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शामली में प्रशासनिक फेलियर! आरटीओ की लापरवाही से उजड़ा एक परिवार – ओवरलोडिंग का सिंडिकेट खुलेआम बेखौफ! 🔥

शामली में प्रशासनिक फेलियर! आरटीओ की लापरवाही से उजड़ा एक परिवार – ओवरलोडिंग का सिंडिकेट खुलेआम बेखौफ! 🔥

ब्यूरो रिपोर्ट – शामली
रिपोर्टर
सुमित कुमार उपाध्याय

शामली जनपद में ओवरलोडिंग का खेल अब खुलेआम प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है। सबसे बड़ा सवाल—
क्या शामली में कोई प्रशासन बचा भी है या ओवरलोडिंग माफिया ने पूरी व्यवस्था को बंधक बना लिया है?

थाना भवन क्षेत्र में गन्ने से भरे एक ओवरलोडेड ट्रक ने 35 वर्षीय युवक विकास पुत्र मदनलाल, निवासी केवलपुरी (मुज़फ्फरनगर), की जान ले ली। विकास अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गांव रांझड़ में शादी में शामिल होने जा रहा था। खुशियों के पल एक झटके में मातम में बदल गए।

ओवरलोडिंग ने एक और घर तबाह कर दिया… और फिर भी कार्रवाई शून्य!


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👉 आरोपी ट्रक चालक – राजकुमार, पुत्र सुखबीर, निवासी – बागपत

स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रक इतना ओवरलोड था कि किसी भी समय हादसा हो सकता था।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल—यह ट्रक आरटीओ की नाक के नीचे से कैसे निकल गया? किसकी अनुमति पर चल रहा था?


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🔥 आरटीओ शामली पर सबसे बड़ा सवाल – क्या वाकई नियंत्रण में है ओवरलोडिंग? या फिर ‘शॉर्टकट रूल’ चल रहा है?

जनपद में यह चर्चा खुलकर हो रही है कि
“शामली आरटीओ के टॉलरेन्स ज़ोन में ओवरलोडिंग का अपना अलग ही कानून चलता है—जुर्म, एक्सीडेंट और मौतें… लेकिन कार्रवाई नहीं!”

गन्ने के ओवरलोडेड ट्रक, रेत माफिया, डग्गामार वाहन—
सब कुछ खुलेआम दौड़ रहा है, मानो जनपद में प्रशासन नाम की कोई चीज़ ही नहीं बची हो।

लगातार खबरें चलने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न होना
—यह खुद साबित करता है कि सिस्टम सिर्फ कागज़ों में सक्रिय है, जमीन पर नहीं।


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🔥 प्रशासन पर जनता का सीधा आरोप – “एक्शन सिर्फ कागज़ों में, मैदान में जीरो!”

थाना भवन और आसपास के ग्रामीणों का आरोप है:

“आरटीओ सिर्फ दिखावे के छापे मारते हैं, ओवरलोडिंग रोज़ बढ़ रही है।”

“जिस ट्रक ने युवक की जान ली, वह भी कई बार इसी रूट पर देखा गया है।”

“क्या किसी बड़ी कार्रवाई का इंतजार है? और कितनी जानें जाएँगी?”



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🔥 जनपद में खलबली – अब जनता पूछ रही है…

✔ क्या शामली आरटीओ ओवरलोडिंग पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे या नहीं करना चाहते?
✔ क्यों बार-बार हादसे हो रहे हैं पर फाइलें ही आगे बढ़ती हैं, कार्रवाई नहीं?
✔ क्या ओवरलोडिंग सिंडिकेट और प्रशासन के बीच कोई ‘अदृश्य गठजोड़’ है?


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🔥 पूरा मामला राज्य स्तर पर पहुँचने का संकेत – प्रशासनिक हलकों में हलचल

इस हादसे के बाद जनपद प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
सूत्रों का दावा है कि यह मामला उच्च अधिकारियों, परिवहन आयुक्त और शासन स्तर तक जा सकता है, क्योंकि सिलसिला मौतों का लगातार बढ़ रहा है।

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