప్రతి ఉద్యోగి తన కార్యాలయ పనివేళలు ముగిసిన తర్వాత, సెలవు దినాల్లో విధి నిర్వహణకు సంబంధించిన ఫోన్‌ కాల్స్‌, ఈ-మెయిల్స్‌ లాంటి పనులకు హాజరవ్వనక్కర్లేని హక్కు లభిస్తుంది.❇️పని వేళలు ముగిసిన తర్వాత కూడా తమకు అప్పగించే పనిని, కాల్స్‌ను వారు తిరస్కరించ వచ్చు. కాగా, రుతుస్రావ కాలంలో మహిళలకు తమ పని ప్రదేశాలలో సౌకర్యాలు, సహాయం అందించే విధంగా మరో ప్రైవేట్‌ బిల్లు రుతు క్రమ ప్రయోజనాల బిల్లు, 2024ను తెలంగాణ కాంగ్రెస్‌ ఎంపీ కడియం కావ్య ప్రవేశపెట్టారు. చట్టాలు అవసరమని భావించే అంశాలపై లోక్‌సభ, రాజ్యసభ సభ్యులు ప్రైవేట్‌ మెంబర్‌ బిల్లులు ప్రవేశపెట్టవచ్చు.

3
63 views    0 comment
0 Shares

समाचार:
महाराष्ट्र के जळगांव ज़िले के भुसावल शहर स्थित सेंट अलायन्स स्कूल द्वारा ‘सद्भावना दिवस’ के उपलक्ष्य में 11 सितंबर को विद्यार्थियों के लिए शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों की सहल आयोजित की गई थी। लेकिन इस दौरान एक धार्मिक स्थल में प्रवेश करते समय कुछ छात्राओं को जबरन स्कार्फ पहनाने और उसी स्थान पर छात्रों को धार्मिक पुस्तिकाएँ बाँटने का आरोप सामने आने के बाद पूरे इलाके में हंगामा मच गया।
घटना की जानकारी मिलते ही कई अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से कड़ा विरोध जताते हुए स्पष्टीकरण की मांग की। अभिभावकों का आरोप था कि स्कूल ने बिना अनुमति बच्चों पर धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने का दबाव बनाया। मामले ने तूल पकड़ा तो कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने भी आक्रामक रुख अपनाकर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज कर दी। पिछले कई दिनों से भुसावल शहर में इस मुद्दे को लेकर तनाव का माहौल बना हुआ था।
प्रिंसिपल समेत आठ शिक्षकों पर अपराध दर्ज
मामले की गंभीरता को देखते हुए भुसावल के गट शिक्षा अधिकारी किशोर वायकोले स्वयं भुसावल शहर पुलिस थाने पहुंचे और स्कूल के प्रिंसिपल समेत आठ शिक्षकों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने संबंधित शिक्षकों पर अपराध दर्ज कर लिया है, जिससे शैक्षणिक क्षेत्र में खलबली मच गई है।
फिलहाल स्कूल प्रशासन ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, अभिभावकों और स्थानीय संगठनों की मांग पर पुलिस तथा शिक्षा विभाग यह जांच कर रहे हैं कि क्या इस घटना में छात्रों के धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन हुआ है।

5
8 views    0 comment
0 Shares

20
482 views    0 comment
0 Shares

जनता जागरूकता हेतु खुला पत्र

*विषय – विस्थापितों के अधिकार, अतिक्रमण विवाद और बोकारो हवाई अड्डा संचालन पर उत्पन्न नई चुनौतियाँ।*

बोकारो एवं आसपास के क्षेत्रों के सभी जागरूक नागरिकों को सादर प्रणाम।
पिछले कुछ दिनों से धनबाद क्षेत्र की राजनीति तथा बोकारो हवाई अड्डा संचालन को लेकर जिस प्रकार की परिस्थितियाँ उत्पन्न हुई हैं, वह न सिर्फ विस्थापितों के अधिकारों पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि विकास कार्यों को अनावश्यक विवादों में उलझाने का प्रयास भी प्रतीत होता है। विस्थापित परिवारों की पीड़ा, उनका संघर्ष और उनके भविष्य की चिंता हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
धनबाद के लोकप्रिय सांसद माननीय श्री ढूलू महतो जी द्वारा संसद में अधिग्रहित जमीन एवं विस्थापितों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाना सराहनीय था। परंतु हाल ही में यह चिंता तब और बढ़ गई जब यह जानकारी सामने आई कि अतिक्रमण रोकने तथा बोकारो हवाई अड्डे के संचालन को सक्षम बनाने में असमर्थता जताई गई है। जबकि बोकारो प्रबंधन एवं जिला प्रशासन दोनों ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि हवाई अड्डे के संचालन में तकनीकी या प्रशासनिक कोई बड़ी बाधा नहीं है—मुख्य समस्या सिर्फ अधिग्रहित भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण एवं विवाद को लेकर है।
यह भूमि बोकारो स्टील प्लांट निर्माण के समय विस्थापितों से ली गई थी, और यह सर्वविदित है कि विस्थापितों को आज तक उनके उचित अधिकार और सुरक्षा पूरी तरह नहीं मिल सकी है। ऐसे में जब एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि द्वारा उसी अधिग्रहित भूमि पर झोपड़पट्टियों को बनाए रखने का समर्थन मिलता है, तो स्वाभाविक रूप से विस्थापितों में असंतोष और अविश्वास बढ़ना ही था। जनता यह प्रश्न पूछने का पूरा अधिकार रखती है कि—
क्या अधिग्रहित भूमि का उपयोग मूल उद्देश्य के विरुद्ध किया जा सकता है?
क्या यह न्यायसंगत है कि विस्थापितों के अधिकार कमजोर पड़ें और अस्थायी बस्तियों को राजनीतिक संरक्षण मिले?
हवाई अड्डे का संचालन सिर्फ बोकारो ही नहीं, पूरे झारखंड की प्रगति से जुड़ा हुआ है। इससे व्यापार, रोजगार, पर्यटन और उद्योग को नया आयाम मिलता, परंतु वर्तमान विवाद ने इस विकास यात्रा को अनिश्चितता में डाल दिया है। अतिक्रमण के नाम पर विस्थापितों और झोपड़पट्टीवासियों को आमने-सामने खड़ा करना किसी भी दृष्टिकोण से समाजहित में नहीं है। इससे न तो किसी वर्ग का भला होगा और न ही क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
आज जरूरत है कि हम सभी स्थानीय नागरिक, विस्थापित परिवार, समाज के प्रबुद्धजन और युवा—एक स्वर में यह संदेश दें कि विकास किसी एक वर्ग का नहीं, पूरे क्षेत्र का अधिकार है।
राजनीतिक शक्ति का उपयोग यदि विस्थापितों के अधिकार कमजोर करने या अतिक्रमण को संरक्षण देने के लिए होगा तो यह न सिर्फ अन्याय है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के साथ भी छल के समान है।
हम सभी को शांतिपूर्ण, तथ्यपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपना मत प्रकट करना होगा। प्रशासन को भी चाहिए कि बिना किसी दबाव के अधिग्रहित भूमि से जुड़े मूल दस्तावेज, अधिकार और कानूनी स्थिति स्पष्ट करे, ताकि भ्रम और विवाद दोनों समाप्त हो सकें।
हवाई अड्डा बोकारो की बहुप्रतीक्षित आवश्यकता है—इसे किसी तरह की राजनीति का शिकार नहीं बनना चाहिए।
अंत में, यह संदेश सिर्फ विरोध का नहीं, बल्कि जागरूकता, एकता और अधिकार संरक्षण का है।
विस्थापितों का सम्मान, भूमि का सही उपयोग और बोकारो का विकास—यही हमारा सामूहिक ध्येय होना चाहिए।

