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उपज संगठन का मीडिया संवाद 2024, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता मायाजाल और मीडिया पर इसका प्रभाव" पर गहन चर्चा
नई टेक्नोलॉजी से चुनौतियां बढ़ी हैं, हमें कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहना होगा: ध्रुव कांत ठाकुर
मेरठ। उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (उपज) द्वारा वेंकटेश्वरा कॉलेज में आयोजित "मीडिया संवाद 2024" में "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता मायाजाल और मीडिया पर इसका प्रभाव" विषय पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ एडीजी मेरठ जोन ध्रुव कांत ठाकुर, उपज प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश सिंह, एपीएन न्यूज चैनल के संपादक डॉ. प्रसून शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र शर्मा, अधिवक्ता रामकुमार शर्मा, वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय के प्रति-कुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, कैंपस निदेशक डॉ. प्रताप सिंह, उपज प्रदेश सचिव अजय चौधरी, मशहूर कवियत्री अनामिका जैन अंबर और कवि सौरभ जैन ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।
मुख्य अतिथि एडीजी मेरठ जोन ध्रुव कांत ठाकुर ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक नई तकनीक है, जो मानव जीवन को नियंत्रित करने की क्षमता रखती है। इसे सही दिशा में उपयोग करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एआई के सकारात्मक उपयोग से मीडिया में क्रांति आ सकती है, लेकिन इसे विवेकपूर्ण तरीके से अपनाना होगा। नई टेक्नोलॉजी से चुनौतियां बढ़ी हैं, हमें कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहना होगा।
वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि एआई को डरने के बजाय समझने और अपनाने की आवश्यकता है। यह मानव मस्तिष्क की उपज है और इसका सही उपयोग मीडिया को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने कहा कि एआई समाचार प्रकाशन को सरल बना सकता है, लेकिन इसके दुरुपयोग से बचने की जरूरत है। कवि सौरभ सुमन ने कहा कि एआई भावनाओं को पूरी तरह व्यक्त नहीं कर सकता, लेकिन यह तकनीक रचनात्मकता में सहायक हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने कहा कि हर तकनीकी नवाचार के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। हमें नकारात्मकता से बचते हुए मीडिया के कार्यों को आसान और प्रभावी बनाना होगा। कवियत्री अनामिका जैन अंबर ने कहा कि कोई भी मशीन मानवीय संवेदनाओं और अनुभवों की गहराई को नहीं छू सकती।
डॉ प्रसून शुक्ल ने कहा कि यदि एआई को अनियंत्रित रूप से छोड़ा गया तो यह भविष्य में मानव स्वतंत्रता को चुनौती दे सकता है। ग्लोबल भारत टीवी के संपादक अभिषेक शांडिल्य ने बताया कि एआई पत्रकारिता को सरल और तेज़ बनाने में सहायक होगा। उपज प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश सिंह ने कहा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी एआई को लेकर एडवाइजरी जारी की है। पत्रकारों को इसके उपयोग और चुनौतियों से अवगत कराना हमारा कर्तव्य है। एआई मीडिया हाउस के लिए लाभदायक हो सकता है, लेकिन यह व्यक्तिगत पत्रकारों के लिए रोजगार संकट भी पैदा कर सकता है।
कार्यक्रम के अंत में सभी पत्रकारों को प्रतीक चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। "मीडिया संवाद 2024" ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सकारात्मक उपयोग और संभावित खतरों पर व्यापक विचार प्रस्तुत किए। यह स्पष्ट किया गया कि यदि एआई को विवेक और जिम्मेदारी के साथ उपयोग किया जाए, तो यह मीडिया के भविष्य को सशक्त बना सकता है। कार्यक्रम में उपज के अन्य पदाधिकारी जैसे महामंत्री ललित ठाकुर, कोषाध्यक्ष विश्वास राणा, नकुल चतुर्वेदी, लियाकत मंसूरी, राजू शर्मा, पवन शर्मा, अरुण सागर, राजन सोनकर, जयवीर त्यागी, राहुल राणा, दीपक वर्मा और आदिवासी पत्रकारों की उपस्थिति रही।