
*कलम की खनक संस्थान द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित*
*विश्व शांति का संदेश*
बीकानेर/गंगाशहर,14.9.2025। गंगाशहर स्थित तेरापंथ भवन में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी के सान्निध्य में कलम की खनक संस्थान द्वारा आयोजित "कवि सम्मेलन" में देश के विभिन्न क्षेत्रों से समागम कवियों ने हिंसा के भयाक्रांत माहौल में विश्व को शांति का संदेश देते हुए अहिंसा संयम तप और अणुव्रत विषयों पर ध्यान आकर्षित करते हुए हिन्दी दिवस और तेरापंथ धर्मसंघ के मुख्य मुनिश्री के चयन दिवस पर शुभकामनाएं दी और परम श्रद्धेय युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी जी की दूरदर्षिता को नमन किया।
श्री राजेन्द्र जी बोथरा ने मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
अनुशासन प्रिय और उत्तमांग के धनी मुनिश्री कमल कुमार जी ने अपने उद्बोधन में सुखमय जीवन के लिए अहिंसा और मर्यादा की राह पर चलने की महत्ता पर बल दिया।
17 दिनों की तपस्या में लीन मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी कविता पाठ से भारतीय रेल यात्रा के माध्यम से नैतिकता और सद्भावना की मिसाल कायम करने का चित्रण प्रस्तुत करते हुए हर्षोल्लासित सभा परिषद् का सांमा बांधे रखा।
प्रखर वक्ता खतरगच्छ के संत श्री मेहुल प्रभ सागर जी ने जीवन में क्षमाशीलता की महत्ता का मंगलमय मार्गदर्शन दिया।
बीकानेर के कवि जुगल किशोर पुरोहित ने अणुव्रत ही धर्म हो, विश्व का कल्याण हो रचना के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। नाथद्वारा से कवियत्री उपासिका पूनम तलेसरा ने कषायों को मंद करना है आध्यात्मिक शिखर को छुना है का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया। भरतपुर के कवि श्री श्याम सिंह जघीना मधुर ने संयम और तप जीवन का आदर्श बनें, आदर्शमय जीवन प्रेरणा का पाथेय बनें विचारधाराओं से जन मानस को संदेश दिया। बाड़मेर के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से सम्मानित कवि श्री गोविंद सिंह सोढ़ी "जहरीला" ने अहिंसा का रास्ता अपना लो, अबोले जीवों की दुआ पा लो कविता पाठ से सम्मोहित किया। संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ कनकलता जैन ने मोक्ष का सोपान बनें, संयमित जीवन दीप, इन्द्रियों का संयम करें, रहें प्रभु के समीप रचना से संयमित जीवन-शैली का प्रतिबोध दिया। बाड़मेर के कवि श्री मेघराज श्रीश्रीमाल "मेघ" ने
सम्यक ज्ञान, दर्शन और चारित्र महावीर का श्रृंगार था,
सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत उनका दर्शन था। रचनाएं प्रस्तुत कर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विश्व शांति के लिए भगवान महावीर के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला।
बीकानेर के कवि श्री लीलाधर सोनी ने अपनी माधुर्य वाणी से भ्रूण हत्या के संदर्भ में प्रकृति की लीलाओं को उजागर किया।
बीकानेर के कवि अब्दुल शकूर सिसोदिया,बीकाणवी ने सौहार्द और सद्भावना का पैगाम दिया।
श्री लुणकरण छाजेड़ पहली बार दिन के उजाले में कवि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए इस सम्मेलन को आध्यात्मिक कवि सम्मेलन बताया।
श्री महेन्द्र कुमार बैद ने आगंतुक मेहमानों का श्रद्धा भक्ति से आतिथ्य सत्कार किया।
उधोगपति श्री कन्हैयालाल बोथरा, श्री बसंत नौलखा, जैन महासभा से वरिष्ठ सीए श्री आई एम सुराणा, श्री विजय कोचर, श्री लुणकरण छाजेड़, आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री गणेश मल बोथरा,पूर्व महापौर श्री नारायण चौपड़ा, श्री अमरचंद सोनी, श्री जतन दूगड़, सभा के मंत्री श्री जतन संचेती, तेयुप अध्यक्ष ललित राखेचा, मंत्री श्री मांगीलाल बोथरा, टीपीएफ अध्यक्ष श्री रतन छलानी और महिला मण्डल अध्यक्ष श्रीमती प्रेम बोथरा एवं भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीमती सुमन छाजेड़, श्रीमती संतोष बोथरा, बिंदु छाजेड़ और कमलेश सामसुखा आदि ने कवि एवं कवियत्रियों का साहित्य एवं स्मृति चिन्ह के द्वारा सम्मानित किया।
सभाकक्ष में सभा अध्यक्ष श्री नवरतन बोथरा, उपाध्यक्ष श्री पवन छाजेड़, हनुमान मल सेठिया ने आमंत्रित कलाकारों का शाल्यार्पण से सम्मानित किया।
संयोजक मोहनलाल भन्साली कलाकार ने तपोमूर्ति मुनिश्री की अनुकम्पा से आयोजित कार्यक्रम को निर्धारित समयावधि में सफल संचालन किया।