आप सभी का जागरूक सहयोग ही इस संघर्ष को सही दिशा दे सकता है।
अर्जुन महतो (विस्थापित)
राष्ट्रीय महासचिव , राष्ट्रीय कुम्हार महासभा।

17
2398 views    0 comment
0 Shares

0
212 views    0 comment
0 Shares

GL बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 – हार्डवेयर एडिशन का नोडल सेंटर के रूप में उद्घाटन किया

ग्रेटर नोएडा: GL बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (GLBITM), जो स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2025 – हार्डवेयर एडिशन के लिए नोडल सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है, ने पाँच दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के हैकाथॉन का उत्साह और व्यापक भागीदारी के साथ उद्घाटन किया।

कार्यक्रम की महत्ता को और बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय उद्घाटन का वर्चुअल संबोधन AICTE के चेयरमैन प्रो. टी. जी. सिथाराम द्वारा किया गया, जिन्होंने देशभर के प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं।

कुल 9 राज्यों के 26 टीमों के 156 प्रतिभागी मंत्रालय द्वारा दिए गए वास्तविक समस्याओं के समाधान विकसित करने के लिए परिसर में एकत्र हुए हैं। ये समस्याएँ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) द्वारा प्रस्तुत की गई हैं।

GLBITM में आयोजित उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. अमितावा सेन गुप्ता, पूर्व CSIIR, नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी, नई दिल्ली, उपस्थित रहे। अपने प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने युवा नवोन्मेषकों को रचनात्मकता, कौशल और जुनून के साथ मंत्रालय द्वारा दिए गए पाँच महत्वपूर्ण समस्या वक्तव्यों को हल करने का आह्वान किया। उन्होंने प्रतिभागियों को पूरे कार्यक्रम के दौरान उत्साह, सहयोग और तकनीकी उत्कृष्टता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव डालने वाले समाधान विकसित हो सकें।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) द्वारा प्रस्तुत पाँच समस्या वक्तव्य निम्नलिखित हैं:

दृष्टिबाधित व्यक्तियों की गतिशीलता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक का विकास

बेहतर गतिशीलता और पुनर्वास के लिए IoT इंटीग्रेशन के साथ स्मार्ट फोल्डेबल एल्युमीनियम एक्सिलरी क्रच

ऑर्थोटिक डिज़ाइन और रोगी परिणामों को अनुकूलित करने के लिए रियल-टाइम प्रेशर मापन उपकरण

आंशिक हाथ कटने वाले व्यक्तियों के लिए किफायती और कार्यात्मक अपर लिम्ब प्रोस्थेटिक टर्मिनल डिवाइस का विकास

सेंसर इंटीग्रेशन के साथ साइन लैंग्वेज कैप्चर और इलस्ट्रेशन सिस्टम

सभा को संबोधित करते हुए श्री कार्तिकेय अग्रवाल, CEO, GL बजाज एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (ग्रेटर नोएडा/मथुरा), ने शिक्षा मंत्रालय, AICTE और शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल (MIC) का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने GL बजाज को इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय हैकाथॉन के लिए नोडल सेंटर के रूप में चुना। उन्होंने संस्थान की नवाचार, समावेशिता और तकनीकी प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई।

उद्घाटन समारोह में निम्नलिखित विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे:

डॉ. प्रीति बजाज, निदेशक, GLBITM एवं नोडल सेंटर इंचार्ज

एस. पी. मिश्रा, सलाहकार, GLBCRI

सुजीत कुमार, नोडल सेंटर हेड एवं शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल के प्रतिनिधि

श्री जी. पांडियन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय

पीवीएस प्रकाश, डायरेक्टर, नेक्स्ट जेन टैलेंट्स, CDO विप्रो लिमिटेड

उनकी उपस्थिति ने इस गहन नवाचार यात्रा पर निकलने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहन और समर्थन प्रदान किया।

यह कार्यक्रम पाँच दिनों के कठोर प्रोटोटाइपिंग, समस्या-समाधान और मेंटरशिप का वादा करता है, जो अंततः ऐसे समाधानों में परिणत होगा जो तकनीक के माध्यम से सशक्तिकरण की राष्ट्रीय दृष्टि के अनुरूप होंगे।

