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ए.पी.गर्ग पब्लिक स्कूल में "स्ट्रेस मैनेजमेंट" पर सेमिनार का आयोजन

खरखौदा/सोनीपत/हरियाणा/सोमपाल सैनी - 7988804545, 8950236002

खरखौदा के सांपला रोड स्थित ए.पी. गर्ग पब्लिक स्कूल में तनाव प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में तीन स्कूलों के अध्यापकों ने भाग लिया । जिनमें ए.पी. गर्ग पब्लिक स्कूल के साथ-साथ अन्य स्कूलों के अध्यापक भी शामिल रहे।

इस सेमिनार की रिसोर्स पर्सन ज्योति मलिक द्वारा उपस्थित अध्यापकों से पूछा गया कि तनाव क्यों होता है। जिस पर उपस्थित अध्यापकों ने अपने- अपने तर्क दिए, और बताया कि जब समस्याओं का समाधान नहीं होता तो स्ट्रेस होता हैं । काम के बोझ से, काम समय पर न हो तो स्ट्रेस होता हैं।

ज्योति मलिक ने बताया कि स्ट्रेस के और भी बहुत कारण हो सकते हैं जैसे कि भावात्मक , मानसिक, शारीरिक व सामाजिक और स्ट्रेस एक आंतरिक क्रिया है जो कि किसी बाहरी कारण से होती हैं। जैसे मौसम बदलने के कारण, परीक्षा के समय, पारिवारिक कलह, समूह दबाव और किसी से कहा सुनी हो जाने पर स्ट्रेस हो जाना।

कई बार आंतरिक कारणों से स्ट्रेस होना जैसे कि अपनी योग्यताओं पर विश्वास न होना , ऊर्जा की कमी , किसी चीज में कम इंटरेस्ट दिखाना ,कार्य क्षमता में कमी होना आदि। स्ट्रेस को बार- बार आम जीवन के उदाहरण द्वारा समझाया गया। ज्योति मलिक ने स्ट्रेस से होने वाली बीमारियों पर भी प्रकाश डाला जैसे कि बी पी बढ़ जाना, हार्ट बीट बढ़ जाना, गुस्सा आना, चिड़चिड़ा पन , शूगर लेवल बढ़ जाना और मानसिक दबाव आदि बीमारियों का लग जाना।

ज्योति मलिक ने बताया कि कौनसी परस्थिति में हमारा स्ट्रेस लेवल सबसे ऊंचाई पर होता हैं। जैसे कि जब कक्षा में जाने से पहले हमारा लेक्चर तैयार नहीं होता ।
श्री मति मलिक ने समझाया कि स्ट्रेस कम कैसे हो सकता है । उसके लिए कुछ एक्सरसाइज करवाई गई । उन्होंने बताया कि हॉबीज और इंटरेस्ट को जीवित रखना चाहिए। अपनी प्रॉब्लम्स को लिख कर रखने से भी स्ट्रेस कम होता हैं। काम को समय पर करने से भी स्ट्रेस कम होता हैं।

मलिक ने स्ट्रेस को कम करने के लिए लाफिंग ,एक्सरसाइज, योगा, मेडिटेशन और नेचर से जुड़ने में स्ट्रेस कम होता है। इसके अलावा छुट्टियों में घूमना फ्रेंड्स और रिलेटिव्स के साथ रहने से भी स्ट्रेस कम होता है। ये सारी क्रियाएं हमारे दिमाग को रचनात्मक बनाए रखने में सहायक होती है ।

मलिक ने पूछा कि आपके विद्यार्थियों में तनाव कब होता है जैसे कि गृह कार्य न करने पर , कक्षा में अंक न आने का डर , मनपसंद खाना न मिलने पर , किसी दूसरे बच्चे के तंग करने का तनाव , घर में मम्मी पापा का कलेश , और किसी डरावनी फिल्म का देखना , किसी जानवर के काटने का स्ट्रेस आदि ।

इनसे बच्चे में चिड़चिड़ा पन , गुस्सा आना , बात बात पर चीखना, आलसी हो जाना , बात बात पर रोना, बहाने बनाना और बीमार पड़ जाना । इनको कम करने के लिए बच्चों से बात करनी चाहिए । इनके माता पिता से बात करनी चाहिए । बच्चों को खेल खेल की क्रियाएं से पढ़ाने चाहिए। परीक्षा में अंक न आने पर भयभीत न होने के लिए समझाना चाहिए। बच्चों से प्यार से बात करनी चाहिए और उनका उचित मार्गदर्शन करके प्रोत्साहित करना चाहिए।

इनको मोबाइल न देते हुए उन्हें खेल के मैदान की तरफ आकर्षित करना चाहिए। इससे आप देखेंगे कि आपका पढ़ाई का परिणाम में निशचय ही परिवर्तन आएगा । बच्चों का आपसे लगाव बढ़ेगा। इसी से उनका तनाव कम हो जाएगा।

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