logo

जितेन्द्र जायसवाल नागदा जिला उज्जैन मध्य प्रदेश विधायक को पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं क्या विधायक पुत्र से चलेगा पुलिस थाना

विधायक को पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं

क्या विधायक पुत्र से चलेगा पुलिस थाना

जितेन्द्र जायसवाल नागदा जं.जिला उज्जैन मध्य प्रदेश

त्यौहार के पूर्व जिला पुलिस प्रशासन कलेक्टर द्वारा बडे दावे किए गए थे। त्यौहारों पर उत्पाद मचाने वाले को बक्शा नहीं जाएगा। उन पर ठोस कार्यवाही की जाएगी लेकिन नागदा शहर में मंडी थाना के अधिकारियों ने जिले के अधिकारियों के आदेश को हवा में उड़ा दिया। दीपावली पर्व दो मामले ऐसे आए जिसमें कुछ असमाजिक तत्त्वों ने उत्पाद मचाकर शहर की शांति भंग करना चाही। वह तो गनिमत थी कि पीडितों व रहवासियारों में मन को काबू में किया अन्यथा त्यौहार पर बडी घटना घट सकती थी। एक मामले में तो हिंदु संगठन विहिप को सामने आना पड़ा लेकिन उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। सूत्रों के मुताबिक इन दिनों पुलिस की कार्यवाही में विधायक पुत्र का मोह होने से कार्यवाही उनके अनुसार हो रही है।

क्या है मामला-दीपावली पर्व 20 अक्टूबर व पड़वा 21 अक्टूबर को रात्रि में दो स्थानों पर विवाद हुए। पहला विवाद दीपावली पर्व पर इन्द्रा कॉलोनी में हुआ। वहां पर एक मुस्लिम महिला व उसके बेटों ने आसपास लोगों द्वारा की गई आतिशबाजी का विरोध किया ओर उन्हें अपने सबसे बडे त्यौहार पर भी खुशी मनाने से रोका। इस घटना का विडियों भी सामने आया। जिसमें साफ दिख रहा है कि महिला अशब्द का उपयोग कर हिंदु समाज के लोगो को आतिशबाजी करने से रोक रही हैं। दूसरा मामला 21 अक्टूबर की रात्रि में ओझा कॉलोनी गली नं 6 में हुआ। यहां पर कुछ किन्नरों ने आसपास के लोगों के साथ मारपीट कर कॉलोनी में उत्पाद मचाया इसका विडियों

पुलिस ने नहीं दिखाई गंभीरता

इन्द्रा कॉलोनी में हुए विवाद के दौरान विश्व हिंदु परिषद् के पदाधिकारियों से भी धक्का मुक्की कि गई, उसके बाद अन्य पदाधिकारी भी पुलिस थाने पहुंचे और कार्यवाही करने की मांग करने लगे। लगभग 2 से 3 घंटे तक विहिप के पदाधिकारी थाने पर डटे रहे लेकिन पुलिस ने महज महिला के एक ही बेटे पर धारा 151 में कार्यवाही की। इस कार्यवाही में भी अलगे ही दिन आरोपी को जमानत मिल गई। पुलिस ने आरोपी की जमानत निरस्त करने के लिए भी कोई पहल नहीं की। इसी प्रकार ओझा कॉलोनी में हुए विवाद में भी कॉलोनी के लोग रात में ही पुलिस थाने पहुंच गए उस समय भी लगभग 4 घंटे तक पीडित लोग पुलिस थाने पर डटे रहे लेकिन रात 1 बजे थाना प्रभारी ने उन्हें रवाना कर दिया। टीआई ने अलग दिन यानी 22 अक्टूबर शाम 4 बजे पांच किन्नरों के

खिलाफप्रकरण दर्ज किया।

भी सोशल मिडिया पर वायरल हुआ। इस विवाद में 8 लोग घायल हुए ओर दो मकानों में किन्नरों द्वारा तोडफोड की गई। किन्नरों के साथ में कुछ अन्य लोग भी जो अन्य प्रांत के निवासी है वह भी मारपीट कर रहे थे।

विधायक पुत्र का हस्तक्षेप सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार इन दिनो विधायक पुत्र शहर के दोनों थानों में आने वाले प्रकरण में से अधिकांश प्रकरणों में हस्तक्षेप करते है। इसका उदाहरण 20 अक्टूबर की रात्रि में हुई घटना में देखने को मिला। पुलिस ने जब रात्रि में 151 में आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की तो अगले दिन सोशल मिडिया पर पुलिस व जनप्रतिनिधि के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखने को मिला। विहिप के पदाधिकारी भी विधायक के पास इस मामले की

