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कुलपति बोले- कॉलेजों की हालत खराब, मदद जरूरी।

बोधगया (गया)
मगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग स्थित सभागार में मंगलवार को अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस.पी. शाही ने की। दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति-चिन्ह देकर किया गया।

बैठक में बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर की प्राचार्या डॉ. ममता रानी, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के प्राचार्य डॉ. मुश्ताक अहमद, जे.पी. विश्वविद्यालय, छपरा के गंगा सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रमेन्द्र रंजन सिंह, जे.एन.एल. कॉलेज, खगौल की प्राचार्या डॉ. मधु प्रभा, एम.आर. महिला कॉलेज, दरभंगा के प्राचार्य डॉ. श्याम चन्द्र गुप्ता और ओबरा के विधायक ऋषि कुमार मौजूद रहे। मगध विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्य भी बैठक में शामिल हुए।

कुलपति प्रो. शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय और कॉलेजों की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है। पिछले नौ साल से छात्राओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों से नामांकन शुल्क नहीं लिया जा रहा है। दूसरी ओर, कॉलेजों में आधारभूत सुविधाओं की जरूरत लगातार बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए स्मार्ट क्लास, वीडियो कॉल सेंटर और तकनीकी सुविधाएं जरूरी हैं। खासकर ग्रामीण कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए तकनीकी संसाधनों की जरूरत है। इसके लिए वित्तीय मदद जरूरी है।

बैठक के अंत में कुलसचिव प्रो. विपिन कुमार ने सभी प्राचार्यों और अतिथियों का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कम सूचना पर भी सभी प्राचार्य पहुंचे, यह सराहनीय है। बैठक का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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