एक ही शिक्षक के भरोसे ही राजकीय मध्य विद्यालय राजापाथर बच्चों की पढ़ाई |
अभिषेक कुमार सिंह/दुमका
दुमका जिले के रामगढ़ प्रखंड के बौडीया पंचायत अंतर्गत राजापाथर गांव में राजकीय मध्य विद्यालय राजापथार मे एक ही शिक्षक के भरोसे कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थी है | जहाँ एक ओर शिक्षा को लेकर सरकार लाखों करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करती है पर, इन दावों की सच्चाई कुछ ओर ही कहानी बयां करती है झारखंड में शिक्षा व्यवस्था का हाल भी ऐसा ही है जहां सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने की बात तो करती है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यहां एक मात्र प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे ही प्रथम से वर्ग अष्टम तक कक्षा का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही दैनिक रिपोर्ट भी तैयार करना पड़ता है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक विश्वनाथ उराऊँ ने बताया कि स्कूल में कुल 153 छात्र छात्राएं नामांकित हैं। प्रधानाध्यापक ने जानकारी देते हुए कहा कि मै अकेले विद्यालय का संचालन कर रहा हूँ और मैं किसी तरह से प्रत्येक क्लास में एक घंटी ही समय दे पाता हूँ । उन्होंने कहा कि दो दर्जन से अधिक रजिस्टर को भी मेंटेन करना पड़ता है। स्कूल में शिक्षक की कमी की समस्या को लेकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रामगढ़(दुमका) को 04/12/2023 को आवेदन दिया गया था लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई। शिक्षक नहीं रहने के कारण प्रथम व द्वितीय वर्ग को एक क्लास रूम तृतीय, चतुर्थ व पंचम एक को एक रूम में षष्ट, सप्तम, अष्टम को एक क्लास रूम में बैठाकर अध्ययन कराया जाता है। वही स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं ने बताया कि शिक्षक नहीं रहने के कारण सभी विषयों का अध्ययन भी सही से नहीं हो पाता है | आखिर बच्चे किस परिस्थितियों से जूझ रहे होंगें और उनके भविष्य के साथ क्या होगा ये भी एक सोचने का विषय है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में कक्षा प्रथम से अष्टम तक एक ही शिक्षक के भरोसे छोड़ दिया गया है | जिससे हम सभी के बच्चों का पढ़ाई सही तरह से नहीं हो पा रही है | विभाग को इस और ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि विद्यालय में दो-तीन शिक्षक को नियुक्त करने से बच्चों का पढ़ाई बाधित नहीं होंगी | और विद्यालय भी सुचारू ढंग से चलेगा |