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भारतीय जीवन बीमा निगम मे सफल हड़ताल के लिए बधाई, संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच झारखड

जमशेदपुर (झारखंड) देश मे वित्तीय क्षेत्र का प्रतिष्ठित संस्थान एलआईसी जिसकी स्थापना 1956 मे संसद द्वारा पारित एक विशेष अधिनियम से हुई थी और जिसने अब तक देश के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 30 लाख करोड़ रुपये भारत सरकार को उपलब्ध करायें हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी जीवन बीमा निगम ने 40 करोड़ लोगों का बीमा किया है. इतना ही नहीं  भारत सरकार के कुल कर्ज की पच्चीस प्रतिशत राशि भी इसके द्वारा ही दी जाती है और प्रत्येक साल लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये भारत सरकार को निवेश किए जाने के लिए एआइसी ही उपलब्ध कराता है।
लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अपने कारपोरेट आकाओं को खुश करने के लिए  रोज सोने के अंडे देने वाली इस कंपनी मे पहले 49 प्रतिशत और इस बार के युनियन बजट मे 74 प्रतिशत एफ डीआइ लाकर इस कंपनी का पुरी तरह निजीकरण करने जा रही है और इसके लिए आईपीओ मे इस कंपनी को सूचीबध्द कर लिया गया है।

आज की यह हड़ताल मोदी सरकार के इसी राष्ट्र विरोधी कदमो का विरोध किए जाने के लिए श्रमिकों - कर्मचारियों के देशव्यापी संघर्षों की श्रंखला का हिस्सा है। यह बात आज रांची में जीवन बीमा निगम के बेस - 2 कार्यालय के समक्ष हड़ताली कर्मचारियों और अधिकारियों की सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय ट्रेड यूनियन और स्वतंत्र श्रमिक फेडरेशनो के नेताओं ने कही। झारखंड मे जीवन बीमा निगम के दो मंडलों जमशेदपुर और हजारीबाग जिसमें उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर, कोल्हान और पलामू प्रमंडल के सभी जिले शामिल हैं वहां शत प्रतिशत हड़ताल रही. संतालपरगना प्रमंडल के 6 जिले जो बीमा निगम के भागलपुर मंडल के अंतर्गत आते हैं वहां भी असरदार हड़ताल दर्ज की गयी है। ट्रेड युनियनों ने इस सफल और अभूतपूर्व हड़ताल के लिए बीमा कर्मियों और अधिकारियों को बधाई दी है।

इस मौके पर सीटू के प्रकाश विप्लव, अनिर्वान बोस,एटक के पी. के. गांगुली, अशोक यादव सच्चिदानंद मिश्र, अजय सिंह, एक्टू के सुभेंदु सेन, भुवनेश्वर केवट, बेफी के एम. एल. सिंह, कनक रंजन, दीपक कुमार और आल इंडिया इंश्योरेंस इंपलाइज एशोसियेशन के आशीष दास और  मुनौवर वसी ने हड़ताल मे शामिल कर्मचारियों को संबोधित किया।

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