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Guwahati Nov 22: Beltola College and North East Adventure Foundation organised a day-long trekking programmed on 22 November, Saturday to commemorate the 14th death anniversary of Nasim Akhtar, the first woman mountaineer from Assam, a founder of the North East Adventure Foundation and the first member of Indian Mountaineering Federation.
During her lifetime, she was involved in various social activities, organized sports and activities in the sector of mountaineering, etc. In 1986, she led a first ladies' expedition to Mt."KANG-YASAI" in Ladakh, Himalaya. Later another three successful expeditions were led by her. Unfortunately, she had departed when she was just 55 years old. The Trekking started with a great number of students and members of the Foundation at 7:30 am from Beltola College to Basistha Temple under Asst. Professer In-charge Kamaruj Jaman. There at the temple premises, briefing and instructions for the Trekking were delivered by Jayanta Goswami, President and Karan Kumar Shandilya, General Secretary of North East Adventure Foundation. In the briefing the officials of the foundation including Manabendra Patowary, Bina Devi vetern mountaineer remembered the contribution of Nasim Akhtar and her attempt to the world of mountaineering. They pointed out that Nasim Akhtar was such a pioneering figure in mountaineering in Assam that she was known as the "Iron lady of Assam". After briefing the team moved to Garbhanga Reserve Forest, where they offered homage and prayed for the departed soul of Nasim Akhtar. A ceremonial lamp was lit there in her memory. The Trekking came to a close at 3:15 pm when the team came back to Bashistha Temple.
This trek was embarked by youth, including teaching faculty, from Beltola College, Silcher, Nalbari etc. For the successful completion of the trek we were greatly supported by The Forest Department, Garbhanga Forest Reserve, The Officer-In-Charge Basistha out Post Police Station, Beltola College, Ex-NCC Student Jagiroad College, Outdoor Consultant and All Junior- Senior member of North East Adventure Foundation.
Once again, we extend our heartfelt gratitude as without your support, this event would not have been a success.

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कोटा। विशिष्ट राम कथाकार, अनुष्ठान विशेषज्ञ एवं ध्यान दिवाकर परम पूज्य मुनि प्रवर 108 श्री जयकीर्ति जी गुरुराज अंकलविद्यालय रामपुरा, कोटा में रामकथा के चतुर्थ दिवस में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
एसोसिएशन के अध्यक्ष पीयूष बज एवं सचिव अनिमेष जैन ने कहा कि पुण्यार्जक परिवार द्वारा जिनवाणी भेंट कमला भाई, दीपक स्वेटर, सन्नी तथा आंचल गंगवाल द्वारा की गई, जबकि राजाश्रेणिक के रूप में विनोद–सुनीता, सीमा–जम्बू, राहुल–वैशाली एवं लोचन बज (विजयपाड़ा, रामपुरा) परिवार ने सौभाग्य अर्जित किया।
पूज्य गुरुदेव ने धर्मसभा में आहार दान की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि “आहार दाता केवल अन्न नहीं देता, बल्कि वह साधु को आरोग्य, संयम, ज्ञान, ध्यान, तप, रत्नत्रय और मोक्षमार्ग का बल प्रदान करता है। यह दान उसी जीव के हाथों होता है जिसका भविष्य सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य से परिपूर्ण होने वाला हो।”
गुरुदेव ने बताया कि गुप्ति–सुगुप्ति रूप से सम्यक आहारदान के प्रभाव से भगवान राम, लक्ष्मण और सीता को दिव्य रथ की प्राप्ति हुई, जिसके सहारे वे दंडक वन और हिमगिरि पर्वत तक पहुंचे तथा लक्ष्मण ने वहां सुंदर कुटिया का निर्माण किया।

