
दीपावली पर माँ लक्ष्मी की कृपा से सुख-समृद्धि प्राप्त करे : डॉ. सुरेश मिश्रा
श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली के पीठाधीश ज्योतिष आचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि श्री मार्तण्ड पंचांग और पंचांग दिवाकर अनुसार 20 अक्तूबर और 21 अक्तूबर 2025 को अमावस्या दोनों दिन प्रदोष व्यापिनी है। 21अक्तूबर 2025 को मंगलवार को श्री महालक्ष्मी पूजन और दीपावली मनाना सर्वथा शास्त्र सम्मत है।
दूसरे शब्दों में दीपावली का मुख्य अर्थ ही लक्ष्मी पूजन है I लेकिन, लक्ष्मी पूजन यदि सही विधि विधान से न हो, तो फल प्राप्ति मुश्किल हो जाती है I अष्टसिद्धि और नवनिधि की देवी महालक्ष्मी का पूजन सभी भौतिक कार्यों में सफलता के लिए किया जाता है I
पूजा क्यों : दीपावली के समय पर महालक्ष्मी और गणेश की पूजा का विशेष विधान है I कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को जब सूर्य और चंद्र दोनों तुला राशि में होते हैं, तब दीवाली का त्यौहार मनाया जाता है I
व्यापारी वर्ग अपनी दुकान या प्रतिष्ठान पर दिन में लक्ष्मी का पूजन करता है I दूसरी ओर गृहस्थ सांय प्रदोष काल में महालक्ष्मी का आह्वान करते हैं I गोधूलि लग्न में पूजा आरंभ करके महानिशीथ काल तक अपने-अपने अस्तित्व के अनुसार महालक्ष्मी के पूजन को जारी रखा जाता है I इसका अर्थ यह है कि जहां गृहस्थ और व्यापारी वर्ग के लोग धन की देवी लक्ष्मी से समृद्धि की कामना करते है, वहीं साधु-संत और तांत्रिक कुछ विशेष सिद्धियां अर्जित करने के लिए रात्रिकाल में अपने तांत्रिक षटकर्म करते है I
माँ महालक्ष्मी पूजन का समय : माँ महालक्ष्मी पूजन स्थिर लग्न वृष ,सिंह एवं कुम्भ में ही करना उचित माना गया है I व्यावसायिक स्थल में पूजा कुम्भ लग्न में दोपहर 2 बज कर 42 मिन्ट से 4 बज कर 06 मिन्ट तक होगी I जबकि घर में पूजन का समय वृष लग्न सायं 7 बज कर 1 मिन्ट से 8 बज कर 55 मिन्ट तक व साधना और सिद्धि के लिए सिंह लग्न में रात्रि 1 बज कर 32 मिन्ट से 3 बज कर 52 मिन्ट तक
होगी I
■ आप विशेष क्या ध्यान रखें ?
श्री महालक्ष्मी पूजन के समय सबसे विशेष यह है कि प्रतिमाएं खंडित नहीं होनी चाहिए I चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश जी के दाईं तरफ लक्ष्मी जी की स्थापना करें I भगवान गणेश जी को दूर्वा का और लक्ष्मी जी को कमल के फूल का आसन दें I भगवान गणेश जी को सफेद वस्त्र और लक्ष्मी जी को लाल वस्त्र अर्पित करें I
■ पूजन की सामग्री : महालक्ष्मी पूजन में केशर, रोली, चावल, पान, सुपारी, फल, फूल, दूध, खील, बताशे, सिंदूर, सूखे, मेवे, मिठाई, दही, गंगाजल, धूप, अगरबत्ती, दीपक, रूई तथा कलावा नारियल और तांबे का कलश चाहिए I सामग्री कितनी हो-इसका कोई विधान नहीं है I
वास्तु शास्त्रानुसार पूजा के समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए I
विशेष जन्म राशि या नाम राशि अनुसार सुख समृद्धि प्राप्ति के सरल उपाय :
(1) मेष राशि : गणेशजी को बूंदी के लड्डू चढ़ाएं I रंगीन कम्बल या गर्म कपड़े दान करें I कुत्तों को इमरती खिलाएं I नैऋत्य कोण में सरसों का दीपक रातभर जलाएं I
(2) वृष राशि : हनुमानजी को गुड़-चना चढ़ाएं I बच्चों को रेवड़ियां बांटें I दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाएं I
(3) मिथुन राशि : पानी वाला नारियल तथा बादाम दुर्गाजी को या काली मंदिर में दक्षिणा सहित चढ़ाएं I पक्षियों को दाना चुगाएं,घर के बड़ों-बुजुर्गों को वस्त्रादि भेंट करें I घर के नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक जलाएं I
(4) कर्क राशि : हनुमानजी को बेसन के लड्डू चढ़ाएं I काली उड़द दान करें I तेल लगी रोटी कु्तों को खिलाएं I पश्चिम दिशा में घी का दीपक लगाएं I
(5) सिंह राशि : सप्त अनाज दान करें I उड़द का सामान बांटें I घर के नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक लगाएं I
(6) कन्या राशि : शनि मंदिर में तेल का दीपक लगाकर तेल दान करें I गरीबों को भोजन दान करें I नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक लगाएं
(7) तुला राशि : पीपल में मीठा जल चढ़ाकर तेल का दीपक लगाएं I रात्रि में घर के पश्चिम में घी का दीपक तथा नैऋत्य में तेल का दीपक लगाएं I
(8) वृश्चिक राशि- रंगीन कम्बल दान करें I घर के ब्रह्मस्थल पर घी का दीपक रातभर जलाएं I हनुमान जी को लड्डू का नैवेद्य लगाएं I
(9) धनु राशि : गणेशजी को लड्डू चढ़ाएं I गाय को रोटी पर घी तथा गुड़ रखकर खिलाएं I शिवलिंग पर जल में काले तिल मिलाकर चढ़ाएं I घर के नैऋत्य कोण में तेल का दीपक लगाएं I
(10) मकर राशि : साबुत मसूर दान करें I घर के बड़ों को भेंट दें I घर की दक्षिण दिशा में तिल के तेल का
दीपक लगाएं I
(11) कुंंभ राशि : माँ दुर्गा जी को नारियल चढ़ाएं I पक्षियों को दाना चुगाएं I घर के नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक लगाएं I सुगंधित जल से रुद्राभिषेक करें I
(12) मीन राशि : शनि मंदिर में दीपक, तेल तथा काली उड़द दान करें I तेल लगी रोटी कुत्तों को खिलाएं I पश्चिम दिशा में घी का दीपक लगाएं I
धन प्राप्ति हेतु विशेष मंत्र : ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः का 108 बार जाप करें I
भक्ति और श्रद्धा भाव से माँ लक्ष्मी पूजन के बाद आरती करना न भूलें I आरती के बाद प्रसाद का भोग लगाएं I इसी समय तेल के 21 दीपक व एक चारमुखी दीपक का पूजन करें I दीपक की लौ का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में धन और सुख समृद्धि प्रदान करता है I तेल का दीया बाईं और शुद्ध गाय घी का दीया दाईं तरफ रखें I दीप पूजन करने के बाद पहले मंदिर में दीप दान करें और फिर घर में दीए सजाएं। दीपावली की रात लक्ष्मी जी के सामने शुद्ध गाय घी का दीपक पूरी रात जलना चाहिए,इस बात का ध्यान रखें I