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साइबर अपराधियों ने बैंक के पूर्व मैनेजर से 30 हजार रुपये ठगे

लुधियाना(पंजाब)। पुलिस कमिशनर राकेश अग्रवाल द्वारा साइबर क्राइम के खिलाफ जारी मुहिम में पुलिस की साइबर टीम द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से  ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया। इसमें दो अपराधियों को बेनकाब किया गया है, जिनकी पहचान अनवर सदीक निवासी कोयंबटूर तमिलनाडु और बाबू वीएन पुत्र नारायण स्वामी निवासी चेन्नई तमिलनाडु के रूप में सामने आई है।

जानकारी देते हुए लुधियाना के पुलिस कमिशनर राकेश अग्रवाल  ने बताया कि गत दिन पुलिस की इस मुहिम के तहत ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुए अविनाश चंद्र पुत्र राम रतन निवासी न्यू राजगुरुनगर ने शिकायत में पुलिस को बताया कि वह बैंक ऑफ इंडिया में सेवाओं को पूर्ण कर सीनियर मैनेजर रिटायर हुआ है। बीते दिनों उसे व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया। मैसज करने वाले ने खुद को मदनलाल बताते हुए उसके साथ पुरानी पहचान बताई। उसने बताया कि वह 30 वर्ष पहले अमृतसर ब्रांच में इकट्ठे काम कर चुके हैं। उसे मदद की जरूरत है उसकी साली हॉस्पिटल में है, जिसका हार्ट का ऑपरेशन है। इसके लिए उसे दो लाख रुपये की जरूरत है और उसने उसे रकम भेजने के लिए खाता नंबर भी भेजा। 

उन्होंने बताया कि उसकी बातों में आकर शिकायतकर्ता ने उसे तीस हजार रुपये खाते में भेजें। इसके बाद अधिक राशि भेजने से पहले शिकायतकर्ता ने अज्ञात नंबर की जांच ट्रू कॉलर पर की। इस पर उस अज्ञात व्यक्ति का नाम सामने आया और बाद में उस व्यक्ति ने फोन भी नहीं उठाया।  इसकी शिकायत पर कार्रवाई करते सीपी के निर्देशानुसार एडीसीपी इन्वेस्टिगेशन साइबर और फॉरेंसिक रुपिंदर कौर भट्टी व उनकी टीम ने जांच के बाद 2 लोगों को बेनकाब कर धोखाधड़ी की धारा 420 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

सीपी ने इस पर लोगों से विशेष तौर पर अपील की है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए किसी भी अज्ञात व्यक्ति के संपर्क में आने से उनकी बातों में फस कर पर्सनल डिटेल या फिर पैसे न भेजें। पहले नंबर और व्यक्ति की जांच करें या ऐसी घटना सामने आने पर तुरंत पुलिस की सहायता लें।

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