0
0 views    0 comment
0 Shares

58
631 views    0 comment
0 Shares

अजमेर।
अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) द्वारा पिछले कई वर्षों में विकसित की गई कई आवासीय और विकास योजनाएँ आज भी अधूरी, धीमी या विवादों में फंसी पड़ी हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य शहर का व्यापक विकास और नियमित आवास उपलब्ध कराना था, लेकिन जमीन पर उनकी प्रगति बेहद सीमित दिखाई देती है। इससे स्थानीय लोगों और भू-स्वामियों में निराशा बढ़ी है और ADA की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े होते रहे हैं।


---

1. अधूरी आवासीय योजनाएँ — विकास कार्यों में लगातार देरी

ADA द्वारा घोषित कई आवासीय योजनाएँ आज भी निम्न समस्याओं से जूझ रही हैं:

सड़क, ड्रेनेज व बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएँ पूरी नहीं

कई योजनाओं में प्लॉटों का सीमांकन स्पष्ट नहीं

भूमि अधिग्रहण विवाद, जिनका समाधान वर्षों तक लंबित

योजनाओं की समय-सीमा तय नहीं, जिससे खरीददार असमंजस में

प्राधिकरण की ओर से नियमित अपडेट का अभाव


इन कारणों से कई योजनाएँ कागज़ों में तो अस्तित्व में हैं, लेकिन जमीन पर विकास बहुत धीमा है।


---

2. ग्रामीण क्षेत्रों में घोषित योजनाएँ – स्थानीय विरोध और प्रबंधन की कमी

ADA ने ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार आवासीय या मिश्रित योजनाएँ प्रस्तावित कीं, लेकिन वहाँ मुख्य समस्याएँ सामने आईं:

किसानों को मुआवज़े को लेकर असंतोष

राजस्व सीमाओं की अस्पष्टता

भूमि के उपयोग को लेकर सरकारी और स्थानीय स्तर पर मतभेद

आवश्यक बुनियादी ढांचे का प्रारंभ तक न होना


इन कारणों से कई योजनाएँ वर्षों तक अधूरी रहती हैं और बाद में स्थगित या निरस्त हो जाती हैं।


---

3. कई योजनाएँ निजी कॉलोनाइज़रों के मुकाबले पिछड़ती दिखीं

अजमेर के आसपास निजी कॉलोनियाँ तेज़ी से विकसित हो रही हैं, जबकि ADA की योजनाएँ निम्न कारणों से आगे नहीं बढ़ पाती:

टेंडर प्रक्रियाओं में देरी

बजट स्वीकृति और कार्य आदेशों में लंबा समय

प्रशासनिक जटिलताएँ

ज़मीन का कानूनी विवादों में फँस जाना


परिणामस्वरूप, जनता निजी योजनाओं की तरफ झुकती है क्योंकि वहां सुविधाएँ जल्दी उपलब्ध हो जाती हैं।


---

4. शहर विस्तार क्षेत्र में असफल प्रयास

ADA द्वारा दक्षिण, पश्चिम और उत्तर दिशा में जो विस्तार योजनाएँ वर्षों में तैयार की गई थीं, वे भी अपेक्षित सफलता नहीं दिखा पाईं। कारण:

मास्टर प्लान का जमीन पर प्रभावी क्रियान्वयन न होना

प्रस्तावित सड़कों, चौड़ीकरण और हरी पट्टियों का अधूरा रह जाना

निवेशकों का भरोसा कम होना

विकास कार्यों की पारदर्शिता पर प्रश्न उठना



---

5. जनता की उम्मीदें और भविष्य की चुनौतियाँ

अजमेर में बढ़ती आबादी और आवास की मांग को देखते हुए ADA की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन अधूरी योजनाओं ने आम लोगों का भरोसा कमजोर किया है। जनता की मुख्य मांगें हैं:

समयबद्ध तरीके से विकास कार्य शुरू हों

भूमि अधिग्रहण और मुआवजा विवाद तुरंत निपटाए जाएँ

योजनाओं की ऑनलाइन स्थिति स्पष्ट की जाए

पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई जाए


यदि ऐसा नहीं हुआ, तो आने वाली योजनाएँ भी पिछले अनुभवों की तरह असफलता का सामना कर सकती हैं।

1
1068 views    0 comment
0 Shares

चंडीगढ़: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में शीतलहर का प्रकोप सोमवार को भी जारी रहा तथा कुल्लू जिले में मनाली के निकट रोहतांग दर्रे और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम और हिमपात की वजह से मनाली-लेह मार्ग को दारचा से आगे वाहनों के आवागमन के लिए आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है। इससे पहले, लाहौल-स्पीति जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ग्रामफू-लोसर मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया था।

राज्य और लद्दाख को जोड़ने वाली यह सड़क हर सर्दियों में बंद रहती है। लाहौल-स्पीति की उपायुक्त किरण भड़ाना ने बताया कि मनाली-लेह मार्ग अब आधिकारिक तौर पर अगले साल मई-जून में दोबारा खोला जाएगा। स्थानीय मौसम विभाग ने मंगलवार को बिलासपुर जिले में भाखड़ा बांध के जलाशय क्षेत्र के कुछ हिस्सों और मंडी जिले में बल्ह घाटी के कुछ हिस्सों में घने कोहरे की संभावना के मद्देनजर ‘येलो अलर्ट' जारी किया है।

0
0 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

1
56 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

मेरठ। मेरठ जिले में भूमि खरीद से जुड़े एक मामले ने राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज कर दी हैं। समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता सूर्य प्रकाश उर्फ शेरा जाट, निवासी ग्राम इस्लामाबाद, छिलौरा (मेरठ) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे गए एक पत्र में ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर पर बड़े स्तर पर अनियमितताओं और पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। शिकायत की प्रति जिलाधिकारी मेरठ को भी भेजी गई है।

