
नालंदा में एच. आर.एम.एस. ऑन-बोर्डिंग की प्रक्रिया में हो रही देरी से विशिष्ट शिक्षक आर्थिक संकट में
एकंगरसराय(नालन्दा)। नालंदा जिले में नियोजित से विशिष्ट शिक्षक बने करीब 5000 शिक्षकों का आज करीब 3 माह बीत जाने के बाद भी वेतन भुगतान नही हो पाया है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला मीडिया प्रभारी मिथिलेश कुमार ने बताया कि नालंदा जिले में वेतन भुगतान की प्रक्रिया अन्य जिले की तुलना में काफी धीमी है। वेतन भुगतान हेतु प्राण नंबर बनने के बाद एच. आर.एम.एस. ऑन-बोर्डिंग होनी है,जिसके बाद ही वेतन भुगतान हो पाएगी। परंतु जिले में प्रक्रिया कछुवे की गति से हो रही है जिसके कारण लगभग सभी शिक्षकों का होली फीकी हो गयी है। यदि इसी चाल से जिला कार्यालय चलता रहा, तो अभी कम से कम 1 महीने का और समय लग सकता है। जिला कार्यालय के इस रवैये से विशिष्ट शिक्षकों के बीच काफी आर्थिक संकट छा गया है। कई शिक्षकों ने बताया कि हमलोगों ने बैंक से लोन लिया है,जिसके कारण बैंक से भी दबाव बनाया जा रहा है। सिविल स्कोर खराब हो जाने के बाद भविष्य में फिर जरूरत पड़ने पर बैंक से भी लोन लेना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही कई ऐसे विशिष्ट शिक्षक है,जिन्होंने अपनी बेटी की शादी कर कर्ज में डूबे हुए है। परंतु ये सभी बातों का ख्याल न ही सरकार को है और न ही विभाग को है। आखिर सभी कार्यो के संपादन में नालंदा जिला ही क्यो पीछे रह जा रहा है? यह बहुत बड़ा सवाल है। मिथिलेश कुमार ने प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि इस कार्य हेतु जितनी संख्या में कर्मी इस कार्य को डीईओ कार्यालय में कर रहे है। यदि परेशानी हो रही है तो कंप्यूटर जानकर शिक्षक या कंप्यूटर टीचर का कुछ दिनों के लिए प्रतिनियोजन कर काम किया जा सकता है।