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सुप्रीम कोर्ट ने IMA को लगाई फटकार

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत की टिप्पणियों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन की बयानबाजी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है। स्वामी रामदेव के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मुुकुल रोहतगी की ओर से अशोकन के मीडिया में दिए इंटरव्यू को संज्ञान में लाने के बाद जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। रोहतगी ने कहा, मैंने कल आइएमए अध्यक्ष का बहुत परेशान करने वाला साक्षात्कार देखा, जिसमें अशोकन ने कहा कि अदालत हम पर अंगुली क्यों उठा रही है। उन्होंने कहा, ये सुप्रीम कोर्ट की दुर्भाग्यपूर्ण, अस्पष्ट टिप्पणियां हैं, जो सुप्रीम कोर्ट को शोभा नहीं देता।इस पर जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, इसे रिकॉर्ड पर लाएं। वे अधिक गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहें।
पतंजलि के खिलाफ मामले में याचिकाकर्ता आइएमए को 23 अप्रेल को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसे (आइएमए) अपने घर को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है, जहां ऐसी दवाएं लिखी जाती हैं जो महंगी और अनावश्यक हैं। आइएमए अध्यक्ष ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे। रोहतगी ने कई अखबारों में प्रकाशित इस इंटरव्यू का जिक्र किया। कोर्ट ने इसे रिकॉर्ड पर लाने की मंजूरी दे दी। इस बीच पतंजलि की ओर से अखबारों में दिए माफीनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने संतोष जताया।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी के उस स्पष्टीकरण पर नाराजगी जताई, जिसमें कहा था कि उसने पतंजलि और उसकी सहयोगी दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव समाप्त कर दिए हैं। कोर्ट ने कहा, अब आप नींद से जागे हैं? तीन दिन में आपने सारी कार्रवाई कर दी, पिछले नौ माह से क्या कर रहे थे।

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