सूर्य प्रकाश के अनुसार, मंत्री सोमेंद्र तोमर ने मेरठ के कायस्थ गांवड़ी क्षेत्र में लगभग 10 करोड़ रुपये मूल्य की दलित पट्टे की भूमि को योजनाबद्ध तरीके से अपनी संस्था ‘शांति निकेतन ट्रस्ट’ के नाम दर्ज करा लिया। यह भूमि मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की कॉलोनी के पास स्थित है, जिसकी वर्तमान बाजार कीमत शिकायतकर्ता के अनुसार पाँच से सात गुना अधिक हो चुकी है।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस पूरी प्रक्रिया में प्यारे लाल शर्मा अस्पताल के एक डॉक्टर तथा एडीएम प्रशासन की भूमिका गंभीर संदेह के दायरे में है। समाजवादी नेता का आरोप है कि पिछले तीन वर्षों में मंत्री द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों की खरीद की गई है, जिसकी स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होना आवश्यक है। शिकायत के साथ संबंधित अखबार की खबर की छायाप्रति भी संलग्न की गई है।

इस प्रकरण ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है और जिले में पारदर्शी एवं निष्पक्ष जांच की मांग तेज हो चली है। स्थानीय नागरिक भी मामले की सत्यता सामने लाने के लिए प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

0
0 views    0 comment
0 Shares

Aima media jan jan ki avaj
दिनांक 9/12/2025 आम्ही 6:05खालील शीर्षकावर आधारित एक संक्षिप्त बातमी/लेख तयार केला आहे. तुम्हाला हवे असल्यास मी यामध्ये अधिक तपशील, पार्श्वभूमी किंवा विस्तृत लेखही देऊ शकतो.


---

Baba Adhav Passes Away: कष्टकऱ्यांचा तारणहार डॉ. बाबा आढाव यांचे निधन

कामगार, कष्टकरी, वंचित आणि दुर्बल घटकांसाठी आयुष्यभर लढा देणारे ज्येष्ठ सामाजिक कार्यकर्ते डॉ. बाबा आढाव यांचे निधन झाले. साधी जीवनशैली, जाज्वल्य सामाजिक बांधिलकी आणि थेट जनआंदोलनांच्या माध्यमातून न्याय मिळवून देण्याचा त्यांचा अविर्भाव महाराष्ट्राने जवळून अनुभवला.

डॉ. आढाव यांनी हमाल-माठाडी कामगार, रिक्षाचालक, कष्टकरी महिला, बांधकाम मजूर अशा असंघटित क्षेत्रातील कामगारांना हक्क मिळवून देण्यासाठी आयुष्य वाहिले. त्यांनी उभारलेल्या हमाल-माठाडी कामगार मंडळाने हजारो कुटुंबांचे जीवनमान बदलले. कामगार संघटनांपासून विविध जनचळवळींपर्यंत त्यांनी नेहमीच अहिंसक आणि मूल्यनिष्ठ मार्ग स्वीकारला.

त्यांच्या निधनामुळे महाराष्ट्राच्या सामाजिक चळवळीतील एक मोठा स्तंभ हरपला आहे. अनेक सामाजिक कार्यकर्ते, कामगार संघटना आणि राजकीय नेत्यांनी त्यांच्या निधनावर दुःख व्यक्त केले आह

0
0 views    0 comment
0 Shares

हाड़ौती अतुल का भव्य पत्रकार सम्मान एवं मिलन समारोह सम्पन्न
निष्पक्ष पत्रकारिता की दिशा में नया संकल्प, संपादक युवराज देवड़ा ने सभी पत्रकारों का किया सम्मान

रामगंजमंडी। रविवार को रामगंजमंडी नगर में हाड़ौती अतुल टीम का वार्षिक मिलन एवं पत्रकार सम्मान समारोह अत्यंत गरिमामय वातावरण में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में हाड़ौती संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से आए पत्रकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समारोह की विशेषता यह रही कि हाड़ौती अतुल के संपादक युवराज सिंह देवड़ा ने स्वयं सभी पत्रकारों को माला पहनाकर उनका स्वागत किया और पत्रकारिता क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्रत्येक पत्रकार को उनके कार्यक्षेत्र में निष्पक्ष व जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं तथा आगे की कार्यप्रणाली और दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया।

*पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर गहन विमर्श*

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष पत्रकारिता की जिम्मेदारियों, अधिकारों और वर्तमान चुनौतियों पर सार्थक संवाद स्थापित करना रहा। वक्ताओं ने कहा कि आज पत्रकारिता का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। कई स्थानों पर “राजनीति का चोला ओढ़े” कुछ मीडिया संस्थान निष्पक्ष पत्रकारिता की छवि को प्रभावित कर रहे हैं।

वक्ताओं ने चिंता व्यक्त की कि—
“जब मीडिया सत्ता और अधिकारियों की चापलूसी में उलझ जाती है, तब आमजन की समस्याएँ पीछे छूट जाती हैं। ऐसे समय में सच्चे और निडर पत्रकार ही लोकतंत्र की रीढ़ को मजबूती देते हैं।”
उन्होंने कहा कि जनहित आधारित खबरें उठाने वाले पत्रकारों को दबाने की कोशिशें लोकतांत्रिक मूल्यों पर भारी पड़ रही हैं, जो चौथे स्तंभ के लिए चुनौती है।

*उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों का सम्मान*

समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। सभी सदस्यों ने निष्पक्ष, तथ्यपरक और जनहित उन्मुख पत्रकारिता को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया।

*कार्यक्रम में रहे प्रमुख पत्रकार*

इस अवसर पर कोटा से अजयराज सिंह चौहान, जसराज सिंह भड़ाना, पंकज सिंह चौहान, गोविंद कुमार मंडावत, विजय सामरिया, मोहन धाकड़, सांगोद से राजकुमार कुशवाहा, मोड़क से सोनू यादव, सातलखेड़ी से मांगीलाल चरण, भावनीमंडी से सतीश पोरवाल, झालावाड़ से नवनीत सिंह, बकानी से श्याम कुशवाह, कृतिका कुशवाह, रामगंजमंडी से रोहित यादव, हर्ष गहलोद, लक्षय नामदेव, अन्नू नागर सहित कई पत्रकार उपस्थित रहे। सभी पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए संगठन की मजबूती और उद्देश्यपूर्ण पत्रकारिता की दिशा में सुझाव दिए।

