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सफीदों में VIP रेलवे रोड का टूट कर हुआ बुरा हाल,नहीं हो रही कोई सुनवाई

सफीदों। सफीदों का रेलवे रोड़ पिछले लंबे अर्से से बुरी तरह से टूटा पड़ा है लेकिन शासन, प्रशासन व पालिका का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। लोग व यहां के दुकानदार इस रोड़ की बदहाली को लेकर इस तरह परेशान है जिसको लेकर रोने को मजबूर है। कुछ तो इस रोड़ का पहले ही बुरा हाल था लेकिन अब गुरूपर्व के उपलक्ष्य में गड्डों को रोड़े व मिट्टी से भरकर स्थिति को ओर अधिक बदहाल कर दिया गया है। अब पूरे रेलवे रोड़ पर छोटे से वाहन निकलने पर ही धूल के गुबार उठते हैं। एक तरफ तो वातावरण में प्रदूषण का स्तर निरंतर बढ़ रहा है और सरकार ने इस प्रदूषण को कम करने के लिए निर्माण समेत अनेक मामलों में कई प्रकार की पाबंदियां लगाई हुई है लेकिन उसके बावजूद यहां पर मिट्टी डालकर लोगो को रोटी के साथ मिट्टी भी खाने का काम कर दिया गया है। इस रोड पर उठती धूल किरयाना व हलवाई की दुकानों में खाने पीने के सामान में मिलकर लोगों को बीमार करने का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। इसके अलावा अन्य दुकानदारों का सामान भी धूल के कारण खराब हो रहा है। दुकानदार सारा दिन रोड पर पानी छिड़कर अपने सामान को बचाने का प्रयास करते हैं।

हालात ये हो गए हैं कि अब दुकानदारों को सांस तक लेना दूभर हो गया है, उनकी आंखों में जलन पैदा होने लगी है तथा गले खराब हो रहे हैं। यहां के सत्येंद्र शर्मा, सोनू, मोहनलाल व कृष्ण लाल सहित अनेक दुकानदारों का कहना है कि इस रोड़ के टूटे होने की समस्या बहुत पुरानी है। अनेक सरकारें और जनप्रतिनिधि आए और चले गए लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। यह रोड नगर का प्रमुख मार्ग है। पुरानी अनाज मंडी, रेलवे स्टेशन, गैस एजेंसी रोड जाने के लिए रेलवे रोड़ का इस्तेमाल होता है तथा रेलवे रोड़ के दोनों तरफ एक बड़ा बाजार है। बहुत दूर-दूर से लोग यहां पर खरीददारी करने के लिए आते हैं। उसके बावजूद भी इस रोड की यह बदतर हालत बेहद चिंतनीय विषय है। उन्होंने बताया कि वे इस रोड़ को बनवाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों व पालिका जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट चुकी है लेकिन परिणाम शून्य हैं। चुनावों के समय जनता से बड़े-बड़े वायदें करके वोट तो झटक जाते हैं लेकिन बाद में जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। पालिका के वर्तमान कार्यकाल की बात करें तो 3 साल तो बीत चुके है और बाकी के 2 साल भी इसी प्रकार से बीत जाएंगे। ऐसा भी नहीं है कि यह सारा मामला प्रशासन के संज्ञान में नहीं है लेकिन प्रशासन सोया हुआ है। दुकानदारों ने बताया कि रेलवे रोड़ पर ही लोक निर्माण विश्राम गृह है। रेस्ट हाऊस में बड़े-बड़े वीआईपी आते हैं लेकिन वे भी आंखे बंद करके चले जाते हैं।


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क्या कहते हैं पालिका उपाध्यक्ष
इस समस्या को लेकर पालिका उपाध्यक्ष अखिल गुप्ता का कहना है कि नहरपूल से रेलवे रोड़ तथा रेलवे रोड़ से पंजाबी श्मशान भूमि तक रोड़ बनाने के लिए करीब 2 करोड़ रूपए का टैंडर हो गया है। अभी पंजाबी श्मशान भूमि की तरफ से नाला बनाने व रोड़ बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। उम्मीद है कि फरवरी माह तक रेलवे रोड के निर्माण शुरू हो जाएगा।

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