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सरकार ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए चार लेबर कोड तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए हैं। इस कोड के लागू होते ही पहले के 29 श्रम कानून खत्म हो गये। अब उनकी जगह पर एक एकीकृत और सरल कानूनी ढांचा काम करेगा। ये नये लेबर कोड भारत के लेबर गवर्नेंस को मॉडर्न बनाने के मकसद से एक अहम हैं।

लागू किए गये ये इस प्रकार हैं।
मजदूरी पर कोड (2019)
इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020)
सोशल सिक्योरिटी पर कोड (2020)
ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस (OSHWC) कोड (2020)

सरकार ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि नया फ्रेमवर्क दशकों पुराने लेबर नियमों को आसान बनाएगा। वर्कर वेलफेयर को बढ़ावा देने के साथ सेफ्टी स्टैंडर्ड को मजबूत करेगा।

इन कानूनों से भारत का लेबर इकोसिस्टम, दुनिया की सबसे अच्छी प्रैक्टिस करने वाला बनेगा। सालों की सलाह और तैयारी के बाद इसे 21 नवंबर 2025 से लागू किया जा रहा है।

सरकार ने कहा कि इन कोड का मकसद भविष्य के लिए एक सुरक्षित वर्कफोर्स तैयार करना और मजबूत इंडस्ट्री बनाना है। सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि यह बदलाव रोजगार पैदा करने में मदद करेगा और आत्मनिर्भर भारत के तहत लेबर सुधारों को आगे बढ़ाएगा।

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प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए बैठकसंपन्न हुआ।
November 21, 2025
8:02 am
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वाराणसी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित बैठक में क्षेत्रीय आयुक्त नीरज श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता के लिए विभिन्न कर्मचारी यूनियनों, उनके पदाधिकारियों के साथ सामूहिक वार्ता की। क्षेत्रीय आयुक्त से हुई वार्ता में विशेष रूप से भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों में प्रदेश अध्यक्ष विशेश्वर राय, वाराणसी के जिला उपाध्यक्ष प्रमील पाण्डेय, पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष देवेश सिंह, ऑल इंडिया ईपीएफओ इंप्लॉई संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध कुमार सहित तमाम यूनियन पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में क्षेत्रीय आयुक्त नीरज श्रीवास्तव ने योजना के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना एक बहुउद्देशीय योजना है। इसमें पात्रता पूरा करने वाले लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। आवेदन की प्रक्रिया एवं आवश्यक दस्तावेज के आधार पर ही लाभार्थी का चयन होगा। रोजगार सृजन में इस योजना की बड़ी भूमिका रहने वाली है।

उन्होंने कहा कि संगठन एवं यूनियनों की भागीदारी एवं दायित्व अथवा जिम्मेदारी भी योजना का सफल बनाने में भूमिका निभाएगी। संगठन पदाधिकारियों ने योजना को अधिक प्रभावी ढंग से कर्मचारियों एवं आम नागरिकों तक पहुँचाने के लिए सामूहिक वार्ता की है और अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रदान किए है।

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वाराणसी सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि रेल प्रशासन द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के बनारस रेलवे स्टेशन के वर्तमान अल्फाबेटिकल स्टेशन कोड “BSBS” को बदलकर “BNRS” कर दिया गया है । बनारस स्टेशन कोड का यह बदलाव 01 दिसम्बर,2025 से प्रभावी होगा जिसके बाद बनारस से/तक यात्रा करने वाले यात्रियों को यात्री आरक्षण केन्द्रो,नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम अथवा आई आर सी टी सी की वेबसाइट से अपनी बर्थ आरक्षित कराने के लिए बनारस स्टेशन के पुराने अल्फाबेटिकल स्टेशन कोड “BSBS” के स्थान पर “BNRS” अंकित करना होगा।

ज्ञातव्य हो कि चार वर्ष पूर्व 15 जुलाई,2021 को मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस किया गया था । भारतीय संस्कृति को सहेजने के लिए बनरस स्टेशन पर लगे नाम बोर्ड पर हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू के साथ ही संस्कृत में बनारसः भी लिखा गया जो पुरातन काशी की संस्कृति का अहसास करता है ।

