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बोधगया में मार्केट की जगह पार्क बनाना गरीबों के साथ अन्याय : विधायक

बोधगया (गया)
बोधगया विधानसभा के विधायक कुमार सर्वजीत ने शनिवार को प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब वे दो साल पहले बिहार सरकार में पर्यटन मंत्री थे, तब बोधगया में कनॉट प्लेस की तर्ज पर सौ करोड़ की लागत से मार्केट बनाने की योजना बनाई थी। इसके लिए पर्यटन विभाग के आर्किटेक्ट से डिजाइन भी तैयार कराया गया था। योजना थी कि नोड वन के पास पुराने ब्लॉक के पास ब्लॉक ए, बी और सी के रूप में मार्केट बने। बीच में मेडिटेशन पार्क हो, जिसमें भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित हो।

विधायक ने कहा कि इस मार्केट में फुटपाथी दुकानदारों को व्यवस्थित किया जाता। विदेशी पर्यटक जब बोधगया आते हैं तो उनके बच्चे पूछते हैं कि बुद्ध की पवित्र भूमि से क्या लाए। इस मार्केट में बुद्ध से जुड़ी सामग्री, कपड़े, जूते और देश-विदेश के व्यंजन मिलते। इससे पर्यटकों को एक ही जगह सब कुछ मिलता और दुकानदारों को अच्छी आमदनी होती।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों को बोधगया से नफरत है। वे यहां कोई विकास नहीं होने देना चाहते। सरकार ने 165 करोड़ रुपए की मंजूरी देकर मार्केट की जगह मेडिटेशन पार्क बनाने का फैसला किया है। यह जनता के साथ धोखा है। विदेशी पर्यटक पहले से ही मंदिर में ध्यान करते हैं। फिर उसी जगह पर दोबारा मेडिटेशन पार्क बनाने का क्या औचित्य है।

विधायक ने कहा कि जहां मेडिटेशन पार्क बनाया जा रहा है, वहां पहले से ध्यान की व्यवस्था है। वहां माइक लगाकर ध्यान में खलल डाला जा रहा है। मंदिर के पीछे तपस्या स्थल पर पुलिस बैरक बना दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बोधगया के दिल पर मार्केट की जगह पार्क बनाकर गरीबों और फुटपाथी दुकानदारों के साथ अन्याय किया है।

उन्होंने बताया कि वे पिछले दस वर्षों से बिरला धर्मशाला के पास दो सौ दुकानों का मार्केट बनाने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन सरकार ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। सरकार अपनी संपत्तियों की देखरेख नहीं कर पाती और उन्हें निजी कंपनियों को सौंप देती है। अधिकारी बड़ी कंपनियों से प्रभावित होकर डीपीआर तैयार करते हैं, जिससे उन्हें लाभ हो।

विधायक ने कहा कि बोधगया में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पांच राजधानी ट्रेनों का ठहराव और दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाईवे जैसी सुविधाएं हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने स्टेडियम की योजना को नालंदा शिफ्ट कर दिया। यह बोधगया के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उनके अधिकारी बोधगया के फुटपाथी दुकानदारों को पुलिस से पिटवाते हैं, गालियां दिलवाते हैं। अब 165 करोड़ की कैबिनेट स्वीकृति से यह तय कर दिया गया है कि वहां दुकानों की जगह मेडिटेशन पार्क बनेगा। यह वैसा ही है जैसे वैष्णो देवी को नालंदा ले जाया जाए।

विधायक ने बोधगया के लोगों से अपील की कि यह आपकी कमाई है। इस पर सरकार ऐश करना चाहती है। पार्क की जगह मार्केट बनाइए। ताकि गरीब दुकानदारों को सम्मान और आमदनी मिल सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बोधगया से नफरत है, लेकिन यहां के कुछ लोग उनकी दलाली कर रहे हैं। बोधगया के लोग कब तक यह धोखा सहते रहेंगे।

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