
जितेन्द्र जायसवाल नागदा जिला उज्जैन मध्य प्रदेश
बांकेबिहारी मंदिर का खुला खजाना
मथुरा
उठा सवाल, कहां गया ठाकरजी का माल
बांकेबिहारी मंदिर का खुला खजाना
मथुरा
उठा सवाल, कहां गया ठाकरजी का माल
कहा गया था कि हीरों जडित छड़ी समेत काफी जेवरात हैं, दिनेश गोस्वामी ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की
संवाद न्यूज एजेंसी जन जन की आवाज
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वृंदावन। ठाकुर श्री बाकेचिहारी मंदिर का रहस्यमयी खजाना तो खुल गया है लेकिन एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर खजाने का माल कहां गया। उम्मीद तो यह लगाई जा रही थी कि खजाने में कीमती हीरे, जवाहरात, एक बेशकीमती होतें जड़ित छड़ी भी है लेकिन ऐमा कुछ नहीं मिला। कमेटी के सदस्य सेवायत ने भी सवाल खड़ा किया और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की प्रशासनिक अधिकारियों से बात कही है।
खजाने में खाली संदूक और आभूषणों के खाली बॉक्स मिले जो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। गौरतलब है कि श्री बांकेविहारी मॉदर में 54 सालों से बंद मंदिर का तोषखाना जब खोला गया तो उसमें निकले सामान को लेकर सभी को आश्चर्यचकित रह गए।
इस तोषखाने में कोई भी कीमती बस्तु नहीं निकली। यहां एक संदूक निकला। जिसमें कुदे टूटे हुए हैं। जब बक्सा खोला गया तो उसमें देखा कि उसमें आभूषणों के खाली हिरुले रखे थे।
इसे देखकर काफी चर्चाएं होने लगीं। वहीं कुछ बर्तन और लकड़ी का सामान अभी तक मिला है। जिसकी लिखापदी के बाद दोबारा सामान को तोषखाने में रख दिया है और उससे सील कर दिया है। आगामी दिनी में फिर से यह तोषखाना खुल सकता है। अभी एक कमरा और दो संदूक बाकी हैं जिन्हें खोला नहीं गया है पर यह
दो बार हो चुकी हैं चोरी
सेवायत सदस्य दिनेश गोस्वामी यह भी बताते हैं कि इस तोषखाने में दो हैं। पहली चोरी सन 1926 और बार चोरी की वारदात भी हो चुकी दूसरी चोरी 1936 में इन दोनों हुई घटनाओं में सारा माल चोरी गया या फिर कभी और माल निकाला गया। सन 1971 में यह खजाना कोर्ट के आदेश पर सील किया गया था। क्या उससे पहले ही माल निकाला गया, इन सभी बातों के रहस्य से पदों उठना चाहिए।
आस कम ही है कि उनके भीतर कुछ निकलेगा।
श्री बकिबिहारी मंदिर हाईपावर्ड कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी का कहना है कि खजाना तो खुल गया लेकिन सवाल जहर खड़ा कर गया, आखिर सारी चीजे कहां चली गई।
उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है। वह अगली मीटिंग में भी इस बात को प्रमुखता के साथ उठाएंगे। अध्यक्ष से मांग करेंगे कि वह इस मामले जांच कराएं। ऐसा कैसे हो सकता है कि डिस्ले निकलें और माल नहीं। साथ ही बक्से के कुंदे भी कटे निकले। यह मामला अब बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।
इस मामले में दिनभर चर्चा होती रही। प्रशासनिक टीम भी यह देखकर अचंभित थी कि तोषागार में आखिर कुछ भी कीमती क्यों नहीं मिला। आभूषणों के केवल खाली डिब्बे ही यहां क्या कर रहे थे। अभी टीम आगे भी अपनी तलाश जारी रखेगी।
बांकेबिहारी मंदिर के तोषखाने में आभूषणों के खाली बॉक्स। संवाद
बांकेबिहारी मंदिर के तोषखाने में मिला सामान।