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घर की बालकनी के सामने दीवार, घर में नहीं था इंटरनेट, लैंडलाइन व इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस; ऐसे पकड़ा गया था ओसामा बिन लादेन

अमेरिकी सेना ने 2 मई 2011 को दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्‍तान में घुसकर मार गिराया था। जब दुनिया को इसकी जानकारी हुई तो हर कोई ताज्जुब में था क्‍योंकि कई सालों से लादेन की कोई खोज खबर नहीं थी कि वो कहां है। हम आपको बताते हैं कि 13 साल पहले ओसामा बिन लादेन को मारने की स्क्रिप्‍ट कैसे लिखी गई...

HIGHLIGHTS
14 दिसंबर 2009 को एबटाबाद में लादेन के होने का सुराग मिला।
29 अप्रैल 2011 को ओबामा ने पाकिस्‍तान में जाकर लादेन को मारने की मंजूरी दी।
02 मई 2011 को अमेरिकी कमांडो ने खूंखार आतंकी लादेन को मार गिराया।

डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। Osama Bin Laden death Story : साल 2011, तारीख 2 और महीना मई...। आज से 13 साल पहले का यही वो दिन था, जब अमेरिकी सेना ने दुनिया के मोस्ट वॉन्टेंड और खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मारा और उसकी लाश को किसी के हाथ नहीं आने दिया था। जब दुनिया को इसकी जानकारी हुई तो सभी हैरत में थे। क्योंकि कई सालों से लादेन की कोई खोज खबर नहीं थी कि वो कहां है। ऐसे में अचानक उसके मारे जाने की खबर ने सबके कान खड़े कर दिए थे।

कैसे, क्या, कब, कहां और क्यों पर आधारित सभी सवालों के जवाब देने के लिए कई किताबें छपीं। हॉलीवुड ने फिल्‍म भी बना डाली। लादेन को कैसे खोजा और फिर खत्म किया गया, यह जानने के लिए हमारी यह खबर ही काफी है। आइए आपको बताते हैं कि 13 साल पहले ओसामा बिन लादेन को मारने की स्क्रिप्ट कैसे लिखी गई और कैसे सिर्फ 9 मिनट में पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।



अमेरिका ने लादेन को क्यों मारा?
9 सितंबर, 2001 को अमेरिका में एक के बाद एक, चार यात्री विमानों का अपहरण हुआ और उन्हें बम की तरह इस्तेमाल करते हुए आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया। इस हमले में करीब तीन हजार लोगों की जान चली गई थी। 9/11 के नाम से कुख्यात इन हमलों का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन ही था। तब से ही अमेरिका लादेन को खोजने में लग गया था।

जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने इस मामले को लेकर गंभीरता दिखाई। वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से महीने लादेन को ढूंढने की रिपोर्ट लिया करते थे। ओबामा लादेन के खात्मे को लेकर कितने गंभीर थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरा ऑपरेशन उन्होंने लाइव देखा था।

ओबामा का अल्‍टीमेटम - मुझे हर 30 दिन की रिपोर्ट चाहिए
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की 2020 में प्रकाशित आत्मकथा 'अ प्रॉमिस्ड लैंड' में बताया गया है कि लादेन को मारने की योजना कैसे बनाई और कैसे उसको अंजाम तक पहुंचाया। 'अ प्रॉमिस्ड लैंड' के मुताबिक, 2009 के मई में ओबामा ने व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ, सीआईए के निदेशक व सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि ओसामा बिन लादेन को ढूंढने के अभियान को प्राथमिकता देनी होगी। मुझे हर 30 दिन में इसकी रिपोर्ट चाहिए।

अमेरिकी सैनिक कैसे पहुंचे एबटाबाद?
साल 2009 में 9/11 की बरसी से एक दिन पहले की बात है। सीआईए के निदेशक राष्ट्रपति ओबामा से मिलने आए। इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि उन्‍हें ओसामा बिन लादेन के बारे में कुछ सुराग मिले हैं। हमारे जासूसों ने अबू अहमद अल-कुवैती नाम के शख्स को ढूंढ लिया है, जो आतंकी संगठन अल-कायदा के लिए संदेश वाहक का काम करता है।

