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राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष देवेंद्र मांझी ने किया अंबेडकर आवासीय विद्यालय का निरीक्षण, बच्चों ने कहां कि अन्य दिन की अपेक्षा आज मिला बेहतर भोजन।

बोधगया (गया)
राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष ई. देवेंद्र मांझी शनिवार को बोधगया प्रखंड अंतर्गत डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण का उद्देश्य विद्यालय में रहने वाले बच्चों की शिक्षा, भोजन, व अन्य मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता की जांच करना था। इससे पूर्व वे राजापुर गांव स्थित सीताराम पैलेस में पहुंचे, जहां उनका स्थानीय लोगों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, मुरारी सिंह चंद्रवंशी, नन्हे खान, निरंजन कुमार, नारायण अरोड़ा, गुड्डू कुमार, गिरिजेश कुमार, एवं शुभम कुमार सहित अनेक स्थानीय लोग मौजूद थे।
एसके बाद श्री मांझी डा. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय पहुचे। जहां उपाध्यक्ष मांझी का जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कुमार एवं विद्यालय के प्राचार्य रविंद्र कुमार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। स्कूली बच्चों ने बैंड-बाजे के साथ उन्हें विद्यालय के मुख्य कार्यालय तक ले जाकर भव्य स्वागत किया। श्री मांझी विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को देखने के लिए विद्यालय का भ्रमण किया। उपाध्यक्ष ने विद्यालय की कक्षाओं, रसायन प्रयोगशाला, भौति विज्ञान तथा स्मार्ट क्लास का गहन निरीक्षण किया। जिसके बाद श्री मांझी मेस व भोजन व्यवस्था देखने के लिगए। जहां श्री मांझी ने विद्यार्थियों के भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया। भोजन कर रहे छात्रों से बातचीत के दौरान कुछ बच्चों ने उन्हें बताया कि आज का खाना सामान्य दिनों से बेहतर था। एक छात्र ने बताया कि आम दिनों में पानी की मात्रा अधिक होती है और स्वाद नहीं रहता। इस दौरान बच्चों ने इडली के स्थान पर वैकल्पिक भोजन की मांग की, जिस पर एकता जीविका के प्रबंधक मिथलेश कुमार ने बताया कि खाद्य मेनू पूर्व निर्धारित है और उसमें बदलाव संभव नहीं है।
निरीक्षण के दौरान श्री मांझी जब रसोई में गए तो एकता जीविका के अंतर्गत कार्यरत महिलाएं (दीदियां) ने मानदेय मात्र 6000 रुपए होने की शिकायत की और किचन में अतिरिक्त एग्जॉस्ट फैन लगाने का अनुरोध किया। श्री मांझी का यह दौरा कई महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करता है। एक ओर जहां बच्चों को आज विशेष भोजन मिला, वहीं इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि सामान्य दिनों में गुणवत्ता को लेकर सुधार की आवश्यकता है। जीविका दीदियों की समस्याएं भी प्रशासन के संज्ञान में आई हैं।

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