कोटा को शिक्षा के साथ पर्यटन नगरी बनाना होगा: राज्यपाल
कोटा, 25 मार्च। राजस्थान के कोटा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हेरिटेज, टूरिज्म, म्यूजियोलॉजी और आर्कियोलॉजी की ओर से मगंलवार को डीसीएम रोड़ स्थित होटल पर "पर्यटन: आर्थिक विस्तार के उत्प्रेरक" विषय पर प्रथम औद्योगिक-अकादमिक सम्मेलन-2025 का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्य वक्ता सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश, धर्मशाला प्रो. संदीप कुलश्रेष्ठ थे। अध्यक्षता कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने की।
सम्मेलन के निदेशक डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में तीन तकनीकी सत्र थे। जो "पर्यटन उद्योग में उद्यमिता, नवाचार और रचनात्मकता," "पर्यटन शिक्षा और स्थिरता," और "हाड़ौती क्षेत्र के संदर्भ में पर्यटन उद्योग में उभरते मुद्दे के विषय पर केंद्रित थे।
इस दौरान राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि कोटा में देशभर के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। वहीं यहां पर कोचिंग के साथ चंबल नदी का तट भी पर्यटन की अपार संभावनाओं वाला है। चंबल नदी के किनारे बसा कोटा बहुत आकर्षक है। ऐसे में, इसे शिक्षा के साथ पर्यटन नगरी भी बनाना होगा। उन्होंने कहा कि यहां एक बड़े उद्योग की जरूरत है। इसके बाद छोटे उद्योग अपने आप आने लगेंगे। राजस्थान के पत्थर की डिमांड सभी जगह है। कोटा स्टोन इंडस्ट्री का विस्तार होना चाहिए। जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ने लगेंगे।
श्री बागडे ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने राज्य के हेरिटेज के रूप में मौजूद किले और हवेलियों को होटल में बदला। जो हेरिटेज होटल के नाम से राजस्थान में आय के बड़े स्रोत बन गए हैं। हमारे देश में पर्यटन प्राचीन समय से मौजूद है। जब चार धाम करने के लिए लोग बिना साधन के पैदल ही चले जाया करते थे। सिंगापुर जैसे देशों में आय का कोई दूसरा स्रोत नहीं है। वहां न खेती है और ना व्यापार। इसके बावजूद पर्यटन से ही पूरी अर्थव्यवस्था चलती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को कला और कौशल का भी ज्ञान जरूरी है। जिसके हाथ में कौशल है। वह कभी भूखा नहीं रहेगा। जिसके हाथ में केवल डिग्री है, वह रोजगार के लिए इधर-उधर घूम कर थक जाएगा। राज्यपाल श्री बागडे ने राजस्थान पर्यटन विभाग की टैगलाइन "पधारो म्हारे देस.." को बदलकर "पधारो म्हारे राजस्थान.." करने की भी सलाह दी।
कॉन्क्लेव में नई दिल्ली, मध्य प्रदेश, उदयपुर, जयपुर, बीकानेर से उद्योगपति, शिक्षाविद, नीति निर्धारक समेत कईं लोग उपस्थित रहेंगे। जिसमें पर्यटन और संस्कृति विशेषज्ञ तृप्ति पांडे, कुलदीप सिंह चंदेला, सीए वीरेंद्र सिंह शेखावत, महेंद्र सिंह राठौड़, तरुण बंसल, दिलीप चौहान, असीम पारेख, अधिराज सिंह शाहपुरा, चित्रांगदा सिंह, ऐश्वर्या राज मेड़तिया, शांभवी जोधा, अमृता नायर (वरिष्ठ प्रबंधक एफएचटीआर), नई दिल्ली से प्रोफेसर योगेश सुमन, उदयपुर से डॉ. मधु और यशवर्धन राणावत, दिग्विजय सिंह और दिनेश उपाध्याय कोटा से अशोक माहेश्वरी (अध्यक्ष होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान कोटा डिवीजन), कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव, एसएसआई एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार, कुलदीप माथुर और राजस्थान पर्यटन विभाग के उप निदेशक विकास पांडे, डॉ. एमएल साहू, सागर सेंट्रल युनिवर्सिटी के प्रो. मनविंदर सिंह पाहवा, डॉ. अरविंद सक्सेना, डॉ. सुषमा आहूजा पैनलिस्ट थे।
*ये बोले पेनलिस्ट*
विभिन्न सत्रों को संबोधित करते हुए पैनलिस्ट ने राजस्थान में पर्यटन की संभावना, पर्यटन क्षेत्र में उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग, पर्यटन उद्योग में नवाचार, उद्यमिता, शिक्षा, सततता और हाड़ौती क्षेत्र के पर्यटन विकास पर विस्तृत चर्चा की। कुलदीप सिंह चंदेल ने कहा कि पर्यटन हमारा भविष्य है। इसको लेकर श्रेष्ठ और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम बनाने की आवश्यकता है। कोटा में पर्यटन की अपार संभावना है। पर्यटन एक सोच है, जिसके साथ आगे बढ़कर ही नहीं ऊंचाइयां दे सकते हैं। डॉ. कपिलदेव शर्मा ने कहा कि बायो डायवर्सिटी के मामले में हाड़ोती रीजन भरा पूरा क्षेत्र है। जहां पर नेचुरल और वाइल्डलाइफ टूरिज्म खूब फल फूल सकता है। पानी की पर्याप्तता यहां बोट सफारी की संभावनाएं पैदा करती है। वहीं, मुकुंदरा के साथ ही हाडोती की कला और संस्कृति इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण बनाती है। सीएसआईआर के चीफ साइंटिस्ट डॉ. योगेश सुमन ने कहा कि पर्यटन उद्योग की चुनौतियों को समझने की आवश्यकता है। उसके अनुसार पॉलिसी बनानी होगी। तृप्ति पांडे ने कहा कि देशाटन और पर्यटन में अंतर है। इतिहास के गौरव को गाने मात्र से परिर्वतन नहीं होगा। उस इतिहास जीना भी होगा। पर्यटन दिल से जेब तक पहुंचता है। सारिका मोहता ने कहा कि स्थानीयता को बढ़ाना बढ़ावा देना जरूरी है। टूरिज्म डेस्टिनेशन को डेवलप करते हुए थीम बेस्ड कंपीटीशन कराए जाने चाहिए। एआई और इंटरनेट का प्रयोग करके भी लोगों को आकर्षित किया जा सकता है। अशोक माहेश्वरी ने कहा कि कोटा की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में काम करना होगा। तकनीकी सत्र के वक्ता के रूप में वीके जेटली भी कार्यक्रम से जुडे।