वह ओसामा बिन लादेन के काफी करीबी है। उसके फोन और रोज की गतिविधियों पर नजर रखकर हम पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 135 किलोमीटर दूर एबटाबाद शहर के बाहरी इलाके में बने एक बड़े अहाते तक ले गए।

संदिग्‍ध शख्‍स लादेन है, कैसे पुष्टि ?
सीआईए के पूर्व निदेशक लियोन पेनेटा ने अपनी किताब (Worthy Fights: a Memories of Leadership in war and peace) में लिखा, ''ये अहाता आसपास के प्‍लॉटों में सबसे बड़ा था। अगल-बगल के प्‍लॉट से करीब आठ गुना बड़ा। अहाते का मालिक इब्राहिम और उसका भाई था। उन दोनों की माली हालत ऐसी नहीं थी कि वे एक करोड़ से ज्यादा कीमत की इस प्रॉपर्टी के मालिक हो सकते थे।

हैरानी की बात यह थी कि इब्राहिम मालिक होते हुए भी भवन के मुख्य हिस्से में नहीं रहता था। वह अहाते के अंदर ही बने गेस्ट हाउस में रह रहा था।

अहाते में तीन मंजिला इमारत थी। जिसकी ऊपर की मंजिल में एक बालकनी थी, लेकिन इस बालकनी को दीवार से कवर किया गया था। बालकनी के सामने दीवार कौन बनाता है! इस अहाते के बाहर हर रोज कूड़ा उठाने वाले आते थे, लेकिन इसमें रहने वाले लोग कचरा कूड़ावाले को न देकर अहाते के अंदर ही जला दिया करते थे।

हमारी निगरानी से पता चला कि कभी-कभी एक शख्स भवन से बाहर निकल अहाते में तेज-तेज कदमों से चहलकदमी करता है। मिशन की रिपोर्ट लेते हुए ओबामा व सीआईए अधिकारी ने इस संदिग्ध शख्स को 'द पेसर' नाम दिया गया। जासूसों का मानना था कि 'द पेसर' ओसामा बिन लादेन हो सकता है।

सीआईए अधिकारियों को 'द पेसर' के लादेन होने का शक इसलिए मजबूत हुआ था कि उस घर में न इंटरनेट था, न लैंडलाइन और न कोई इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस। इतने बड़े भवन में बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के कोई आम आदमी रह रहा हो यह बात कुछ हजम नहीं हुई। बालकनी के सामने दीवार, कूड़ा जलाना और बिना इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के रहना, इन सबसे अमेरिकी अधिकारियों का शक पुख्‍ता हो गया कि यहां रहने वाला शख्स लादेन ही है।

लादेन को ढूंढने के लिए अमेरिकन जांच एजेंसी एफबीआई ने इस पोस्‍टर को जारी किया था। FBI

फिर शुरू हुआ ऑपरेशन नेपच्यून स्पीयर (Operation Neptune Spear)। बराक ओबामा को डर था कि अगर पाकिस्‍तानी सरकार को इस ऑपरेशन में शामिल किया तो शायद यह खबर ओसामा तक पहुंच सकती है। इसलिए लादेन को मारने के मिशन को खुफिया रखा गया। ओबामा ने 29 अप्रैल, 2011 को एबटाबाद में घुसकर लादेन को मारने को अनुमति दे दी।

कैसे मारा जाए.. ऐसे लिया फैसला
'अ प्रॉमिस्ड लैंड' में ओबामा लिखते हैं, ''हमारे पास दो विकल्प थे। पहला विकल्प - अहाते को हवाई हमले से बर्बाद कर दिया जाए। इसका पहला फायदा यह था कि पाकिस्तान की धरती पर किसी अमेरिकी के मारे जाने का जोखिम नहीं होगा।

