
विद्या की देवी मां शारदे की पूजा सरस्वती विद्या मंदिर में संपन्न
गढ़वा श्री बंशीधर नगर, स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर में सरस्वती पूजनोत्सव के मुख्य प्रतिनिधि यजमान आचार्य सुजीत कुमार दुबे, आचार्य प्रसून कुमार, भैया श्रिंजल कुमार एवं बहन लकी गुप्ता के द्वारा आचार्य कौशलेंद्र झा और आचार्य हिमांशु झा के षोडशोपचार पूजन एवं वेदध्वनि के साथ संपन्न हुआ। पूजन के बीच पंचदीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन विद्यालय के अध्यक्ष जोखू प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ. धर्मचंद लाल अग्रवाल, सह सचिव चंदन कुमार, अभिभावक प्रतिनिधि शशि कला, सदस्य- शैलेश कुमार अग्रवाल एवं प्रधानाचार्य रविकांत पाठक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। विद्यारंभ संस्कार का शुभारंभ हवन-पूजन से प्रारंभ हुआ। सभी छोटे बच्चों को कॉपी, पेंसिल, रबर और शॉपनर देकर, आचार्य जी एवं अभिभावक द्वारा ॐ शब्द लिखाकर बच्चों का विद्यारंभ संस्कार किया गया। विद्यारंभ संस्कार में कुल 47 बच्चे एवं उनके अभिभावक शामिल हुए। सायंकाल में प्रधानाचार्य रविकांत पाठक के वाद्य यंत्रों के साथ सुमधुर भजनों से वातावरण भक्ति में हो गया। संध्याकालीन आरती एवं पुष्पांजलि में भक्तों ने श्रद्धा पूर्वक मनोयोग से मां शारदे की आराधना की। सायंकालीन पूजा में समिति सहसचिव चंदन कुमार और समिति सदस्य संजीव कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन कर आरती का शुभारंभ किया गया।
दिनांक 4/2/2025 को प्रातःकाल में हवन-पूजन कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ आचार्य कृष्ण कुमार पांडेय द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। जजमान एवं पुरोहित आचार्यों द्वारा विधिवत पूजन, अर्चन एवं हवन किया गया। आरती, पुष्पांजलि एवं विसर्जन के बाद माताओं द्वारा मां शारदे का खोइछा भरा गया। मां शारदे की प्रतिमा जलप्रवाह झरिवा-जलाशय में उत्साह पूर्वक एवं माताजी के जयकारों के बीच किया गया।
सरस्वती पूजनोत्सव को सफल बनाने में आचार्य कौशलेंद्र झा, नंदलाल पांडे, कृष्ण कुमार पांडे, सुधीर प्रसाद श्रीवास्तव, सत्येंद्र प्रजापति, अविनाश कुमार, नीरज कुमार सिंह, सुजीत कुमार दुबे, प्रसून कुमार, प्रदीप कुमार गुप्ता, रूपेश कुमार, अशोक कुमार, उमेश कुमार, अंकित जैन, कृष्ण मुरारी, दिनेश कुमार, हिमांशु झा, आचार्या नीति कुमारी, प्रियंवदा, रेणु पाठक, खुशबू सिंहल, सलोनी कुमारी, तन्वी जोशी, आरती श्रीवास्तव, नेहा द्वय एवं चतुर्थवर्गीय कर्मचारी रेखा देवी, ललिता देवी, रीना देवी, और सुरक्षा पहरी सुरेश सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।