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न्यूनतम वेतन की बढ़ी दर से एक माह पहले हटा स्टे, 1 अप्रैल से कराएं एरियर का भुगतान आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन नागदा जिला उज्जैन मध्य प्रदेश जितेन्द्र जायसवाल

न्यूनतम वेतन की बढ़ी दर से एक माह पहले हटा स्टे, 1 अप्रैल से कराएं एरियर का भुगतान आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन नागदा जिला उज्जैन मध्य प्रदेश जितेन्द्र जायसवाल

न्यूनतम वेतन की बढ़ी दर से एक माह पहले हटा स्टे, 1 अप्रैल से कराएं एरियर का भुगतान

आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
नागदा-उज्जैन मघ्यप्रदेश

आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा मंगलवार को विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और पंचायत एवं श्रम मंत्री के नाम तहसीलदार मुकेश सोनी को ज्ञापन सौंपा। इसमें पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन पर लगी वैधानिक रोक हटने के बाद बढ़ी दरों पर 1 अप्रैल 2024 से एरियर सहित भुगतान के आदेश देने, आउटसोर्स कर्मियों को सीधे विभाग से वेतन भुगतान कराने, पंचायतों के चौकीदार, भृत्यों, पंप ऑपरेटर, स्कूलों-छात्रावासों के अंशकालीन कर्मचारियों, योग प्रशिक्षकों सहित न्यूनतम वेतन के दायरे से बाहर श्रमिक कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिलाने और सभी विभागों के आउटसोर्स, अस्थाई कर्मियों का कार्यरत विभागों में लघु कैडर बनाकर नियमित कर ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग की गई।

जिला प्रभारी जितेंद्र जायसवाल ने बताया 1 अप्रैल 2024 से लागू पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन की वैधानिक रुकावटें 3 दिसंबर 2024 को उच्च

तहसील कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते श्रमिक। इसके बाद तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

न्यायालय ने दूर कर 8 महीने से लगे स्टे को हटा दिया है। न्यूनतम वेतन निर्धारण 4 मार्च 2024 को हुआ था, ऐसे में आउटसोर्स, अस्थाई, ठेका कर्मियों को न्यूनतम वेतन का भुगतान 1 अप्रैल 2024 से एरियर सहित किया जाए। न्यायालय से स्टे हटे एक महीने से अधिक हो चुका है लेकिन अब तक शासन एवं श्रम विभाग की ओर से बढ़ी दरों पर न्यूनतम वेतन का एरियर सहित भुगतान के लिए आदेश नहीं हुए हैं। इससे

प्रदेश के लाखों श्रमिक-कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है तो शासन की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लगभग 10 साल बाद श्रमिक-कर्मचारियों को पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन मिला है, जिसे तत्काल दिलाए के लिए आदेश दिया जोए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में काम करते हैं। ग्राम पंचायतों से लेकर स्कूलों, छात्रावासों में काम करने वाले कर्मचारी 10-12 घंटे सेवाएं देते हैं लेकिन उन्हें मात्र 3 से 5

हजार रुपए महीना ही मिलता है। ऐसे कर्मचारियों में स्कूलों-छात्रावासों में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारी, ग्राम पंचायतों के चौकीदार, पंप ऑपरेटर, भृत्य एवं सफाई कर्मचारी, मध्याह्न भोजन कार्यकर्ता, योग प्रशिक्षक और सहायक जैसे कर्मचारी श्रमिक शामिल हैं, इन्हें न्यूनतम वेतन के दायरे में लाकर सम्मानजनक वेतन दिलाया जाए। 2 आउटसोर्स कंपनियां सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन, बोनस, पीएफ और ईएसआई जैसी सुविधाओं से वंचित रखती है, इसकी जांच कराई जाए। आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारियों को 3 साल की अवधि पूर्ण करने पर पदोन्नत कर वेतन वृद्धि की जाए सहित अन्य मांग रखी गई। इस मौके पर रमेश गौतम, मनोहर परमार, कन्हैया पंवार, राजेश गौड़, रमेश यादव, देवेंद्र साहनी, पवन पांडे, पवन मिमरोट, अनिल व्यास, संतोष सैनी, अंबाराम, आत्माराम, कैलाश पेंटर, प्रेम पेंटर, पंकज परमार, नारू पटेल, प्रकाश चौहान, निश्चय, आदर्श पंवार, मनोज बैंडवाल, मुकेश परमार, रोहित वर्मा, करण चौहान आदि मौजूद थे।

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