सेवा में
श्रीमान न्यायाधीश महोदय
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विषय- सरकारी दस्तावेजों के आधार पर न्याय के क्रम में
सेवा में
श्रीमान न्यायाधीश महोदय
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विषय- सरकारी दस्तावेजों के आधार पर न्याय के क्रम में
निवेदन-श्रीमान महोदय भारतीय सभी धर्म ग्रंथो एवं भारतीय संस्कृति के अनुसार प्राचीन युगों से न्याय के आसन पर विराजमान हो वाले महान व्यक्ति को भगवान ही माना गया है। क्योंकि न्याय पीठ के आसन पर विराजने वाला महान व्यक्ति अपने स्वार्थ एवं अहंकार एवं पक्षपात अपनापन आदि गुणों का परित्याग करके सत्यता के आधार पर न्याय करते हुए। न्याय पीठ आसन की गरिमा को बरकरार रखते हुए। अपने कर्तव्य निष्ठा को निभाते हुए चले आ रहे हैं। इसीलिए न्यायाधीश को सत्येश्वर भगवान की उपमा से सम्मानित शब्दों के अलंकारों से संबोधित किया गया है। इसीलिए जिस स्थान पर न्याय होते हैं। उसे स्थान को भी प्राचीन हिंदू धर्म ग्रंथो में ईश्वर का सच्चा दरबार पूजनीय मंदिर का दर्जा दिया गया। लेकिन श्रीमान महोदय मुझे इस विषय से अवगत करवाते हुए अफसोस एवं बड़ा दुख हो रहा है कि खंडार उपखंड मुख्यालय की न्याय प्रणाली भारतीय संविधान एवं न्यायपालिका के नियमों से हटकर के कुछ और ही शब्द बयान कर रही है। न्याय की मांग को लेकर आने वाले पीड़ित व्यक्ति की प्रशासनिक स्तर पर कोई सुनवाई नहीं की जाती है। यहां तक की प्रशासनिक पद अधिकारियों के द्वारा न्याय की मांग लेकर आने वाले पीड़ित व्यक्ति को आलतू फालतू के नियमों से गुमराह करते हुए। पीड़ित के साथ में बड़ा ही परिहास ही किया जा रहा है। क्या खंडार उपखंड मुख्यालय की न्याय प्रणाली से गरीब मासूम मजलूम बेरोजगार असहाय पीड़ित ग्रामीणों को न्याय मांगने का एवं न्याय पाने का अधिकार नहीं है। या फिर राजनीति से जुड़े व्यक्ति एवं संगठित एवं रूपए पैसे वाले व्यक्तियों को ही अपनी मनमानी के साथ में न्याय पाने का अधिकार है। श्रीमान महोदय मैं मनोज कुमार शर्मा खंडार उपखंड मुख्यालय का निवासी हूं। मेरे दादा परदादा की पुश्तैनी खातेदारी की भूमि खंडार कस्बे के पटेलों के बंदे में स्थित है। इस भूमि पर मेरे माता-पिता ने कास्तकारी करते हुए। अपना एवं अपने परिवार के सदस्यों के जीवन का लालन-पालन किया है। माता-पिता की मृत्यु के पश्चात खंडार अलका पटवारी के द्वारा हम पांचो बहन भाइयों के नाम नामांतरण खोल दिया गया। नामांतरण के मुताबिक खंडार कस्वा निवासी स्वर्गवासी उमाशंकर जाति ब्राह्मण के पुत्र मनोज कुमार शर्मा के बंटवारे में एक बीघा 14 विस्वा भूमि आई। लेकिन श्रीमान महोदय बंटवारे में आई भूमि के उत्तरी भाग की भूमि के मालिक खंडार कस्बा निवासी स्वर्गवासी कृष्ण गोपाल शर्मा जाति ब्राह्मण के पुत्र राजेंद्र प्रसाद शर्मा, नरेंद्र शर्मा, पुष्पेंद्र उर्फ मुकट शर्मा, पोत्र रवि शर्मा, अरुणेश शर्मा, विष्णु शर्मा आदि परिजनों ने बरसों पुरानी पुश्तैनी पथरगढ़ी एवं मेड को तोड़कर अतिक्रमण करके काश्तगारी का कार्य चालू कर दिया। मनोज कुमार शर्मा के विरोध करने पर संगठित होकर लड़ाई झगड़े पर उतारू हो गए। यहां तक की पीड़ित मनोज कुमार शर्मा ने अपनी जान जोखिम में डाल करके अतिक्रमण करने वाले संगठित व्यक्तियों को समझाने की कोशिश की एवं सामाजिक स्तर पर भी समझाइश करने की कोशिश की लेकिन अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। जबरदस्ती अतिक्रमण की भूमि पर दलबल एवं संगठन की ताकत एवं रूपए पैसे की ताकत एवं लठ दम पर काश्तकारी का कार्य चालू कर दिया। यहां तक की अतिक्रमण करने वाले संगठित व्यक्तियों ने पीड़ित मनोज कुमार शर्मा के कृषि के कार्यों में आने वाले संसाधनों का भी