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देश की सुरक्षा के लिए सतर्कता जरूरी, मकान यां दुकान किराए पर देने से पहले करें पूरी जांच-पड़ताल

■ संदिग्ध गतिविधियों पर रखें नजर, पुलिस को दें सूचना, हर नागरिक की जिम्मेदारी से ही सुरक्षित रहेगा भारत: जोगिंदर सिंह सलारिया

देश की सुरक्षा आज एक ऐसा विषय बन चुका है, जिसपर हर नागरिक को गंभीरता से विचार करना चाहिए। इन शब्दों का प्रगटावा अंतर्राष्ट्रीय संस्था पीसीटी ह्यूमैनिटी के संस्थापक जोगिन्द्र सिंह सलारिया ने किया। उन्होंने कहा कि जब तक देश का हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगा, तब तक सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं हो सकती। हाल के वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों में हुई संदिग्ध घटनाओं और हमलों ने यह साबित कर दिया है कि सुरक्षा केवल पुलिस या सेना की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भी है। सलारिया ने कहा कि आज के समय में देखा जा रहा है कि कई लोग अपने मकान या दुकान बिना किसी जांच-पड़ताल के किराए पर दे देते हैं। यह प्रवृत्ति बेहद खतरनाक साबित हो रही है। कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां संदिग्ध लोगों ने फर्जी पहचान बनाकर किराए पर घर या दुकान ली और बाद में किसी बड़ी आपराधिक या आतंकवादी गतिविधि को अंजाम दिया। इस तरह की घटनाएं न केवल देश की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय बन जाती हैं। जोगिन्द्र सिंह सलारिया ने कहा कि हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि किराएदारी केवल आर्थिक लेन-देन का मामला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। किसी को भी मकान या दुकान किराए पर देने से पहले उसकी पूरी छानबीन करनी चाहिए। किराएदार के आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस या किसी अन्य सरकारी पहचान पत्र की प्रतियां लेना आवश्यक है। साथ ही, एक लिखित किरायानामा तैयार कर उसका कानूनी सत्यापन करवाना चाहिए। इसके अलावा, यह भी आवश्यक है कि संबंधित व्यक्ति की जानकारी पास के पुलिस स्टेशन में जमा करवाई जाए। इससे प्रशासन के पास यह रिकॉर्ड रहता है कि किस व्यक्ति ने किसे मकान या दुकान किराए पर दी है। अगर भविष्य में कोई संदिग्ध गतिविधि होती है, तो जांच के दौरान पुलिस के पास तुरंत जानकारी उपलब्ध रहती है। सलारिया ने कहा कि देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो हर छोटी सतर्कता बड़ा फर्क पैदा कर सकती है। कई बार लापरवाही ही किसी बड़ी घटना का कारण बनती है। इसलिए जरूरी है कि मकान मालिक और व्यापारी अपने किराएदारों की सही पहचान और पृष्ठभूमि की जांच करें। यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध लगे या उसकी गतिविधियां असामान्य प्रतीत हों, तो इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दी जानी चाहिए। भारत में विश्व की कुल भूमि का 2.4% हिस्सा है, जबकि विश्व की जनसंख्या का प्रतिशत यहां बहुत अधिक है।भारत जैसे विशाल देश में, जहां दुनिया की लगभग 17.78 प्रतिशत आबादी निवास करती है, जो इसे दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना है, इस आंकड़े का मतलब है कि दुनिया के हर 100 लोगों में से लगभग 18 लोग भारत में रहते हैं। इतनी बड़ी आबादी वाले देश में सुरक्षा तंत्र तभी प्रभावी हो सकता है जब हर नागरिक अपनी भूमिका निभाए। आज जो देश में हमले और असामाजिक घटनाएं हो रही हैं, वे कहीं न कहीं हमारी ही लापरवाही का परिणाम हैं। हम अक्सर थोड़े से आर्थिक लाभ के लिए अपनी जिम्मेदारी को नजऱअंदाज़ कर देते हैं। बिना किसी प्रूफ या जांच के लोगों को घर या दुकान किराए पर देना न केवल अपने लिए बल्कि समाज और देश के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। देश की सुरक्षा और उन्नति के लिए जरूरी है कि हर नागरिक अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाए। हम सबको यह समझना होगा कि सुरक्षा केवल सीमा पर तैनात सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं है। जोगिन्द्र सलारिया ने कहा कि जब हम अपने आस-पास होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेंगे, तभी हम एक सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकेंगे। सरकार और प्रशासन लगातार इस दिशा में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। कई राज्यों में पुलिस विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी को भी किराए पर घर या दुकान देने से पहले उसकी पृष्ठभूमि की जांच जरूर करें और उसका ब्यौरा स्थानीय थाने में जमा करवाएं। इससे अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सकता है और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई संभव होती है। देश की सुरक्षा व्यवस्था तभी मजबूत होगी जब आम नागरिक जागरूक और जिम्मेदार बनेंगे। यदि हम सभी अपने स्तर पर छोटी-छोटी सावधानियां अपनाएं, जैसे कि किराएदार का रिकॉर्ड रखना, पुलिस को सूचना देना, संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखना, तो हम बड़ी घटनाओं को भी रोक सकते हैं। जोगिन्द्र सलारिया ने कहा कि आज आवश्यकता है कि हर व्यक्ति सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। आर्थिक लाभ से अधिक महत्व देश की सुरक्षा को दें। यदि समय रहते इन बातों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में देशवासियों को भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। देश की उन्नति और शांति तभी संभव है जब नागरिक अपने कर्तव्यों को समझें और उन्हें निष्ठा से निभाएं। सुरक्षा के मामले में जरा-सी भी लापरवाही भविष्य के लिए खतरा बन सकती है। इसलिए यह हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने स्तर पर पूर्ण सतर्कता बरते, कानूनी दस्तावेज तैयार करे और प्रशासन को हर जरूरी जानकारी उपलब्ध कराए। जोगिन्द्र सलारिया ने अंत में कहा कि देश की सुरक्षा में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। थोड़ी-सी सावधानी, जागरूकता और जिम्मेदारी से हम न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे राष्ट्र को सुरक्षित रख सकते हैं।

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