*स्नेह भोज के साथ हुआ शानदार समापन*

कार्यक्रम का समापन स्नेह भोज के साथ हुआ, जहां सभी पत्रकारों ने आपसी सहयोग, टीम भावना और संगठन की मजबूती का संकल्प लिया।
समारोह ने न केवल पत्रकारों को एक मंच पर जोड़ा बल्कि निष्पक्ष और साहसी पत्रकारिता के प्रति नया उत्साह भी जगाया।

0
0 views    0 comment
0 Shares

A grand Mahasangha Dana ceremony was organized on Monday at the Thai Wat Pa Buddhist Monastery in Bodh Gaya, filling the sacred premises with profound spiritual energy. The event drew nearly 1,000 monks and lamas from various countries and different Buddhist monasteries.

Led by Thailand’s senior monk Luang Por Chai, the gathering of monks collectively chanted prayers for world peace, human welfare, and the universal message of compassion. Their resonant chants and disciplined observance of Buddhist rituals created a serene and dignified atmosphere throughout the monastery complex.

The significant international event was held under the aegis of the International Monastic Ordination Project of Thailand. Among the distinguished guests were General Arthit Fornson, founder of the Kamalang-ek Foundation, and Venerable Praput Buddhipalo, founder of Monastery Chiangmai and the Thailand Buddhist Foundation. Both dignitaries highlighted the importance of Sangha Dana in Buddhist tradition, stating that compassion, peace, and generosity remain the greatest forces that unite humanity.

During the ceremony, monks jointly performed meditation, prayers, and traditional rituals, symbolizing harmony and spiritual solidarity. A large number of local devotees were also present to receive blessings and witness the rare spiritual gathering.

Organizers said that the primary objective of the Mahasangha Dana was to strengthen unity within the international Buddhist community and promote the global message of peace, compassion, and goodwill.

0
0 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

1
0 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

कोरबा में मंत्री के भूमिपूजन के बाद बालको के जी-9 प्रोजेक्ट पर डीएफओ ने लगा दी रोक
Writing by : Anujkumar sahu

पूर्व मंत्री जयसिंह की शिकायत के बाद एक्शन... गरमायी राजनीति छग अपडेट । कोरबा बालकोकेG-9 बहुमंजिला आधुनिक भवन के निर्माण पर डीएफओं ने रोक लगा दी है। आपको बता 15 दिन पहले ही उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बालको के इस G - 9 प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया था। भूमिपूजन के बाद प्रबंधन बिल्डिंग निर्माण के कार्य को गति देता, इसी बीच पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस निर्माण पर गंभीर अनियमितता और मनमानी के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और कलेक्टर से शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद अब डीएफओं ने बालको प्रबंधन के G-9 प्रोजेक्ट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया है। डीएफओं के इस आदेश के बाद एक बार फिर जिले की राजनीति गरमा गयी है गौरतलब है कि कोरबा जिले में संचालित बालको प्रबंधन को लेकर एक बार फिर राजीति गरमायी हुई है। पूर्ववर्ती सरकार में जो कांग्रेस के नेता बालको के पक्षधर थे, वहीं अब बालको के खिलाफ मोर्चा खोलकर विरोध कर रहे है। ताजा मामला बालको के सेक्टर 6 में बनने वाले जी - 9 बहुमंजिला आधुनिक आवासीय मकानों के निर्माण से जुड़ा है। जिसका हाल ही में 17 नवंबर को श्रम एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने भूमिपूजन किया था। मंत्री देवांगन के भूमिपूजन के ठीक 3 दिन बाद पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस निर्माण पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत कर जांच की मांग की थी। जयसिंग ने बालको के इस प्रोजक्ट के निर्माण संबंधी अनुमति में गंभीर अनियमितताओं के साथ ही कानूनी नियमों का उल्लंघन किये जाने का गंभीर आरोप लगाया था। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने क्या लगाये थे आरोप ? बालको के G-9 भवन निर्माण पर जयसिंह अग्रवाल ने प्रबंधन पर राजस्व नियमों, पर्यावरणीय कानूनों, वन संरक्षण अधिनियम समेत सभी वैधानिक नियम और कानून की धज्जियां उड़ाने का गंभीर आरोप लगाया था। जयसिंह अग्रवाल ने बालको प्रबंधन पर मनमानी और नियमों की धज्जियां उड़ाकर 9 मंजिला भवन बनाने का गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन और वन विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाये थे। पूर्व मंत्री अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बालको के इस निर्माण पर तत्काल रोक लगाकर जांच की मांग करने के साथ ही कलेक्टर अजीत वसंत को भी इसकी शिकायत की थी। जिस पर अब कोरबा डीएफओं ने निर्माण कार्य पर स्टे लगाकर जांच शुरू कर दी है।

0
0 views    0 comment
0 Shares

✒️ हरिदयाल तिवारी

बिहार की नई सरकार ने सोमवार शाम एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल की अधिसूचना जारी की है, जिसमें राज्य के 13 जिलों के जिलाधिकारी (DM) बदले गए हैं, साथ ही कई वरिष्ठ IAS अधिकारियों को नई जिम्मेदारियाँ दी गई हैं।

इस ताज़ा सूची में Vivek Ranjan का नाम है — उन्हें सिवान का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे शिवहर जिले से तैनात थे।

अन्य जिलों में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं:

Shrikant Shastri को बेगूसराय का जिलाधिकारी बनाया गया है।

Taranjot Singh अब पश्चिम चंपारण (बेतिया) के DM होंगे।

Ashutosh Dwivedi को कटिहार की कमान सौंपी गई है।

इसके अलावा अरवल, मधेपुरा, शेखपुरा, अररिया जैसे जिलों में भी नए DMs तैनात हुए हैं।


