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अंत्योदय अन्न योजना के तहत मिलने वाली राशन में हो रही है कटौती, डीलर के मनमानी के कारण 35 किलो की जगह मात्र 20 से 25 किलो मिल रहा है राशन।

गया (बोधगया)
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से समाज के अंतिम गरीब व्यक्ति तक खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निमित्त केंद्र सरकार के स्तर से शुरू अंत्योदय अन्न योजना अपने उद्देश्यों पर खरी नहीं उतर पा रही है। योजना के तहत 35 किलो अनाज अंत्योदय राशन कार्डधारियों को दिया जाता है, परंतु कुछ सरकारी कर्मियों और पीडीएस डीलरों की उदासीनता के कारण लाभुकों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। डीलर द्वारा गरीबों को मात्र 20 किलो से 25 किलो ही अनाज दिया जाता है। दूसरे कार्डघारियों से हर वितरण में एक से डेड़ किलो अनाज की कटोती की जा रही है। इस संबंध में अगर गरीब लाभुक डीलर से पुछता है तो डीलर अपने पेट होने व उपर से इतने ही बाटने के लिए अनाज को भेजने की बात कर लाभुकों चलता कर देता है। दूसरे डीलर तक अनाज लेने जाने व आने में करीब 60 से 70 रुपए भाड़ा लगता है। जिस कारण गरीब लाभुक कम अनाज लेने में बाध्य है। ताजा मामला प्रखंड के बसाढ़ी पंचायत के अंतर्गत आने वाले घुघरिया गांव के निमाही महादलित टोला का है।
इस संबंध में निमाही महादलित टोला के अंत्योदय पीला राशन कार्ड धारक गुलाबी देवी, ममता कुमारी (राजकुमारी देवी), कलेश्नी देवी, केशिया देवी, कलवा देवी (पूनम देवी), जितेंद्र चौधरी (अनखा देवी), रजिया देवी ने बताया कि पीला कार्ड में डीलर लखन पासवान द्वारा किसी महीने 20 किलो तो किसी महीने 25 किलो अनाज दिया जा रहा है। कभी-कभी तो एक महीने का अनाज को गोल कर दिया जाता है। कम अनाज लेने में आना कानी करने पर डीलर द्वारा दूसरे जगह में जाकर राशन उठाने की बात की जाती है। जहां जाने पर 60 से 70 रुपए भाड़ा लगता है। जाने व आने के लिए गाड़ी का इतजार घंटो करना पड़ता है। वही उजला कार्ड धारक परिया देवी, श्रवण कुमार, प्रतिमा देवी, मुनी देवी का कहना है कि डीलर के मनमानी व अधिकारियों द्वारा गांव में जांच नहीं करने के कारण डीलर मनमानी करता रहता है। डीलर पर प्रशासन द्वारा कार्यवाई ना होता देख हम गरीब चुप होकर कम अनाज लेने के लिए विवस हो जाते है। इस सम्बन्ध में जब डीलर लखन पासवान से उसके दुकान में जाकर जानकारी लेना चाहा तो डीलर कुछ बताये बीना अपनी गाड़ी से कही चला गया।

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