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खंडार ब्राह्मणों का बांदा खतरे के निशान पर आबादी क्षेत्र में तबाही होने का अंदेशा। खंडार तहसील मुख्यालय के पूर्वी भा

खंडार ब्राह्मणों का बांदा खतरे के निशान पर आबादी क्षेत्र में तबाही होने का अंदेशा।

खंडार तहसील मुख्यालय के पूर्वी भाग में ब्राह्मणों का बांदा स्थित है। सरकार के बिना आदेशों के कुछ शरारती तत्वों ने ब्राह्मणों के बंदे की पानी की निकासी एवं मौर्य को बंद कर दिया। जिससे बंदे का पानी एक ही जगह पर स्थिर हो गया। इस वर्ष अति दृष्टि की वर्षा होने से ब्राह्मणों का बंदा ओवरफ्लो होकर बरसों पुरानी कच्ची पाड़ मे जगह-जगह से बंदे के पानी का रसाव हो राहा है। कई वर्षों पुरानी मिट्टी की कच्ची पाड़ कभी भी टूट सकती है। जिससे आबादी क्षेत्र बैरवा बस्ती मे एवं बंजारा बस्ती में तबाही का मंजर बन सकता है। एवं पालतू पशुओं एवं वन्यजीवों की बड़ी जननी होने की संभावना बनी हुई है। दूसरी ओर ब्राह्मणों के बंदे के आसपास के किसान मनोज कुमार शर्मा, भगवान माली, मुकेश माली, गिरधर शर्मा, सीताराम चौधरी, दिनेश शर्मा, महावीर माली, छोटू लाल धोबी, आदि ने बताया कि बंदे का जलस्तर बरसात के पानी से अत्यधिक बढ़ जाने के कारण बंदे के पानी से हमारे खेतों में अत्यधिक स्थिति पर आ गया है। अत्यधिक बंदे के पानी के भराव के कारण हम किसानों की खरीफ की फसल बिल्कुल चौपट हो गई। यहां तक की पालतू पशुओं के चरने के लिए। चारा तक भी नहीं बच्चा है। लाखों रुपए की लागत से हमारे खेतों में मेड बंदी करवाई गई थी। बंदे का पानी खेतों में अत्यधिक भर जाने के कारण मेड बंदी क्षतिग्रस्त होकर मटिया मेट हो गई। बंदे का पानी हमारे खेतों में जाने के कारण लाखों रुपए के नुकसान की चपेट में आ गए हैं। जिससे हम सभी किसान आर्थिक संकट में फंस गए हैं। क्योंकि हमने ऋण लेकर कृषि संबंधी कार्य करवाए थे। इस विषय को लेकर हम किसानों ने खंडार तहसीलदार एवं खंडार उप जिला कलेक्टर आदि प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी लेकिन 2 महीने करीबन गुर्जर चुके हैं। उसके पश्चात भी प्रशासन द्वारा अभी तक बंदे के पानी से हमारी सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। यहां तक की हमने कई बार सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता को भी फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता ने हमारा फोन तक भी नहीं उठाया है।यहां तक की जिन शरारती तत्वों ने ब्राह्मणों के बंदे की मोरी पानी की निकासी को बंद किया उन शरारती तत्वों पर आज तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे अंदेशा होता है कि प्रशासन भी शरारती तत्वों से मिला-जुला है। इसीलिए पीड़ित किसानों ने जिला मुख्यालय प्रशासन एवं राजस्थान सरकार से शरारती तत्वों पर कानूनी कार्रवाई एवं तत्काल ब्राह्मणों के बंदे की मोरी एवं पानी की निकासी को खोलने की मांग की है। जिससे आगामी दिनों में होने वाली घटनाओं से वन्य जीव एवं पालतू पशु एवं बैरवा बस्ती के लोग एवं बंजारा बस्ती के लोगों की जल प्रवाह से सुरक्षा बनी रहे। इसीलिए इस विषय पर राजस्थान सरकार एवं जिला मुख्यालय प्रशासन को ध्यान देने की बड़ी आवश्यकता है।

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