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ऐसा कार्य न करें जिनसे धुआं व धूल पैदा होता हो-उपायुक्त डॉ मनोज कुमार

खरखौदा/सोनीपत/सोमपाल सैनी - 7988804545, 8950236002

सोनीपत, उपायुक्त डॉ मनोज कुमार ने कहा कि एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की वजह से जिला की राजस्व सीमा में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के स्टेज 4 की पाबंदियां प्रभावी हो गई हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आम नागरिक सिटीजन चार्टर का पालन करें।

स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत हमें जरूरी सावधानी बरतना जरूरी है। उन्होंने बताया कि नागरिक वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक होने के कारण जरूरी कार्य होने पर ही घर से बाहर आवागमन करें। अस्थमा के रोगी दवा को अपनी पहुंच में रखें, यदि कफ, सांस फूलने व बेहोशी जैसी समस्या आती है, तो चिकित्सकों के परामर्श अनुरूप दवा लें। स्वस्थ लोगों को अचानक बेहोशी जैसी समस्या आती है तो अलर्ट रहें और मास्क लगाकर ही बाहर निकलें।

उपायुक्त ने बताया कि एनसीआर की हवा इस समय खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। हवा के बिगड़े कारणों की वजह से एक्यूआई का स्तर 450 को पार कर गया है। जो कि वन्य जीवों के लिए बहुत ही खतरनाक है। प्रशासन की ओर से जिला की राजस्व सीमा में ग्रेप वन से लेकर ग्रेप चार की वर्णित पाबंदियां प्रभावी हैं। नागरिकों का आह्वान है कि ऐसा कोई कार्य न करें जिससे वायुमंडल में धुल व धुआं पंहुचे।

वायु प्रदूषण फैलाने का कार्य कोई करता है, उसकी शिकायत 311 एप व समीर एप पर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का उपयोग करें। वाहनों के टायरों में हवा पूरी रखें। वाहनों का प्रदूषण अंडर कंट्रोल चेक करवाते रहें। पुराने डीजल वाहनों को न चलाएं। कूड़ा करकट में आग न लगाएं। किसी भी प्रकार भवन निर्माण कार्य न करें। उन्होंने बताया कि जरूरी सामान ले जाने वाले और जरूरी सेवाओं वाले ट्रकों को राहत दी गई है। साथ ही, बीएस6 डीजल और सीएनजी व एलएनजी चलित ट्रक चल सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के सभी संभव उपाय करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि शहर में स्थित आवासीय क्षेत्रों, वृक्षों, सडक़ों, कच्चे रास्तों पर पानी छिडक़ाव करने के आदेश दिए गए हैं।

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