सिर्फ जिलाधिकारियों का ही नहीं — कई विभागों के सचिव, प्रधान सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी नए प्रभार दिए गए हैं। यह पूरा बदलाव राज्य में प्रशासनिक गति, जवाबदेही और सुशासन को मज़बूत करने की सरकार की कोशिश को परिलक्षित करता है।

सिवान की बात करें — नए DM के रूप में Vivek Ranjan की तैनाती से चाही जा रही है कि जिले में कानून-व्यवस्था, विकास परियोजनाओं की गति, सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और आम जनता की शिकायत-निपटान व्यवस्था में सुधार हो। उम्मीद है कि नई जिम्मेदारी के साथ जिले का प्रशासनिक ढांचा चुस्त-दुरुस्त होगा।

बाकी जिलों में हुई इस व्यापक नियुक्ति-पुनर्गठन को देखा जाए तो यह संकेत मिलता है कि सरकार ने बड़े पैमाने पर पुनर्संरचना करते हुए नए कामकाज के लिए तैयारियाँ तेज कर दी हैं। आने वाले समय में इन तैनातियों से जनकुशलता, विकास व प्रशासनिक पारदर्शिता में किस प्रकार बदलाव आता है — यह जनता की निगाहों में रहेगा।

4
936 views    0 comment
0 Shares

कोरबा में जिंदा तालाब को राखड़ से पाटने का मामला सामने आया
Writing by : Anujkumar sahu

कोरबा जिले के नोनबिर्रा में स्थित एक जिंदा तालाब को राखड़ से पाटने का मामला सामने आया है। इस तालाब को गड्ढे की आड़ में राखड़ से पाटा जा रहा है, जिससे तालाब का अस्तित्व खत्म होने का खतरा है।

*पंचायत प्रतिनिधियों और सचिव पर आरोप*

इस मामले में पंचायत प्रतिनिधियों और सचिव पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने तालाब को पाटने की अनुमति दी है। सितंबर 2025 में जारी एक पंचायत प्रस्ताव के अनुसार बैगा डोंगरी के की जमीन खसरा नंबर 359/1 को ज्यादा ऊबड़-खाबड़ होना और गड्ढे होने से अनुपयोगी बताकर इसमें राख पटाई करने और फिर मिट्टी फीलिंग करने का प्रस्ताव सरपंच यशोदा बाई की अध्यक्षता में पारित किया गया था।

*5 लाख रुपए से गहरीकरण कराया गया था*

जिस तालाब को गड्ढे की आड़ में राखड़ से पाटने का काम हो रहा है, उसके लिए वर्ष 2018 में जनपद पंचायत विकास निधि से 5 लाख रुपये जारी किए गए थे। डोंगरी डबरी के नाम से इस तालाब की पहचान है। वर्ष 2018-19 में सरपंच-सचिव के प्रस्ताव अनुसार इस तालाब को गहरीकरण करने के लिए 5 लाख रुपये की स्वीकृति तत्कालीन जनपद सीईओ के द्वारा जारी की गई थी।

*क्या होगा कार्रवाई?*

सवाल है कि क्या इसके गुनहगारों पर कानून का शिकंजा कसेगा? जल स्रोतों को नष्ट करने वालों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई होगी या फिर कोरबा जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम बरीडीह में जिस तरह से 13 लाख के मनरेगा निर्मित तालाब को रसूखदारों ने दफन कर दिया और उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिला पंचायत में फाइल दबा दी गई, ऐसा कुछ इस डोंगरी तालाब के साथ भी होगा?

0
0 views    0 comment
0 Shares

कोरबा वन विभाग के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सावित्री अजय कंवर ने शिकायत की है कि तालाब निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन जांच उसी अधिकारी को सौंपी गई है जिस पर आरोप है।

रेंजर मृत्युंजय शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने तालाब निर्माण में अनियमितताएं की हैं, लेकिन जांच भी वे ही कर रहे हैं। सावित्री अजय कंवर का कहना है कि यह बिल्ली से दूध की रखवाली जैसा है।

इतर, जिओ स्पार कंपनी के खिलाफ भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने बिना अनुमति बैचिंग प्लांट स्थापित किया है और स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दे रहे हैं। कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।

*कोरबा वन विभाग के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप*

- तालाब निर्माण में भारी भ्रष्टाचार का आरोप
- जांच उसी अधिकारी को सौंपी गई है जिस पर आरोप है
- रेंजर मृत्युंजय शर्मा पर अनियमितताएं करने का आरोप

*जिओ स्पार कंपनी के खिलाफ आरोप*

- बिना अनुमति बैचिंग प्लांट स्थापित किया गया है
- स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है
- कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

0
0 views    0 comment
0 Shares

0
0 views    0 comment
0 Shares

0
581 views    0 comment
0 Shares

सिरोही जिले की शिवगंज उपखंड क्षेत्र के लोटिवाडा बड़ा गांव में स्थित कोड़ सिंह जी खेत के कुएं पर लगे बिजली के ट्रांसफार्मर में आज अचानक भीषण आग लग गई। गनीमत रही कि समय रहते ग्रामीणों ने सतर्कता दिखाते हुए आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना सुबह के समय हुई। कुएं पर लगे ट्रांसफार्मर के पास बिजली का एक वायर टूटकर गिरने से शॉर्ट सर्किट हो गया, जिसने तुरंत आग पकड़ ली और ट्रांसफार्मर तक फैल गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया।
आसपास मौजूद किसानों और ग्रामीणों ने धुआं उठते देख तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। स्थानीय लोगों ने सूझबूझ से काम लेते हुए पहले बिजली आपूर्ति बंद करवाई

1
656 views    0 comment
0 Shares

To
The Secretary,
All India Media Association (AIMA)


Subject: Request for Media Intervention – Drainage Connection and CC Road Pending in NMDC Colony, Street No. 4, East Anand Bagh, Malkajgiri, Hyderabad

Respected Sir/Madam,

I, the undersigned, am a active member of AIMA and a resident of NMDC Colony, Street No. 4, East Anand Bagh, Malkajgiri, Hyderabad Telangana. I would like to bring to your urgent attention the long-pending civic issues in our locality that require immediate media coverage and escalation to the concerned authorities.

