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थानों के चक्कर लगाने वाले तथाकथित पत्रकारों’ की बढ़ी सक्रियता|||



*सेटिंग-गेटिंग में फंसी दांव पर पत्रकारिता की साख*

फतेहपुर। जिले में पत्रकारिता की मर्यादा और साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। फतेहपुर के कई थानों में इन दिनों कुछ तथाकथित पत्रकारों की सक्रियता तेजी से बढ़ गई है। दिन-रात थाने के इर्द-गिर्द घूमने वाले ये लोग खुद को पत्रकार बताकर थाना प्रभारियो की प्रशंसा में कसीदे पढ़ते हैं और अपने निजी हित साधने में लगे रहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कई ऐसे कथित पत्रकार हैं जो लंबित विवेचनाओं में आरोपियों के नाम हटवाने के लिए पुलिस से सेटिंग-गेटिंग करते हैं। आरोप है कि जुआ, शराब, अवैध मिट्टी खनन, लकड़ी कटान और ओवरलोड ईंट लदे वाहनों के परिवहन जैसे अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के साथ मिलकर ये कथित कलमकार दलाली तक कर रहे हैं। कुछ मामलों में पीड़ितों से "न्याय दिलाने" के नाम पर मोटी रकम की वसूली तक किए जाने की शिकायतें सामने आई हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे तथाकथित पत्रकारों की वजह से असली पत्रकारिता की साख धूमिल हो रही है। जहां पत्रकारों को समाज की आवाज बनना चाहिए, वहीं कुछ लोग इसे निजी लाभ का साधन बना रहे हैं।

*जनता और ईमानदार पत्रकारों की मांग फर्जी कलमकारों पर सख्त कार्रवाई जरूरी*

समाज के प्रबुद्ध नागरिकों और ईमानदार पत्रकारों ने कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसे दलाल प्रवृत्ति वाले तथाकथित पत्रकारों की जांच कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इन तत्वों के कारण सच्ची पत्रकारिता की गरिमा दांव पर है। प्रशासन यदि ठोस कदम उठाए, तो फतेहपुर में पत्रकारिता की साख और सच्चाई की मशाल फिर से उजली हो सकती है।

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