
बांग्लादेशियों का सेफ जोन बनता जा रहा है बोधगया, बौद्ध भिक्षु के भेष में अपना ठिकाना बनाकर बैठे है बांग्लादेशी, खुफिया एजेंसी और पुलिस विभाग अभी भी है बेखबर।
बोधगया (गया)
भगवान बुद्ध की नगरी बोधगया आतंकियों का हमेशा टारगेट बना रहता है। जिसको लेकर खुफिया विभाग व गया पुलिस अलर्ट मोड पर हमेशा रहती है। लेकिन उनकी नाक के नीचे ही कई बार बांग्लादेशी घुसपैठियों अपना ठिकाना बनाकर सालों से रह रहे है। जब कोई बड़ी घटना होती है या कोई बांग्लादेशी नेपाल के रास्ते भारत से जाने के कोशिश में पकड़ा जाता है तब यह पता चलता है कि यह बांग्लादेशी बोधगया के किसी बौद्ध मठ में भेष बदलकर कई सालों से रह रहा था। इसके पहले न खुफिया विभाग और ना बोधगया पर्यटक पुलिस को ही इसकी भनक लगता है। जबकि बोधगया के बौद्ध मठो में आने वाले हर पर्यटकों की जानकारी पुलिस विभाग को देना होता है। लेकिन बौद्ध मठ ऐसी जानकारी देने से बचते है। खुफिया विभाग व बोधगया पुलिस भी अपना कोरम पूरा करता रहता है। जिस दिन कोई घटना होगी तभी उनकी कुंभकरण नींद खुलेगी।
आंदोलनकारियों की तलाश में मिला बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु :- बोधगया के दोमुहान में महाबोधि महाविहार मुक्ती आंदोलन में बैठे आंदोलनकारियों द्वारा जब महाबोधि मंदिर परिसर में हंगामा किया और उन्हें बाहर करने के बाद एक स्थानीय व्यक्ति से किए गए मारपीट के बाद बोधगया के लोगों ने बंद का आवाहन किया और दोषी की गिरफ्तारी की मांग की गई तो पुलिस द्वारा हंगामा में रहे महाराष्ट्र के लोगों की खोज शुरू हुई। इस दौरान पुलिस की टीम जब अमवां ठोकर के पास स्थित बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन (स्लिपिंग बुद्धा) में पहुँचा तो वहां रहे बौद्ध भिक्षुओं का जांच कर उसका सत्यापन करना शुरू किया तो बौद्ध भिक्षु के भेष में रह रहे बांग्लादेशी की पहचान हुई।
बोधगया में आतंकी घटना के बाद भी पुलिस व खुफिया विभाग है सुस्त :- बोधगया के महाबोधि मंदिर में 7 जुलाई 2013 में श्रृंखलाबद्ध बम धमाके हुए थे। 7 जुलाई को सुबह 05ः30 बजे से 6 बजे के बीच महाबोधि मंदिर परिसर और उसके आसपास कुल 10 कम तीव्रता वाले बम विस्फोट हुए थे। इन धमाकों में 5 लोग घायल हुआ था। इस हमले की जिम्मेवारी अतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। दूसरी घटना 19 जनवरी 2018 को महाबोधि मंदिर में हुआ था। इस दौरान दलाई लामा और कई बौद्ध श्रद्धालु कालचक्र पूजा में भाग लेने के लिए बोधगया में मौजूद थे। उसी दौरान महाबोधि मंदिर परिसर में एक आईडी विस्फोट हुआ। इस हमले के पीछे जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश का हाथ था। एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में 8 आरोपियों को दोषी ठहराया। जिसमें 3 को आजीवन कारावास और 5 को 10-10 साल की सजा सुनाई गई।
बंगलादेशियों का अरुणचल प्रदेश में बनता है फर्जी पहचान पत्र :- अमवां ठोकर के पास स्थित बुद्धा इन्टरनेशनल वेलफेयर मिशन (स्लिपिंग बुद्धा) से पकड़ा गया 62 वर्षीय प्रफुल चकमा अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले लोहित चौखाम का पूत्र बताया। साथ ही उक्त नाम पता से संबंधित एक आधार कार्ड भी दिखाया गया। पुलिस को आधार कार्ड देखने में फर्जी लगा तथा बंग्ला भाषा बोलने पर सक हुआ तो पुलिस ने कड़ई दिखाई तो प्रोफुल चकमा ने अपना सहीं नाम पता पवन कांती बरूआ उम्र-62 वर्ष पिता- सुकेन्दु विकाश बरूआ ग्राम-जुनुमा छडा थाना-काठ खाली जिला-रंग इमामी बगलादेश बताया गया।
