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सोनभद्र, 17/12/2025: 'समग्र मानवाधिकार एसोसिएशन' द्वारा जिला कलेक्टर/नियंत्रक (आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग), सोनभद्र को एक मांग पत्र प्रेषित किया गया। एसोसिएशन के जिला महासचिव अमान खान ने यह पत्र स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजकर प्रशासन का ध्यान जिले के विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों की ओर आकृष्ट किया है।

​ *प्रमुख मांगें और बिंदु:*

•​ *रिक्त पदों की भरमार:* जिले के विभिन्न राजकीय विभागों, शाखाओं और सार्वजनिक उपक्रमों में वेतन श्रृंखला 1 से 6 के अंतर्गत कनिष्ठ सहायक, टेलीफोन ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, फायरमैन और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (गार्ड, चौकीदार आदि) के पद लंबे समय से रिक्त हैं।

•​ *कार्यक्षमता पर प्रभाव* : नियमित भर्ती न होने और कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के कारण विभागों का दैनिक कार्य प्रभावित हो रहा है।

•​ *स्वयंसेवकों को प्राथमिकता* : एसोसिएशन ने मांग की है कि इन रिक्त पदों पर जब तक स्थायी नियुक्तियां नहीं हो जातीं, तब तक नागरिक सुरक्षा (Civil Defence) के प्रशिक्षित, योग्य और अनुभवी स्वयंसेवकों को अस्थायी रूप से नियोजित किया जाए।

​ *जिला महासचिव अमान खान का वक्तव्य:*
पत्र के माध्यम से अमान खान ने कहा, "नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवक प्रशिक्षित और अनुशासित हैं। यदि उन्हें इन रिक्त पदों पर सेवा का अवसर मिलता है, तो न केवल सरकारी विभागों के कार्यों में सुधार आएगा, बल्कि जिले के योग्य युवाओं को रोजगार के उचित अवसर भी प्राप्त होंगे। हमने माननीय जिला कलेक्टर महोदय से इस संबंध में त्वरित आदेश जारी करने का अनुरोध किया है।"

​एसोसिएशन का मानना है कि इस कदम से आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा के ढांचे को मजबूती मिलेगी और सरकारी मशीनरी अधिक सुचारू रूप से कार्य कर सकेगी।

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शिकोहाबाद। क्षेत्र में छाए घने कोहरे के कारण रेल परिचालन प्रभावित हो गया। दृश्यता कम होने से सुरक्षा कारणों के चलते कई ट्रेनों की गति धीमी रखी गई, जिससे अनेक यात्री गाड़ियां अपने निर्धारित समय से देरी से चलीं।

सुबह के समय स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ देखी गई। ट्रेनों की सही जानकारी न मिलने से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। रेलवे प्रशासन द्वारा एहतियात बरतते हुए ट्रेनों का संचालन किया गया।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कोहरे की स्थिति को देखते हुए सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक कोहरे की संभावना बनी रहेगी, जिससे रेल सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं।

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🔥 मुजफ्फरपुर से सीधे कनेक्ट होगा बंगाल, 5 प्रखंडों के 38 गांवों से गुजरेगी रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे

मुजफ्फरपुर में रूट और कवरेज
🛣️ एक्सप्रेस-वे लगभग 50 किमी तक मुजफ्फरपुर ज़िले से गुज़रेगा और इसे पहला सिक्स-लेन हाईवे देगा।

🏘️ यह 5 प्रखंडों के 38 गांवों से होकर गुज़रेगा – मीनापुर के 5, औराई के 3, बोचहां के 13, तथा गायघाट और कटरा के 17 राजस्व ग्राम शामिल हैं।

📍 मीनापुर क्षेत्र में गौरीगामा, टेंगराहां गोसाईपुर, मजतिस माधो उर्फ़ छपरा, रामपुर हरि, मदारीपुर कर्ण जैसे गांव जबकि बोचहां और गायघाट में भी दर्जनों राजस्व गांव सीधे कॉरिडोर से जुड़ेंगे।

कनेक्टिविटी और यात्रा समय में लाभ
🔗 यह ग्रीनफील्ड एक्सेस‑कंट्रोल्ड एक्सप्रेस‑वे रक्सौल (नेपाल बॉर्डर) से शुरू होकर पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर (ताजपुर, मुसरीघरारी, दलसिंहसराय), बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, बांका होते हुए सीधे हल्दिया पोर्ट (पश्चिम बंगाल) तक जाएगा।

⏱️ रक्सौल–हल्दिया के बीच का सफ़र मौजूदा लगभग 19–20 घंटे से घटकर करीब 10–11 घंटे रह जाने का अनुमान है।

🚗 मुजफ्फरपुर से पश्चिम बंगाल बॉर्डर की यात्रा भी लगभग 15 घंटे से घटकर करीब 8 घंटे में पूरी हो सकेगी, क्योंकि इस एक्सप्रेस‑वे पर वाहनों की औसत स्पीड 100–120 किमी/घं तक रखी जा सकेगी।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर
💼 तेज़ सड़क कनेक्टिविटी से कृषि उत्पादों, औद्योगिक सामान और लॉजिस्टिक्स की आवाजाही सस्ती और तेज़ होगी, जिससे मुजफ्फरपुर और आसपास के ज़िलों में निवेश और रोज़गार के नए अवसर खोलेंगे।

🧱 एक्सप्रेस‑वे के साथ‑साथ नए वेयरहाउस, ट्रक ले–बे, लॉजिस्टिक पार्क, होटल और सर्विस सुविधाएँ विकसित होने की पूरी संभावना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी।

वर्तमान स्थिति
📑 परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है; विभिन्न प्रखंडों में सर्वे, मुआवज़ा निर्धारण और अधिसूचना की कार्यवाही चल रही है।

🧭 पूरा हो जाने पर यह कॉरिडोर उत्तर बिहार, नेपाल और पूर्वी भारत के बंदरगाहों के बीच सबसे तेज़ सड़क मार्ग बनेगा, जो लंबे समय तक क्षेत्रीय विकास की रीढ़ का काम करेगा ।

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मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस-वे पर आज सुबह एक बेहद भयावह सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। इस भीषण दुर्घटना में एक रोडवेज बस सहित 8 बसें और 3 अन्य वाहन आपस में टकरा गए, जिसके बाद सभी वाहनों में आग लग गई।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बसों में कुल लगभग 70 यात्री सवार थे। हादसे के बाद आग इतनी भयानक थी कि कई वाहन पूरी तरह जलकर राख हो गए। अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है, जिनमें से 10 शव बुरी तरह जलकर कंकाल में बदल गए, जबकि केवल 3 मृतकों की पहचान हो सकी है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

पुलिस को घटनास्थल से जले हुए और कटे हुए मानव अंग मिले हैं, जिन्हें 17 पॉलिथीन बैगों में एकत्र किया गया है। इनकी पहचान अब डीएनए टेस्ट के माध्यम से की जाएगी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बसों के दरवाज़े लॉक थे, जिससे कई यात्री बाहर नहीं निकल पाए। जो लोग किसी तरह खिड़कियों से कूदने में सफल रहे, वही अपनी जान बचा सके, जबकि कई लोग बसों के अंदर फँसकर आग की चपेट में आ गए।

प्रशासन, पुलिस और राहत दल मौके पर मौजूद हैं। घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और राहत-बचाव कार्य जारी है।

यह हादसा न केवल प्रशासनिक लापरवाही बल्कि सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।

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