सत्यवादी विधायक को किसी पर नहीं है भरोसा

इस घटना से एक बात सिध्द हो गई कि अपने आप में सत्यवादी कहने वाले विधायक की आंखो के नीचे ही इस तरह के खेल चल रहे है। विधायक भी पुत्र मोह में बंध चुके हैं। जिस कारण वह पार्टी के किसी भी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारी पर विश्वास नहीं करते हैं। कोई भी मामला आता हैं तो उनके पुत्र ही निराकरण करते हैं। विधायक ने तो अपने एक पुत्र को अपना वाहन चालक भी बना रखा है। अधिकांश समय विधायक अपने पुत्र के साथ ही आना-जाना करते है। बताया जा रहा है कि विधायक के पुत्र दोनों थानो के थाना प्रभारियों को दिशा निर्देश देते है जिससे सिध्द होता है कि विधायक पुत्र थाना चला रहे है क्या अब शहर की जनता न्याय के लिए पहले विधायक पुत्र के पास जाए या पुलिस के पास जाए। यह सवाल चर्चा का विषय बन गया हैं।

शिकायत करने पहुंचे तो उस समय विधायक पुत्र ने उनसे पुरी जानकारी लेकर थाना प्रभारी से चर्चा की जिसके बाद थाना प्रभारी ने दो आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। जबकि एक दिन पहले सिर्फ एक ही आरोपी पर प्रकरण दर्ज किया था। जबकि यह कार्यवाही दीपावली पर्व की रात्रि में ही हो जाना था। यदि उस रात्रि में प्रकरण दर्ज कर लेती तो क्षेत्र के लोग आराम से दीपावली पर्व मना लेते लेकिन 4 घंटे तक थाने में बैठने के बाद भी पुलिस ने कार्यवाही नहीं की थी। लेकिन पुलिस अभी तक इस मामले में दोनों आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई। विहिप में आक्रोश-प्रदेश व केंद्र में विहिप

की विचारधारा वाली पार्टी की सरकार हैं लगभग 22 वर्षों से प्रदेश में सरकार हैं लेकिन यह पहला मौका हैं जब विहिप के

पदाधिकारियों को एक मुस्लिम पर कार्यवाही करवाने के लिए घंटो तक थाने में बैठा रहना पड़ा ओर पुलिस ने कार्यवही नहीं की। बाद में जब विधायक की चौखट पर विहिप पदाधिकारी ने दस्तक दी तो पुलिस ने कार्यवाही करी। पिछले दो वर्षों में ओर भी कई मामले ऐसे हुए जिसमें विहिप व अन्य हिन्दू संगठनों के लोगों को कार्यवाही करवाने के लिए घंटो तक थाने पर बैठे रहना पड़ा। यहां तक की कुछ संगठन ने तो सडक पर उतरकर आंदोलन भी किया। इस पूरे घटनाक्रम से प्र विहिप व अन्य हिंदु संगठनों में आक्रोश है। सूत्रों का कहना है कि विधायक नेप सभी विभाग के अधिकारियों को बोल रखा है कि वह किसी की नहीं सुने अपने विवेक से काम करे। विधायक व उसके पुत्रों के द्वारा पुलिस कार्य में हस्तक्षेप करने से पुलिस थाने से कई अधिकारी चले गए ओर नए अधिकारी आना नहीं चाहते जिससे अव्यवस्था का अंबार लग गया है ओर कई मामले पेंडिंग पडे है। इसका उदाहरण भी यह है कि नागदा मंडी थाने में तीन माह में दो टीआई का ट्रांसफर हुआ एक टीआई ने अपने इच्छा से ट्रान्सफर करवाया उनके स्थान पर जब कोई नहीं आ रहा था तो जिला प्रशासन ने पुराने टीआई को ही नागदा भेजा। जबकि इन्ही टीआई की कार्यप्रणाली को लेकर अचानक उनका स्थानंतरण कर दिया गया था। इसी प्रकार बिरलाग्राम में भी काफी समय से एसआई को थाना प्रभारी का चार्ज देम रखा है। विधायक की इस कार्यप्रणाली से भाजपा पार्टी में भी आक्रोश के स्वर व गूंजते दिखाई दे रहे हैं।

1
99 views