स्लिपिंग बुद्धा बांग्लादेशी का सेफ ठिकाना :- भारत-नेपाल बार्डर पर एक बार एक बांग्लादेशी के भारत से भागने के दौरान बीएसएफ द्वारा पकड़े जाने के बाद पुलिस पहले भी स्ल्पिंग बुद्धा जांच के लिए पहुंची थी। पकड़ा गया बांग्लादेशी ने वहा कुछ दिनों तक रहने की बात को भी स्वीकार किया था। आज भी पकड़े गए बंगलादेश के रहने वाले पूर्व में कई बार भारत एवं बोधगया आ चुके है। करीब एक माह पूर्व अपने देश बगलादेश से बिना बिजा पासपोर्ट के चोरी-छुपे भारत में प्रवेश कर आ गये एवं बुद्धा इन्टरनेशनल वेलफेयर मिशन (स्लिपिंग बुद्धा) बोधगया में आ कर रहने लगे।
स्लिपिंग बुद्ध के भंते के साथ कई जगहों का किया भ्रमण :- स्लिपिंग बुद्धा से पकड़े गए बांग्लादेशी, बौद्ध भिक्षु के भेष में ना बौद्ध मठ में रह रहा था। बल्कि बौद्ध मठ के फाउंडर सह सेक्रेट्री आर्यापाल भिक्षु के साथ हर वो जगहों में भी घूमा है। जहां खुफिया जानकारी उसे मिल सके। कभी बोधगया के महाबोधि मंदिर तो कभी संघदान के नाम पर दूसरे बौद्ध मठ का उसने भ्रमण किया है। जो खुफिया दृष्टिकोण से एक बाहरी गुप्तचरों के लिए उचित नहीं है।
कई सैन्य ठिकाने की सुरक्षा खतरे में :- बोधगया में बांग्लादेशी नागरिक को ठहराने वाले बौद्ध मठों पर कार्रवाई न होने के कारण ही बोधगया के कई खुफिया जानकारी इन बांग्लादेशी नागरिकों के हाथ लग रहे है। गया जिले में सैनिको का अलग-अलग कई खुफिया ठिकाने है। लेकिन बोधगया में खुफिया एजेंसी व बोधगया पुलिस के सुस्ती के कारण सभी जगह बाहरी देशों के लिए सार्वजनिक होते जा रहे है। जो कि ना सिर्फ बोधगया के लिए बल्कि भारत के लिए चिन्ता का एक विषय है।
फर्जी आधार से लिया जीओ का सीम :- स्लिपिंग बुद्ध से पकड़ाया बांग्लादेशी नागरिक पवन कांजी बरुआ ने फर्जी आधार कार्ड नं0-675690917583 2 से एक रेडमी कम्पनी का टच स्कीन मोबाईल जिसका आई०एम०ई०आई० नं0-861675072458620/07 एवं 861675072458638/07 जिसमें जियो कम्पनी का सीम मोबाईल नं0-7439633753 एवं एक दुसरा एयर टेल का सीम जिसपर 03241क्899151090801609213 96एच1 अंकित है को पुलिस ने जब्त कर जांच कर रही है कि कही हमारे देश की खुफिया जानकारी तो वो अपने मोबाईल से तो नहीं भेजता था।
कई गतिविधियों में बांग्लादेशी रहे संलिप्त :- बोधगया में बांग्लादेशी के रहने के कई प्रमाण मिल हे। जिसमें बांग्लदेशी आतंककियों द्वारा बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में 2018 में आईडी विस्फोट, राजीव धर के नाम से कई वर्ष से रहे रहे बांग्लादेशी नागरिक 2024 अक्टूबर को गया हवाई अड्डा से थाई लैंड भागने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया। उसके पास फर्जी दस्तावेज भी मिला था। 2018 में बोधगया में एक बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु के द्वारा 15 बच्चों के यौन शोषण का आरोप में पकड़ा गया था।