दूसरा हम सार्वजनिक तौर पर खंडन भी कर सकते थे कि इसमें हमारा हाथ नहीं है, लेकिन इसका नुकसान यह था कि अगर हम अहाते को जमींदोज करने में सफल हो गए तो ये कैसे सुनिश्चित करते कि उसके अंदर लादेन मौजूद था या नहीं। अगर अल-कायदा ने उसका खंडन कर दिया तो कि लादेन नहीं मरा तो हम सिद्ध कैसे करेंगे कि लादेन मारा गया।''

आगे लिखते हैं, हमारे पास दूसरा विकल्प था कि हम स्‍पेशल ऑप्‍स को मंजूरी दूं। इसके तहत चयनित अमेरिकी सैनिक हेलिकॉप्टर से पाकिस्तान में घुसकर उस भवन पर इतनी तेजी से हमला करें कि पाकिस्‍तानी पुलिस या सेना को प्रतिक्रिया देने का वक्त ही न मिले।

पाकिस्तान में 2 मई 2011 को क्‍या हुआ?

फिर 2 मई 2011 को रात के 11 बजे ( भारतीय समय ) दो ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर ने अफगानिस्तान के जलालाबाद से पाकिस्तान के एबटाबाद के लिए उड़ान भरी। इनमें सील दल के 23 सदस्य सवार, दुभाषिया अहमद और बुलेट प्रूफ जैकेट पहने बेल्जियन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता कैरो थे।

जब एक हेलिकॉप्‍टर टारगेट पर उतरने लगा तो उसका एक पंख दीवार से टकरा गया, जिसमें सवार 11 कमांडो मरते-मरते बचे। धूल उड़ने लगी। ऐसे में कुछ देर के लिए हेलिकॉप्‍टर में सवार एडमिरल बिल मैकरेवेन को कुछ नजर नहीं आया। सैनिकों ने फौरन प्लान-बी एक्टिवेट कर दिया और अगले कुछ मिनटों में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया।

इसके बाद अमेरिकी कमांडो खेत में हेलिकॉप्‍टर उतारा और फिर अहाते में घुस गए। अमेरिकी कमांडो ने नौ मिनट के अंदर ओसामा को ढूंढकर सिर में गोली मार खत्‍मा कर दिया।

उधर अमेरिका में सिचुएशन रूम में जेरोनिमो ईकेआईए यानी एनमी किल्ड इन एक्शन शब्द गूंजा और सभी ने राहत की सांस ली। एबटाबाद में अमेरिकी सेना का करीब 40 मिनट ऑपरेशन चला, जबकि अफगानिस्तान से एबटाबाद जाकर लौटने में करीब साढ़े तीन घंटे का समय लगा।

ओबामा ने क्यों कहा- इतने बड़े मिशन पर गए और टेप नहीं ले गए
जब एडमिरल बिल मैकवेरन ने ओबामा को लादेन की मौत की पुष्टि की। कहा कि लादेन का शव मेरे सामने है। मैंने अपने एक साथी को शव के पास लिटाकर उसकी लंबाई की पुष्टि कर ली है। शव की लंबाई 6 फीट 4 इंच है। इस पर ओबामा ने जवाब दिया कि बिल आप इतने बड़े मिशन पर गए और टेप तक नहीं ले गए।

जब ओसामा बिन लादेन मारा गया तो बाद में बराक ओबामा ने स्क्वाड्रन कमांडर जेम्स से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में जो भी तैयारी हुई थी, यह उसका रिजल्ट है।

समुद्र में क्यों फेंका गया लादेन का शव?
इसके बाद अमेरिकी सैनिक लादेन के शव को घसीटते हुए नीचे लाए और फिर शव को बड़े थैले में पैक कर ले गए। उसके बाद लोहे की जंजीरों में बांधकर समुद्र में फेंक दिया। शव को समुद्र में क्यों फेंका गया?

इसके पीछे दो कारण बताए जाते हैं- पहला सऊदी अरब ने लादेन को अपनाने से साफ इनकार कर दिया। दूसरा अगर उसकी कब्र बनाई जाती तो वो आतंकियों के लिए तीर्थ स्थल बन जाती, इसलिए शव को समुद्र में फेंक दिया गया।

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