For several months, the residents of our street have been facing severe inconvenience due to lack of proper drainage connection and absence of a Cement Concrete (CC) road. Despite multiple requests and representations submitted to GHMC and local representatives, no action has been taken so far.

Because of the incomplete drainage system, wastewater frequently overflows onto the road, creating unhygienic conditions, foul smell, and serious health hazards, especially for children and senior citizens. The road condition has also deteriorated severely, causing difficulty for pedestrians, vehicles, and emergency services.

As a responsible citizen and member of AIMA, I humbly request your support in highlighting this issue in the media so that it reaches:

GHMC Commissioner & Engineering Department

Local Corporator & MLAs

Malkajgiri Parliamentary Office

Other concerned departments and political authorities

Your intervention will greatly help in ensuring that the civic authorities take immediate action and provide:

Proper drainage connection and completion of sewage works

Construction of a CC road in NMDC Colony, Street No. 4

We request your assistance in amplifying this public issue so that the responsible departments initiate the necessary developmental works at the earliest.

Thanking you in anticipation.

Sincerely,
K.Raghunath
Active Member – All India Media Association (AIMA)
Resident: NMDC Colony, Street No. 4
East Anand Bagh, Malkajgiri, Hyderabad, Telangana.
9866021889

0
820 views    0 comment
0 Shares

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में 08 दिसंबर 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

रांची (झारखंड)। नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय, पलामू अंतर्गत लातेहार जिले के बालूमाथ में डिग्री महाविद्यालय, बालूमाथ, लातेहार के निर्माण कार्य हेतु रू० 38,82,08,000/-(अड़तीस करोड़ बयासी लाख आठ हजार) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

★ वर्ष 2026 में झारखण्ड सरकार के सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों तथा बैंकों में सार्वजनिक एवं अन्य अवकाश घोषित करने की स्वीकृति दी गई।

★ माननीय न्यायालय द्वारा W.P. (S) No. 625/2021, वन्दना भारती एवं अन्य बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दिनांक 04.10.2024 को पारित न्यायादेश तथा Cont Case No. 1040/2024 में दिनांक-02.05.2025 को पारित अंतरिम आदेश के अनुपालन के क्रम में वादियों श्रीमती वन्दना भारती तथा श्रीमती सुषमा बड़ाईक की उप समाहर्त्ता के पद पर नियुक्ति तिथि संशोधित करने तथा वरीयता पुनर्निर्धारण करने की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

★ केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 (The Dam Safety Act, 2021) के तहत झारखण्ड राज्य में State Committee on Dam Safety (SCDS) के पुनर्गठन की स्वीकृति दी गई।

★ गोड्डा अन्तर्गत "घाटबंका (NH-333A) से देवडांड़ (दामा) (सुन्दरपहाड़ी-अगिया मोड़, ODR पथ पर) भाया संदमारा, बेलबथान, राजदाहा एवं जामकुंदर पथ के कि०मी० 0.00 से किमी० 17.808 (कुल लं०-17.808 कि०मी०) को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (भू-अर्जन, युटिलिटी शिफ्टिंग, Rehabilitaion & Resettlement एवं Plantation सहित)" हेतु रू० 127,54,22,800/- एक सौ सताईस करोड़ चौवन लाख बाईस हजार आठ सौ) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

★ साहेबगंज जिलान्तर्गत "दिग्धी मोड़ (NH-80) से मालिन रिसौड़ मोड़ (NH-80) (कुल लं०-8.176 कि०मी०)" को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (पुलों के निर्माण, भू-अर्जन, युटिलिटी शिफ्टिंग एवं Plantation सहित)" हेतु रू० 61,57,55,800/-(इकसठ करोड़ सन्तावन लाख पचपन हजार आठ सौ) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

★ पथ प्रमण्डल, डालटनगंज अन्तर्गत "डालटनगंज से चैनपुर पथ (चैनपुर ब्लॉक) में नॉर्थ कोयल नदी पर उच्चस्तरीय सेतु निर्माण कार्य (पहुँच पथ निर्माण, भू-अर्जन, R&R एवं Electrical Utility Shifting सहित) (Span Arrangement-12x37.20m)" हेतु रू० 64,06,15,000/- (चौंसठ करोड़ छः लाख पंद्रह हजार) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

★ पथ प्रमण्डल, गुमला अन्तर्गत बांकुटोली-कुरकुरा बानो पथ (कुल लम्बाई-33.568 कि०मी०) के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य (भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टींग एवं पुल निर्माण सहित) हेतु रु० 140,51,68,000/- (एक सौ चालीस करोड़ इक्यावन लाख अड़सठ हजार) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

★ WP(S) No-3574/2021 बुकेश्वर हाँसदा एवं अन्य बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में माननीय न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश दिनांक 06.10.2025 एवं दिनांक 20.09.2022 को पारित आदेश के अनुपालन हेतु वादीगण की सेवा नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।

★ झारखण्ड राज्य में गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र, मुटा के संचालन हेतु सरकार की ओर से प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक, झारखण्ड एवं Bombay Natural History Society (BNHS) के बीच MoU का अनुमोदन वित्त नियमावली के नियम 235 को शिथिल करते हुए वित्त नियमावली के नियम 245 के तहत किए जाने की स्वीकृति दी गई।

★ माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या- WPS No.5991/2022, नीरा कुमारी बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में श्रीमती नीरा कुमारी की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।

★ माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या-WPS No. 5220/2024, राम बहादुर मोची बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में स्व० राम बहादुर मोची, भूतपूर्व पदचर की सेवा सम्पुष्ट करते हुए देय ACP/MACP का वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।

★ भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए झारखण्ड में लघु खनिजों के प्रबंधन पर प्रतिवेदन, झारखण्ड सरकार, वर्ष 2025 की प्रतिवेदन संख्या-4 (निष्पादन लेखापरीक्षा) को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।

