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बोकारो : डॉ. आर्या की मौत से सबक ले अभिभावक !

डॉक्टर आर्या झा बिहार से पढ़ाई करने बोकारो आई थी। जो पढ़ने वह आई थी, वह विषय उसके मन और शायद क्षमता के अनुकूल नहीं था। अभिभावक के दबाव में उसने यह कोर्स ज्वाइन किया था। अंततः उसने मौत को गले लगा लिया।
Bokaro General Hospital में बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली आर्या झा ने गायनेकोलॉजी में DNB करने आई थी। 09 मार्च की रात उसने पंखे से लटकर आत्महत्या कर ली। 10 मार्च को बिहार से आए उसके पिता संजीव कुमार झा ने Police को दिए अपने बयान में बताया कि आर्या यह कोर्स नहीं करना चाहती थी। हमारे दबाव में उसने 28 फरवरी 2025 को BGH में इस कोर्स के लिए एडमिशन लिया था। 09 मार्च की सुबह भी इस विषय को लेकर फोन पर हमारे बीच तीखी बहस हुई थी। हम इस बहस के बाद उसे लेकर चिंतित थे और इसी कारण बोकारो आ रहे थे। इस बीच यह घटना घट गई।
CITY डीएसपी आलोक रंजन ने बताया कि आर्या की मौत की सूचना 09 मार्च की रात हमें मिली। हमने कारण जानने के लिए जांच - पड़ताल शुरू ही की थी कि उसके पिता का बयान 10 मार्च को आ गया। DSP श्री रंजन ने आगे कहा कि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
विशेष आग्रह : -- अपने बच्चों को उनके भविष्य निर्माण में अपने जीवन अनुभव के आधार पर सलाह दे, उनके सहयोगी बने ,न कि तानाशाह की तरह अपना निर्णय सुना दे। आप अभिभावक है, न कि तानाशाह। प्यार के साथ उनकी क्षमता और उनकी पसंद के अनुसार जीवन में उनके करियर निर्माण में एक दोस्त की भूमिका निभाए। आप अपने अधूरे सपने को पूरा करने का बच्चों को साधन न बनाएं। बेहतर यह है कि उनके अपने सपने को साकार करने में मार्गदर्शक बने। डॉक्टर आर्या की मौत से इतनी सबक तो हम ले ही सकते हैं।

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