logo

तीन सदस्यीय न्यायपीठ ने राजस्थान आवासन मंडल की अपील की खारिज़

राज्य उपभोक्ता आयोग का फ़ैसला
न्यायाधिपति देवेंद्र कछवाहा, निर्मल सिंह मेड़तवाल व रामफूल गुर्जर की तीन सदस्यीय न्यायपीठ ने राजस्थान आवासन मंडल की अपील की खारिज़

जयपुर 26 जुलाई 2024 राज्य उपभोक्ता आयोग ने आज रामअवतार सैनी के विरुद्ध राजस्थान आवासन मंडल द्वारा की गई अपील को ख़ारिज करते हुए निर्णय दिया कि जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर द्वितीय द्वारा पारित निर्णय मैं कोई तथ्यात्मक और विधिक त्रुटि नहीं है l सदस्य गुर्जर ने बताया कि आयोग ने राजस्थान आवासन मंडल के सेवाओं में भारी कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार एवं अपील को अवधि बाधित मानते हुए फ़ैसला दिया कि अलवर निवासी परिवादी रामअवतार सैनी को जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर द्वितीय के निर्णय के अनुसार आवंटित आवास संख्या 4 एच 12 इंद्रा गाँधी नगर जयपुर की सामान्य पंजीकरण योजना में क़ब्ज़ा एक माह में सम्बलावे l परिवादी ने इंद्रा गाँधी नगर आवासीय योजना जगतपुरा जयपुर में सामान्य पंजीकरण योजना 2001 में HIG श्रेणी के मकान आवंटन हेतु प्रथम चरण में आवेदन कर दि:25. सितम्बर 2001 को 75 हज़ार रुपये जमा कराए थे l आवासन मंडल ने परिवादी सैनी कों को उक्त मकान आवंटित कर क़ब्ज़ा पत्र भी जारी कर दिया था ! विपक्षीगण राज. आवासन मण्डल ने पंजीकरण की शर्त के अनुसार पती-पत्नी को एक इकाई मानते हुए परिवादी को आवंटित निरस्त कर दिया था l प्रकरण में रामअवतार सैनी व उसकी पत्नी शीला सैनी दोनों में मनमुटाव होने के कारण अलग रहते थे और इसी कारण अलग अलग आवंटन के लिए आवेदन किया था जबकि आवासन द्वारा इस तरह की कोई बुकलेट भी परिवादी को नहीं दी गई थी जिसमें ज़िक्र हो कि एक परिवार एक से अधिक मकान एक शहर में नहीं ले सकता l परिवादी के वकील द्वारा ये तर्क भी दिया गया कि आवासन मंडल के संशोधित प्रावधान धारा 70 के अनुसार 1 परिवार के लिए एक ही शहर में 1 से अधिक मकान आवंटित किए जा सकते हैं यानी छूट दी गई है l राज. आवासन मण्डल द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर द्वितीय में एफ़डीआर जमा कराकर रसीद प्राप्त कर ली गई थी फिर भी मौजूदा अपील एक महीने बाद की है जो अवधि बाधित भी है ! परिवादी को विपक्षगन द्वारा कारित सेवाओं में भारी कमी एवं अनफेयर व्यापार अभ्यास के कारण एवं सभी प्रकार के क़ानूनी तथ्यों को जानते हुए एवं माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय व राज्य सरकार द्वारा पारित आदेश एवं राज्य आयोग के निर्देशों की पालना नहीं करने से परिवादी को वर्ष 2007 से न्यायालय में चक्कर काटने पड़ रहे हैं जिसमें परिवादी को मानसिक वेदना होना स्वाभाविक है l परिवादी को शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा भोगनी पड़ी जिसके पेटे बतौर क्षतिपूर्ति 2 लाख रुपया विपक्षी राज. आवासन मण्डल परिवादी राम अवतार सैनी को अदा करे l परिवाद खर्च व क़ानूनी ख़र्च वकील फ़ीस आदि के रूप में 51 हज़ार रुपया भी परिवादी को विपक्षी राज. अवासन मण्डल अदा करे l ये निर्णय आज शुक्रवार को राज्य उपभोक्ता आयोग की तीन सदस्ययी न्यायपीठ ने सुनाया l

26
4588 views