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जितेन्द्र जायसवाल कांग्रेस के पूर्व पार्षद बदमाश आजम को फिर किया जिलाबदर

कांग्रेस के पूर्व पार्षद बदमाश आजम को फिर किया जिलाबदर

जन जन की आवाज समाचार नागदा जिला उज्जैन मध्य प्रदेश

कांग्रेस के पूर्व पार्षद व क्षेत्र का बदमाश फिरोज आजम को जिला प्रशासन ने एक बार फिर कानून का पाठ पढ़ाते हुए उस पर कार्रवाई की है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रोशनकुमार सिंह ने आजम को एक वर्ष के लिए जिलाबदर करने का आदेश गुरुवार को दिया। शुक्रवार को नागदा पुलिस ने फिरोज आजम को कलेक्टर के आदेश की तामील करवाते हुए 48 घंटे की चेतावनी दी है कि वह इस समय अवधि में जिले की सीमा से बाहर चला जाए, यानी रविवार की शाम के पहले से ही आजम को आठ जिलों की सीमा रेखा से बाहर जाना होगा।

कलेक्टर ने आजम पर मालवा क्षेत्र एवं इंदौर, उज्जैन संभाग के आठ जिलों की राजस्व सीमा में भी प्रतिबंध लगाया है। यानी सात जिले उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, आगर-मालवा, इंदौर व धार जिले में बदमाश आजम एक वर्ष के लिए नहीं रहेगा और न ही इन जिलों की

दो दर्जन से भी अधिक अपराध दर्ज, गुंडा लिस्ट में नाम शामिल

सीमा में प्रवेश कर सकेगा। न्यायालय में पेशी पर आने के लिए आजम को पूर्व में थाना

प्रभारी को सूचना देनी होगी और पेशी के तुरंत बाद ही उक्त आठ जिलों की सीमा से बाहर जाना होगा।

अपनी ही समाज के कुछ लोगों

को किया गुमराह फिरोज आजम

नागदा थाने में 25 अपराध दर्ज, 8 बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई

फिरोज आजम पर नागदा थाने में 25 अपराध दर्ज है। इसमें एक अपराध तो उस पर उसकी ही समाज के एक युवक की हत्या का हुआ था। इसके अलावा आजम पर मारपीट, दुष्कर्म, अपहरण, शासकीय कार्य में बांधा डालना जैसे कई प्रकरण दर्ज है। हांलाकि कुछ प्रकरणो में वह दोषमुक्त हो गया था तो कुछ प्रकरणों में उसको सजा भी हुई है ओर कुछ में उस पर जुर्माना भी किया गया है व कुछ प्रकरणों में राजीनामा भी हुआ। कुछ दिन पूर्व ही फिरोज ने अपनी ही समाज के व्यापारी की जमीन पर कब्जा करना चाहा। इसको लेकर उसने मारपीट भी की ओर थाने में उसके खिलाफ प्रकरण भी दर्ज हुआ। पुलिस उस पर आठ बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर चुकी हैं। एक बार उस पर मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत रासुका की कार्रवाई की गई थी। आजम पिछले 35 वर्षों से अपराध की दुनिया में हैं। आजम के अलावा उसके परिवार के कुछ सदस्य जिसमें उसके बेटे, भाई व भतीजे पर भी अपराध दर्ज है। आजम के भाई पर भी पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर चुकी हैं।

क्षेत्र का कुख्यात बदमाश है। पुलिस की गुंडा लिस्ट में भी उसका नाम है। फिरोज ने कई वर्षों तक अपने समाज के कुछ लोगों को गुमराह कर शहर में आतक मचाया। जैसे जैसे समाजजनों को उसकी सच्चाई पता चली तो उससे मुंह मोडने लगे व उसके खिलाफ ही थाने में प्रकरण दर्ज करवाया। आजम ने अपनी समाज को गुमराह कर विधानसभा चुनाव भी लडा। आजम पहले कांग्रेस पार्टी में था लेकिन उसके हाल चलन से पार्टी ने उसको बाहर का रास्ता दिखा दिया था 2013 में उसने विधानसभा चुनाव भी लडा लेकिन वह चुनाव में महज 1 हजार से कम वोट लाया ओर उसकी जमानत जप्त हो गई। आजम के आतंक से उसकी समाज के कुछ लोग भी परेशान है। उन्होने भी पुलिस थाने में इसकी शिकायत की ओर प्रकरण दर्ज करवाया था।

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