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युनेस्को ने दीपावली को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची’ में शामिल करने की घोषणा की

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
युनेस्को ने दीपावली को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची’ में शामिल करने की घोषणा की है।यह भारत का 16 वीं उपलब्धि है जिसे यूनेस्को की वैश्विक जीवन्त परम्पराओं की सूची में स्थान मिला है। भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक, दीपावली उन अनगिनत समुदायों, समूहों और व्यक्तियों के लिए गहरा अर्थ रखती है जो इसे अपने-अपने तरीके से मनाते हैं। भारत और दुनिया भर में मनाया जाने वाला यह पर्व, रचनात्मक समुदायों और सांस्कृतिक कारीगरों को आजीविका सहायता प्रदान करता है। ये कारीगर अपनी विविध कलात्मक अभिव्यक्तियों से इस उत्सव को लगातार समृद्ध करते हैं। इनमें दीये, बिजली की लड़ियाँ, मोमबत्तियाँ, हथरी, घरौंदे, तोरण,बंधनवार, देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और रंगोली शामिल हैं। दीपावली के दौरान, उपहारों के आदान-प्रदान की प्रथा उत्सव की खुशी को बढ़ाती है, जिससे दुकानों और बाज़ारों में मिठाइयों, नमकीन, सूखे मेवों से लेकर एथनिक कपड़ों, सजावट के सामान, उपहारों और आभूषणों की भारी खरीदारी देखने को मिलती है।

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