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जिला ओलंपिक एसोसिएशन अलीगढ़ की कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक राठी नगर स्थित कैंप कार्यालय पर संगठन के सचिव मज़हर उल कमर की अध्यक्षता में संपन्न हुई

अलीगढ (उप्र )

में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है । कमी है खेल संगठनों की नीति और नियत की ।
संगठन के सक्रियता हेतु नए लोगों को मिली ज़िम्मेदारी
जिला ओलंपिक एसोसिएशन अलीगढ़ की कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक राठी नगर स्थित कैंप कार्यालय पर संगठन के सचिव मज़हर उल कमर की अध्यक्षता में संपन्न हुई । बैठक में वर्ष 2024- 25 में जिला ओलंपिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित होने वाले खेल कार्यक्रमों के आयोजन हेतु वार्षिक कैलेंडर तैयार कर उसके अनुसार विभिन्न खेल आयोजनों का निर्णय लिया गया । बैठक में संगठन के कोषाध्यक्ष भगत सिंह बाबा ने संगठन में नए सदस्यों को जोड़ने हेतु प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मत से स्वीकार करते हुए स्केटिंग खेल से प्रदीप रावत, ताइक्वांडो खेल से राजीव चौहान, बॉक्सिंग के जिला सचिव सोमप्रकाश शर्मा , वालीबाल एवं पंजा कुश्ती खेल से नवीन कुमार बिट्टू, टी टी एवं बैडमिंटन के रजनीश जैन को उपाध्यक्ष एवं कराते के जिला सचिव मिर्जा वसीम बेग को संयुक्त सचिव, अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो की निर्णायक श्रीमती शालिनी चौहान को आयोजन सचिव एवं प्रभारी अनुशासन समिति तथा इसी क्रम में मोहम्मद रिजवान वेटलिफ्टिंग, नीरेश कुमार , गजेंद्र तिवारी कबडडी , अवधेश कुमार राव, यतेंद्र शर्मा वालीबाल , मोहम्मद इमरान खान फुटबॉल ,मोहमाद शुऐब कुश्ती ,रिंकू दीक्षित स्केटिंग, मुमताजुल इस्लाम शेरवानी खेल प्रेमी को प्रमुख सदस्य एवं सदस्य 2 वर्ष के लिए सर्वसम्मत से मनोनीत किया गया । नए पदाधिकारीयों एवं सदस्यों को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए जिला ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव मजह उल कमर ने कहा कि देश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है । कमी है खेल संगठनों की नीति और नियत की । खेल संगठनों के व्यक्तिगत स्वार्थ लोभ और लालच के कारण खेल की बड़ी सुविधाओं के बावजूद आज भी खेल में हम बहुत पीछे है । उन्होंने आगे कहा कि जनपद स्तर के खेल संगठन खेलों के बढ़ावे के नाम पर युवाओं को गुमराह कर धन इकट्ठा करने में पूरी तरह से संलिप्त है । वह खेल संगठन को अपनी पुस्तैनी जागीर समझ कर उसे पर डटे रहते हैं । इन्ही लोगों की वजह से देश की प्रतिभावान खिलाड़ियों की प्रतिभा नीचे स्तर पर ही दम तोड़ देती है । मज़हर ने अपने संबोधन में आगे कहा कि पेरिस
ओलंपिक में 117 खिलाड़ियों के साथ उनकी सहायता हेतु 300 से अधिक का बड़ा दल खेल के नाम पर सरकारी खर्चे पर पेरिस घूमने गए । अफसोस की खेल सुविधाओं वाला इतना बड़ा देश 70वें स्थान पर रहा जबकि कजाकिस्तान , इटली जैसे कई छोटे-छोटे देशों ने आधा दर्जन से अधिक पदक जीत कर दुनिया को अपने झंडे के सम्मान हेतु खड़ा होने को मजबूर किया और दुनिया इन विजेता खिलाड़ियों के सम्मान में खड़े होकर उन देशों के झंडों को सैल्यूट किया । अफसोस हमारा अर्जित किया हुआ एक महत्वपूर्ण पदक राजनीति का शिकार हो गया । बैठक में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया जनपद में खेल प्रतिभाओं को आगे लाने हेतु विभिन्न खेल प्रतिभाओं का आयोजन किया जाएगा ।

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