
पुनरूत्थान विद्यापीठ केन्द्र कोटा: भारतीय ज्ञान सागर ग्रन्थमाला की प्रदर्शनी दर्शन के लिए रहा अपार उत्सा
कोटा, 28 मार्च। कोटा के सेवन वंडर्स पार्क में आयोजित स्वदेशी मेले में पुनरूत्थान विद्यापीठ के कोटा केन्द्र द्वारा भारतीय ज्ञान सागर ग्रन्थमाला के साहित्य की प्रदर्शनी आयोजित की गई। प्रदर्शनी का शुभारम्भ शिक्षाविद् नरेन्द्र कुमार कंसूरिया द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। शिक्षाविद् नरेन्द्र कुमार कंसूरिया ने बताया कि कोई भी राष्ट्र अपनी सांस्कृतिक विरासत को शिक्षा के माध्यम से आगे बढाता है। विदेशी आक्रांताओं द्वारा भारत के शिक्षा केन्द्रों को नष्ट कर भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास किया गया।
पुनरूत्थान विद्यापीठ के प्रारम्भिक सदस्य राधेश्याम शर्मा ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्राचीन भारत में अन्न, औषधी और शिक्षा का विक्रय नहीं किया जाता था। शिक्षा माता के गर्भ से प्रारम्भ होकर आजीवन चलती थी। आज पुनरूत्थान विद्यापीठ भारत की 140 करोड जनता को शिक्षित और सांस्कारित करने का कार्य कर रहा है। पुनरूत्थान विद्यापीठ द्वारा 1051 ग्रन्थों की रचना की गई है। पुनरूत्थान विद्यापीठ समाज जीवन के 31 संकायों के माध्यम से कुटुम्ब शिक्षा को आगे बढाते हुए राष्ट्र के विकास में स्वदेशी शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार में कार्य कर रहा है। केन्द्र संचालक दीपक शर्मा ने बताया कि इस अवसर शिक्षाविद् नरेन्द्र कुमार शर्मा, यतीश विजयवर्गीय, राजेन्द्र मोरपा, रमा शर्मा, डॉ0 संस्कृति जैन, अयोध्या पारेता, डॉ नीलप्रभा नाहर एवं भारतीय साहित्य परिषद के विष्णु हरिहर एवं अनेक लेखक, कवि, साहित्यकार उपस्थित रहे।