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सेक्टर पदाधिकारी मतदान दल और आर.ओ. ए.आर.ओ के बीच की कड़ी होते हैं : जिला निर्वाचन पदाधिकारी

माइकल जॉन सभागार, बिष्टुपुर में एआरओ, जोनल & सेक्टर पदाधिकारी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित, जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने किया संबोधित, कहा निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी चुनाव संपन्न कराना प्राथमिकता

मतदान पूर्व, मतदान दिवस और मतदान पश्चात ईवीएम रिसिविंग तक के दायित्वों से प्रशिक्षणार्थियों को कराया गया अवगत

सेक्टर पदाधिकारी मतदान दल और आर.ओ. ए.आर.ओ के बीच की कड़ी होते हैं... जिला निर्वाचन पदाधिकारी

जमशेदपुर (झारखंड)। स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कराने के मद्देनजर माइकल जॉन सभागार, बिष्टुपुर में एआरओ, जोनल & सेक्टर पदाधिकारी के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनन्य मित्तल ने संबोधित किया । प्रशिक्षण में मतदान पूर्व, मतदान दिवस और मतदान पश्चात ईवीएम रिसिविंग को लेकर प्रशिक्षणार्थियों के दायित्वों पर प्रकाश डाला गया।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि सेक्टर अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि उन्हें मतदान केन्द्र तक पहुंच मार्ग, केन्द्रों का भौतिक सत्यापन, मतदान प्रक्रिया, ईवीएम, वीवीपैट में त्रुटि, उसकी कार्यप्रणाली, आदर्श आचरण संहिता कानून व्यवस्था का ज्ञान हो । उन्होने कहा कि सभी एआरओ, जोनल पदाधिकारी एवं सेक्टर पदाधिकारी सौंपे गए दायित्वों का निर्वहन पूर्ण जवाबदेही के साथ करें ।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि सेक्टर पदाधिकारी को नियुक्त होते ही अपने प्रभार के केन्द्रों को दौरा करना चाहिए। उन्हें ईवीएम के बारे में पूरी जानकारी, बिना भ्रम और बिना शंका के होनी चाहिए। सेक्टर अधिकारी को मतदान प्रक्रिया की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए।

उन्हें अपने क्षेत्र और उसके पहुँच मार्गों की भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए। सेक्टर पदाधिकारी यह भी नज़र रखें कि उनके सेक्टर में आदर्श आचार संहिता का पालन हो रहा है। अपने क्षेत्र में अनाधिकृत प्रचार वाहनों की आवाजाही, सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग और उनके तथा निजी संपत्तियों के विरूपण पर भी नज़र रखें।

क्षेत्रीय संवेदनशीलता का आकलन, कारकों की पहचान करना और आर.ओ./ए.आर.ओ. को सूचित करना, संवेदनशील क्षेत्रों के मतदाताओं को उनकी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करना आदि कार्य सेक्टर पदाधिकारी के होंगे।

ईवीएम के प्रति मतदाताओं को जागरूक करना, मतदाताओं को उनके केंद्र के बारे में अवगत कराना, मतदाताओं को हेल्पलाईन नंबर एवं केंद्र पर मिल सकने वाली सहायता के बारे में जागरूक करना, भय अथवा दबाव मुक्त मतदान के लिए प्रयास करना, उन मतदाता समूहों पर विशेष ध्यान देना जो वलनरेबल हैं ।

मास्टर ट्रेनरों द्वारा सभी प्रशिणार्थियों की भूमिका को विस्तार से बताया गया। उन्हें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विहित निर्देशों की जानकारी दी गई। निर्वाचन कार्य के सभी बिन्दुओं का महत्व समझते हुए किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए। सेक्टर अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता लागू होने से लेकर आचार संहिता समाप्त होने तक उनके दायित्वों की जानकारी दी गई।

संवेदनशील क्षेत्र जहां, मतदान के दौरान विवाद होने की स्थिति बनी रहती हैं, ऐसे क्षेत्रों में अधिक संवेदनशीलता और गम्भीरता से कार्य करने को कहा । स्थानीय स्तर पर पूर्व में घटित घटनाओं के आधार पर मतदान केन्द्रों में कानून व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस अधिकारियों की मदद लेने को कहा गया।

प्रशिक्षण में कार्यपालक दण्डाधिकारी श्री मृत्युंजय कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद डॉ रजनीकांत मिश्रा समेत अन्य मास्टर ट्रेनर भी उपस्थित थे।

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