रावण की उत्पत्ति, तप और दशानन नामकरण का रहस्य
गुरुदेव ने राक्षस वंश की उत्पत्ति का वर्णन करते हुए रावण के जन्म, बाललीला और उनके दशानन नामकरण का कारण बताया। उन्होंने कहा कि कठिन तप के समय यक्षों द्वारा किए गए उपद्रवों के बावजूद रावण और उसके भाइयों ने अदम्य धैर्य से अनेक विद्याओं की सिद्धि प्राप्त की।गुरुदेव ने कहा—“यदि ऐसे ही अविचल तप में कोई मुनिराज स्थित होता, तो वह तत्काल मुक्त हो जाता।”

शम्बुक का तप, सूर्यहास खड्ग और युद्ध प्रसंग
गुरुदेव ने आगे शम्बुक के 12 वर्षों के कठोर साधना, गुरु वचनों की अवहेलना तथा पुण्योदय–पापोदयो के सिद्धांतों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि लक्ष्मण को पुण्यबल से सूर्यहास खड्ग प्राप्त हुआ और उसी के प्रभाव से शम्बुक का वध हुआ।
शम्बुक के धड़ से अलग सिर को देख चंद्रनखा का शोकाकुल होना, तत्पश्चात राम–लक्ष्मण के स्वरूप से मोहित होना तथा उनके विवाह प्रस्ताव को राम द्वारा अस्वीकार करना—इन सभी प्रसंगों का भावपूर्ण चित्रण कथा में हुआ।
इसके बाद खरदूषण की सेना से युद्ध, रावण की दृष्टि का पहली बार सीता पर पड़ना, छलपूर्वक सीता हरण और उसके बाद राम की व्याकुलता व करुण विलाप के प्रसंग का गुरुदेव ने अत्यंत मार्मिक वर्णन किया, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोताओं की आंखें नम हो गईं।

जटायु का बलिदान और विराधित प्रसंग का वर्णन
कथा में जटायु द्वारा रावण से युद्ध कर सीता की रक्षा का प्रयास, गंभीर रूप से घायल जटायु को राम द्वारा णमोकार मंत्र का उच्चारण करवाकर देवगति प्रदान करने का प्रसंग अत्यंत भावविभोर करने वाला रहा।आगे राजा विराधित की सहायता से खरदूषण वध और अलंकार नगर में राम–लक्ष्मण का स्वागत, तथा चारों दिशाओं में सीता की खोज हेतु निर्देश देने तक के प्रसंगों का गुरुदेव ने नवरसपूर्ण एवं नीतिपरक शैली में उत्कृष्ट वर्णन किया।

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जयपुर। संविधान दिवस के अवसर पर राजस्थान एनएसयूआई द्वारा 26 नवंबर को ‘रन फॉर संविधान बचाओ, देश बचाओ’ मैराथन का भव्य आयोजन किया जाएगा। रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने पोस्टर विमोचन कर कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी साझा की।

जाखड़ ने बताया कि मैराथन का शुभारंभ सुबह 6 बजे चित्रकूट स्टेडियम से होगा और 5 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद प्रतिभागी इसी स्थान पर दौड़ का समापन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मैराथन का मुख्य उद्देश्य संविधान, लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों की रक्षा के प्रति युवाओं में जागरूकता बढ़ाना है।

विनोद जाखड़ ने कहा कि बड़ी संख्या में युवाओं, नागरिकों और धावकों के इसमें भाग लेने की उम्मीद है। पुरुष और महिला वर्ग दोनों के लिए प्रथम पुरस्कार 11,000 रुपये, द्वितीय 7,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार 5,100 रुपये रखा गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान विश्वविद्यालय के एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व विधायक, सांसद और विधायक हरी झंडी दिखाकर करेंगे।

उन्होंने बताया कि मैराथन पूरी तरह निःशुल्क है और इसमें युवा, बुजुर्ग, छात्र, कर्मचारी सहित हर वर्ग का व्यक्ति भाग ले सकता है। जाखड़ ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं तथा सरकारी एजेंसियों पर राजनीति के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसी कारण लोकतंत्र की रक्षा और जनजागरण के उद्देश्य से यह मैराथन आयोजित की जा रही है।

लेख: ऋषभ पराशर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, AIMA मीडिया युवा प्रकोष्ठ

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