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शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह विधान पार्षद श्री बंशीधर ब्रजवासी का नालंदा में अभिनंदन

नालन्दा(बिहारशरीफ)। 20 अप्रैल को स्थानीय कर्पूरी भवन (टाउन हॉल) में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला इकाई नालंदा के द्वारा संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी को तिरहुत स्नातक निर्वाचन के उप चुनाव में जीत मिलने पर शिक्षकों के द्वारा अभिनंदन किया गया। सभा की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार एवं संचालन मीडिया प्रभारी दिबसंबल उर्फ बंटी ने की। संघ के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार ने अपनी अध्यक्षता भाषण में कहा कि शिक्षा विभाग के प्रखंड से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारी व लिपिक बिना चढ़ावा के शिक्षकों के समस्या का समाधान नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन की सरकार में भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है। शिक्षा विभाग में केवल नए प्रयोग किया जा रहा है परन्तु बच्चों को मिलने वाले पाठ्य पुस्तक विद्यलय में इस नया सत्र के एक माह बीतने जा रहा है, लेकिन अभी तक केवल 50% से 60% ही पुस्तक दिया गया है। उन्होंने शिक्षकों के समस्या से संबंधित 16 सूत्री मांग पत्र माननीय विधान परिषद को सौंपते हुए कहा कि इन सभी मांगों को राज्य स्तर से समाधान करवाया जाए। इस वर्ष मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में राज्य एवं जिला स्तर पर टॉप टेन स्थान प्राप्त करने वाले जिले के तीन शिक्षकों के पुत्र- पुत्री को पुष्प माला,प्रशस्ति पत्र,प्रतीक चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर विधान पार्षद के द्वारा सम्मानित भी किया गया। सम्मानित होने वाले बच्चे बच्चियों में हरनौत प्रखंड के शिक्षक हिमांशु कुमार के पुत्र क्रिश कुमार,चंडी प्रखंड के शिक्षक राकेश प्रसाद के पुत्री प्रशंसा कुमारी एवं राजगीर प्रखंड के शिक्षक के पुत्री अर्पिता कुमारी हैं।साथ ही चंडी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मलहविगहा के शिक्षक मो0 जाहिद हुसैन के द्वारा लिखी गईं पुस्तक का लोकार्पण माननीय विधान पार्षद के द्वारा किया गया। इनके द्वारा हमेशा शैक्षिक आलेख लिखें जाते रहे है।
अभिनन्दन सह शिक्षक सम्मान समरोह को सम्बोधित करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवासी ने सम्बोधित करते हुए कहा की शिक्षकों, संविदा कर्मियों, छात्रों, नौजवानों, शिक्षित बेरोजगारों और कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करने वालों को विधानसभा चुनाव में औकात का पता लग जाएगा । जो राजनीतिक दल इन सभी वर्गों को संपूर्ण न्याय देने की बात करेगा मैं व्यक्तिगत रूप से उसी का समर्थन करूंगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शिक्षकों, शिक्षित बेरोजगारों और संविदा कर्मियों के साथ अन्याय कर रही है। वित्त रहित शिक्षकों को 2017 से ही अनुदान नहीं दिया गया है। उनके हितों की अनदेखी विधानसभा चुनाव में महंगी पड़ेगी। उन्होंने कहा की 06 लाख शिक्षक, 05 लाख से अधिक संविदा कर्मी, 03 लाख रसोईया के मांगों को सरकार नही मानती है तो इन 15 लाख से अधिक कर्मचारियों के परिवार सहित कुल 75 लाख से अधिक वोटर है जो वोट की चोट देने का काम करेगी। राज्य के शिक्षक सरकार की प्रताड़ना से ऊब चुके हैं। राज्य में डोमिसाइल नीति लागू करने के बदले दूसरे राज्य के लोगों को यहां रोजगार दिया जा रहा है और बिहार के नौजवान पलायन के लिए मजबूर हैं। स्थानांतरण की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण महिला शिक्षिकाएं प्रताड़ित और शोषित हो रही हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी बेलगाम है और नौकरशाही हावी है । बिना पैसा दिए शिक्षकों के वेतन और एरियर का भी भुगतान नहीं किया जाता है । पूर्व से कार्यरत नियोजित शिक्षक जिन्हें विशिष्ट शिक्षक बनाया गया उन्हें सेवन निरंतरता देने के मुद्दे पर सरकार चुप्पी मार कर बैठी है । 22 वर्षों से काम करते आ रहे नियोजित शिक्षकों को अब तक प्रोन्नति नहीं दी जा सकी है । आउटसोर्सिंग के बहाने राज्य के नौजवानों का शोषण हो रहा है । संविदा कर्मियों को अपना परिवार चलाने के लायक भी पैसा नहीं दिया जाता है। ऐसे में शोषण के विरुद्ध और आर्थिक आजादी की लड़ाई लड़ते रहेंगे। विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार इन सभी कर्मियों के हितों पर गंभीरतापूर्वक निर्णय और उन्हें पूर्ण न्याय दे। राज्य में समान शिक्षा नीति लागू होनी चाहिए । गरीब और अमीर के बच्चों के लिए अलग-अलग शिक्षा व्यवस्था देश के लिए घातक है । विभागीय उदासीनता का आलम यह है कि चार माह से राज्य के लगभग 30 हजार शिक्षक बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं। वे गंभीर आर्थिक संकट से जूझते हुए भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं लेकिन विभागीय पदाधिकारी शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर नही है।सभा को सम्बोधित करने वालों में संघ के राज्य उपाध्यक्ष रामाशीष, नवादा के जिलाध्यक्ष विनय प्रभाकर, शेखपुरा के जिलाध्यक्ष श्रवण कुमार, लखीसराय के जिलाध्यक्ष आनंत कुमार,प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महर्षि पटेल, माध्यमिक शिक्षक संघ राणा रंजीत,मदन कुमार, सुनैना कुमारी, ममता कुमारी, सुनील कुमार, मनोज कुमार, शशिकांत कु 0 वर्मा, अतिउत्तम कुमार, सूचित कुमार, प्रकाशचंद्र, रविरंजन कुमार, सूरज चौहान, जन्म जय कुमार शाही,सहित सैंकड़ो शिक्षक ने सम्बोधन किए।

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