
विशेष रिपोर्ट: "असली दलित आज ब्राह्मण हैं" – नितिन गडकरी का बयान सुर्खियों में
नई दिल्ली, अगस्त 2025 – केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने ब्राह्मण समाज की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा है –
"आज के दौर में असली दलित ब्राह्मण हैं।"
गडकरी ने अपनी बात को मजबूत आधार देने के लिए फ्रांसीसी पत्रकार फ्रांसिस गुइटर की रिपोर्ट का हवाला भी दिया, जिसमें ब्राह्मणों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।
रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य:
दिल्ली के 50 सुलभ शौचालयों में 325 सफाईकर्मी, सभी ब्राह्मण।
दिल्ली-मुंबई में 50% रिक्शा चालक ब्राह्मण, अधिकतर पूर्वांचल और बिहार के।
दक्षिण भारत में 70% घरेलू कामगार ब्राह्मण।
ब्राह्मणों की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम – सिर्फ ₹537।
शिक्षा में "ड्रॉप आउट रेट" और बेरोज़गारी में ब्राह्मण सबसे ऊपर।
हर दशक में 14% ब्राह्मण अविवाहित रह जाते हैं।
तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश में अनेक ब्राह्मण परिवार ₹300-₹500 में जीवन यापन कर रहे हैं।
ब्राह्मण लड़कियों की अंतरजातीय शादियों में वृद्धि, कारण – संपत्ति और सुरक्षा की कमी।
गडकरी ने यह भी चेताया कि यदि यह स्थिति बनी रही तो "कुछ दशकों में ब्राह्मणों का अस्तित्व समाप्त हो सकता है।"
गडकरी ने ब्राह्मण समाज से 7 आत्ममंथन करने वाले सवाल पूछे:
1. ब्राह्मण एकजुट कब होंगे?
2. एक-दूसरे की मदद कब करेंगे?
3. संगठनों में एकता कब आएगी?
4. एक साथ वोट कब देंगे?
5. आपस में प्रशंसा कब करेंगे?
6. ऊंचे पदों पर बैठे ब्राह्मण समाज के लिए कब खड़े होंगे?
7. गरीब ब्राह्मणों के लिए “ब्राह्मण महाकोश” कब बनेगा?
निष्कर्ष:
गडकरी का यह बयान न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि सामाजिक स्तर पर भी गहन विमर्श का विषय बन गया है। यह पहली बार है जब किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने सार्वजनिक मंच से ब्राह्मण समाज की गिरती स्थिति पर इतनी स्पष्टता से बात की है।
अब सवाल यह है — क्या ब्राह्मण समाज जागेगा?
या यह चेतावनी भी सिर्फ एक ट्वीट बनकर रह जाएगी?