यह विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन किसी हवाई अड्डे की तरह दिखता है । नव-पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन विश्व स्तर का है – यह किसी बड़े प्रतिष्ठित निगमित कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह दिखाई देता है। न केवल स्टेशन भवन बनारस रेलवे स्टेशन को अलग बनाता है, बल्कि इसके सभी विभिन्न यात्री-अनुकूल सुविधाएं भी हैं।

नए रूपांतरित स्टेशन में अब एक विशाल प्रतिक्षालय क्षेत्र, विभिन्न श्रेणियों के प्रतीक्षालय,उच्च श्रेणी यात्री विश्रामालय, एस्केलेटर सीढियां, लिफ्ट्स,फूड प्लाजा, कैफेटेरिया, वी आई पी लाउन्ज, पार्किंग,सेल्फी पॉइंट, राष्ट्रीय ध्वज,धरोहर के रूप में नैरो गेज का इंजन, विस्तृत ग्रीन और स्वच्छ सर्कुलेटिंग एरिया, आधुनिक बुकिंग / आरक्षण कार्यालय, फूड कोर्ट, सभी सुविधाओं से परिपूर्ण वेटिंग रूम और बहुत कुछ है। स्टेशन में एसी लाउंज, गैर-एसी रिटायरिंग रूम और डारमेटरी भी हैं। स्टेशन परिसर की वास्तुकला काशी की आस्था को दर्शाती है। स्टेशन के परिवेश में फव्वारे और बैठने की जगह शामिल है।

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: दिल्ली में लाल किले के पास हुए आतंकी हमले के बाद फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर आतंकियों के नेटवर्क से जुड़ने के आरोपों को लेकर चर्चा में आ गई है। जांच एजेंसियों के अनुसार इसी यूनिवर्सिटी में 2008 दिल्ली और अहमदाबाद ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। अब जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि इंडियन मुजाहिदीन का कुख्यात आतंकी मिर्जा शादाब बेग भी इसी यूनिवर्सिटी का छात्र रहा है।

*18 साल पहले घर छोड़ गया था शादाब*
✨शादाब बेग उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ शहर कोतवाली क्षेत्र के कोट किला मोहल्ला का रहने वाला है। परिवार के अनुसार वह लगभग 18 वर्ष पहले घर से निकला था और उसके बाद लगातार फरार रहा। बटला हाउस एनकाउंटर के बाद वह भूमिगत हो गया। उसकी अंतिम लोकेशन 2019 में अफगानिस्तान में ट्रेस की गई थी। वह इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन में बीटेक कर चुका था और बताया जाता है कि 2007 गोरखपुर ब्लास्ट, 2008 जयपुर, दिल्ली और अहमदाबाद धमाकों में आईईडी प्लांटिंग और साजिश रचने में उसकी अहम भूमिका थी।

*हॉस्टल से संचालित होता था मॉड्यूल, रिकॉर्ड में बड़ा खुलासा*
✨लाल किले के पास हमले के बाद जांच एजेंसियों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी की गहन पड़ताल शुरू की। जांच में सामने आया कि आतंकी मॉड्यूल की कई गतिविधियों का आधार इसी यूनिवर्सिटी का हॉस्टल रहा। हाल ही में एक डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद जब पुराने रिकॉर्ड खंगाले गए, तो पता चला कि 2008 के सीरियल ब्लास्ट में शामिल मिर्जा शादाब बेग भी इसी यूनिवर्सिटी का बीटेक छात्र था।

*परिजन बोले—होनहार बच्चा कैसे भटका, समझ नहीं आया*
✨जब मीडिया टीम शादाब बेग के आजमगढ़ स्थित घर पहुंची, तो परिवार ने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने बताया कि 2003 में शादाब बीटेक करने अल फलाह यूनिवर्सिटी गया था और पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने एचसीएल में 8 महीने नौकरी भी की। परिजन आज भी यह समझ नहीं पा रहे कि वह किन परिस्थितियों में आतंकी गतिविधियों से जुड़ गया।