आवागमन बंद कर दिया। संसाधन ले जाने पर संगठित होकर मारपीट करने पर उतारू हो गए। दिन पर दिन अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों की अराजकता को देखते हुए। पीड़ित मनोज कुमार शर्मा ने दिनांक 28 जुलाई 2023 को खंडार तहसील मुख्यालय पर अपनी जमीन की सुरक्षा एवं अपनी जान की सुरक्षा एवं अपने परिजनों की जान की सुरक्षा को लेकर अपील के माध्यम से गुहार लगाई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नाही कोई कार्रवाई हुई। कार्यवाई नहीं होते देखकर पीड़ित मनोज कुमार शर्मा ने कई बार अपील के माध्यम से तहसील मुख्यालय, उपखंड मुख्यालय खंडार थाना, खंडार तालुका विधिक सेवा समिति आदि जगहों पर समस्या निस्तारण के लिए गुहार लगाई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई बार मौखिक एवं अपील के माध्यम से गुहार लगाने पर खंडार तहसीलदार धर्मेंद्र तशरा एवं खंडार हल्का पटवारी अमन वर्मा 19 फरवरी 2024 को अतिक्रमण क्षेत्र का जायजा लेने के लिए। मौके पर पहुंचे। दूसरे दिन 20 फरवरी 2024 को पीड़ित मनोज कुमार शर्मा को फोन के माध्यम से खंडार हल्का पटवारी अमन वर्मा के द्वारा पटवार घर पर बुलाकर के भूमि के नक्शे में फिर बदल कर दिया गया। इन हालातो को देखते हुए। पीड़ित मनोज कुमार शर्मा ने ऋण लेकर खंडार एसडीएम कोर्ट में बेदखली का मुकदमा किया। लेकिन उसके पश्चात भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के हौसले बुलंद होते चले गए। हौसले बुलंदी के चलते। अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों की बर्बरता एवं अराजकता बढ़ती हुई आ गई। जिससे पीड़ित को मानसिक चोट का अधिकार होकर के जीवन यापन करना पड़ा। दूसरी बार मनोज कुमार शर्मा ने खंडार थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसके प्रणाम स्वरूप दोनों ही पक्षों को धारा 111 में हिरासत में लेते हुए। उप जिला मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। दोनों ही पक्षों को पाबंद किया गया। लेकिन उसके पास पश्चात भी पूरी अराजकता के साथ अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति बैखोफ होकर अतिक्रमण क्षेत्र की भूमि पर कास्तकारी का कार्य कर रहे हैं। यह कौन सा न्याय है। जिसमें पीड़ित फरियादी पर भी अपराधी की कार्रवाई करते हुए। पाबंद किया गया। अपराधी को पाबंद करने के बाद भी अपराधी की मनमर्जी चल रही है। पुलिस द्वारा भी पीडि़त फरियादी को पाबंद किया गया। दूसरी ओर खंडार थाना परिसर में स्टाफ के सामने अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों में से पुष्पेंद्र उर्फ मुकुट नाम का व्यक्ति सरेआम पीड़ित मनोज कुमार शर्मा से गाली गलौज करते हुए। अभद्रता का व्यवहार करता है। उस के पश्चात पुलिस स्टाफ मुखदर्शक बनकर देखते हुए भी उल्टे पीड़ित की ही समझाइए करते हैं। दूसरी ओर बार-बार अपील करने पर खंडार तहसीलदार के द्वारा 20 जून 2024 को अतिक्रमण क्षेत्र के सीमा ज्ञान के आदेश जारी किए गए। लेकिन 17 सितंबर 2024 तक भी सीमा ज्ञान की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। इससे अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के और भी हौसले बुलंद हो गए। पीड़ित मनोज कुमार शर्मा ने मायूस होकर भारतीय डाकघर की रजिस्ट्री की डाक के द्वारा खंडार तहसील मुख्यालय, खंडार उपखंड मुख्यालय, खंडार थाना, खंडार तालुका विधिक सेवा समिति, जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर, पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर, जिला तालुका विधिक सेवा समिति सवाई माधोपुर, संभाग आयुक्त भरतपुर, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार, श्रीमान राज्यपाल महोदय, श्रीमान