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*शरद पूर्णिमा पर बांटी गई दमा और खांसी की निःशुल्क दवा*



बहराइच नगर जरवल की कृष्णा नगर वार्ड में अग्रवाल परिसर में परंपरागत तरीके से शरद पूर्णिमा पर प्रतिवर्ष बंटने वाली दमा और खांसी की दवा निशुल्क बांटी गई इसका इतिहास कुछ बुजुर्गों से मालूम करने पर पता चला कि सैंकड़ों वर्षों से प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा को दमा और खांसी की दवा निशुल्क वितरित की जाती है स्थानीय बुजुर्ग बताते है कि इसके पूर्व राधेश्याम अग्रवाल व उनके पूर्वज जो आयुर्वेद की जड़ी बूटी से स्वयं निर्मित करके दवा बना करके प्रतिवर्ष बांटी जाती थी अब उनके निधन के बाद उनके सुपुत्र परमेश कुमार अग्रवाल व सुपौत्र अक्षय अग्रवाल इस परंपरा को कायम रखे हुए हैं और प्रतिवर्ष दवा वितरित करते हैं इस विषय में जब परमेश कुमार अग्रवाल से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि यह यह परंपरा मेरे बाबा स्व0 मदन मोहन अग्रवाल ने शुरू की थी उनके स्वर्गवासी होने के बाद मेरे बड़े पिता जी स्व0 श्री सीताराम अग्रवाल ने देखरेख की तथा उनके स्वर्गवासी होने के बाद मेरे पूज्य पिता जी स्व0 राधेश्याम अग्रवाल की देख रेख में चलता रहा गत वर्ष उनका भी निधन हो गया और अस्वस्थ होने पर पिछले कई वर्षों से मेरे द्वारा ही दवा वितरण का कार्य शरद पूर्णिमा पर होता आ रहा है जो मेरे सौभाग्य का विषय है कि मेरे पूर्वजों के द्वारा जो परंपरा कायम की थी वह आज भी निरंतर चल रही है और काफी दूर से दमा खांसी के मरीज आते हैं और यहां से दवा खाकर के लाभ उठाते हैं और उनको बीमारी में आराम मिलता है यही मेरा सबसे बड़ा सौभाग्य है और जब तक ईश्वर की मर्जी होगी तब तक यह परंपरा चलती रहेगी मेरे पुत्र अक्षय अग्रवाल भी इसमें लगे रहते हैं जब कोई मरीज यह बताता है कि मुझे फायदा हुआ है तो आत्मा प्रसन्न होती है और मेरे पूर्वज जो अब हम सब के बीच नहीं है उनकी आत्मा को शांति मिलती है इसीलिए यह कार्य निरंतर चलता आ रहा है बताते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है, मरीज को अपने साथ में बिना चीनी की खीर लाना पड़ता है जिस खीर में यह दवा डाली जाती है रात भर उसे खीर को खुले आसमान के नीचे रख करके प्रातः 4:00 बजे मरीज उस खीर को खा लेता है जिससे दमा और खांसी में आराम मिलता है भीड़ ज्यादा होने के कारण मरीज अग्रवाल परिसर व श्री राम जानकी खाटू श्याम मंदिर में बैठकर दवा खाई शरद पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर में भजन कीर्तन भी हुआ जो देर रात तक चलता रहा भक्तों ने भजनों का आनंद लिया।

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