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दुर्भाग्य कि हम उसे देश में रहते हैं जहां पर हमें दबाने की कोशिश किया जाता है सही प्रकार से एजुकेशन नहीं दिया जा सकता है डर के साए में रखने की कोशिश किया जाता है ऐसी सरकार को लात मारिए क्योंकि सरकार बनाने वाले भी हम हैं सरकार की रहने वाले भी हम हैं सब है


महागामा। प्रखंड क्षेत्र के नरैनी ग्राम स्थित मदरसा इस्लामिया अरबिया नरैनी मेंमदरसा के प्रधान मौलवी और बहुत अच्छे-अच्छे शिक्षक मौजूद है जिसमें की 149 छात्र छात्राओं का एडमिशन है सभी बच्चे मदरसा नहीं आ पाते हैं इसका क्या है सबसे बड़ी कारण यह है कि पढ़ाई ठीक-ठाक हो रही है जगह की कमी है आए दिन कोई ना कोई उत्पाद लड़के मदरसे के अंदर कभी गेट को तोड़ देता है कभी दीवार में कुछ से कुछ गंदा बातें लिख देता है यहां तक के आने वाले सभी शिक्षक को शर्मिंदगी में देगी महसूस होती है सरकार मदरसे पर ध्यान क्यों नहीं दे रही है आखिर मदरसा चला ही रही है सरकार तो सही ढंग से चलाएं अन्यथा सभी मदरसा को स्कूलों में तब्दील किया जाए या प्राथमिक उर्दू विद्यालय बनाया जाए। क्योंकि बच्चे की भविष्य की सवाल है जब तक बच्चा जागरूक नहीं होंगे तो वह डर-पातर भटकते रहेंगे कभी हॉस्पिटल में भटकते नजर आएंगे कभी रोड पर भीख मांगती नजर आएंगे कभी मंदिर मस्जिद गिरजाघर के सामने भीख मांगते नजर आएंगे हमारे देश में क्या चीज की कमी है जो हम इन समस्याओं से जूझ रहे हैं हमारे पास अच्छा डॉक्टर है हमारे पास अच्छा इंजीनियर है हमारे पास अच्छा साइंटिस्ट है हमारे पास अच्छा रिसर्च सेंटर है हमारे पास अच्छा मैं साइन मन ऐसा जगह है जहां बैठकर हम पूरे देश की निगरानी कर सकते हैं हमारे पास क्या नहीं है हमारे पास बहुत कुछ है सरकार इस बातों पर ध्यान नहीं देती है सरकार को काम है पैसा चोरी करना वह तो पैसा चोरी करके विदेश चले जाते हैं कुछ ऐसे नेता भी हैं जो कुछ दिनों पहले की बात है पैसे के चक्कर वा लालच में टिकट भी चेंज कर लेते हैं जिस तरह मदरसा के बदहाली हम देख रहे हैं हम सरकार से गुहार लगाते हैं की मदरसे के अंदर सभी प्रकार की सामान मुहैया कराई जाए जैसे कंप्यूटर क्लासेस की व्यवस्था डेस्ट टेबल की व्यवस्था यह सब मुहिया करने की कृपा करें नहीं कर पाते हैं तो मदरसे को बंद कर दीजिए मुझे ऐसे मदरसे की कोई जरूरत नहीं है जहां पर शिक्षा के दुरुपयोग हमको ऐसा मदरसा चाहिए जहां से हमारे बच्चे एपीजे अब्दुल कलाम बन के मिसाइल मैन बने हम ऐसे मदरसे की जरूरत है जहां से अब्दुल कलाम आजाद निकले हम ऐसे मदरसे की जरूरत है जहां से बिस्मिल्लाह खा निकले हम ऐसे मदरसे की जरूरत है जहां से सर सैयद अहमद खा निकले इन हमें कोई जरूरत नहीं है जहां पर 149 बच्चों में से 69 बच्चे पढ़ने आते हैं डर के कारण के रास्ते में जाते वक्त उनको सुरक्षित महसूस नहीं होता है इस प्रकार की मदद की कोई आवश्यकता है देश के अंदर मुझे चाहिए तो बेहतर से बेहतर सुविधा चाहिए दे सके तो आप दे सकते हैं सुविधा नहीं तो ऐसी सरकार को लात मारिए जो आपको और आपकी आने वाली पीढियां को नाचने की काम करेगी और नाचते रह जाएंगे आप लोग अभी भी रागरूक हो जाइए पूरे देश के लोग मदरसे हो स्कूल हो कॉलेज हो सब चीज में तब्दील आनी चाहिए हाई टेक्नोलॉजी वाली पढ़ाई होनी चाहिए

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