✨परिवार के मुताबिक, बेटे का नाम आतंकी घटनाओं में आने के बाद उसके पिता एहतेशाम बेग, जो दुबई में नौकरी करते थे, मानसिक रूप से टूट गए और आजमगढ़ लौट आए। यूनिवर्सिटी और आतंकी नेटवर्क के पुराने तार सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है।

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ब्रेकिंग न्यूज़ पीलीभीत

पीलीभीत, उत्तर प्रदेश। सदर कोतवाली क्षेत्र के टनकपुर हाईवे किनारे निरंजन कुंज मोड़ पर स्थित एक किराने की दुकान में चोरों ने बीती रात चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया। अज्ञात चोर दुकान का ताला तोड़कर अंदर घुसे और नकदी समेत लाखों रुपये का सामान चोरी कर मौके से फरार हो गए।

🏬 वारदात का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निरंजन कुंज मोड़ पर स्थित यह किराने की दुकान रोजाना की तरह रात में बंद थी। देर रात को अज्ञात चोरों ने मौका पाकर दुकान के शटर का ताला तोड़ दिया। अंदर घुसकर उन्होंने दुकान में रखी नकदी, सिगरेट के पैकेट, सूखे मेवे और अन्य कीमती किराना सामग्री चोरी कर ली।
🔔 सुबह चला पता
चोरी की घटना का पता आज सुबह उस वक्त चला जब दुकान मालिक दुकान खोलने पहुंचे। उन्होंने शटर का ताला टूटा देखा और अंदर का सामान बिखरा पाया, जिसके बाद चोरी की सूचना पुलिस को दी गई।
🚓 पुलिस जांच में जुटी
सूचना मिलते ही सदर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और दुकान मालिक से घटना की जानकारी ली। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि चोरों की पहचान हो सके।

खबर विज्ञापन हेतु संपर्क करे:+916399145244

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गाजियाबाद। कविनगर रामलीला मैदान स्थित जानकी सभागार में भारत सरकार द्वारा आयोजित नागरिक सुरक्षा कोर गाजियाबाद के वार्डन/ स्वयंसेवक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम 2025-26 के प्रथम सत्र का शुभारंभ किया गया।
उक्त एक सप्ताह का प्रशिक्षण सत्र का दिनांक 21 नवंबर से प्रारंभ होकर 27 नवंबर 2025 को समापन किया जाएगा। प्रशिक्षण प्रातः 10:00 बजे प्रारंभ होकर सांय 5:00 बजे तक चलेगा।
प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन अपर जिलाधिकारी नगर गाजियाबाद श्री विकास कश्यप द्वारा रिबन काटकर किया गया। कार्यक्रम में प्रथम बैच के लिए नामित 90 प्रतिभागियों ने पूर्ण सजगता एवं अनुशासन के साथ प्रतिभाग किया तथा पूर्ण रूप से तालीनता के साथ प्रशिक्षण ग्रहण किया गया। इस अवसर पर उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा गाजियाबाद एवं मुरादाबाद श्री नीरज चक द्वारा नागरिक सुरक्षा के इतिहास एवं आधुनिक युद्ध प्रणाली पर विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गई तदुपरांत श्री वैभव पांडे जिला आपदा विशेषज्ञ द्वारा विभिन्न प्रकार की आपदाओं के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किया गया तथा श्री गुलाम नबी सहायक उप नियंत्रक द्वारा नागरिक सुरक्षा के स्ट्रक्चर एवं सेवाओं के बारे में जानकारी देते हुए विभिन्न प्रकार की लैडर्स एवं रस्सियों के संबंध में जानकारी प्रदान की गई।
उक्त प्रशिक्षण में डिवीजनल वार्डन टू स्टॉफ ऑफिसर, डिवीजनल वार्डन, डिप्टी डिवीजनल वार्डन, स्टाफ ऑफिसर, घटना नियंत्रण अधिकारी, पोस्ट वार्डन के अतिरिक्त सभी वरिष्ठ और कनिष्क वार्डनों और स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया।

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