पुलिस महानिदेशक जयपुर, श्रीमान प्रधानमंत्री महोदय नई दिल्ली, श्रीमान राष्ट्रपति महोदय नई दिल्ली, आदि जगहों पर न्याय के लिए, गुहार लगाई। लेकिन अभी तक अतिक्रमण की समस्या निस्तारण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसीलिए पीड़ित मनोज कुमार शर्मा मानसिक पीड़ा का शिकार होकर अभी तक भी न्याय के लिए भटक रहा है। इसी प्रकार से पीड़ित की मां गीता देवी शर्मा के द्वारा भी 2019 में खंडार कस्बा निवासी गोपीचंद माली के पुत्र सियाराम माली पर जबरदस्ती खातेदारी की भूमि की सीमा एवं पथरगढ़ी को तोड़कर के अतिक्रमण करके भूमि कुछ भाग पर काश्तकारी का कार्य चालू कर दिया। विधवा पीड़ित महिला ने उपखंड मुख्यालय पर बेदखली का दावा किया। न्याय की मांग को लेकर विधवा पीड़िता गीता शर्मा ने बार-बार न्यायालय में अपील की। अपील के पश्चात खंडार एसडीएम कोर्ट के न्यायाधीश के द्वारा स्टेआर्डर दिया गया। लेकिन उसके पश्चात भी न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए। अतिकर्मी सियाराम माली ने अतिक्रमण क्षेत्र में तारबंदी का कार्य करके स्थाई रूप से काश्तकारी का कार्य चालू कर दिया। पीड़ित विधवा गीता शर्मा ने कई बार न्याय के लिए। खंडार एसडीएम कोर्ट में गुहार लगाई लेकिन पीड़ित विधवा गीता देवी को न्याय नहीं मिला। न्याय की इंतजार करते-करते गीता देवी का 10 फरवरी 2023 को निधन हो गया। उसके पश्चात स्वर्गवासी विधवा पीड़ित गीता शर्मा के पुत्र मनोज कुमार शर्मा के द्वारा अतिक्रमी सियाराम माली को खातेदारी की काश्तकारी भूमि के कुछ भाग से बेदखल करने के लिए। गुहार लेकिन आज तक भी स्वर्गवासी पीड़ित विधवा गीता शर्मा एवं मनोज कुमार शर्मा को खंडार उपखंड मुख्यालय की न्याय प्रणाली से न्याय नहीं मिला है। आज तक के हालातो में भी न्याय के लिए। पीड़ित मनोज कुमार शर्मा दर-दर की ठोकर खा रहा है। लेकिन उसके पश्चात भी पीड़ित के दोनों मुकदमों पर खंडार उपखंड मुख्यालय प्रशासन एवं एसडीएम कोर्ट के न्यायाधीश के द्वारा ना कोई सुनवाई की जा रही है। ना ही कोई कार्रवाई की जा रही है। जिससे पीड़ित मनोज कुमार शर्मा बड़ी भारी बेरोजगारी एवं मानसिक पीड़ा को झेलते हुए। अपना जीवन यापन कर रहा है।
नोट-श्रीमान महोदय अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों की बर्बरता अराजकता एवं समय पर न्याय नहीं मिलने के कारण मेरा जीवन मानसिक चिंताओ दौर से गुजरते हुए। धीरे धीरे मेरा स्वास्थ्य प्रभावित होता हुआ आ रहा है। एवं मानसिक संतुलन खराब हुआ आ रहा है। जिससे मेरे जीवन को कभी भी बड़ी रोग संबंधी परेशानी से खतरा हो सकता है। अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों की बर्बरता एवं समय पर न्याय नहीं मिलने के कारण मुझे मेरा जीवन एवं मेरे परिवार जनों का जीवन खतरे में नजर आ रहा है। दूसरी अतिक्रमण करने वाले क्योंकि अराजकता एवं बर्बरता को देखते हुए। दूसरी और प्रशासनिक पदाधिकारी की मुखदर्शक्त को देखते हुए। आगामी दिनों में और मेरे परिवार के मतलब परिजनों बड़ी जान माल की हानि होने का अंदेशा बना हुआ है। इसीलिए आगामी दोनों में कभी भी मुझे मेरे परिजनों को जान माल की बड़ी हानि होती है तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारी एवं अतिक्रमण करने वाले सभी व्यक्तियों की होगी।
इसीलिए श्रीमान महोदय निवेदन है कि मेरी जमीन की सुरक्षा एवं मेरी जान की सुरक्षा एवं मेरे परिवार के परिजनों की जीवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए। सरकारी दस्तावेजों के आधार पर मुझे जल्द से जल्द न्याय दिलाने की कृपा करें।
प्रार्थी
पीड़ित मनोज कुमार शर्मा
खंडार जिला सवाई माधोपुर
राजस्थान
पिन कोड नंबर 322025
संपर्क नंबर 7665070911