★ WP(S) No.-5588/2024 Dr. Pushplata V/s State of Jharkhand & Ors. में दिनांक-14.10.2025 को पारित न्यायादेश के अनुपालन हेतु डॉ० पुष्पलता के योगदान स्वीकृत करने की स्वीकृति दी गई।

★ राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, परसपानी, गोड्डा के इंटर्नी छात्र-छात्राओं के मासिक वृत्तिका राशि में वृद्धि की स्वीकृति दी गई।

★ रिम्स, रांची के अधीन कार्यरत सरकारी सह-प्राध्यापकों को प्राध्यापक के पद पर दिनांक 01.07.2019 के प्रभाव से प्रोन्नति प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।

★ डॉ० प्रभु सहाय लिण्डा, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल, गोड्डा को सेवा से मुक्त करने की स्वीकृति दी गई।

★ डॉ० अंजना गांधी, सहायक प्राध्यापक, सर्जरी विभाग, शेख भिखारी चिकित्सा महाविद्यालय, हजारीबाग को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गई।

★ राजकीय मेला / महोत्सवों के आयोजन हेतु संशोधित मार्गदर्शिका की स्वीकृति दी गई।

★ राज्य में अवस्थित सम्बद्धता प्राप्त उपशास्त्री (इंटर) स्तर एवं शास्त्री स्तर (स्नातक) के संस्कृत महाविद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को पंचम, छठा एवं सप्तम पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति दी गई।

★ "मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना" में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

★ WP(S) No-1003/2021 माया देवी एवं अन्य बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दिनांक:-09.02.2024 को पारित न्यायादेश के अनुपालन हेतु दैनिक वेतनभोगी के रूप में की गयी सेवावधि को सेवान्त लाभों हेतु गणना के निमित स्वीकृति दी गई।

★ खरीफ विपणन मौसम 2025-26 एवं आगामी खरीफ विपणन वर्षों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान अधिप्राप्ति के लिए 'झारखण्ड राज्य धान अधिप्राप्ति योजना' की स्वीकृति दी गई।

★ खरीफ विपणन मौसम 2025-26 में धान अधिप्राप्ति हेतु धान के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा किसानों को बोनस की राशि की स्वीकृति एवं इस हेतु कुल 48 करोड़ 60 लाख रुपए स्वीकृति दी गई। न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस दोनों मिलाकर 2450 रुपए प्रति क्विंटल धान अधिप्राप्ति की दर निर्धारित किए जाने की स्वीकृति दी गई।

★ पथ प्रमण्डल, राँची अन्तर्गत "सिरमटोली चौक-राजेन्द्र चौक-मेकॉन गोलचक्कर (Mecon Round about) (कुल लंबाई-2.34 कि०मी०) पर चार लेन फ्लाईओवर (Flyover) / एलिवेटेड (Elevated) road cum आर०ओ०बी० (ROB) निर्माण कार्य (भू-अर्जन, युटिलिटी शिफ्टिंग तथा resettlement एवं rehabilitation सहित)" हेतु रू० 470,12,79,800/- (रूपये चार सौ सत्तर करोड़ बारह लाख उन्नासी हजार आठ सौ) मात्र की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

★ हजारीबाग जिलान्तर्गत अंचल-बड़कागांव के विभिन्न मौजा, विभिन्न खाता संख्या, विभिन्न प्लॉट संख्या, विभिन्न किस्म, कुल रकबा 41.965 एकड़, गैरमजरूआ खास एवं गैरमजरूआ आम खाते की भूमि कुल देय राशि 16,91,71,252 /- (सोलह करोड़ इक्यानवे लाख इकहत्तर हजार दो सौ बावन) रूपये मात्र की अदायगी पर बादम कोयला खनन परियोजना हेतु NTPC Lid. के साथ 30 वर्षों के लिए सःशुल्क लीज बंदोबस्ती की स्वीकृति दी गई।

★ वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अन्तर्गत गठित झारखण्ड पारिस्थितिकी पर्यटन प्राधिकार (JETA) के Articles of Association (Rules, Regulations and Byelaws) में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

★ विनोबाभावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग अंतर्गत चतरा जिले में सिमरिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत डिग्री महाविद्यालय, सिमरिया, चतरा के निर्माण कार्य हेतु रू० 34,62,10,300/- (चौतीस करोड़ बासठ लाख दस हजार तीन सौ रूपये) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

★ राँची विश्वविद्यालय, राँची एवं इसके अंतर्गत अंगीभूत महाविद्यालयों में शैक्षणिक तथा गैर-शैक्षणिक पदों के पुनर्गठन (Restructuring) की स्वीकृति दी गई।

★ हजारीबाग जिलान्तर्गत अंचल बड़कागाँव के मौजा-रूदी अंतर्निहित कुल रकबा 52.57 एकड़, गैमजरूआ खास, किस्म जंगल झाड़ी भूमि कुल देय राशि 12,86,60,182/- (बारह करोड़ छियासी लाख साठ हजार एक सौ बयासी) रूपये मात्र की अदायगी पर बादम कोयला खनन परियोजना हेतु एन०टी०पी०सी० लिमिटेड के साथ 30 वर्षों के लिए सःशुल्क लीज बंदोबस्ती करने की स्वीकृति दी गई।

★ झारखण्ड राज्य के अंतर्गत झारखण्ड खनिज धारित भूमि उपकर अधिनियम, 2024 की धारा-10 के तहत प्रदत्त शक्तियों के द्वारा अधिनियम की अनुसूची में संशोधन के बावत मंत्रिपरिषद की स्वीकृति दी गई।

★ झारखण्ड कोषागार संहिता, 2016 (Jharkhand Treasury Code, 2016) में संशोधन/परिमार्जन की स्वीकृति दी गई।

★ वित्तीय वर्ष-2024-25 के लिये भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का वित्त लेखे भाग -1 एवं II तथा विनियोग लेखे से संबंधित लेखा परीक्षा प्रतिवेदन को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।

4
815 views    0 comment
0 Shares

1
0 views    0 comment
0 Shares