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योगी कैबिनेट के अंतिम विस्तार में सात मंत्रियों ने शपथ ली

योगी कैबिनेट के अंतिम विस्तार में सात मंत्रीयों ने शपथ ली, उनमें संगीता बिंद, जितिन प्रसाद, छत्रपाल गंगवार, पलटू राम, दिनेश खटीक, संजय गौड़ और धर्मवीर प्रजापति के नाम शामिल हैं।

इनमें से जितिन प्रसाद कैबिनेट मंत्री बनेंगे और बाकी 6 राज्यमंत्री बनाए जाएंगे। जितिन प्रसाद– हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। फिलहाल यूपी विधानसभा के सदस्य नहीं है लेकिन यूपी में MLC की 4 रिक्त सीटों में से बीजेपी एक सीट पर जितिन प्रसाद का नाम तय कर चुकी है।

यूपी में योगी सरकार पर ब्राह्मणों विरोधी होने का जो आरोप लगातार विपक्ष लगा रहा है, उसके बीच जितिन के जरिए बीजेपी ब्राह्मण वोटों को सहेजने की कोशिश करेगी और जितिन को योगी कैबिनेट में हिस्सा देना शायद इसी रणनीति का हिस्सा है।

पलटू राम – गोंडा के रहने वाले पलटू राम बलरामपुर सदर से बीजेपी के विधायक हैं। पलटूराम को योगी कैबिनेट में शामिल करके बीजेपी 2022 में दलित वोटों को साधने की कोशिश करेगी। हालांकि अपने विधानसभा क्षेत्र में पलटू राम के बारे में लोग कहते हैं कि विकास हुआ हो या न हुआ हो लेकिन विधायक जी हर निमंत्रण पर हाजिर हो जाते हैं।

संगीता बिंद – प्रख्यात क्रिकेटर तथा यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे चेतन चौहान के निधन से खाली नौगावां सादात विधानसभा सीट पर भाजपा ने उनकी पत्नी संगीता चौहान को प्रत्याशी बनाया था। जिन्होंने यहां पर जीत के साथ ही अमरोहा जिले की पहली महिला विधायक बनने का भी गौरव हासिल किया है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में महाप्रबंधक रहीं संगीता चौहान ने सपा प्रत्याशी जावेद आब्दी को 15077 वोट से हराने के साथ ही दिवंगत चेतन चौहान की राजनीतिक विरासत संभाल ली है। माना जाता है कि संगीता चौहान ही पति चेतन चौहान की पॉलिटिकल एडवाइजर भी थीं। राजनीति में आने से पहले संगीता बैंकर, हाईकोर्ट में लॉयर और अपने दिवंगत पति के राजनीतिक मामलों की प्रबंधक थीं। संगीता चौहान ने 29 वर्ष तक बैंकिंग सेक्टर में अपनी पकड़ बनाई है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के संगठनों के काम में अपने पति का भी साथ दिया।
दिनेश खटीक – 47 साल के दिनेश खटीक पश्चिमी यूपी की हस्तिनापुर (सुरक्षित) विधानसभा से विधायक हैं। इस विधानसभा को लेकर ये कहा जाता है कि हस्तिनापुर से जिस पार्टी की जीत होती है, सरकार उसी की बनती है। 2007, 2012 और 2017 में ये हुआ भी है। अब कहा जा रहा है कि दिनेश खटीक को मंत्री बनाकर बीजेपी हस्तिनापुर में जीत सुनिश्चित करना चाहती है, साथ ही दलित वोटों पर भी नजर रख रही है. यानि दिनेश खटीक को मंत्री बनाना एक तीर से दो निशाना साधने जैसा लग रहा है।
धर्मवीर प्रजापति– मंत्री पद सूची में आगरा के एमएलसी धर्मवीर प्रजापति का नाम भी शामिल है। खंदौली के हाजीपुर खेड़ा निवासी धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस जिले के बहरदोई के रहने वाले हैं। वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। साथ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। प्रजापति भाजपा के महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं। धर्मवीर प्रजापति ने आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में समाज के लिए सेवा के कार्य आरंभ किए। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 2002 मे पहली बार उन्हें प्रदेश का दायित्व मिला। तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में वह प्रदेश के महामंत्री बने। इसके बाद दो बार प्रदेश संगठन में मंत्री का दायित्व संभाला।

छत्रपाल गंगवार– बहेड़ी विधानसभा से विधायक छत्रपाल गंगवार को योगी मंत्रिमंडल में शामिल करने की तैयारी यानि कुर्मी वोट बैंक को साधने की कोशिश चल रही है।

आपको बता दें कि छत्रपाल गंगवार बहेड़ी विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने हैं। मूलरूप से दमखोदा के रहने वाले छत्रपाल सिंह गंगवार पहली बार वर्ष 2007 के चुनाव में बहेड़ी सीट से विजयी होकर विधानसभा पहुंचे थे। तब उन्होंने सपा के अताउर्रहमान को कम वोटों के अंतर से हराया था। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी नसीम अहमद को हराकर वह दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में विस्तार करके छत्रपाल गंगवार को सरकार में शामिल करने से फैसले से कुर्मी वोटबैंक पर भाजपा की पकड़ मजबूत होगी। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से संतोष गंगवार के हटाने की भरपाई भी हो सकेगी। बता दें कि इस समय जिले की दोनों लोकसभा और सभी 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। जिला पंचायत और मेयर की सीट भी भाजपा के ही खाते में है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर कैंट विधायक राजेश अग्रवाल को वित्त मंत्री और धर्मपाल सिंह को सिंचाई मंत्री बनाया गया था। इसके अलावा केंद्र सरकार में बरेली के सांसद संतोष गंगवार को जगह मिली।

इससे केंद्र और राज्य सरकार, दोनों में ही बरेली का दबदबा था। मगर मौजूदा समय में जिले से कोई भी जनप्रतिनिधि केंद्र या राज्य सरकार में मंत्री नहीं है। लोगों का कहना है कि इस फैसले से भाजपा की कुर्मी वोट बैंक पर तो पकड़ मजबूत होगी ही, साथ ही क्षेत्र के प्रतिनिधित्व को संदेश भी जाएगा।

संजय गौड़– सोनभद्र के ओबरा से विधायक संजीव सिंह गोंड़ उर्फ संजय गोंड़ को मंत्री बनाने की चर्चा तेज हो गई है। संजय गोंड अनुसूचित जनजाति से आते हैं, अपनी सादगी के लिए चर्चित रहते हैं। सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली समेत कई जिलों में अच्छी तादाद में मौजूद गोंड़ जाति को साधने के लिए भाजपा उन्हें मंत्री बना सकती है। इससे पहले इस समुदाय के विजय सिंह गोंड़ भी सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

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