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डेढ़ साल में 44 नए जीएसएस स्थापित हुए, हमारा लक्ष्य 500 नए जीएसएस स्थापित करने का: ऊर्जा मंत्री

#रवि_शंकर_सामरिया_कोटा
कोटा, 29 जून।
ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में प्रदेश में 44 नए ग्रिड सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं। हमारा लक्ष्य 5 साल में कुल 200 नए जीएसएस स्थापित करने का है। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ प्रसारण तंत्र विकसित कर राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर बनाया जाएगा। श्री नागर रविवार को इंडस्ट्रियल एरिया, कोटा में प्रस्तावित 220 केवी के नए ग्रिड सब स्टेशन को लेकर निरीक्षण के बाद आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि 132 केवी जीएसएस को अपग्रेड करने के बजाय नया 220 केवी जीएसएस स्थापित किया जाए। इससे मजबूत प्रसारण तंत्र विकसित हो सके। वहीं शहर को सुदृढ, गुणवत्तापूर्ण और ट्रिपिंग फ्री बिजली उपलब्ध कराने के लिए विकल्प भी खुलेंगे।

कार्यक्रम में अधीक्षण अभियंता ट्रांसमिशन श्री राजीव शर्मा ने कहा कि कोटा सर्कल में बिजली के क्षेत्र में काफी सुधार हुए हैं। इंडस्ट्रियल एरिया, कोटा में प्रस्तावित 220 केवी जीएसएस के अलावा आगामी समय में कोटा (हाड़ौती संभाग) में 765 KV का एक, 400 केवी का एक, 220 केवी के 3, 132 केवी के 18 नए ग्रिड सब स्टेशन प्रस्तावित हैं। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री ने मंदिर पर दर्शन करने के बाद पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम में जिला प्रमुख श्री मुकेश मेघवाल, सांगोद प्रधान जयवीर सिंह अमृतकुआं, धाकड़ महासभा के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीचंद नागर, डीसीएम प्लांट हेड वीनू मेहता, चीफ इंजीनियर गजेंद्र सिंह सहित अन्य जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

*2027 से पहले सभी किसानों को दिन में मिलेगी बिजली*
श्री नागर ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री का विजन है कि 2027 से पहले सभी किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध हो। अभी 75 प्रतिशत किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। बाकी बचे किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लिए नए जीएसएस स्थापित किए जा रहे हैं। पुराने जीएसएस को अपग्रेड किया जा रहा है।

*सौर एवं पवन ऊर्जा क्षमता में हुई वृद्धि*
श्री नागर ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में सौर एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी काफी काम हुआ है। सौर एवं पवन ऊर्जा की क्षमता में वृद्धि से पीक आवर्स में मांग पूरी करने में मदद मिलेगी। साथ ही, सस्ती और पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी एवं कोल इंडिया जैसे केन्द्रीय उपक्रमों के साथ 2060 करोड रुपए के एमओयू हुए हैं। वर्ष 2030 तक केन्द्र सरकार का लक्ष्य ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 500 गीगावॉट करने का है। इसमें 125 गीगावॉट का योगदान राजस्थान का रहेगा। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में आने वाले समय में राजस्थान पावर हब के रूप में जाना जाएगा।

*कर्मयोगी बनकर कार्य करें अभियन्ता: श्री नागर*
उन्होंने कहा कि जिस गति से परियोजनाएं स्वीकृत हो रही हैं हमें कार्य की गति भी उतनी ही बढ़ानी होगी। अभियंताओं को कर्मयोगी बनकर कार्य करना होगा। ताकि परियोजनाएं समय पर पूरी हों। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बात पर ध्यान दें कि क्वालिटी वर्क के साथ समय पर प्रोजेक्ट पूरे हों। आने वाले समय में प्रदेश की 3डिमांड को पूरा करेंगे और दूसरे प्रदेशों को भी बिजली देंगे।

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