
जितेन्द्र जायसवाल
बदमाश आजम न्यायालय में पेश, जेल भेजा
पुलिस प्रशासन की लुंजपुंज कार्यप्रणाली भी आई सामने
समाचार नागदा जं.जिला उज्जैन मध्य प्रदेश
बदमाश आजम न्यायालय में पेश, जेल भेजा
पुलिस प्रशासन की लुंजपुंज कार्यप्रणाली भी आई सामने
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कांग्रेस का पूर्व पार्षद बदमाश फिरोज आजम का भाई जिसके खिलाफ थाने में करीब 1 दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज हैं। कुछ दिन पूर्व कोटा फाटक स्थित मस्जिद के सामने मारपीट के मामले में पुलिस ने पूर्व पार्षद फिरोज आजम व उसके भाई आबिद आजम उर्फ मोटा एवं अन्य व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। 9 दिन से फरार चल रहे आबिद आजम को पुलिस ने हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश किया था जहां से उसे एक दिन का रिमांड मिला था। मंगलवार को उसे न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि फिरोज आजम व आबिद आजम ने 17 अगस्त को पुराना ओव्हर ब्रिज के स्थित मस्जिद परिसर में मस्जिद कमेटी सदस्य शकील खान के साथ मारपीट कर अभ्रदता की थी। फिरोज आजम द्वारा सदस्य से चंदे की राशि मांगी जा रही थी। राशि नहीं देने पर दोनो भाईयों ने विवाद
जेल ले जाते हुए पुलिस।
किया था। कमेटी द्वारा समाजजनों से चंदा इकठा कर मस्जिद की व्यवस्था में लगाया जाता है। इस राशि को लेने के लिए आजम द्वारा कमेटी पर दबाव बनाया जा रहा था जब कमेटी ने राशि देने से मना किया तो दोनो भाईयों ने अपने एक ओर साथी के साथ मिलकर मारपीट की थी जिसके बाद मेवाती समाज व मस्जिद कमेटी ने पुलिस थाने में आवेदन भी दिया था।
इसके अलावा मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने ज्ञापन देकर इस मामले में फिरोज आजम पर कार्यवाही की मांग की थी। पुलिस ने दोनों भाई फिरोज व आबिद आजम पर बीएनएस की धारा 119
(1), 296, 115 (2), 351
(3), 3(5) में प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी फिरोज को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने आबिद को पकडने के लिए कई बार प्रयास किए किंतु वह फरार हो गया यह कहना पुलिस का हैं किंतु सूत्रों की माने तो पुलिस ने ऐसा सूत्रा कोई प्रयास नहीं किया।
पुलिस की लुंजपुंज कार्यप्रणाली देखने को मिल रही हैं। पुलिस ने 9 दिन में कई बार दबिश दी किंतु वह फरार हो गया जबकि वह नागदा में ही घुम रहा था। इतना हीं नहीं उसकी गिरफतारी पुलिस नहीं कर पाई। सूत्रों की माने तो पुलिस की सांठगांठ उस समय सामने आई जब
वह अपने रिश्तेदार के साथ थाने पहुंचा ओर गिरफतारी दी। वैसे पुलिस गरीब एवं छोटे मोटे मामले में सख्ती बरतती हैं तो कई के साथ जुलूस निकालना, मारपीट करना यह सब खेल होता रहता हैं किंतु ऐसे बदमाशों का न तो जुलूस निकलता है न हीं उनके साथ सख्ती होती हैं यह जरूर है कि पुलिस झूठी वाहवाही लूटने के लिए अपने अंदाज में काफी कुछ दिखाने की कोशिश करती है। आबिद आजम को गिरफतार करने के बाद जो घटनाक्रम देखने को मिला वह चर्चा अब नगर में हो रही है उससे यह पता चलता है कि पुलिस सांठगांठ या नेतागिरी के चलते ऐसे बदमाशों पर सख्त कार्यवाही नहीं करती। घटनाक्रम में पुलिस पर यह सवाल उठ रहा है करीब एक दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी ऐसे लोगों पर सख्ती नहीं बरतना व बदमाशों को अपने हिसाब से पेश होने के लिए समय देना पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठ रही है।