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सोनभद्र मानवाधिकार संगठन में हड़कंप; जिला प्रभारी की तानाशाही का पर्दाफाश

पूर्व जिला महासचिव अमान खान के इस्तीफे के बाद बौखलाहट में आए जिला प्रभारी अभद्र भाषा पर उतरे

*सोनभद्र:* समग्र मानवाधिकार एसोसिएशन के जिला प्रभारी इस्तियाक अली अंसारी की तानाशाही और संगठन विरोधी गतिविधियों के खिलाफ अब मोर्चा खुल गया है। पूर्व जिला महासचिव अमान खान के पद छोड़ने के बाद संगठन पूरी तरह बिखर चुका है, जिससे बौखलाकर जिला प्रभारी अब निजी हमलों और अभद्र भाषा का सहारा ले रहे हैं। हाल ही में इस्तियाक अली अंसारी द्वारा अमान खान को भेजे गए संदेशों ने यह साबित कर दिया है कि वे संगठन को अपनी जागीर समझते हैं। वे कार्यकर्ताओं को 'काबिलीयत' का पाठ पढ़ा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि उनके कार्यकाल में संगठन सिर्फ 'चाटुकारिता' का अड्डा बनकर रह गया है। अमान खान ने करारा जवाब देते हुए कहा, "मैंने बहुत पहले ही इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मैं सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता। राबर्ट्सगंज जानता है कि सड़कों पर उतरकर जनता के लिए संघर्ष किसने किया। जो लोग एसी कमरों में बैठकर सिर्फ 'सम्मान पत्र' बटोरते हैं, वे संघर्ष की परिभाषा क्या जानेंगे? मेरी खामोशी को कमजोरी न समझें, जिला प्रभारी अपनी नींव हिलती देख अब निचले स्तर की राजनीति पर उतर आए हैं। अमान खान के समर्थन में आए अन्य पूर्व कार्यकर्ताओं ने भी स्पष्ट किया है कि इस्तियाक अली की कार्यशैली ने संगठन की छवि को धूमिल किया है। जल्द ही जिला प्रभारी की इन हरकतों की लिखित शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष और हाईकमान से की जाएगी, ताकि संगठन को ऐसे "पद-लोलुप" लोगों से मुक्त कराया जा सके।

*विशेष टिप्पणी:* मैंने ये स्क्रीनशॉट्स और निजी संवाद मजबूरीवश सार्वजनिक किए हैं, क्योंकि जिला प्रभारी इस्तियाक अली अंसारी द्वारा मुझे लगातार मानसिक रूप से अपमानित किया जा रहा था। एक जन-सेवक और जिम्मेदार पूर्व पदाधिकारी होने के नाते, मेरा यह कर्तव्य है कि मैं जनता और संगठन के सामने उनकी इस असलियत को 'जन-हित' (Public Interest) में रखूँ, ताकि भविष्य में किसी और निष्ठावान कार्यकर्ता के स्वाभिमान को चोट न पहुंचे।

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