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जमशेदपुर : बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 घरों के 20,000 जनता बूंद बूंद पानी को तरस रही है : सुबोध झा

बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना से स्वच्छ पेयजल बागबेड़ा कॉलोनी वासियों को नहीं मिलेगा सुबोध झा

बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना जुस्को या स्वतंत्र एजेंसी को सौपा जाए सुबोध झा

एक सप्ताह के अंदर बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना से शुद्ध पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी और विभाग ने कहा यथाशीघ्र ग्राम जल स्वच्छता समिति भयंकर नई कमेटी या स्वतंत्र एजेंसी को संचालन के लिए देंगे सुबोध झा

जमशेदपुर (झारखंड)। बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना पेयजल एवं स्वच्छता विभाग एवं ग्राम जल स्वच्छता समिति, दोनों के लिए सोने की अंडा देने वाली योजना बन गई है ,सुबोध झा अध्यक्ष बागबेड़ा महानगर विकास समिति स जिला भाजपा मुख्यालय प्रभारी एवं इस आंदोलन के आंदोलनकारी ने कहा विभाग एवं पंचायत दोनों के मिली भगत से, बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 घरों के 20,000 जनता बूंद बूंद पानी को तरस रही है।

सुबोध झा ने कहा इतने बड़े आंदोलन कर चार बार इन्हें फंड उपलब्ध कराया गया फंड की लूट हो गई और जनता को एक बूंद भी पानी नहीं नसीब हुआ और विभाग पंचायत पर आरोप लगाते हैं और पंचायत विभाग पर आरोप लगाते हैं एक दूसरे पर आरोप लगा कर 2015 से बागबेड़ा के 1140 घरों के 20000 जनता को गंदे पानी पिलाने एवं जनता एवं जिला प्रशासन को गुमराह करने का काम करते आ रहे हैं और करोड़ों रुपए का लूट दोनों मिलकर करते आ रहे हैं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को मिले फंड पाइपलाइन बिछाने में एक करोड़ 10 लाख रुपए, 21 लाख 63000, एवं वर्तमान में एक करोड़ 88 लख रुपए के लागत से फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य को मिनी जलापूर्ति योजना का फिल्टर प्लांट बनाकर इस योजना को चौपट कर दिया है 20000 की आबादी है और 5000 जनता को पानी पिलाने की योजना बना दिया है।

बागबेड़ा में पहले से 50000 गैलन कैपेसिटी का टंकी का निर्माण हुआ है और अभी मात्र 20000 गैलन कैपेसिटी का फिल्टर प्लांट का निर्माण कर दिया गया बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी की आबादी पहले 9000 की थी उदाहरण स्वरूप एक पिता के तीन पुत्र दो बेटियां थी आज माता-पिता के साथ बेटे के बहू बेटा बेटी एवं पोता पोती नाती नतनी एवं पहले 1140 घर थे आज के समय 3300 मकान हो गए हैं।

प्रत्येक घरों में भाड़ेदार भी है उसके बाद इस योजना को और छोटी करके बना दिया गया झा ने कहा जनता को जीवन भर स्वच्छ पानी 1140 घरों के 20000 जनता को प्राप्त नहीं होगा ठीक उसी प्रकार से पंचायत के द्वारा 10 50 रुपए सिक्योरिटी मनी और प्रत्येक घर से ₹100 रुपए महीने लिए जाते हैं जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है सैकड़ो घरों में अवैध कनेक्शन दिए गए हैं इस प्रकार से लूट होती आ रही है।

सूचना के अधिकार के तहत कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा रही है मजबूर होकर झारखंड हाई कोर्ट मैं जनहित याचिका दायर करने के बाद फिल्टर प्लांट के नव निर्माण के लिए एक करोड़ 88 लख रुपए उपलब्ध हुए 26 जुलाई 2024 तक योजना पूरा कर घर-घर पानी देना था जो आज तक पूरा नहीं हुआ

सुबोध झा ने कहा आगे भी इस योजना से जनता को स्वच्छ पीने योग्य पानी का लाभ नहीं मिलने वाला है इस योजना की अब सीबीआई जांच होनी चाहिए पैयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता आज कई वर्षों से पंचायत के मुखिया को पत्र भेजते हैं और हिसाब किताब का लेखा-जोखा जमा करने को कहते हैं यह प्रक्रिया कई वर्षों से चलते आ रहा है और इस पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होती है ठीक दूसरी ओर पंचायत के मुखिया कहते हैं विभाग मुझे किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करता है मेरे से बगैर पूछे विभाग सारा कार्य करता है और पूर्व मुखिया के द्वारा मुझे किसी प्रकार का कोई लेखा-जोखा नहीं दिया गया है।

इस प्रकार से जनता को पंचायत और विभाग दौनो मिल कर बुड़बक बना रहे हैं और जनता बूंद बूंद शुद्ध पानी पीने के लिए तरस रही है और मजबूर होकर पीने का पानी ₹25 से ₹30 बोतल खरीद कर पी रहे हैं सुबोध झा ने पहले ही कहा यह योजना पंचायत से नहीं चल सकती है इस योजना का संचालन स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए जुस्को, या पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, इस योजना को चलाएं सुबोध झा ने कहा न्यायालय में भी मुकदमा दर्ज है न्यायालय के आदेश के बाद भी आज तक समस्या का कोई समाधान जनता के हित में नहीं हुआ है।

सुबोध झा ने कहा बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना हो या बागबेड़ा ग्रामीण जला पूर्ति योजना हो या विभाग एवं पंचायत के लिए सोने की अंडा देने वाली योजना बन गई है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग नया प्रकरण बनाकर टेंडर कराकर लूट करने में लगी हुई है पंचायत वसूली कर कोई हिसाब किताब नहीं देकर लूट कर रही है पत्र भी संलग्न कर रहा हूं।

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