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जितेन्द्र जायसवाल नगर पालिका उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।


नगर पालिका उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।

नागदा जंक्शन जिला उज्जैन. (निप्र)- नागदा नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष के खिलाफ जिला कलेक्टर महोदय को 12 पार्षदो के हस्ताक्षरयुक्त आवेदन कल दिनांक 26/12/2025 को स्वयं पार्षदो ने कलेक्टर श्री रोशन कुमार सिंह को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर दिया गया।
नगर पालिका नागदा के उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पार्षदो ने इसलिए पेश किया गया कि वर्ष 20 जुलाई 2022 में 22 पार्षदो को नागदा की जनता अपार जन समर्थन से भाजपा को निर्वाचित किया। निर्वाचित होने की वजह श्रीमती विमला चैहान पूर्व अध्यक्ष, श्रीमती शोभा यादव पूर्व अध्यक्ष, श्री गोपाल यादव पूर्व अध्यक्ष, श्री राजेन्द्र अवाना पूर्व अध्यक्ष, श्री अशोक मालवीय पूर्व अध्यक्ष सभी का स्वर्णिम कार्यकाल रहा नतीजा भाजपा की परिषद 22 पार्षदो के साथ बहुमत में आई लेकिन 3 वर्ष का कार्यकाल समाप्त हो रहा है हमने सड़क, शुद्ध पेयजल, साफ सफाई के मुद्दे पर चुनाव जीता। वर्तमान अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली इन तीनो मुद्दो पर असफल रही। सड़को की क्या हालात है हमारे शहर को अशुद्ध पेयजल पिलाया जा रहा, फिल्टर प्लांट जैसे चीज बन्द पड़ी हमारे शहर में सफाई का हालात क्या है वो किसी से छूपा नहीं है जनता हमसे जवाब मांग रही है।
नपा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष द्वारा भ्रष्टाचार की बंदरबाट की जा रही शहर का काम अवरूद्ध पड़ा है। लगभग 225 प्रस्ताव में से 150 प्रस्ताव पर काम ही नहीं तो पाया राजनैतिक संरक्षण के प्राप्त होने से म.प्र. न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 43 के अन्तर्गत नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 2 वर्ष के अन्तर्गत लाने का प्रावधान था लेकिन पूर्व में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया लेकिन राज्य सरकार ने 2 वर्ष के प्रावधान को 3 वर्ष कर दिया फिर जागरूक पार्षदो ने 3 वर्ष उपरान्त फिर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया लेकिन राजनैतिक संरक्षण के वजह से 3 वर्ष के प्रावधान को साढ़े चार वर्ष कर दिया गया लेकिन जिला कलेक्टर के पत्र क्रं. 248/25/ दिनांक 18.09.2025 के परिपत्र में याचिकाकर्ता को अवगत कराया गया कि यदि उपाध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव चाहते है तो संशोधित मांग पत्र यदि पार्षदो द्वारा पेश किया जाता है विधि अनुसार कल 12 निर्वाचित पार्षदो के परिवर्तित विधिक प्रावधानो के तहत उपाध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। अविश्वास प्रस्ताव में धारा 54 के अन्तर्गत 6 से 8 माह में परिषद की बैठक धारा 59 परिषद की आहुत बैठक का सभापति कौन अध्यक्ष सदन में मौजूद है और आहुत सम्मेलन को उपाध्यक्ष व सांसद प्रतिनिधि ओ. पी. गेहलोत संचालित करते है। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष नियमों के विपरीत नगर पालिका संचालित की जा रही है तथा धारा 71 की विभागीय समिति के 80 प्रतिशत पार्षदो के त्यागपत्र पश्चात धारा 70 के अन्तर्गत पीआईसी कर 40-40 लाख रूपये के प्रस्ताव 1-1 लाख के हजारो फर्जी बिल बनाकर पिछले 3 वर्षो से व 42 लाख रू. की रोटरी जिसमें बाज पिंजरे में बंद है, तथा बद्रीविशाल चैक पर 85 हजार रूपये का त्रिशुल आदि के कार्य करके करोड़ो रूपये का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इसलिए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सांठगांठ कर नियमो की अनदेखी तथा शहर के प्रमुख मुद्दे सड़क शुद्ध पेयजल सफाई मुद्दो से भटक रहे है। इसलिए जो जनप्रतिनिधि जिन्होने अच्छे कार्य किये जिसके कारण हमारी परिषद लगातार 4 बार निर्वाचित हुई लेकिन वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष को तो बचा लिया गया लेकिन उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में प्रारूप 1 से 7 तक की जांच 30 दिवस की समय अवधि याचिका संख्या 6992/2025 दिनांक 15.12.2025 में जिलाधीश महोदय को अपनी जांच पुरी की जाना है ऐसे में नपाध्यक्ष पीआईसी के सभापति व नपा अधिकारियो को कैसे बचा पायेंगे ? जनता को हमे नगर पालिका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष द्वारा करोड़ो के भ्रष्टाचार किये जा रहे है इसलिए परिषद के उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा रहा है। अविश्वास प्रस्ताव पर वरिष्ठ के निर्वाचित पार्षदो में श्रीमती उषा रामू सिसोदिया, श्री शिवकुमार पोरवाल, श्रीमती मंजु राजेश गगरानी, श्रीमती सीमा भूपेन्द्र राणावत, श्रीमती अन्तिम आशीष मावर, श्री महेन्द्रसिंह चैहान, श्री शशीकांत मावर, श्रीमती स्नेहलता सेंगर, श्री सतीश कैथवास, श्रीमती उषा नरेश यादव, श्री साहिल शर्मा, श्री सुमित गोलू यादव ने हस्ताक्षर कर शहर के समग्र विकास सुशासन परिषद भ्रष्टाचार मुक्त हो इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।
उक्त जानकारी वार्ड 16 की पार्षद श्रीमती अंतिम आशीष मावर ने दी है।

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